Saturday 22 March 2014



यह नोट तंत्र, ठोकतंत्र, चोट तंत्र, के मोहिनी तंत्र से जनता को लूला बनाकर, “लूट तंत्र” का खुला खेल है.. आज देश में औसत ५०% मतदान होता है ... कुल वोट का १५% वोट मिलने पर सत्ताधारी नकली नोट, नकली वोट, घुसपैठीयें, जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद, धर्मवाद के वोट से सट्टा लगाकर , अपने को संविधान का प्रहरी मानकर खुले आम ताल ठोककर, “देश की योजनाए, भोजनाए बनाकर देश को लूट रहा है” , देश को “आराम हराम है” गरीबी हटाओं” “मेरा भारत महान” “इंडिया शाईनींग” “आम आदमी का हाथ”
के अफीमी नारों से “भारत निर्माण” से देशी व विदेशी हाथों से देश को लूट में छूट का जश्न मना रहा है...
अब तो “आम आदमी” पार्टी के केजरीवाल..., झोपड़ों में झाडू लगाने वालों के जगह , बंगलों में “वैक्यूम क्लीनर” से घर साफ़ करने वालों “ख़ास आदमी” को टिकट देकर “आम आदमी” का सफाया करने के नशे में है...
अब जनता इनके लूला तंत्र के खेल से “आम” को नीचोड़ कर “गुठली वाला आदमी” बन बन गई है... जागों देशवासियों , आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं

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