विश्व
के क्रांतीकारी गुरू (देश के पितामह) “वीर
सावरकर को देश के गुरू डॉक्टर एपीजे अब्दुल की प्रेरणा का संबोधन..,
“वीर
सावरकर” से
अभिभूत भारत रत्न सम्मान से मंडित देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक “डॉ. एपीजे कलाम” ने अपने उद्बोधन में बडे ही मुक्त
ह्रदय से यह रहस्योद्घाटन किया था कि आपने अपनी रचना 'इंडिया 2020 ए विजन फॉर द न्यू मिलिनियम"
ग्रंथ में 'स्ट्रैंग्थ
रिस्पेक्ट्स स्ट्रैंग्थ" (शक्ति ही शक्ति का सम्मान करती है) यह जो दार्शनिक
वाक्य प्रस्तुत किया था, वह
मूलतः “वीर
सावरकर “का
दिया हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी तरुणाई के दिनों में “वीर सावरकर” के त्याग एवं विचारों को पढ़कर वे
अभिभूत थे और उन्होंने सावरकर साहित्य को पढ़ा है
याद रहे.., पुणे के 'ऋण विमोचन ट्रस्ट" द्वारा युद्धनीति तथा रक्षा तैयारियों से संबद्ध अनुसंधान के क्षेत्र में मौलिक अनुदान देनेवाली राष्ट्रीय व्यक्ति या संस्था को दिए जानेवाले 'वीर सावरकर पुरस्कार" से वर्ष 1998 में डॉ एपीजे कलाम को सम्मानित किया गया था.
आजादी के मसीहा कहकर, छद्म पुतलों व सडकों के नाम देखकर.., देश को “चौपटनगरी” कर, अंधे राजाओं को देखकर , आज भी भारतमाता “आह” भर.., कराह कर, कह रही है.., ७० सालों बाद भी..!!!, मेरे १२५ करोड़ बेटों को किस तरह, विदेशी हाथ- विदेशी साथ – विदेशी विचार- विदेशी संस्कार , जाति, भाषा व धर्मपरिवर्तन से आपस में, लड़ाकर..., कैसे मेरे कटे अंगो के घाव सहित , पुन: मुझे विदेशी जंजीरों से बांधने का प्रयास किया जा रहा है..
क्या..? मोदी सरकार इस विश्व गुरू के, कब्र में गढ़े इतिहास को जिन्दा कर.., देशवासियों में जिंदगानी लाकर.., इस “विश्व गुरू” की प्रेरणा देंगे.., क्या...??, ऐसे भी २६ फरवरी २०१६ को “परमवीर सावरकर” की “५० वी पूण्य तिथी”, धूम-धाम से मनाकर “राष्ट्रवाद” की अलख जगाने के महत्व को भी नकार दिया .........!!!!!!!!!!!!!!!!
जबकि वोट बैंक
के नगाड़े से डॉक्टर बाबा साहब के इंग्लॅण्ड के घर को ७२ लाख रूपये में खरीद कर,
दौरा कर .., इंग्लॅण्ड में बखान कर , १२५ वीं जन्मतिथी को देश में एक पखवाड़ा तक मनाया .., वहीं
वीर सावरकर के घर व “इंडिया हाउस” जिसे आज भी विश्व में क्रांतीकारियों का मक्का कहा जाता है , जिस भवन
से आजादी की नीव बनी थी , आज भी इंडिया हाउस की ईंटें भी ब्रितानी सरकार को “वीर
सावरकर” के शौर्य का परिचय देती हैं
१९८५ में वीर स्वर सावरकर
के तैल चित्र का इंग्लॅण्ड में इंडिया हाउस में लेबर पार्टी के सांसद लार्ड
ब्रोकवे द्वारा अनावरण करने पर संसद में कंजर्वेटी पार्टी द्वारा विरोध करने पर
लार्ड ब्रोकवे ने लताड़ कर वीर सावरकर की वीरता से कहा
“इंग्लैंड के सभी शत्रुओं में जो सर्वश्रेष्ठ है वे एक मात्र वीर सावरकर हैं .., इंग्लैंड एक भाग्यवान राष्ट्र है जिसे सावरकर जैसे चारित्र संपन्न , प्रखर राष्ट्रभक्त और कमाल का बुध्हिमान शत्रु मिला” – LORD BROCWAY – Member of Parliament England (1985 )
और वहीं हमारे
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में “इंडिया हाउस” व वीर सावरकर का नाम न लेकर देशवासियों को गुमराह किया..,
याद रहे..,लोकसभा
के तूफानी चुनावी दौरों में नरेन्द्र मोदी ने इंडिया हाउस के श्यामजी वर्मा के जिनेवा से अस्थि
कलश लाने का बखान करने पर बार –बार “श्यामाप्रसाद मुखर्जी” शब्द बोलने पर जनता की
खिल्ली के शिकार का पात्र भी बनें थे.
विश्व गुरू:
विश्व गुरू:
१. जिन्होंने विश्व के क्रांतीकारियों में एक मंत्र भरा “जीवन में गुलामी” एक बडा “कलंक” है
२. सुभाष चन्द्र बोस, सरदार भगत सिंग, चंद्रशेखर आजाद व लाखों क्रांतीकरियों को, “१८५७ एक “स्वातंत्र्य –युद्ध”” जो हिन्दू-मुस्लिम एकता से लड़ा गया, एक राष्ट्रवादी जीत थी .., हम ५ महीने स्वतंत्र थे , बाद में अंग्रेजों ने दुबारा कूटनीती से पटियाला व ग्वालियर के राजाओं ने नेपाल की सेना की मदद से इस “स्वातंत्र्य –युद्ध” को कुचल डाला.
३. भारत का संघर्ष पूर्वक जीत का “गौरव शाली इतिहास” प्रमाण सहित लिख कर सिद्ध किया कि हम बुजदिल कौम नहीं “हमारा,ज्ञान विज्ञान, मस्तिष्क बल “बाहुबली से गौरवशाली” था
४. “हिन्दुत्व” पुस्तक में राष्ट्र की महत्ता को संबोधित कर कहा “हिंदुत्व” की जीवन शैली से ही विश्व का कल्याण होगा .
५. सावरकर का जीवन परिचय:
१. बाल्यकाल के सातवें वर्ष से ही.., ब्रिटिश सत्ता को उखाड़ फेकने का जूनून..
२. १६ साल की आयु में, भवानी माता के मंदिर में, छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह प्रतिज्ञा लेकर, मौत से न डरने वाले वीर सावरकर.., अन्तत: अपने कार्यों में सफल रहे.
३. वीर सावरकर का सम्पूर्ण जीवन,व्यभिचार मुक्त 100% शुद्ध रहा .., गुलाम भारत के समय, इंग्लैंड में उन्होंने अपनी विदेशी मित्र महिला साथियों द्वारा प्यार का इजहार करने पर कहा था.., मैं सिर्फ भारतमाता से प्यार करता हूं.., विवाह के बाद, मैं अपनी पत्नी से प्यार करूंगा.. अपनी जवानी के १३ मार्च १९१० से लेकर १० मई १९३७ तक २७ वर्षो की अमानवीय पीडा भोग कर उच्च मनोबल, ज्ञान और शक्ति साथ.., जब वह जेल से बाहर निकले जैसे अंधेरा चीर कर सूर्य निकलता है.
४ . . दुनिया में एकमात्र वीर सावरकर. जिन्होंने अपने परिवार को देश के बलिदान में झोंक दिया, अपना सम्पूर्ण जीवन, सम्पती.., 100% ज्ञान राष्ट्र के लिए समर्पीत करने के बावजूद, कभी सत्तालोलुप नहीं रहें..
५ . १९६० में देश की लुंज-पुंज स्तिथी देखकर.., चीन की पंचशील नीती के हिंदी चीनी भाई-भाई के प्रपंच से देश पर PUNCH से हमला होने के आभाष से वीर सावरकर ने, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को चुनौती देते हुए कहा था.., “मैं सत्तालोलुप नहीं हूं..., यदि आप मुझे २ साल के लिए सत्ता दें. तो मैं देशवासियों के राष्ट्रबल से देश को बलशाली बनाऊंगा, ताकि कोई दुश्मन हमारी तरफ आँख उठाकर न देखें...”
६ . दोस्तों, वीर सावरकर का कितना भी बखान किया जाय कम हैं , वे तो, गुणों के खान थे..., देश के प्रति “राष्ट्रभक्ति” से आज भी राष्ट्र उनका ऋणी है..,
विश्व के इस क्रांती कारी वीर,वीर,वीर ..., ही नहीं “परमवीर सावरकर” को “गुरु पूर्णिमा” के दिन .., अनंत,अनंत .. नमन...
आप हो गुणों के खान.., आपका बखान ही.., भारतमाता की शान
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..,
विशुद्ध रूप से वीर सावरकर की प्रवाष्ठियों का फेस बुक पेज
https://www.facebook.com/Veer-Paramveer-Savarkar-Shining-S…/
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(a mirror of india) भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान-डायरी
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