Wednesday 31 December 2014



मोदी जी, आपके प्रधानमंत्री बनने पर शेयर बाजार विदेशी हवा (निवेश) के गुबार से गुब्बारे से नई ऊँचाई को छू रहा है ,पिछले इतिहास को देखें तो इस गुब्बारे ने रूपये को चव्वनी बनाकर , जब रूपया १८ रूपया प्रति डॉलर था , वह ७२ रूपया प्रति डॉलर तक पहुंच गया था 
शेयर बाजार की मजबूती तो, देशी निवेशक की मजबूती से मजबूत आधार बनती है, विदेशी निवेशक तो देश को लूटने के फिराक से देश की अर्थव्यस्था को पंगु बनाने व आतंकवादियों/माफियाओं के धन का निवेश का सुरक्षित छेत्र बना है...,
आपके नेता नीतिन गडकरी, यूं.पी.ए . १ और २ के कार्यकाल में बार-बार चिल्ला रहे थे commodity exchange (वस्तु विनिमय)

ने महंगाई की comedy (हास्यप्रधान नाटक)

से १५ लाख करोड़ का धन कृत्रिम तेजी बनाकर , महंगाई से जनता के पैसे लुटे है.., औए बार-बार गुहार लगा रहे थे की commodity exchange को बंद किया जाय , क्या आप अब इस जनता के दर्द को समझ कर , इस बाजार को बंद करोगे..

देश बना जुए का अड्डा…? ऊपर से भ्रष्टाचार का गढढ़ा…? महंगाइ से आम लोग के जीवन का बैठा भट्टा…???? कहावत है…, बंबई स्टॉक एक्स्चेंज के टावर के एक-एक सीढ़ी (पायदान) मे, शेयर बाजार मे उजड़े हुए लोगो की कब्र है। डॉलर के ७० रूपये पहुँचने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंग ने बयान दिया था … अभी भी देश, 1991 के विदेशी मुद्रा के संकट की तरह नही उजड़ा है …यो कहे …अभी हमे और इंतजार करना है …??? याद रहे 1991 मे हमारे पास, “मेरा भारत महान” के नारे से, खजाना खाली कर, देश मे सिर्फ 40 दिनों का विदेशी मुद्रा भंडार था…?????
1991 मे, जब मनमोहन सिंह, वित्तमंत्री बने तो शेयर बाजार को उछालने के लिए एक तांत्रिक सांड को बुलाया गया। उलट उसने प्रधानमंत्री को 1 करोड़ की रिश्वत देकर, पूरे शेयर बाजार मे जान फूकने का जिम्मा ले लिया…. यही से शुरू हुई छोटे निवेशकों के उजड़ने की बरबादी का खेल । इस शेयर बाजार मे चारा घोटाले से भ्रष्टाचार से देश का वारा न्यारा करनेवाले काले लोगो की लूटाई कमाई के नाम से, सफ़ेद धन करने के आड़ मे पैसा लगा हुआ था।
देखते ही देखते 15 दिनो मे हर शेयर 5 गुना से 100 गुना बढ़ गए। वित्तमंत्री भी, संसद मे अपने बजट भाषण मे इस सांड के बखान मे शेरो-शायरी से हमारे शेयर बाजार के उछाल से, हमारे देश के प्रगति का पैमाना माप रहे थे। खुद सांड हर्षद मेहता की नीजी कंपनी MAZDA INDUSTRIES, जो, कि 2500 वर्ग फुट की खाली जगह थी, इस शेयर की 8 रुपये की कीमत 2100 रुपये पहूँची, जब यह शेयर लुढ़का तो, निवेशको को इस शेयर को बेचने की अनुमति नहीं थी और शेयर 90 रुपये मे दुबारा बेचने के लिए खुला। यूपीए1-यूपीए2 मे, विदेशी निवेशको को इतनी खुली छूट दे गई कि, वे भागीदारी नोट (P-NOTE= Participatory note) के जरिये, विदेशी निवेशक एक दूसरे को गुप्त रूप से बेचकर, शेयर के उतार-चढ़ाव का खेल खेलकर, निवेशको को चूना लगाकर धन कमा रहे थे। खूफिया विभाग कों बार-बार सूचनाए मिल रही थी कि….., इसमे अंडरवर्ल्ड का भारी धन लगा है और इस धन का उपयोग, देश के आतंकवादियो के प्रक्षिशण व बम धमाके मे निवेश किया जा रहा है। आरबीआई भी, सरकार की शह मे कोई कारवाई नहीं कर रही थी…..????? क्योकि सरकार को दुनिया मे दिखाना था की 20 हजार शेयर बाजार के अंको के आकड़ों से हमारे देश की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है…?, विदेशी निवेशक धन कमा कर भाग रहे है…????, झूठ के ढ़ोल की पोल खुल चुकी हे और डॉलर, शेयर बाजार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था का कॉलर खीच कर कह रहा है….????, हमारे कर्ज चुकाने का फर्ज निभाओ और दिन प्रतिदिन देश की अर्थव्यवस्थाओ को कुचलने मे लगा हुआ है।
याद रहे यू पी ए 1 के, कार्यकाल मे प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी , कर्मचारियो के प्रोविडेट फंड की कमाई हम शेयर बाजार मे झोंक रहे है…???? यह कम्यूनिस्ट के विरोध से यह फैसला टल गया, और इसी बीच विश्व का नंबर 1, निवेशक लेहमेन ने अपने आप को दिवालीया घोषीत कर, अमेरिका तक को कंगाल कर दिया…??? कम्यूनिस्ट पार्टीयो का ही आभार माने कि , देश के कर्मचारियो का प्रोविडेट फंड का धन डूबने से बच गया…. एक कहावत है, हारा हुआ जुआरी को, जब, घर बार बेचकर पैसा मिलता है, तो भी वह पैसा, पुन: जुए मे लगाकर, वह पतंगे की तरह दीपक की लौ मे अपना जीवन झोक देता है… उसी तरह से हमारे देश के प्रधानमंत्री भी देश को पतंगा बनाकरा विदेशी लौ मे देश को झोक रहे है…. इसका अंजाम का निचोड़ यही है की हमारे प्रधानमंत्री तो सठिया गए है… और रूपया भी उनका अनुसरण करा रहा है…61-.62 कर रहा है , और एक नई ऊंचाई का आंकड़ा छूने को बेताब हो रहा है…????? जागो देशवासियों डूबते रूपये के साथ देश को बचाओ ….????

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