Sunday 26 February 2017

वीर सावरकर की ५१वी पुण्य तिथी पर २६ फरवरी .., मृतुन्जय .., जिससे काल भी डरा .., इंग्लॅण्ड की भूमी पर देश की गुलामी को बेड़ियों से मुक्त करने की दहाड़ से दुश्मन भी सन्न रहता था.., सावरकर की हुंकार से विश्व के क्रन्तीकिरियों में एक जूनून भर गया था , इंडिया हाउस .., क्रांति हाउस बन, वीर सावरकर के भाषणों से इंग्लॅण्ड की जनता भी उनके विचारों की कायल हो गई,


वीर सावरकर की ५१वी पुण्य तिथी पर २६ फरवरी   ..,  मृतुन्जय .., जिससे काल भी डरा .., इंग्लॅण्ड की भूमी पर देश की गुलामी को बेड़ियों से मुक्त करने की दहाड़ से दुश्मन भी सन्न रहता था..,  सावरकर की हुंकार से विश्व के क्रन्तीकिरियों में एक जूनून भर गया था , इंडिया हाउस .., क्रांति हाउस बन, वीर सावरकर के भाषणों से  इंग्लॅण्ड की जनता भी उनके विचारों की कायल हो गई,

चाणक्य , वीर शिवाजी , महाराणा प्रताप के गुणों से भरपूर.., अब वीर सावरकर जैसे महान विभूति के पुनर्जन्म जन्म से ही .., या वीर परमवीर सावरकर के विचारों के अनुसरण से देश विश्व गुरू बनेगा...

वीर सावरकर में बचपन से वीर छत्रपति शिवाजी  के गुण व सत्ता परिवर्तन के बाद भी वे राष्ट्रवादी सिद्धान्तों से देश की गरिमा न झुककर, सत्तालुप्त न रह कर महाराणा प्रताप की तरह घास की रोटी खाना पसंद किया. सत्ता परिवर्तन के बाद भी उनका भुगुर का पैतृक घर नेहरू द्वारा जब्त करने के बाद , वीर सावरकर ने कहा मुझे मेरा घर न मिलने का दुःख नहीं है .., मैं तो देश के लिए लड़ रहा था , मुझे दुःख है कि हमें खंडित हिन्दुस्तान की ऊंची चोटी पहाड़ी नदी सागर मिले ..

१८५७ को अंग्रेजों द्वारा ग़दर / विद्रोह की संज्ञा देकर हमें बुझदिल कौम बनाकर .., कांग्रेस द्वारा इस झूठे इतिहास का पिछलगू बनकर, तलवा  चाटू से देश को गुलामी में बांधकर रखने के खेल को वीर सावरकर ने इंग्लॅण्ड में सहप्रमाण  सिद्ध कर दिया कि  हुम की कांग्रेस देश के आंदोलन को दबाने की एक सेफ्टी वाल्व है’

सन २००७ में वीर सावरकर ने शत्रु के घर इंग्लॅण्ड में १८५७ के ५०वी जयन्ती का भव्य समारोह मनाया , साथ ही  साथ दशहरा , गुरु गोविन्द सिंह की जयन्ती मनाई . जब मोहनदास गांधी इंग्लॅण्ड में अपने राजनीती जीवन के शैशव काल में थे . तब सावरकर शत्रु के घर अपनी ख्यति से चरम पर थे.

अंडमान जेल में जीवन के १२ साल के कठोर यात्लाओं ता यातनाओं में रहने के बाद जेल की दीवारों में किल से लिखे १० हजार से अधिक कविताओं को लिखके मौखिक याद कर .., जेल से बाहर आकर उन्होंने इस काव्य ग्रन्थ के रूप में संगृहीत किया.
   
जीवन में कई बार उनके जीवन में मृत्यु भी छू कर गई लेकिन वे तनिक भी न घबराये.

आज तक वीर सावरकर की चालीस से ज्यादा भविष्यवाणियां सत्य बनी है
  
१.                      ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे.. यही हाल वीर सावरकर के जीवन के साथ भी, लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या से मौत के सदमे के बाद,वीर सावरकर बिमार होते गये,
उन्होने कहा अब देश गर्त मे चला गया, अब मुझे इस देश मे जीना नही हैवीर सावरकर ने दवा लेने से इंकार कर दिया, एक बार डाक्टर ने उन्हे चाय मे दवा मिला कर दी, तो वीर सावरकर को पता चलने पर उन्होने चाय पीना भी बंद कर दिया , और एक राष्ट्र का महानायक इच्छा मृत्यु (कहे तो आत्महत्या) से चला गया.
वीर सावरकर की यह भविष्यवाणी भी सही निकली ……?????


उनकी यह भविष्यवाणी सच हुई,


हिन्दू समाज उपनिषदों और गीता में वर्णित आत्मा की अमरता को स्वीकार करता है । गीता में कहा गया है-

नैनं  छिन्दन्ति  शस्त्राणि  नैनं दहति पावक: ।
       चैनं  क्लेदयन्तापो    शोषयति मारुत: ।

   शस्त्रादि इसे  काट पाते     जला न सकता इसे हुताशन ।
   सलिल प्रलेपन न आर्द्र कर    खा न सकता प्रबल प्रभंजन ।


 वासांसि जीर्णानि यथा विहाय   नवानि  गृह्णाति नरो पराणि ।
 तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-  न्यन्यानि  संयाति नवानि देही ।

   जीर्ण वस्त्र को जैसे तजकर नव परिधान ग्रहण करता नर ।
    
वैसे  जर्जर  तन  को तजकर  धरता  देही  नवल  कलेवर ।



Tuesday 14 February 2017

valentines day, well in time day – देश की उन्नत सस्कृति की बरसात से विदेशी रेन कोट से यह मोतीलाल नेहरू का योग या संयोग, कहा जाए, जो १४ फरवरी के ठीक ९ महीने बाद, १४ नवम्बर को जवाहरलाल नेहरू को जन्म दिया...!!!!,


 valentines day, well in time day क्या यह अंग्रेजी आवरण (RAIN COAT- विदेशी हाथ, विदेशी साथ विदेशी विचार विदेशी संस्कार ) के छुपे खेल में भारतीय संस्कृति  पर प्रहार नहीं है...!!!!

देश की उन्नत सस्कृति की बरसात से विदेशी रेन कोट से यह मोतीलाल नेहरू का योग या संयोग, कहा जाए, जो १४ फरवरी के ठीक ९ महीने बाद, १४ नवम्बर को जवाहरलाल नेहरू को जन्म दिया...!!!!

याद रहे..., मोतीलाल नेहरू राजा-महाराजाओं के विवादों के वकालत से अपने बेशुमार आय से, अधिक व्यय-भिचार से हिंदु संस्कृति को भ्रष्ट करने की वजह से काश्मीरी हिन्दुओं ने उन्हें अपने समाज से निकाल फेंका था...

और इसी क्रिया को उनके पुत्र जवाहरलाल नेहरू ने बरकरार रखते हुए..,सत्तालोलुप बनकर, सत्ता परिवर्तन (१९४७) के बाद कहा था

नेहरु का हिन्दू-विरोधी वक्तव्य था... जवाहर लाल नेहरु, बहुत बार कहा करते थे कि ..., “मैं जन्म के संयोग से हिन्दू हूँ, संस्कृति से मुसलमान और शिक्षा से अंग्रेज हूँ.उन्हें हिन्दुओ की भावना की रत्ती भर भी परवाह नहीं होती थी,जिनके वोटो के बल पर उन्होंने सत्ता प्राप्त की थी.

वही हाल, एक तरफ तो पंडित नेहरु के नाती, राजीव गाँधी का हिन्दू-विरोधी वक्तव्य दिया.., राजीव गांधी ने हिन्दुस्थान का प्रधानमंत्री होते हुए भी सन्डे टाइम लन्दन को एक साक्षात्कार में नि:संकोच कहा की मेरे नाना जवाहरलाल नेहरु एक नास्तिक (एग्नास्टिक) थे. मेरे पिता पारसी (गैर हिंदू) थे, मेरी पत्नी इसाई है, और मैं किसी धर्म में विश्वास नहीं करता.

क्या..??, एक अय्याश व्यक्ती के नाम बाल-दिवसमनाना उचित है..,


देश का बाल दिवस तो हिन्दू संस्कृति के अनुसार गुड़ी पाडवाके दिन , नूतन दिवस में, नई किरणों से बाल निर्माणके साथ राष्ट्र निर्माणकी अलख से, हो, तो..., देश एक नए उजाले की ओर अग्रसर होगा.., और देश के २०० सालों की गुलामी से उपजी.., ६८ सालों की अंग्रेजीयत की बीमारी दूर होगी...

देश के धनाड्य वर्गों के, अंग्रेजी संस्कृति का बखान करने वालों को, यह देश का १२५ वां WELL-IN-TIME और CHILDREN DAY- CHILD-MOTHER संग , RUN DAY के अनुयायिओं को समर्पित...

बाल दिवस या भूखमरी से बालकों का, बलि दिवस... देश में सालाना ३ करोड़ बालकों की.., कुपोषण ईलाज के अभाव से सरकारी योजनाओं को भोजनायें बनाकर, मृत्यु ...

यूरोपीय देशों में अवैध रूप से रोपे गए बच्चे.., उनकी सरकार गोद ले लेती हैं..., व उनके लालन-पानन की व्यवस्था की जिम्मेदारी सुचारू रूप से चलाती है..
.

लेकिन मेरे देश में गरीबी रेखा व उसके नीचे वैध बच्चे,जो बुढ़ापे में सहारा होते हैं.. , माफियाओं द्वारा चुराकर, भीख मांगने व वेश्या वृति व्यवसाय में धकेल दिए जातें हैं...,
देश में पुलिस के नाक के तले , निठारी काण्ड से बच्चे, , मानव भक्षियों के शिकार होकर, पुलीस थाने के सामने नालों में फेंक दियें जाते है...

सत्ताखोर व पुलिस भी इसे माफियाओं का आम खेल मानकर.., रिश्वत की रूई से अपने, आँख- कान बंद कर लेते है..., गरीबी लोग रोते बिलखते इन अपने मासूम बच्चों की तड़फ से अपनी नारकीय जिन्दगी गुजार देतें है...,

अभी २ दिन पाहिले ही, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को लताड़ लगाते हुए, पूछा..., देश के करोड़ों.., लापता मासूम बच्चों के बारे में क्या कारवाई की है...

याद रहे.., अन्ना आन्दोलन के चरम सीमा में पहुँचने के पहिले, जब उन्होंने रामलीला मैदान में रैली के लिए अनुमति मानी, तो मनमोहन सरकार ने उन्हें इस रैली की जगह, जयप्रकाश नारायण पार्क में रैली की अनुमती दी.., वह भी शर्तों से.. कि रैली में ५००० से ज्यादा की भीड़ नहीं होगी, व ५० से ज्यादा कारों व स्कूटर की पार्किंग नहीं दी जायेगी.., जैसे यह अन्ना का शादी समारोह हो..

उसी समय यूरोपीय देशों में नारी का पुरूषों से, समाधिकार की आवाज में , महिलाओं ने तर्क के साथ कहा कि यदि पुरूष बिना ऊपरी वस्त्र के सडकों पर चल सकते हैं तो महिलाएं क्यों नहीं ...,

इसी विरोध में, उन्होंने ऊपरी वस्त्र खोलकर सडकों में SLEDGE –SHOW का प्रदशन प्रदर्शन किया ..., तब हमारे देश की INDIAN व अंग्रेजी से पेट भरने वाली धनाढ्य महिलाओं ने इस आन्दोलन के समर्थन में गुहार लगाई तो, देश का महिला अधिकार आयोग भी इस की मुखालत करते आगे आया तो.., उनके मनानुसार उन्हें , जंतर मंतर से संसद भवन तक SLEDGE –SHOW की अनुमती मिली ...,

अभी तो, खुले रास्ते में चुम्बन दिनमना कर इंडियन वर्ग अपने को अभिमानीत कह, गर्व मना रहा है...,

विदेशी धन , विदेशी संस्कृति के निवाले..., को देश की जनता पर थोपने का अधिकार...

क्या यह अंग्रेजी आवरण के छुपे खेल में भारतीय संस्कृति पर पर प्रहार नहीं है...!!!!

Monday 13 February 2017

बेबाक पोस्ट, अच्छे दिनों की सौगात , साईकिल की घंटी पर सोनिया का हाथ, मायावती के हाथी पाँव में घुंघरू की छन – छन ..,जातिवाद,धर्मवाद के शोर में रैलियों का रैला.., वोटर भी असमंजस में अकेला.., हत्या बलात्कार का मेला.., आरोप प्रत्यारोप से वोट बैंक की फसल हावी..



बेबाक पोस्ट, अच्छे दिनों की सौगात , साईकिल की घंटी पर सोनिया का हाथ, मायावती के हाथी पाँव में घुंघरू की छन – छन ..,जातिवाद,धर्मवाद के शोर में रैलियों का रैला.., वोटर भी असमंजस में अकेला.., हत्या बलात्कार का मेला.., आरोप प्रत्यारोप से वोट बैंक की फसल हावी..

मुस्लिम नेताओं का फतवा.., लोकतंत्र बना MUSICAL – CHAIR से हर पार्टी के संगीत से .., TRP की लय  में मीडिया मालामाल.., परदे के पीछे इसे पेचीदा बनाकर..,
प्रशांत किशोर का दाँव , इस बार करेंगें बिहार की तरह उत्तर प्रदेश को उतारू प्रदेश बनाकर, जंगल राज से गुंडा राज बनकर पार कराएँगे नांव .., लोकतंत्र की छाती पर हावी जाति – पाति ..

चेतो मोदी सरकार..,  क्या..!!!!!!!, उत्तरप्रदेश में बन गया है बिहार का समीकरण..., मायावाती UNDER – DOGS के छुपे-रूस्तमी के रूमाल से  समीकरण पर लगा सकती है अन्य  पार्टियों में ग्रहण..

दोस्तों बेबाकी है कि मोदी के नोटबंदी के माफियाओं की नसबंदी के मुद्दे भुनाने व बेनामी सम्पती बिल को तत्काल लागू न होने से जनता असमंजस में है...

जनता ने ५० दिनों तक कतार में खड़े होकर देखा कि मोदी ने भ्रष्टाचार के सागर में कालिया नागों का मर्दन तो किया लेकिन उनका विष से सागर अब भी प्रदूषित है..,

Dec 3, 2016  को मुरादाबाद की जनसभा में मोदीजी का उद्घोष..., माफिया नेता + जज साही +नौकशाही मुर्दाबाद , देश की ईमानदार जनता के ईमान को जिंदाबाद..., मैं एक फ़कीर अब बना रहा हूँ देश की एक नयी लकीर..., अब मफियाओं को माफ़ करने का तंत्र जो लोकतंत्र के नाम से लूट तंत्र पर काबिज होकर अपने जादुई ताबीज से जनता को चाबुक मारकर.., उनकी जीतेजी जिन्दगी ताबूत बना रहे थे.
अब उनके एक एक पाई से उनके जादुई पांव के चिन्हों के सरपटी भ्रष्टाचार के दौड़ के छाप को अब ५०० और २००० के नये नोट को छाप कर अपने छप्पन इंच के सीने से , माफियाओं को सोने व अन्य श्रोत के काले धन से अब उनके सुख चैन से सोने के दिन लद चुके है ..,

३१ दिसम्बर  की रात तक माफियाओं की नीद हराम..., अब नए राष्ट्रीय उद्घोष से माफियाओं  का नया साल रहेगा खराब..  लेकिन रात ७.३० बजे के राष्ट्रीय उद्घोष में यह सब मुद्दे गायब .., जनता हैरान माफियाओं के लिए खुला एक नया अरमान .., अब भी लूट की छूट है..,

भाजपा के विधायक व सांसद से विधायक को नहीं है समय, जनता को समझाएं नोट बंदी के फायदे.., अब मोदी की सांसद से विधायक को लताड़ अब भी समझाओं नोट बंदी के फायदे...

भाजपा में कांग्रेस के विधायकों का घाल मेल से मेलजोल .., कांग्रेस की वंशवाद नीती से भाजपा में दिग्गज नेताओं  के पुत्र-पुत्री से, वर  से वधू , भाई –भतिजावाद से टिक-टिक कर..  टिकट..,

विकास का मुद्दा गायब .., यह चुनाव जातिवाद व वंशवाद से हावी.., भावी सरकार का भाव मालूम पडेगा ११ मार्च .., कौन करेगा.., मोर्चा से मार्च.., कौन भरेगा हुंकार..,

क्या जनता का जीवन “अच्छे दिनों” से फिरेगा ... या लोकतंत्र के नाम से ५ साल तक जीवन मरते रहेगा .

slogan of website: www.meradeshdoooba.com


 (Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.)

Friday 10 February 2017

कटोरे में कटोरा बेटा बाप से भी गोरा..., पिता पर पुत्र देश का घोड़ा अधिक नही तो थोडा .., सैफई में पिता बना घोड़ा .., पुत्र बना नकेल लगाकर घुड़सवार .., अब लड़ाई में कांग्रेस की बग्गी बनाकर.., उत्तर प्रदेश को उतारू प्रदेश अखिलेश अखिल प्रदेश को कलेश / क्लेश बनाकर दूसरी पारी की सवारी...


कटोरे में कटोरा बेटा बाप से भी गोरा..., पिता पर पुत्र देश का घोड़ा अधिक नही तो थोडा .., सैफई में पिता बना घोड़ा .., पुत्र बना नकेल लगाकर घुड़सवार .., अब लड़ाई में  कांग्रेस की बग्गी बनाकर.., उत्तर प्रदेश को उतारू प्रदेश अखिलेश अखिल प्रदेश को कलेश / क्लेश बनाकर दूसरी पारी की सवारी...

फेस पुक व वेबस्थल की पुरानी पोस्ट ..,  May 7, 2014 · 

अखिलेश की हर योजना से, फैला... पूरे उत्तर प्रदेश (अखिल) मे क्लेश...???? अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास मुस्लिम लड़कियो को 30000 रु का अनुदान व अन्य धर्मो की लड़कियो का नहीं है, कोई नामों निशान। 

देशवासियों को टॉप का अंग ढकने के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है।

राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी देश की जल्लादे....?????, “ समाजवादशब्द को आज लूट की खादसे भरण पोषण कर , देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया वह व्यक्ति थे... जिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित था। मरते दम तक, कोई घर नहीं था, और लोहिया की दहाड़ से प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था।

उत्तर प्रदेश अब बना उतारू प्रदेश .., आजमगढ़ को आतंकगढ़ से बना अपने भ्रष्टाचार छुपाकर ,केंद्र को समर्थन देकर सी.बी.आई .के ६०हजार करोड़ से अधिक के अन्न घोटाले को हजम प्रदेश व मुजफ्फरपुर के वोट बैंक से दंगे को आमन्त्रण देकर, सत्ता को मौजपुर नगर बनाकर , प्रदेश के सभी मुद्दे गायब है...,

याद रहें.. अभी हाल ही में सुप्रीप कोर्ट ने कहा था मुजफ्फरपुर दंगे में उत्तरप्रदेश की सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है....,

मीडिया वर्ग ने इस मुद्दे को गायब कर,सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी को निर्दोष मानने के बावजूद , अभी भी अलगाववादियों के बयान को टूल देकर गुजरात के दंगे से मोदी को दोषी बता रहा है , मुजफ्फरपुर दंगे में १० हजार सेना की तैनाती ,इस भयावता की पुष्टी करती है..., इतनी संख्या में सेना में नए संकट होने पर सीमा पर जवानों की तैनाती होती है .

इन दंगो से पुलिस और सेना के जवान खा रहे है, गोलिंया .... और सत्ताधारी, जनता की हत्याओं के खून से तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया...??? 

देश के विभिन्न धमाको के संदर्भ, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, जो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ है, हमारे खुफिया विभाग द्वारा आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग भी अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है। मस्जिदों मे एके 47 का जखीरा, एक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने आया है। मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया (RADIA=RA+N+DIA) बनकर.... इसे 2 सम्प्रदायो का झगड़ा कह कर, लीपा पोती में लगी हुई है। यह गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है। 

देशवासियों..., याद रहे मुंबई के आजाद मैदान मे घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर , महिला पुलिसों तक को पीटकर व मीडिया की गाड़ी जलाकर , एक खुले चुनौती देते हुए कहा ... रोक सके... तो रोको ...??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भी, इसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर से चुप बैठें है..

यदि, आज देश के हर धर्म का नागरिक राष्ट्रवादी होता, तो, देशवासियों के साथ देश का सीना भी बुलेटप्रूफ होता।

याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे चुनावों के समय, “वोट बैंककी राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट दोगे..., तो मैं इस प्रदेश को, मुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो ने, पश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ साथ, इसे आईएसआई का अड्डा भी बना दिया... अब यह देश के लिए चिंताजनक गड्ढा बन गया है।


10
साल पहिले, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, एक मदरसे का अनुदान के मामले मे, इलाहाबाद के एक सदस्यीय हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी है, तो अल्पसंख्यक... शब्द, लागू ही नहीं होता है, और इस अनुदान के आदेश को निरस्त कर दिया जा रहा है।इस आदेश के बाद मुस्लिमो की बौखलाहट से, राजनेताओ के शह से, उस जज को बर्खास्त कर दिया गया और एक नये 2 सदस्यीय, हाईकोर्ट के बेंच का गठन कर , इस अनुदान को सही ठहराया।. जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...


Old post November 24, 2014 · 
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विदेशी ७५ लाख की बग्गी में, ७५ हजार करोड़ रूपये से कही अधिक घोटालों के देशी लकड़बग्गे..., उतारू प्रदेश, यू .पी. का अब भ्रष्टाचार से U TURN लेने का अब बना नया खेल..., रामपुर को भ्रष्टाचार से ROAM –PUR से.., टहलने का खेल, व इंग्लैंड के ट्रेफ्लर स्क्वायर से भ्रष्टाचार के ट्रैफिक के स्क्वायर (चार दिवारी) की ट्रोफी का खेल ...
मुलायम सिंह यादव के लिए, लंदन से लाई गई ७५ लाख की इस बग्धी में ऐसे घूम रहे हैं, जैसे रामपुर में नहीं लंदन के ट्रैफलगर स्कावयर में घूम रहे हैं। 
मुलायम सिंह यादव ७५ वी साल गिरह पर देश को ७५ करोड़ से कहीं अधिक, चुना लगाकर..., चुनाव जीतने का खेल..., ७५ लाख के DIAMOND JUBILEE से माफियाओं को DARE मन से JUBILANT (आनंद /उल्लसित बनाकर, पुलिस प्रसाशन को भ्रष्टाचार के सर्कस से देश का उपहास किया जा रहा है....
क्या..??, अब इसके पीछे आजम खान,कहीं मुलायम सिंग को पटखनी देकर, अपने को बारात का नया दूल्हा बनाने के चक्कर में यह खेल, खेल तो नहीं रहें है...
जानें उतारू प्रदेश का हाल...
अखिलेश की हर योजना से, फैला... पूरे उत्तर प्रदेश (अखिल) मे क्लेश...???? अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास मुस्लिम लड़कियो को 30000 रु का अनुदान व अन्य धर्मो की लड़कियो का नहीं है, कोई नामों निशान। 
देशवासियों को टॉप का अंग ढकने के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है। 
राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी देश की जल्लादे....?????, “ समाजवादशब्द को आज लूट की खादसे भरण पोषण कर , देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया वह व्यक्ति थे... जिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित था। मरते दम तक, कोई घर नहीं था, और लोहिया की दहाड़ से प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था।
उत्तर प्रदेश अब बना उतारू प्रदेश .., आजमगढ़ को आतंकगढ़ से बना अपने भ्रष्टाचार छुपाकर ,केंद्र को समर्थन देकर सी.बी.आई .के ६०हजार करोड़ से अधिक के अन्न घोटाले को हजम प्रदेश व मुजफ्फरपुर के वोट बैंक से दंगे को आमन्त्रण देकर, सत्ता को मौजपुर नगर बनाकर , प्रदेश के सभी मुद्दे गायब है...,
याद रहें.. अभी हाल ही में सुप्रीप कोर्ट ने कहा था मुजफ्फरपुर दंगे में उत्तरप्रदेश की सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है....,
मीडिया वर्ग ने इस मुद्दे को गायब कर,सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी को निर्दोष मानने के बावजूद , अभी भी अलगाववादियों के बयान को टूल देकरगुजरात के दंगे से मोदी को दोषी बता रहा है , मुजफ्फरपुर दंगे में १० हजार सेना की तैनाती ,इस भयावता की पुष्टी करती है..., इतनी संख्या में सेना में नए संकट होने पर सीमा पर जवानों की तैनाती होती है .

इन दंगो से पुलिस और सेना के जवान खा रहे है, गोलिंया .... और सत्ताधारी, जनता की हत्याओं के खून से तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया...??? 

देश के विभिन्न धमाको के संदर्भ, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, जो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ है, हमारे खुफिया विभाग द्वारा आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग भी अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है। मस्जिदों मे एके 47 का जखीरा, एक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने आया है। मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया (RADIA=RA+N+DIA) बनकर.... इसे 2 सम्प्रदायो का झगड़ा कह कर, लीपा पोती में लगी हुई है। यह गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है। 

देशवासियों..., याद रहे मुंबई के आजाद मैदान मे घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर , महिला पुलिसों तक को पीटकर व मीडिया की गाड़ी जलाकर , एक खुले चुनौती देते हुए कहा ... रोक सके... तो रोको ...??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भी, इसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर से चुप बैठें है..

यदि, आज देश के हर धर्म का नागरिक राष्ट्रवादी होता, तो, देशवासियों के साथ देश का सीना भी बुलेटप्रूफ होता।
याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे चुनावों के समय, “वोट बैंककी राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट दोगे..., तो मैं इस प्रदेश को, मुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो ने, पश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ साथ, इसे आईएसआई का अड्डा भी बना दिया... अब यह देश के लिए चिंताजनक गड्ढा बन गया है।

10 साल पहिले, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, एक मदरसे का अनुदान के मामले मे, इलाहाबाद के एक सदस्यीय हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी है, तो अल्पसंख्यक... शब्द, लागू ही नहीं होता है, और इस अनुदान के आदेश को निरस्त कर दिया जा रहा है।इस आदेश के बाद मुस्लिमो की बौखलाहट से, राजनेताओ के शह से, उस जज को बर्खास्त कर दिया गया और एक नये 2 सदस्यीय, हाईकोर्ट के बेंच का गठन कर , इस अनुदान को सही ठहराया।. जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...

वाह रे आजम, तेरी बग्गी से, हमारा भ्रष्टाचार का धन हजम के, हम लकड़बग्गों के के खेल पर पर्दा पड़ गया है.., ऐसा सम्मान मेरी जिंदगी में आज तक नहीं मिला है...
मेरी ब्यूटी क्वीन भी इसके साथ फ्री दे रहा हूं 



ऊतारू प्रदेश का सहारनपुर बना साम्प्रयवाद का सायरनपुर (SIREN – PUR)..., वोट बैंक की राजनीती का सायलेंटपुर (SILENT-PUR) के खेल में एक और महारथ का खेल..., मुफ्त के लैपटॉप,व मुस्लिम छात्रा को ३० हजार का पुरूस्कार व अन्य धर्मों की छात्रा का तिरस्कार के खेल में प्रदेश सरकार लोकसभा चुनाव में हो गई फेल... 

अब नयी सरकार आने के डर से घोटाले प्रदेश के नेताओं को लग रहा है, जेल जाने से डर .. तो क्यों न हो जाए वोट बैंक से सायरन बजाने का खेल ताकि माफियाओं की तुकबंदी से हो एक नया खेल व मेल ...

मोदी के चुनावी प्रचार के एक हाथ में कुरान व दूसरे हाथ में कंप्यूटर के फरमान से उतारू प्रदेश के शासकों को लग रहा है, डर.. साम्प्रयवाद के खेल में बंद होने का मेढ़की टर्र-टर्र का खेल से.., साम्प्रयवादके बारिश न होने से ...,
तो क्यों न हो जाए और एक कृत्रिम 
साम्प्रयवाद की बारिश , और हम बनें रहें सत्ता के वारिस ...., और मीडिया भी इस बरसात को मानसूनी बरसात कहकर, दो गुटों के बीच छिटपुट खेल के नाम से TRP से, इसे अछा अच्छा मानसून मानकर नहाने में है..., मशगूल...,
सीमा पार आतंकवादी व विदेशी ताकतों कों मिला बल..., देश को दुर्बल बनाने का हो रहा खेल...

Posted on 30 September 2013.
यह मुजफ्फरनगर नहीं , मौज का पम्पापुर है , सत्ता का मौजपुर नगर है….????

यह साम्प्रदायिक दंगा नहीं, वोट बैंक की बहती गंगा है , हर पार्टीयाँ ,इस पानी को पीने मे लालायित है 

यह मुजफ्फरनगर नहीं , मौज का पम्पापुर है , सत्ता का मौजपुर नगर है….????

यह साम्प्रदायिक दंगा नहीं, वोट बैंक की बहती गंगा है , हर पार्टीयाँ ,इस पानी को पीने मे लालायित है

यह बात और है जनता भूखे प्यासी है इस आस में कि , मेरे धर्म के नाम से…. सत्ताधारी हमें खुशहाली में रखेंगे..???
आओं, देश की सीमा पार से आनेवाले , हम हर मोहल्ले में , घुसपैठीयों पर नजर रखें , जो हमारे देश में सत्ताधारियों के साथ मिलकर इस खेल को तड़का लगा रहें है….??????????????

इस खुशहाली से भरमाकर , इसे शराब की प्याली बनाकर , सत्ताधारी नशे में झूम रहें है.

सीमा पर दुश्मनों ने हमें घेर कर रखा है और सत्ताधारी…. धर्मवाद, जातिवाद, अलगाववाद, से, हमें तोड़कर पस्त कर रहे है , यदि यही खेल इसी तरह चलता रहा…. तो भीतरी व बाहरी दुश्मनों से हमारे देश के टुकड़े होने का दिन भी दूर नहीं है.

जागो देशवासियोंराष्ट्रवाद की धारा से मिलकर , कंधे से कंधे, मिलाकर कहें…. हम एक , हमारा खून एक , हमारी धार्मिकता से हम सब एक है….

हमारी एकता से दुशमन भी साहस नहीं करेगें …. आओ एक देश को एकता बल से, इतना उंचा बनाए , ताकि आसमान भी हमारे देश को चूमे ….. वंदेमातरम, राष्ट्रवाद जयते
सितम्बर ११, २०१३ को फेस बुक में पोस्ट किया गया . का आलेख

अखिलेश की हर योजना से, फैलापूरे उत्तर प्रदेश (अखिल) मे क्लेश…???? प्रदेश मे पुलिस और सेना के जवान खा रहे है, गोलिंया …. और सत्ताधारी, जनता की हत्याओं के खून से तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया…???
देशवासियों को टॉप का अंग ढकने के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है।
राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी देश की जल्लादे….?????, “ समाजवादशब्द को आज लूट की खादसे भरण पोषण कर , देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया वह व्यक्ति थेजिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित था। मरते दम तक, कोई घर नहीं था, और लोहिया की दहाड़ से प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था।
यदि, आज देश के हर धर्म का नागरिक राष्ट्रवादी होता, तो, देशवासियों के साथ देश का सीना भी बुलेटप्रूफ होता। अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास मुस्लिम लड़कियो को 30000 रु का अनुदान व अन्य धर्मो की लड़कियो का नहीं है, कोई नामों निशान।

याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे चुनावों के समय, “वोट बैंककी राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट दोगे…, तो मैं इस प्रदेश को, मुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो ने, पश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ साथ, इसे आईएसआई का अड्डा भी बना दियाअब यह देश के लिए चिंताजनक गड्ढा बन गया है।

10 साल पहिले, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, एक मदरसे का अनुदान के मामले मे, इलाहाबाद के एक सदस्यीय हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी है, तो अल्पसंख्यकशब्द, लागू ही नहीं होता है, और इस अनुदान के आदेश को निरस्त कर दिया जा रहा है।इस आदेश के बाद मुस्लिमो की बौखलाहट से, राजनेताओ के शह से, उस जज को बर्खास्त कर दिया गया और एक नये 2 सदस्यीय, हाईकोर्ट के बेंच का गठन कर , इस अनुदान को सही ठहराया।

देश के विभिन्न धमाको के संदर्भ, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, जो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ है, हमारे खुफिया विभाग द्वारा आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग भी अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है। मस्जिदों मे एके 47 का जखीरा, एक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने आया है। मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया (RADIA=RA+N+DIA) बनकर…. इसे 2 सम्प्रदायो का झगड़ा कह कर, लीपा पोती में लगी हुई है। यह गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है।

देशवासियों याद रहे मुंबई के आजाद मैदान मे घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर , महिला पुलिसों तक को पीटकर व मीडिया की गाड़ी जलाकर , एक खुले चुनौती देते हुए कहा रोक सकेतो रोको …??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भी, इसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर से चुप बैठें हैसेना,पुलिस के जवान खा रहे है गोलिया…. और सत्ताधारी तल रही हैं, वोट बैंक की पुरियाजागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो 



कहते हैं, जहां अपराध बढवाना हो तो ..., वहां पुलिस थाना खुलवा दो...,
अपराधों के संरक्षण में माफियाओं के गुनाहों का इल्जाम में, जनता को फसां कर उसकी गाढ़ी कमाई पर हाथ मारों, जनता को कानूनी जाल में उलझाकर घर बार उजाड़ दो...

बिहार में भी लालू राज में, जब जनता उनसे रोड न होने की फ़रियाद करती थी तो वे मजाकिया लहजे में कहते थे ..., तुन्हारे गांव तक तो रोड, मैं कल ही बनवा दूं..., इससे तुम्हारे लोगों को एक नुकसान होगा, पुलिस की गाड़ी रोज आकर , तुम्हे तंग करेगी...,, अभी तो तुम लोग सुखी हो...,

कानून पास करने से पहले यह सोचना होगा कि कानून का पालन करने वाली एजेंसियों का हश्र इस समाज में क्या है? आपकी पुलिस का अपराधीकरण ऐसा है कि थानों में क्राइम अधिक और बाहर कम है। देश का कोई कानून नहीं है, जिसका इस्तेमाल पुलिस धन उगाही के लिए न कर रही हो। अपराधियों को संरक्षण देना पुलिस का मुख्य काम हो गया है। थाने अपराधियों की मैनुफैक्चरिंग की फैक्ट्री बन गए हैं। इसका सबसे अच्छा प्रमाण यह है कि पुलिस थानों से जो गांव जितने दूर-दराज हैं, वहां कोई अपराध नहीं है। जहां लोगों ने पुलिस की शक्ल भी नहीं देखी है, वहां घर में ताले नहीं लगाने पड़ते। वहां जघन्य अपराध नहीं होते या नगण्य होते हैं। जिस शहर में जितनी पुलिस है और उसके करीब जितने गांव-बस्तियां हैं, उनमें उतना ही अपराध है। जहां भी अपराध बढ़ाना हो वहां पुलिस थाना बना दीजिए तुरंत फैक्ट्री चालू हो जाएगी। इसलिए सबसे पहले पुलिस को सुधारें उसके बाद ही कानून सुधारिए। हमारी अदालतों का भी हाल यही है। वहां ज्यादातर वकील लोगों को नोच लेते हैं। अपराधी और जज का सीधा ताल्लुक होना चाहिए। न्याय के साथ जब तक वकीलों की दलाली और मोहताजी जुड़ी रहेगी, कुछ नहीं होगा। हमारी सरकार को डेढ़ सौ साल बनाई गई अदालती प्रक्रियाओं को बदलने की गरज नहीं है। अदालतों में जन भाषा का कोई स्थान नहीं है। अंग्रेजों के स्पेलिंग मिस्टेक को ठीक करने तक की हिम्मत सरकार में नहीं है। जब आपको सत्ता परिवर्तित हिन्दुस्तान (जिसे सरकार आजाद इंडिया कह कर झूम रही है?) में प्रशासन चलाने की तहजीब ही नहीं आई तो फिर कानून पर कानून बनाते जाइए, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में यह सोचना होगा कि हर मर्ज की दवा कानून पास करना नहीं है। पहले कानून के रखवालों को उस लायक बनाना होगा। हमारी पुलिस और न्यायिक संस्थाएं दोनों ही जनतंत्र की अपेक्षाओं के लायक नहीं हैं। उसमें भारी सुधार की दरकार है। उसके बाद ही कोई कानूनी बदलाव पर सोचना चाहिए

१९४७ का गुलाम हिन्दुस्थान
सुखी इंसान से पर्यावरण का सम्मान

सत्ता परिवर्तन का , इंडिया, भ्रष्टाचार, बलात्कार के पेड़ पर लटकाकर , एक नया आविष्कार से नेताओं के हौसले की बुलंदी से वोट बैंक से उतारूप्रदेश, लटकाऊ प्रदेश से चढ़ाऊ प्रदेश का उदभव 

प्रदेश के युवकों करों सेक्स योगा, पुलिस के जवानों जेल में भ्रष्टाचार व बलात्कार के योग से बनाओं अपनी योग्यता...