१. पंजाब
में धुआं.., धुआं.., धुआं..,!!!, धुआंदार...,
धुआंदार..., धुआंदार...!!!, अब लटक रही
जवानों व किसानों पर दुधारी तलवार. देश की
बनी डूबती पतवार.. पंजाब नशे के शिकंजे से अब बना प्रदेश का युवक “पंजा छाप”
२. प्रकाशसिंग
बादल के , पंजाब में काले बादलों से नशे के “पंजा छाप” से प्रदेश का प्रकाश धुंधला हो गया है.., इसी बादलों की धुंध से
उजागर हुए पाकिस्तानी आतंकवादी अपने वादे अनुसार.., गुरूदास पुर के सत्ता के
गुरूओं को “गुरूघंटाल” से १२ घंटे दास बनाकर ढहाया कहर..,
३. एक तरफ ब्राउन शुगर के काले धुवें से पंजाब में युवकों के जीवन में कालिख लग
रही है .., जजशाही-नौकरशाही-पुलिसशाही सत्ताशाहीकी चंडाल चौकड़ी.., युवकों के जीवन में मकड़ी बनकर उनकी पगड़ी उतार
रहें हैं.
४. पंजाबी समुदाय के कंधों पर बंदूक रखकर
केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है। नशे के फैलते जाल को रोक पाने में नाकामी के
आरोप से घिरा अकाली दल अब बीजेपी को आंखें तरेरने के मूड में है.
५. पंजाब
के युवा नशे में बर्बाद हो रहे हैं परन्तु राज्य सरकार इस पर नकेल कसने की बजाय हर
बार केन्द्र सरकार पर दोष लगा कर अपने नेताओं को बचाने में लगी रही। अकाली-भाजपा
सरकार की लापरवाही के कारण आज पंजाब का हर तीसरा परिवार, नशे के कारण बर्बादी के
कगार पर है। कई घरों के होनहार चिराग नशे की लत के कारण 70 फीसद युवाओं को नशे का आदी बनाया
है ',बर्बाद हो
रहे हैं. सरकार इस जिम्मेवारी से भाग नहीं
सकती , अगर वह सच में पंजाब की जवानी को
बचाना चाहते हैं तो बड़े मगरमच्छों को बेनकाब कर उन्हें जेल भेजने का साहस भी
दिखाएं.
६. प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी नशे के शिकार युवाओं से जुड़ी मन की बात कह चुके हैं. पूरे देश में नशे की खेप के सबसे बड़े ग्राहक
नौजवान ही हैं लेकिन पंजाब में नशे का असर खतरनाक रूप से सबसे ज्यादा है। बड़ी बात
ये कि नशे के इस कारोबार में पंजाब पुलिस के कई अफसर, बड़े नेता और नामचीन हस्तियां भी शामिल हैं. रही
सही कसर पंजाब के सीमावर्ती शहर पूरी कर देते हैं, जहां
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी बड़े पैमाने पर ड्रग्स सप्लाई का धंधा ऑपरेट करती है.
भाग-२
१. सफ़ेद मख्खी (व्हाइटफ्लाई) बनी सफेदपोशों का काला कारोबार का एक नया उपहार.., बीटी कपास की फसल चौपट...., सरकार द्वारा बिना टेंडर के ३३ करोड़ के नकली कीटनाशक किसानो को बेचकर किसानों के ५ हजार करोड़ की कपास की बी.टी .फसल बर्बाद होने से किसानों को लगी इसकी चपत.., इस सदमें से ५० से ज्यादा किसानों ने की आत्महत्या
२. इस
घोटालों के सफ़ेद माफिया सफ़ेद मख्खी बनकर हुए चम्पत ... कुछ डीलर और कृषि महकमे के निदेशक मंगल सिंह संधू के खिलाफ
ही कार्रवाई कर, घर से विदेशी शराब करेंसी जबकि अपनी सरकार के कृषि मंत्री तोता सिंह को क्लीन चिट दे दी, जबकि इतनी बड़ी खरीद बिना कृषि मंत्री की सहमति के हो ही नहीं सकती
३. दोस्तों
१९४७ से इस अफीमी नारों के आराम हराम है गरीबी हटाओ, मेरा भारत महान से.., कफ़न
घोटालों से अच्छा महसूस हो रहा है से “इंडिया शाइनिंग” व “भारत निर्माण” से “अच्छे
दिनों” की एक LONG INNING से सत्ताखोरों
के पाँव लंबे (LONG) होकर.., अंग्रेजों के
कानूनों को कॉपी-PASTE से एक नई विदेशी हाथ, विदेशी साथ, विदेशी विचार. विदेशी
संस्कार का पेस्ट बनाकर अपने दांतों को
चमकाकर कह रहें हैं ..., अब इंडिया शाइनिंग
होकर , हमारे अच्छे दिन आ गएँ है ...
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