Thursday, 2 October 2025

हिंदुओं मुसलमान तुम्हारी हत्या करें तो प्रतिरोध के बजाय बलिदान दे देना -- गाँधी का हिन्दुस्तानी जनता को संबोधन

 




पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी को नेहरू , गांधी ने दुगल्ला व्यवहार किया व पाकिस्तान जाने वाले मुस्लिमों के लिए गांधी ने अनशन किया .. 
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१९४७ में विभाजन से सत्ता परिवर्तन से २५ लाख हिंदुओं पर खूनी प्रहार से, अब अपनी धोती से मुस्लिमों को हिंदुस्तान में “विशेष सुविधा” देकर “अहिंसा” का यह “मेरा महान भारत”का प्रतीक है

हिंदुओं मुसलमान तुम्हारी हत्या करें तो प्रतिरोध के बजाय बलिदान दे देना 

“हम हिंदुओं को भारत में शरण दो”

From the bloody massacre of 2.5 million Hindus during the partition and power transition of 1947, to now granting special privileges to Muslims in India by wearing a dhoti (traditional Indian garment), this is the symbol of "non-violence" and "my great India."

If Muslims kill Hindus, instead of resisting, offer yourselves as sacrifices.

"Give us Hindus refuge in India!" 



आजादी की २०० वर्षों की आस, सत्ता परिवर्तन जीवी बनी फाँस, आई खून से भरी ट्रेन में लाश..!!


 





 



यह योग है या संयोग …!!! , आज रावण का संहार व दहन दिवस …


२ अक्टूबर में देश के टुकड़े करने वाले एक रावण का जन्म हुआ जिसे “साबरमती के संत” की उपमा से हिंदू / सनातन के मूल को समाप्त कर 

राजघाट पर देश के शीर्ष नेताओं की श्रद्धांजलि की होड़ से महोत्सव के रूप में प्रथम स्थान में आने की होड़ लग रही है 


रावण ने तो राक्षसों का राम द्वारा नरसंहार करवाया जो दस लाख से भी कम थे ताकि वे अगले जन्म में नई सद्बबुद्धि से नवजीवन पाकर पृथ्वी पर महक फहलायें 


लेकिन इस २ अक्टूबर के जन्मे इस रावण ने अहिंसा की आड़ में १९१४ से १९४७  तक क्रांतिकारियों व प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध में २५ लाख सैनिकों की बलि ले ली 


देश के विभाजन के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की मूक सहमति व ब्रह्मचर्य के नंगा नाच से व्यभिचार करने के बाद भी देश के राष्ट्र पिता से बापू के नाम से आज भी संरक्षित है 


नेहरू के “आराम हराम है” के आड़ में गांधी के कर्मों से “काम ही जीवन का वासना सुख है का प्रयोंग किया “ जिससे नेहरू भी “ जिन्ना की तरह असाध्य/ गुप्त रोग से तड़फ़- तड़फ़ कर मौत हुई 


अंत में मैं गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से बार- बार याचना कर रहे है की मेरे दादा का चित्र नोटों से हटा लो ताकि नई पीढ़ी को चरित्र हनन से राष्ट्रपिता के सच्चाई से थू -थू  न हो 


याद रहे, आरटीआई/Rti से जानकारी मिली है की नोट में गांधी के चित्र की छपाई का संविधान में कोई प्रस्ताव पारित नही है 

प्रस्तुत है स्वंयनिर्मित चित्रों की श्रृंखला 


www.watankerakhwale.com

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आजादी की २०० वर्षों की आस, 

सत्ता परिवर्तन जीवी बनी फाँस, आई खून से भरी ट्रेन में लाश..!!


Two hundred years of hope for freedom,

But power transition became a thorn,

Bodies arrived in a train, soaked in blood...!!