Sunday 17 February 2019

वीर सावरकर आज भी किसी छद्म भारत रत्न के मुंहताज नहीं हैं , वे आज भी राष्ट्रवाद के सरताज हैं जिसने वीर सावरकर को नहीं पहचाना...., वह ही आज देश को गर्त में डालने वाला वही जवाबदार है....,, गांधी की गंदी राजनीती व जवाहर के अय्याशी व विदेशी हाथ साथ विचार संस्कार का करो त्याग... दोस्तों..., जिस देश में राष्ट्रवाद है वहां जातिवाद, अलगाववाद व घुसपैठियो की पैठ नहीं बल्कि खात्मा है . इसका उन्नत उदाहरण है इजराइल , जिसका छेत्रफल मिजोरम के बराबर व जनसंख्या मात्र ८४ लाख जो उत्तर प्रदेश की आबादी का ३० वां भाग है. जिस देश में एक भाषा है ,एक कानून, मुफ्त शिक्षा से स्वास्थ्य सुविधा व सरकार की घोषणा है कि विश्व में कही भी जन्मा यहूदी , इजराइल का नागरिक है , इजराइल आने पर उसे अपने देश के नागरिक की तरह ऋण व व्यापार व जमीन की सुविधा है.




चेतो मोदी सरकार.., कश्मीर समस्या का समाधान...!!!!, हमारे पास वीर सावरकर हैं लेकिन कांग्रेस ने उनके विचाए गहन कब्र में दफ़न कर  दिए हैं , जबकि इजराइल ने उनकी विचार धारा को अपना कर मोशाद को राष्ट्रवाद की विचारधारा से अपने सीमा पर पसरे अनेक देशों मैं खौफ पैदा कर दिया है की वे उनकी सीमा में घुसने का दुस्शाहश भी नहीं कर सकते हैं.
   
अब भी समय है स्वीकार करो सावरकर के विचार, “नागरिकों का सैन्यीकरण व सीमा की चौकशी के बाद ही देश का शुरू हो विकास मंत्रके इस महान योद्धा के वीर शिवाजी व महाराणा प्रताप के गुण सूत्र के इस सूत्र से इजराइल (इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ६ दिन के दौरे पर विशेष ) राष्ट्रवाद के गुण से, विश्व की मुट्ठी भर आबादी के बावजूद उन्नत व स्वाभिमानी देशों की कतार में शीर्ष में है.

वीर सावरकर आज भी किसी छद्म भारत रत्न के मुंहताज नहीं हैं , वे  आज भी राष्ट्रवाद के सरताज हैं जिसने वीर सावरकर को नहीं पहचाना...., वह ही आज देश को गर्त में डालने वाला वही जवाबदार है....,,

गांधी की गंदी राजनीती व जवाहर के अय्याशी व विदेशी हाथ साथ विचार संस्कार का करो त्याग...

दोस्तों..., जिस देश में राष्ट्रवाद है वहां जातिवाद, अलगाववाद व घुसपैठियो की पैठ नहीं बल्कि खात्मा है .

इसका उन्नत उदाहरण है इजराइल , जिसका छेत्रफल मिजोरम के बराबर व जनसंख्या मात्र ८४ लाख जो उत्तर प्रदेश की आबादी का ३० वां भाग है.
जिस देश में एक भाषा है ,एक कानून, मुफ्त शिक्षा से स्वास्थ्य सुविधा व सरकार की घोषणा है कि विश्व में कही भी जन्मा यहूदी , इजराइल का नागरिक है , इजराइल आने पर उसे अपने देश के नागरिक की तरह ऋण व व्यापार व जमीन की सुविधा है.

मोदीजी आप कह रहें है की हमें गर्व है की हमारी ६५% आबादी ३५ साल की से उपर है , अर्थात ७५ करोड़ है ..,

यदि हम आपसी मतभेद भुलाकर, देशवासियों की १५० करोड़ भुजाएं के संगठन से हमारा देश इजराइल से १०० गुना मजबूत होकर चंद दिनों में ही विश्व गुरू बन जाएगा .

हमारे से लगभग एक साल बाद स्वतंत्र इजराइल के उदय के बाद वीर सावरकर ने इजराइल को मान्यता देने की वकालत की थी .., वहीं स्वतंत्र इजराइल ने अपनी राष्ट्र की सुरक्षा में ऐसे उपकरण विकसित कर लिए जिसका लगभग ५०% भारत इजराइल से आयात करता है..., और तो और जर्मनी व अमेरिका भी इसके आयात के ग्राहक है.., यहीं नहीं कृषि विज्ञान में इजराइल का सानी नही.., कृषि प्रधान देश हिन्दुस्तान भी आज इजराइल की तकनीकी से विकास की राह देख रहा है

मोदी जी वीर ही नहीं परमवीर सावरकर की विचारधारा नागरिकों का सैन्यीकरण व सीमा की चौकशी के बाद ही देश का विकास मंत्रके इस महान योद्धा के वीर शिवाजी व महाराणा प्रताप के गुण सूत्र के इस सूत्र से इजराइल राष्ट्रवाद के गुण से, विश्व की मुट्ठी भर आबादी के बावजूद उन्नत व स्वाभिमानी देशों की कतार में शीर्ष में है.

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