Friday 18 October 2013



आज देश की , एक बड़ी खुश खबरी.... हमारे देश के किसानों ने... दुनिया में खेती से, नये रिकोर्ड उत्पादन का “विश्व कीर्तिमान बनाया है”,
हमारे देश के किसानों ने... देश के लिए अपना खून पसीना एक कर, इस नई ऊँचाई को छुआ है.. ताकि कोई देशवासी अन्न से, भूखा नहीं रहे, “गर्व से कहो... ”हिन्दुस्थानी किसान है....मेरे देश की जान” 
आईये जाने, हमारे देश के अन्न दाता के मेहनत के २०१२-१३ से उत्पादन के आंकड़े 
१ गेहूं का उत्पादन ७०५० मिट्रिक टन,
२ चावल का उत्पादन ४९६० मिट्रिक टन,
३ मोटे अनाज का उत्पादन १२८८० मिट्रिक टन किया है,
अब....हमारे किसानों के इस उत्पादन के डर से , दुनिया को भनक लग गई है , हमारे निर्यात की भनक लगने से दुनिया के बाजारों ने अनाज की कीमत कम कर दी है...ताकि हमारे देश को डॉलर की मजबूत मार लगे ...
इसीलिए दुनिया भर में, गेहूं की कीमत १६% ... चावल की कीमत २३%....मक्के की कीमत ३५% से कम हो गई है..
अब . सटोरिये इसमे एक नया खेल खेलेंगे , जो हमेशा होते आया है, किसानों के उत्पादन को बाढ़ व सूखे का बहाना बनाकर, मंडी में कम आवक के नाम से, एक कृत्रिम तेजी कर ,विदेशी माल को सस्ता कहकर, एक नये भ्रष्टाचार को आयाम देकर... आयात कराने का खेल खेलेंगे...???? और “महंगाई के नाम से इसकी कीमत आम जनता से वसूलेंगे...??”
याद रहे पिछले १० सालों में खाद्यान बाजारों के सटोरियों ने इस खेल को अंजाम देकर, ६ लाख किसानों की आत्महत्या करवा दी है...और १० लाख करोड से ज्यादा का मुनाफा कमा लिया है... ४ साल पहिले खादय मंत्री शरद पवार . जो क्रिकेट मंत्री के नाम से ज्यादा मशहूर थे... उन्होंने २० लाख टन गेहूं का, देश के बाजार भाव १२ रूपये के मुकाबले... २० रूपये प्रति किलो के दर से विदशों से आयात किया था.. , जब आयायतित गेहूं के ११८ सेपलों की जांच करवाई गई तो, १०५ सेम्पल तो जानवरों के खाने लायक भी नही थे... तब खादय मंत्री ने फरमान सुनाया कि “हम यह गेहूं , बेकरी वालों को बेच देंगे” ...ताकि देश वासियों को जहरीली ब्रेड (डबल रोटी ) से बीमार कर देश के दवा निर्माताओं के भारी मुनाफे से, अपना हिस्सा डकारे ... आज तक भी.. यह पता नहीं चला है कि यह गेहूं... कहां गया है...????
दोस्तों अभी मेरी पुरानी फेस बुक की पोस्ट से खुलासा किया है कि... राजधानी दिल्ली शहर में ही, सवा करोड लाख की भूखमरी योजनाओं के गेहूं, जो सत्ताखोर २ रूपये किलो में भेज रहें है... वह राशन की दुकानों में न जाकर खुले बाजार में १२ रूपये किलो में बेचें जा रहे है, और गेहूं भी आटा मिलो में जाता है, वह भी सत्ताखोरों, पुलिस व माफियाओं की निगरानी में जाता है यह मामला मीडिया में उजागर होने के बावजूद ८ घंटे में दबा दिया गया है ... और हर विपक्षी पार्टी व अपने को भ्रष्टाचार रोकने का मसीहा कहनेवाली, आम युवकों में जोश भरने का दंभ भरने वाली “आम आदमी पार्टी भी चुप है...” इस महाघोटाले में आँख मूँद कर बैठी है , कोइ जन आन्दोलन भी नही हो रहा है ....
यह सब सत्ताधारियों का खेल है....जनता के घुटन से, जनता की कमाई का तेल निकाला जा रहा है ...क्यों न हम देश के बेरोजगार, मोहल्ले के युवकों का एक मजबूत संगठन बनाकर, किसानों से सीधे संपर्क कर ... उन्हें उचित कीमत देकर किसानों को संपन्न कर, बिचोलियों के भ्रष्टाचार अस्त्र तोड़कर इस महंगाई से निजात पा कर.... देश में सुजलाम सुफलाम् लाये ... यह सब राष्ट्र की धारा से ही संभव है.... देशवासियों आओ प्रतिज्ञा करे, ...आज से देश में कोइ भी ,अन्नदाता किसान आत्महत्या न करे...????

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