पुरानी चुनावी खुमारी
से अब, आने वालों चुनावों में कागजों की
फूलों की सुगंध शुरू हो गई है.., देश के लोकतंत्र की एक पुरानी बीमारी.., बयान
बाजी से खूब मारामारी.., अब तो..!!!, जवानो के खूनों की बरसात की बिसात पर वोट
बैंक की फसल लहराने की तैय्यारी है...
जवानों के जज्बों
ने फिर एक बार १९६५ के जय जवान की धमनी के
खूनों से देश की धमकी देनी वालों को करारा जवाब की TRAILER (झलकी) दिखा दी है..,
और सेना ने आने वाली फिल्म की रूप रेखा
बना ली है.., अब शत्रु को दिखाना बाकी है..,
लेकिन हमारे ही
सत्ता के रखवाले कहने वाले TRAITOR (देशद्रोही) बनकर हमारे दुश्मनों में हमें
खिल्ली का पात्र बनाकार एक नया गुल्ली डंडा के खेल से देश का उपहास का खेल रहें
हैं..
जागो मित्रों.., अब यह राष्ट्रवाद की लहर.., कहीं वोट बैंक की कहर
के बलि न चढ़ जायें..
एक प्रतिज्ञा लें ..
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए
बना हूँ””, देश की माटी
बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद
की खाद” से भारतमाता के
वैभव से, हम देश को गौरव
से भव्यशाली बनाएं
Let's not make a party
but become part of the country. I'm made for the country and will not let the
soil of the country be sold.
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