Sunday 9 March 2014



जागो देशवासियों...हम तो धर्म के खेल के, ... सिर्फ मोहरे हैं ... August 10, 2013 की फेस बुक की पोस्ट
इनके लिए, तुम / हम तो.., पाँच साल के लिए... रोते हुये चेहरे हो ...???? इसलिय राममनोहर लोहिया की वाणी आज भी सार्थक है , कि, जिंदा कौमे पाँच साल का इंतजार नही करती है....??? इससे मुक्ति चाहिए तो....????, चलो राष्ट्रवाद की ओर ....
धर्म, जातिवाद , अलगाववाद, घुसपैठ इन सत्ता धारियों के लिए एक शराब है...? और देश लूटने का ख्वाब है…??? दिन मे संसद की कारवाई बहस से स्थगित करा... देश को बेबस बनाओ ....दिन मे लूट और रात मे, घुसपैठेयों के लिए सीमाए खोलकर , वोट बैक का जश्न मनाओ का खेल है ...????

और कितने मुज्जफरपुर से मनाओगे सत्ता का मौजपुर ....????
देश के लिए 100 करोड़ हिन्दुओ को खत्म करने के लिए 15 मिनट चाहिए, तो मुंबई के 1 करोड़ हिन्दुओ को खत्म करने के लिए कितने सेकेंड लेने के समय का बयान देगा…..????, मेरे मुंबई आया, अकबरुद्दीन ओवैसी, हे रामजी .... क्या अब वह, यह बयान देगा ...??
अब, रमजान (RAMJAN= RAM +JAN, = राम के जान वाले ) और दिवाली ( DIWALI= DIWAYA + ALI, = अली के दिलवाले) के लड़ाई से देश की बरबादी का खेल शुरू करने की कोशिश की आड़ मे वोट बैंक के कशिश (खिंचाव / आकर्षण शक्ति) की कहानी आगे भयंकर रूप से बढ़ने वाली है...

याद रहे जब अकबरुद्दीन ओवैसी को जेल की हवा खानी पड़ी , तो कोर्ट ने भी उन्हे जमानत देते समय कहा था कि... राम का विरोध करते हो...., परंतु, देखो तुम्हें जमानत दिलवा कर जेल से बाहर निकालने के लिए भी एडवोकेट राम आये है... बड़े दुख के साथ लिखना पड़ रहा है, इसी ताजा घटना के समय, संसद को हंगामाबाजी से स्थगित करने के लिए, संसद मे, अकबरुद्दीन ओवैसी के बड़े भाई असदुद्दीन जो सांसद है, उन्हे, सोनिया गांधी ने इशारा कर, उकसाने का प्रयत्न किया...??? संसद के समय की बरबादी...देश की बरबादी है...।

सिलेंडर बना (SILLY-TENDER- बेवकूफ बनाने की निविदा ) का खेल...., सत्ताखोरों द्वारा धर्मवाद,जातिवाद अलगाववाद से, “देश की जनता पर ५ साल का बोझ” और घुसपैठीयों कों “विशेष सम्मान” व बांग्लादेश को रियायती दर पर गैस ...से वोट बैंक का अभिमान .., जागों देशवासियों ..., राष्ट्रवादी बन एकजुट होकर ही इन सत्ताखोरों के पेट की गैस निकाल कर इनके हवाई गुब्बारें, के भ्रष्टाचार की हवा हवाई की दवाई कर , खाई गई रकम, जमीन पर लाकर निकाल सकते है

हमें झूठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है,, क्रांतिकारी जो सत्ता के मोह के बिना , अपना बलिदान देकर शहीद हुए.. उन्हें देशद्रोही कहा गयाहै, अंग्रेजों के चाटुकार , सत्तालोलुप को देश का भाग्य विधाता कहकर दरशायागया है.. आज इनकी ही औलादें देश को लूट से डूबा दिया है ..कैलाश तिवारीwww.meradeshdoooba.com

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