Saturday, 24 June 2023

वीर सावरकर की, !!!! दो अचूक.., सार्थक भविश्यवाणीयाँ !!!! १. श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं .., आप जिन्दा नहीं लौटेंगें

 



डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस।, कश्मीर मे धारा 370 समाप्त करने का लक्ष्य /सपना  सार्थक हुआ

 

 

वीर सावरकर की दो अचूक.., सार्थक भविश्यवाणीयाँ ...

.  श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं .., आप जिन्दा नहीं लौटेंगें.

.  ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओयदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे..



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.    सन १९५३ में, हिन्दु महासभा, राम राज्य परिषद् जनसंघ ने  कश्मीर का  हिन्दुस्थान में सम्पूर्ण विलय के लिए के लिये संयुक्त सत्याग्रह किया. कश्मीर के मुख्यमंती शेख अब्दुल्ला  ने सरकारी अनुमति के बिना ,बाहर के लोगों को प्रदेश  में प्रवेश बंदी लगी  थी..,  तब डॉ श्यामा प्रसाद मुखजी मुख़र्जी ने  घोषणा कर की मैं इस प्रवेश  बंदी के विरोध के बावजूद कशमीर जाऊंगा तब  वीर सावरकर ने उनसे  कहा ...,  “श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं .., आप जिन्दा नहीं लौटेंगें..

.    कश्मीर में प्रवेश करते ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल, ह्त्या  कर आकस्मिक मौत कह दिया

 

.    डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की माता ने , प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग मिलाने का अनुरोध  को ठुकरा दिया, और कहा  वे बीमारी से मरे थे.., आज तक पूर्व से वर्तमान  सत्ताधारियों ने इस पर जांच करने की भी सोच नहीं की

 

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.    ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओयदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे..,.

.     जनवरी १९६६ की रात लालबहादुर शास्त्री ने ताशकंद से अपनी पत्नी ललिता शास्त्री को फोन कर कहा “मैं हिन्दुस्तान आना चाहता हूँयहांमुझ पर हस्ताक्षर करने के लिए दवाब डाल रहें है...मुझे यहां घुटन हो रही है...
देश के सत्ता की राजनयिक फौजे बार-बारशास्त्रीजी से कह रही थी...भले हम युद्ध जीत गये हैंयदि आप हस्ताक्षर नहीं करोगे तो आगे अन्तराष्ट्रीय बिरादरी एकजुट होकर देश की आर्थिक स्तिथी बिगाड़ देगी...

.  इसके बाद उनके कड़े मंसूबेहमारे देश के सत्ता की राजनयिक फौजे तोड़ने में कामयाब हो गयी..१० जनवरी १९६६ के शाम .३० बजे , शास्त्रीजी ने जीती हुई जमीन वापस लौटाने शांती समझौते पर हस्ताक्षर करने के बादउनके पुत्र अनिल शास्त्री को कहा गया ...वे देश के प्रधानमंत्री हैंउनकी सुरक्षा के लिए उन्हें विशेष आवास में अकेले में सुरक्षित रखना होगा.

.    प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद समझौते के बाद घंटे के बाद , ११ जनवरी तड़के बजे,पाकिस्तानी रसोईये द्वारा रात को दूध पीने के बाद उनकी मौत हो गईमौत के समय उनके कमरे मे टेलिफोन नही थाजबकिउनके बगल के कमरे के राजनयिकों के कमरों मे टेलिफोन थाउनकी मौत की पुष्टी होने पर राजनयिकों की फौज दिल्ली मे फोन लगा कर चर्चा कर रहे थे कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ?

. अंत तक ललिता शास्त्री गुहार लगाती रहीमेरे पति की मौत की जाँच होआज तक सभी सरकारों द्वाराकोइ कारवाई नही हुई?, 

. इस रहस्य को जानने के लियेआर.टी.आई. कार्यकर्ता अनुज धर ने एडी चोटी का जोर लगाने के बादसरकार की तरफ से जवाब मिला कि यदि हम इस बात का खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?

.  दोस्तों अब सवाल है कि लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या का  खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?लेकिन  डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के  ह्त्या की जांच से  क्या देश के नेताओं के आपसी  आंच  में सम्बन्ध खराब होने से, जाँच को चूल्हे की आंच में डाल दिया  

 

.  मानवता के उपासक प्रखर राष्ट्रवादी 
महान शिक्षाविद भारतीय जनसंघ के संस्थापक
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को  
भावभीनी श्रद्धांजलि

 

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