मोदी सरकार ने धारा 370 और 35(A) को
निरस्त से लाल बहादुर शास्त्री / श्यामाप्रसाद
मुख़र्जी के स्वप्न को साकार / पूरा कर
दिया है ..., जय जवान जय किसान के साथ देश का स्वाभिमान से देशवासी जागृत हो गया
है.
याद रहे.., प्रधानमंत्री बनने के बाद, लाल बहादुर शास्त्री का प्रबल मत था.., कि देश से नेहरू की गन्दगी दूर किए
बिना.., देश में राष्ट्रवादी धारा का प्रवाह
नहीं होगा यह उनका शेख अब्दुल्ला द्वारा “द्विराष्ट्रवाद के
नेहरू खेल” का लाल
बहादुर शास्त्री को अच्छी तरह आभान था.., इसलिए,शेख अब्दुल्ला की शेखी उनको गद्दी से उतारकर.., कांग्रेसी
SNAKE को SHAKE कर भी अपनी हड्डियों की श्रंखला के टूटने का भीषण
आभाष हो गया था .., आज जो धारा ३७० की आड़ में जो खून का
तांडव खेला जा रहा है.., उसके निदान के प्रयास के पहिले ही
ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री ह्त्या कर, देशी ताकतों ने विदेशी हाथों से मेरे देश का स्वर्णीम युग
का स्वप्न छीन लिया.
१९४७ में सत्ता परिवर्तन को आजादी
का झांसा देकर, गांधी की गंदी राजनीती व जवाहर के जहर से यूं कहें देश में एक दीमक के रूप में चौपट राजा जवाहर लाल
नेहरू के हाथ लग गयी, स्वंयभू देश का गुरू मानने वाले इस मोहनदास करमचंद गांधी ने
अहिंसा के छद्म संत ने २१ लाख
हिन्दुस्तानियों की बलि लेकर, व पाकिस्तान
को ५५ करोड़ रूपये देकर देश को चपत लगाने के इस प्रतिशोध से नाथूराम गोडसे ने गांधी
की ह्त्या की , जो जवाहरलाल नेहरू के लिए JACKPOT लग गया था और उन्होंने अपनी की
कमजोरी छुपाने के लिए व सत्ता में अच्छी तरह काबिज होने के लिए नाथूराम द्वारा
गांधी हत्याकांड का ऐसा प्रचार किया कि
गांधी के बिना देश अनाथ हो गया है..!!! और देशवासियों को ऐसा भरमाया कि गांधी के सिद्धांतों की भरपाई अब केवल और केवल नेहरू ही
कर सकता है जिसने बोतल के जिन से कश्मीर समस्या को जन्म दिया
अब वह ७० साल से बड़ा
होकर, पकिस्तान को अपना मित्र कहकर हिन्दुस्तान को धारा 370 व 35 (A) के नाम से धौस दे रहा है जिसका मोदी सरकार ने निदान कर इस
मुद्दे को हमेशा के लिए हटा लिया है
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