“आप” अब कांग्रेसी आठ से (विधायकों) अपने ठाठ मना रहा है, लेकिन अब ऑक्टोपस के भेष से अब बेबस से हताश हो गया है ... बयानों के खानों से अपना समय बर्बाद कर, चुनावी आचारसंहिता लागू होने तक, अपना समय मुख मंत्री बनकर , मुख्यमंत्री ने एक नया खेल कर... शुरू करो अंताकक्षड़ी लेकर सत्ता का नाम..., समय काटने के लिए करना है कुछ काम ....
१. केजरीवालजी .......??????????,
अब मुझे शोले के गब्बर की याद आ रही है... “अब, तेरा क्या होगा कालिया” ... लोकसभा चुनाव मैं...??? कहिं यह, क्षोंभ सभा में... बदल जाए
२. केजरीवालजी..., अब “आप” अपने वादों की बारात को कांग्रेसीयों के परम्परागत बयानों में, अब कह रहे हो, मेरे पास भी कांग्रेसीयों की तरह “जादुई छड़ी” नहीं है...
येडा (मराठी में पागल ), पेडा, बखेड़ा खडा कर, अपने ही राह में रोड़ा बनकर , जेटली के मुंह पर थूंकना का दिल करता है व शीला का चाटना...., ऐसे बयानों से देश में नगाड़ा बजा रहे हो ..????.
३. कहां गये .......????, “आप” के १८ वायदे और शीला की भ्रष्टाचार की जवानी की फाईले... अब तो “आप” बने..., धरने के बहाने , सत्ता घराने को बचाने के खेल में, सत्ता के सपने के मुंगेरीलाल से, महावीर लाल से अपने को देश का लाल मानकर एक कांग्रेसी की तरह एक हाथ की ताली से अपनी बेताली का दंभ भरकर , वोट बैंक की डकार का मलखंभ खेल रहें हो
४. चेतन भगत ने तो “आप” को “आईटम गर्ल” कहा हैं... अभी राखी सावंत का बयान आया है, यह शब्द मेरी आजीविका पर प्रहार है ... और वे कह रही है, केजरीवाल अपने आँखों में कजरा लगा कर अब “आईटम बॉय” कहा है... लेकिन अब “आप” तो फुटपाथों में मदारी बनकर... अपने बंदर नेताओं के बयानों को सही बताकर... उनके साथ सोने के बावजूद ,,,,, तमाशे का खेल. दिखाने के बावजूद भी “आप” भीड़ जुटाने में असफल रहे है. .
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