प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिन पर - एक
शक्तिशाली प्रधानमंत्री के दम से विश्व के दुश्मन भयभीत है...,
“YES I CAN” – (मैं
अकेला १२५ करोड़ जनता के बाहुबल में राष्ट्रवाद के खून से देश को एक अतुल्य ऊचाई पर
पहुंचा सकता हूँ...) स्वामी विवेकानंद के इस उक्ति को अपने पुरूषार्थ से सार्थक कर
दिया है..., इस
पवनपुत्र घोड़े की पंखों की फड़फड़ाहट से देश से जातिवाद,भाषावाद,अलगाववाद को
उड़ाकर , एक राष्ट्रवाद
की लहर की बयार बहा दी है...
इस पवनपुत्र घोड़े की पंखों की फड़फड़ाहट की गूँज से दुनिया भयभीत है...,क्या ३० सितम्बर के बाद.., अब भी माफियाओं से लूटने के दिन जाने वाले है...., हिन्दुस्थानियों के अच्छे दिन आने वाले है....
देश को आप जैसे
५४३ मोदी की जरूरत है , आप तो ४-६ घंटे सोते हैं.., केंद्र से प्रदेश के नेता तो
देश के लिए ४-६ घंटे भी नहीं जागते हैं..., आप देश का इतना बोझ उठा रहें हैं कि दुश्मन भी भयभीत है ..., केंद्र
से प्रदेश के नेता तो अब भी देश पर बोझ बने हुए है कि कोई अपने छेत्र का गाँव गोद
लेने के लिए तैयार नहीं है...
मोदी जी सावधानी से चलना , इस राह में तुम्हारे सत्ता के मोदक , महापाचक, ही बड़े धोखें है..., जिन्होंने चुनाव के दौरान आपके पीठ पर सैर कर , अभी भी उनकी सत्ता की खुमारी उतरी नहीं है..., अभी तो सैरवाद से अपने को शेर समझ कर अंट संट बयानों से इन अंटी ,अंकल के मुंह को शंट करो..,
अब तो छठनी शेरनी भी इन खेमों में अपने सत्ता की उमंग से भारती बनने का खेल, खेल रही है....,
इनके ऊट पटांग बयानों को ये आपको समझ रहें थे..., अब ऊँट आया पहाड़ के नीचे ...
.
इनमे से एक सैरवादी जेटली ने तो लोकसभा चुनाव हारकर अपनी पुंछ कटा ली है..., राज्यसभा के पिछले चोर दरवाजे से वित्त मंत्री से देश के काले धन पर तारीख पर तारीख से.., ३० सितम्बर की अंतिम तारीख कहकर देश में १०० लाख करोड़ से कई गुना ज्यादा धन होने के बावजूद देश में अब तक 1 लाख करोड़ से भी कम का काला धन की जानकारी देकर माफियाओं के हौसले अब भी बुलंद बाकी तो आपके वजह से आबाद हुए... ..
महंगाई २ वर्षों
की चरम सीमा है.., किसानों को दाल व अन्य फसलों से हलाल किया जा रहा है.., २ रूपये किलो
में किसानों से बिकने प्याज .., अभी बाजार में चंद दिनों में १०रूपये से ३० रूपये
किलो हो गया है. अन्य सब्जिया भी माफिया जमाखोरों द्वारा महंगाई से कुलाँचे मारकर..
माफिया जमाखोरों का कुल ऊंचा कर रहें हैं
दोस्तों ..., कैसे..,धन बल को एक व्यक्ती ने अपने राष्ट्रवादी बाहुबल से देश के जातिवाद,भाषावाद ,अलगाववाद की लफंग राजनीती को अपने दबंग से कैसे परास्त किया..., यह देख.., विदेशी शक्ती भी सकते में है..,
यदि १२५ करोड़ जनता राष्ट्रवादी बने तो
हम ५ साल में ५०० गुना आगे बढ़ेंगे...
दोस्तो... जिस देश मे राष्ट्रवाद नही है, वहां, कर्ज की महामारी है, सत्ता खोरो मे लूट की खुमारी है, जनता के शोषण से राष्ट्र को बीमारी है... यही डूबते देश की कहानी है, राष्ट्रवाद की पुकार से ही.. हो , राष्ट्र की ललकार...???? हर दहाड़ , दुश्मनों के लिए बने पहाड़
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं-
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