Tuesday 28 June 2016

दोस्तों आवाज उठाओं.., देश भ्रष्टाचार के दस्त से बीमार है.., देश तो इस दंश के काले नाग.. , देश के जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद, अलगाववाद के वोट बैंक से जकड़ी, बिखरी जनता को बिफर विफर कर..., चुन-चुन कर मारेगी.., अकेला मैं क्या कर सकता हूँ .., देश के लिए यह भावना निकाल दो... PMO व मोदीजी को इस सन्देश को भेजकर , जवाब का इन्तजार है...,



प्रधानमंत्री को खुला पत्र – देश के अशोक स्तम्भ के शेरों को लूला लंगडा बनाकर, एक क़ानून का वकील/नोटरी नोट की गठरी बनकर भेडिया की आवाज में मुझे रोजगार देने की धमकी दे रहा है .

मेरे देश में ऐसे लाखों लोग है जो ऐसे ही घटनाओं को देश के  दर्द का मर्ज दूर करने के बजाय इसे अपना दर्द बनाकर पसीज कर तीखा घुट पी जातें हैं. बजाय क़ानून तंत्र के तांत्रिकों से लड़ने के  ..,क्योंकि  इनमें इतनी ताकत है क़ानून की तांत्रिक विद्या से  जनता कब “बलि का बकरा” बन जाये .

आज की ताजा घटना व १७ जून का दम घुटने का संस्मरण. व  घुटने न टेकने का संकल्प :

आज संध्या के चार बजे मुंबई की भारी बरसात में सड़को की छोटी – छोटी छूती नदियों को चीरते मुम्बई, मैं कुर्ला के अपराधिक कोर्ट में १०० रूपये के गुणाकों के ५००रूपये के स्टाम्प पेपरों को कानूनी रूप देने के लिए “नोटरी V.K.SINGH” से मिला. स्टाम्प पेपर पर ठप्पा मारने के बाद मैंने  पूंछा कितने पैसे लगेंगे.., जब उसने कहा ५०० रूपये तो मैंने दंग होकर कहा “इसके पहिले भी मैं यहां आया हूँ आपके बगल मे बैठा नोटरी ८० रूपये लेता वह व्यस्त है इसलिए मैंने आपको पेपर दिया ..,

 “ फिर उसने मुझसे पूछा तुम क्या करते हो..,  मैंने कहा,  बेरोजगार हूँ..,  और ठप्पा मारने के बाद १०० रूपये का नोट मेज पर रखा  तो V.K.SINGH ने सही करने से मना कर धमकी दी कि इस स्टाम्प पेपर का नोटरी कैंसल करता हूँ .., तब मैंने भी उसे चुनौती दे डाली..,  कैंसिल करो..,

तब उसने वह पेपर गीली जमीन में फेक कर धमकी दी “अब ज्यादा कुछ बोला तो तुम्हें रोजगार दिलाऊंगा.., मैंने भी भारी आवाज में चुनौती दी व नोटरी कक्ष के अन्य लोगों ने मामला शांत कराने के बाद मैंने बगल के नोटरी से कहा आप इसे  ८० रूपये में कर दो.., तब जवाब में उसने कहा तुम पहिले मेरे पास आते तो यह काम मैं कर देता , अब मैं भी इसके ५००रूपये लूंगा...

तब खिन्नता से इसकी चर्चा मैं “बार रूम” में बैठी वकीलों की फ़ौज से की.  सभी ने कहा “हमारे बार कौंसिल के मुखिया उस्मानी से मिलकर शिकायत करों..,” मुखिया ने मेरी शिकायत सुनकर कहा मैं कुछ  नहीं कर सकता यह उनका नीजी अधिकार है ..,

मैंने कहा मैं  हाईकोर्ट में याचिका दायर करूंगा तब उन्होंने कहा,  तुम्हे वकील रखना पडेगा ..,  मैंने कहा, मैं आम नागरिक की हैसियत से स्वंय लडूंगा .., तब उनका जवाब सुनकर मैं  दंग रह गया कि “संविधान को हाथ में लोगो तो जेल में  सड़ जाओगे.”

अब सवाल यह है कि “इसके काले कोट से , जनता की जेब  साफ़ कर, धुलाई का कितना धन जमा है..!!!.  क्या काले कोट की जेबें और भी लंबी होते जायेंगी “


२. दूसरी घटना-  १७ जून को मुम्बई, कुर्ला के ही अपराधिक कोर्ट में ५०० रूपये के स्टाम्प पेपर लेने गया ..,  १० लोगों की भीड़ में मुझे स्टाम्प पेपर लेने में ३ घंटे लग गए.., हाल यह था कि खिड़की के बाहर खड़े लोगों को छोड़कर, स्टाम्प पेपर के कमरे में वकीलों की फ़ौज के एक –एक  वकील दस से अधिक पेपर लेकर “क़ानून के अन्दर की बात” से कतार में खड़े, खिड़की के बाहर  लोगों  को परेशान कर रहे थे, अंतिम स्थान में खड़े रहने पर मैंने खिड़की पर जाकर कहा कि “बाहर खड़े लोगों के समय की कीमत नहीं है, क्यों ..,
 1 घंटे से कतार नहीं हिल रही है..,” तब उस क्लर्क ने जवाब दिया कि यहां ,कोर्ट के वकीलों को स्टाम्प पेपर देने का पहिला अधिकार है .., तब मैंने प्रतियूत्तर में जवाब दिया कि आप वकीलों के बार रूम में एक नया विक्रय फलक क्यों नहीं खोलते हो.., तब उस क्लर्क ने कहा  यह बात, आप कोर्ट में जाकर  कहो.., तब मैंने गुस्से में आकर कहा, आप वापस कहें “मैं तुम्हारी विडियो रिकार्डिंग करता हूँ.., “तब उसने मुस्कराते हुए निर्लज्जता से कहा.., करो.., करों .., मीडिया में मैं भी प्रसिद्धी पा लूंगा .. ,

कमरे के सभी वकील, मुझसे दो-दो हाथ करने के मूड में  अपनी कमर में हाथ रखकर, मुझे घुर-घुर कर देख रहें थे .., इसका फल इतना जरूर निकला, चुप भीड़ बुदबुदाते  मुझे सराह रही थी  कि  अब उस क्लर्क ने खिड़की के  बाहर एक व्यक्ती व एक वकील को स्टाम्प पेपर  देकर..., मैं तो भीड़ से निपट गया. लेकिन मेरे पीछे लगी अपार भीड़ को देख कर मन ही मन सोचता रहा यह भारत नहीं जनता के लिए  भार – रत देश है..., जीने से मरने तक कतार, जीवन के  एक समय का प्रमुख अंग है   
  
UNSIGNEDनोटरी के नोट की गठरी का खेल..
“UNSUNG STORY OF JURIDIC”
अब अशोक स्तम्भ के इन  शेरों को भ्रष्टाचार के  दूषित  गंगा में क़ानून की भैस का भेष बनाकर बहा दिया है  

दोस्तों आवाज उठाओं..,  देश भ्रष्टाचार के दस्त से बीमार है.., देश तो  इस दंश के काले नाग.. , देश के जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद, अलगाववाद के वोट बैंक से जकड़ी, बिखरी  जनता को  बिफर विफर कर...,  चुन-चुन कर मारेगी.., अकेला मैं क्या कर सकता हूँ .., देश के लिए यह भावना निकाल  दो...

PMO व मोदीजी को इस सन्देश को भेजकर ,  जवाब का इन्तजार है..., 

Sunday 26 June 2016

उड़ता पंजाब की हवा , महाराष्ट्र में म्याऊँ –म्याऊँ की आवाज के बाद २५०० करोड़ की ड्रग्स की खेप में मुख्य माफिया फरार है.., नशे का जोर अब भी फर्राटे दार है..., गुंडागर्दी मेरा अधिकार..,



०.५% से कम , देश की धनाड्य पीढी दे रही .., अपने संस्कारों की चाबी ..., सुर सुरा,सुन्दरी का आयाम, नशे से देश बदनाम .., फर्जी डिग्री से देश को  डकार कर देश गर्त में जा रहा है. आज नशे का कारोबार हमारी GDP का दिमागी  दीमक बन कर देश को खाकर डुबो रहा है 


उड़ता पंजाब की हवा , महाराष्ट्र में म्याऊँ –म्याऊँ की आवाज के बाद २५०० करोड़ की ड्रग्स की खेप में  मुख्य माफिया फरार है.., नशे का जोर अब भी फर्राटे दार है..., गुंडागर्दी मेरा अधिकार..,
दुश्मन की गोलीयों  से इतने जवान नहीं मारें गएँ हैं , जितने विदेशी देशों के माफियाओं द्वारा जजशाही – नौकरशाही  के गठबंधन से सजा छोटे मोहरों व छद्म चेहरों को  जेल में बिठाया जाता है....
हजारों  मामलों में पुलिस की लिप्प्ता के बावजूद पुन: सेवा में ले लिया जाता है ...

आज की नशा विरोधी दिवस की ताजा खबर.. , पंजाब में १० हजार की पुलिस पद की नियुक्तियों में ५ लाख युवकों की ५ किलोमीटर  शुरू की की दौड़ में प्रथम १००० युवकों में से मादक द्रव्य लेने से बीच रस्ते में ६० से ज्यादा युवक बाहोश बेहोश होकर गिर अस्पताल में भर्ती.., जबकि भर्ती मैदान में हजारों नशे के खाली सामान मिले.., क्या ऐसे जवान देश का सम्मान बढ़ाएंगे
याद रहें ४ साल पहिले नशा विरोधी दिवस में महाराष्ट्र के महाराष्ट्र के मुख्य पुलिस अधियक्ष मुंबई से ५० किलो मीटर दूर कर्जत में रेव पार्टी में ड्रग सुप्ल्ली सप्लाई कर उसकी सुरक्षा में तैनात थी  
FAKE DEGREE का व्यापम व्यापक व्यापार का बाजार से उखड़ता देश   मेरे बालक, धन के नशे से ये ले “मेरे संस्कार के कार की चाबी”,अय्याशी तेरा अधिकार..   देश के SONS को दीवाना बनाकर, मैं बनी  SUN-E –LION – EE

१.  पंजाब में  धुआं.., धुआं.., धुआं..,!!!, धुआंदार..., धुआंदार..., धुआंदार...!!!, अब  लटक रही जवानों व  किसानों पर दुधारी तलवार. देश की बनी डूबती पतवार.. पंजाब नशे के शिकंजे से अब बना प्रदेश का  युवक पंजा छाप

२.     प्रकाशसिंग बादल के , पंजाब में  काले बादलों से   नशे के पंजा छापसे प्रदेश का प्रकाश  धुंधला हो गया है.., इसी बादलों की धुंध से उजागर हुए पाकिस्तानी आतंकवादी अपने वादे अनुसार.., गुरूदास पुर के सत्ता के गुरूओं को गुरूघंटालसे १२ घंटे दास बनाकर ढहाया कहर..,

३.    एक तरफ ब्राउन शुगर के काले  धुवें से पंजाब में युवकों के जीवन में कालिख लग रही है .., जजशाही-नौकरशाही-पुलिसशाही सत्ताशाहीकी चंडाल चौकड़ी..युवकों के जीवन में मकड़ी बनकर उनकी पगड़ी उतार रहें हैं.

४.      पंजाबी समुदाय के कंधों पर बंदूक रखकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है। नशे के फैलते जाल को रोक पाने में नाकामी के आरोप से घिरा अकाली दल अब बीजेपी को आंखें तरेरने के मूड में है.

५.    पंजाब के युवा नशे में बर्बाद हो रहे हैं परन्तु राज्य सरकार इस पर नकेल कसने की बजाय हर बार केन्द्र सरकार पर दोष लगा कर अपने नेताओं को बचाने में लगी रही। अकाली-भाजपा सरकार की लापरवाही के कारण आज पंजाब का हर तीसरा परिवार, नशे के कारण बर्बादी के कगार पर है। कई घरों के होनहार चिराग नशे की लत के कारण 70 फीसद युवाओं को नशे का आदी बनाया है ',बर्बाद हो रहे हैं. सरकार इस  जिम्मेवारी से भाग नहीं सकती , अगर वह सच में पंजाब की जवानी को बचाना चाहते हैं तो बड़े मगरमच्छों को बेनकाब कर उन्हें जेल भेजने का साहस भी दिखाएं.

६.     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नशे के शिकार युवाओं से जुड़ी मन की बात कह चुके  हैं.  पूरे देश में नशे की खेप के सबसे बड़े ग्राहक नौजवान ही हैं लेकिन पंजाब में नशे का असर खतरनाक रूप से सबसे ज्यादा है। बड़ी बात ये कि नशे के इस कारोबार में पंजाब पुलिस के कई अफसर, बड़े नेता और नामचीन हस्तियां भी शामिल हैं. रही सही कसर पंजाब के सीमावर्ती शहर पूरी कर देते हैं, जहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी बड़े पैमाने पर ड्रग्स सप्लाई का धंधा ऑपरेट करती है.

७. दोस्तों.., इस कारोबार में  माफियाओं से आतकवादियों के वादियों में बहार लाकर.., वे छुप कर हमला कर, परोक्ष रूप से हमें युद्ध की चुनौती दे रहें... ताकि हमारी अर्थव्यस्था को  भीतरी  दुश्मनों से मिलकर छिन्न –भिन्न कर दें ...,


८. क्या आज का  नशा विरोधी दिवस.., पिछले ७०  सालों से एक खाना पूर्ती  कर इसकी अभी भी अबाध गति से पूर्ती होते  रहेगी ...

विश्व नशा दिवस पर .. सुर –सुरा –सत्ता के नशे से देश डूबा .., आज नशे का कारोबार हमारी GDP का दीमक बन कर देश को खाकर डुबो रहा है .



विश्व नशा दिवस पर .. सुर सुरा सत्ता के नशे से देश डूबा .., आज नशे का कारोबार हमारी GDP का दीमक बन कर देश को खाकर डुबो रहा है .

सत्ता एक मेवा है , उसकी जय है और सत्य आत्महत्या कर रहा है और मेरा संविधान महान, यहाँ हर माफिया पहलवान खादी की आड़ में गरीबों को. अफीमी नारों के खंजर से मारा जा रहा है...

बापू को आधार बना कर आम जनता (देखू) उससे सवाल पर सवाल किये जा रही है , देश की बदहाल स्थिती पर उसे रोना आ रहा है, पर क्या करे वह मजबूर है।

बापू के तीन बंदर भी मस्ती मे चूर है वे भी बदले हालातो का पूरा आनन्द उठा रहे है। सौ मे नब्बे बैइमान फिर भी मेरा भारत महान के कहावत लोगो की रग रग मे ऐसे बस गइ है कि बापू के तीन बंदर बुरा मत देखो, बुरा मत कहो, बुर मत सुनो कि मुख्य भूमिका मे आ गये है, बेचारे बन्दर करे तो क्या करे उन्हे बापू ने ही तो आदेश दिया था इसलिये वे बापू के कहे अनुसार चल रहे है, बापू के तीन बंदरो ने उनके आदेशों को सुना तभी तो देश की हालत इतनी बिगड गइ है।

बापू के तीन बंदर अब मस्त कलंदर बन गये है, उनके बीच देश के बदहाल के बारे मे चर्चाए तो होती है पर व इच्छा होने के बावजूद देश के परिस्थिती बदल नही सकते , देश की इस बदली हालत पर एक संवादात्मक रिपोर्ट ... ।

इस संवादात्मक कथानक के माध्यम से यहाँ उन कारणो का भी उल्लेख किया गया है, जिसमे कभी सोने की चिडिया कहा जाने वाला देश आज आज भ्रष्टाचारियों के हाथ की कठपुतली बंनकर रह गया है। वैसे यह देश का दुर्भाग्य ही रहा है जिसे राष्ट्रपिता पिता की झूठी उपाधि से नवाजते रहे है, उसने अहिसा के नाम पर देश के साथ छल किया, महात्मा गाधी ने अहिसा शब्द भ्रामक अर्थ कर... देश्वासियोको गुमराह किया। उन्होने शांति को हिंसा का पर्याय मानकर देशभक्त युवावो को कुंठित कर दिया । हत्यारो के समक्ष आत्मसमर्पण को उन्होने अहिसा के रूप मे महिमा-मंडित कर अपने नाम के आगे महात्मा शब्द लिखवा लिया , पर हकीकत यह है कि महात्मा गाधी ने भारत को एक बुझदिललोगो का देश बनाने का काम किया और यही उसी का नतीजा है आज देश मे भ्रष्टाचार, आतकवाद सिर चढ कर बोल रहा है.. और इसी देश का श्लोग्न बन गया है मेरा संविधान महान, यहाँ हर माफिया पहलवान और सत्यमेव जयते की आड़ में , सत्ताखोर , चुनाव में धर्मवाद, अलगाववाद,जातिवाद, व घुसपैठीयों के आड़ में सट्टा लगाकर चूनाव जीतने पर... भ्रष्टाचार से चूना लगाकर
दूसरा श्लोगन बन गया है ... सत्ता एक मेवा है , उसकी जय है और सत्य आत्महत्या कर रहा है

• September 9, 2013 •
सुर सुरा सत्ता के नशे से देश डूबा 
देश्वसियो बापू के बन्दर तो जाग कर देश के हालात पर आपसे कह रहे... कुछ तो सोचो हमारे देश के बारे मे
इन बन्दरों के कहने का सार यही है........????
चाहे जो हो धर्म तुम्हारा चाहे जो वादी हो ।
नहीं जी रहे अगर देश के लिए तो अपराधी हो ।
जिसके अन्न और पानी का इस काया पर ऋण है
जिस समीर का अतिथि बना यह आवारा जीवन है
जिसकी माटी में खेले, तन दर्पण-सा झलका है
उसी देश के लिए तुम्हारा रक्त नहीं छलका है
तवारीख के न्यायालय में तो तुम प्रतिवादी हो ।
नहीं जी रहे अगर देश के लिए तो अपराधी हो ।

क्या आप अब भी इन बन्दरो को देखकर मूक दर्शक बनकर डूबते हुए देश को अब भी देखते रहोगे.... विस्तार से पढे...
बोलू : अरे देखू ,तु क्या देख रहा है ?

देखू : तुझे मालुम नही है, ये देश डूब रहा है, देश मे गोल माल हो रहा है

बोलू : देश डूब रहा है, अरे ये तु क्या कह रहा है?

देखू : हा, भ्रष्टाचार की भयकर बाढ आई है , सुनामी भी इसके सामने कुछ नहीं है,

सीमाओ पर दुश्मनो की लाल बत्ती लगी हुई है, और देश के सत्ताधारी लाल बत्ती गाडी के लिये आपस मे लड रहे है.

बोलू : और आगे , तू क्या देख रहा है?

देखू : देश भूखमरी के मार से मर रहा है महगाई से आम जनता त्राहि- त्राहि मचा रही है

बोलू :और क्या क्या देख रहा है?

देखू : इस जनता के त्राहि- त्राहि के पीछे, दूर एक राष्ट्रवाद का लंगूर दिख रहा है

बोलू :तो हम तीनो को देश छोड कर भागना पडेगा, तुझे तो मालुम है जब संसद भवन परिसर मे हमारे वंशज बन्दर, संसद की लूट मारी देखने के लिये जमा होती है तो हमारे सत्ताधारी, भ्रष्टाचारवाद का लंगूर किराये पर लेकर,हमारे बन्दरो को भगातें है.

देखू ,अब मुझे डर लगता है कही वह राष्ट्रवाद का लंगूर न आ जाये?

देखू : नही बोलू , वह राष्ट्रवाद का लंगूर है और बेहद भुखा है, उसका शरीर अस्ति-पिजर का ढाचा है , उसे 65 साल से उसे खाना नही मिला है. वह मरणासन्न स्थिती मे है, यदि देश की जनता उसका सम्मान करे तो वह लंगूर हमे नही भगायेगा ,वह लंगूर बेहद इमानदार है, वह लंगूर बहुजन हिताय - बहुजन सुखायके सिद्धांत का पालक है, उसके आने से देश मे खुशहाली आ जायेगी, यही नही संसद व देश के लूटेरे भी उसको देखते ही भाग जायेगे

बोलू : तो उस लंगूर को हमारे देशवाशी ठीक क्यो नही हो रहा है?

देखू : बोलू तुझे पता नही इसके पीछे बडा केमिकल लोचा है, इसमे हमारे बापू के नाम को घसीट कर, इस लंगूर को और कमजोर बनाया जा रहा है..

बोलू : अरे...??? वह कैसे ...?? कैसे ....,.???

देखू : हमारे भ्रष्टाचारी नेता जनता को अलगाववाद जातीवाद, भषावाद ,धर्मवाद की शराब पीलाकर, जनता से कहते है कि तुम्हारे पालनहार केवल हम और हम ही है, और उपर से अपने को गाधी के अहिंसा के सिद्दांत की औलाद कहते है
बोलू : भ्रष्टाचार.... ??? तो क्या यह राष्ट्रवाद का लंगूर मर जायेगा ?

देखू : नही बोलू यह जनता पर निर्भर करता है, यदि जनता दो-तीन् सालो मे इस की सेहत ठीक नही करती है तो देश या तो टूट सकता है या देश की जनता, एक मुसीबत मोल ले सकती है या एक नई गुलामी के बन्धन मे , नई गुलामी के जंजीर मे फँस सकती है.

बोलू :ठीक है जब तक राष्ट्रवाद का लंगूर नही जागता है, तब तक, तु मुझे देश का हाल दिखा?

भाग -2
बोलू :अब तू क्या देख रहा है ?

देखू : सींघम अभी-सेक्स कर रहा है.

बोलू :अरे, तूने तो दिल्ली की तरफ दूर्बीन लगा रखी है वहाँ सिंघम कैसे सेक्स कर सकता है? वहा कोइ जंगल भी नही है?

देखू : हाँ, सिघम कोर्ट रूम मे सेक्स कर रहा है.

बोलू : सिघम और सेक्स???? कोर्ट रूम,,??? लेकिन कोर्ट रूम मे सिहनी कैसे पहुची..!!!

देखू : अरे बोलू तुझे पता नही है , देश के जंगलो से ज्यादा जंगल राज तो दिल्ली मे है

और वह जज बनने के चक्कर मे फंस गई  है.

बोलू : तो इसका मतलब यही है क्या? सभी देश की महिला जज अपने प्रदेशो के सिंघम का शिकार हुई है.
देखू : देश की महिला जज की सच्चाइ मेरे दूर्बीन से तो पता नही चलेगी? हाँ, डी.एन.ए
टेस्ट सच्चाइ जरूर उगलेगा,

बोलू : लेकिन दिल्ली के सिंघम ने देश के संविधान की धज्जिया उडा दी है क्या संविधान उसे दंड देगा ?

देखू :इस देश मे जो संविधान का रक्षक होता है वह दंड का अधिकारी नही बल्कि वह संविधान का संरक्षित सदस्य होता है.

बोलू : हाँ, अब मुझे समझ मे आया, एक नारायण जिसकी नारी रामायण बहुत मशहूर है वह भी हैदराबाद के जंगल में सेक्स करते पकडा गया , सबसे बडा ताजुब्ब है कि, उसे दिल्ली के जंगल से, हैदराबाद के जंगल मे, संविधान की रक्षा के लिये भेजा गया था. और संविधान ने उसके इस कृत्य के लिये दंडित करने की तो बात छोडो, उसके सेक्स सीडी पर रोक लगाकर सम्मानित किया गया

देखू : अभी नारी नारायण समाचार वाहिनी मे मै साक्षात्का र दे रहा है । संवाददाता पूछ रहा था की क्याग यह सही है?, नारी नारायण समाचार वाहिनी मे बेधडक कह रहा है, आपने जो मेरे चल चित्र देखे है ,मै अपने चाल - चरित्र मे उससे भी कही बहुत आगे हू., पूछो ? आगे और क्या पूछना है ?

बोलू : उसके कहने का मतलब यही है. कि इस क्रिया के लिए मुझे बापू द्वारा प्रेरणा मिलकर, प्रेरित हुआ हूँ । मतलब वह अपने चाल - चरित्र मे बापू का चाल चरित्र जोड रहा है?.

बोलू :अरे सुनू,..... तू क्या क्या सुन रहा है?

सुनू : देश से इतने काँल आते है, कि एक काँल सुनता हू तो चार-पाँच आनेवाली काँले इंतजार मे रहती है

बोलू : अभी तू क्या सून रहा है यह तो बता ?

सुनू : एक जायसवाल नाम का कोइ मंत्री है, उसके मुँह मे कोयले की कालिख लगी है और वह कह रहा है , मुझे तो नई शादी व नई बीबी मे जो जोश आता है , उससे कोइ बडा सुख नही है

बोलू : यह तो नारी नारायण का भी बाप निकला है 
कैलाश तिवारी posted on 28 oct 2012

Thursday 23 June 2016

एक जमाने में ISRO सरकार के धन का मुहताज था.., वह तो हमारे महान गुरू,वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल कलाम का क़माल था कि इस गरीब संस्थान को दिमागी मंत्र देकर इसरों को कम धन मिलने के बावजूद.., अनवरत अबाध गति से प्रगति कर रहा था..


INFLATION – IN FLAME  NATION महंगाई से जनता को जलाने वाली माफियाओं की आग आई  V/s इसरो के संतों आपने  बिना आरक्षण, राजनीती, जातिवाद, भाषा वाद व राष्ट्रवाद को देश की धार बनाकर कर दिया कमाल.. , देश को आँख दिखने दिखाने वालों की मूँद दी  आँख ...,  DRDO की उन्नती से दुनिया के देशों के पेटों में अब हो रहा दर्द.. 

एक जमाने में ISRO सरकार के धन का मुहताज था.., वह तो हमारे महान गुरू,वैज्ञानिक  डॉक्टर अब्दुल कलाम  का क़माल था कि इस गरीब संस्थान को दिमागी मंत्र देकर इसरों को कम धन मिलने के बावजूद.., अनवरत अबाध गति से प्रगति कर रहा था.., अब तो इसरो ने स्वालम्भन से अपनी १ /१० खर्च से मंगल  ग्रह के  प्रथम प्रयास में सफलता पाकर, देश व दुनिया को दिखा दिया कि हम तकनीकी में कितने सानी हैं,   दुनिया के सेटेलाइट का प्रक्षेपण कर ७५० करोड़ का धन कमा कर अब वह दिन दूर नहीं जब वह नासा की नाक दबाकर दुनिया में अग्रणी बनेगा.
      

१. चेतो मोदी सरकार..., माफिया भी DRDO से अधिक सफलता पाकर अपने को DARE – DON  से माफिया करे हुंकार.., जनता महंगाई के (IS )से RO (रो) कर  हमारे और भी अच्छे दिनदिन आकर.. अब तो.., सीना तान कर कह रहें हैं हमें मिल रहा है.., मोदी सरकार से पुरूस्कार ..


२. क्योंकि आज तक काले धन व जमाखोरों की सम्पती को राष्ट्रीय धननहीं है, घोषित.., जनता है, शोषित .., इसे लिए बढ़ रहा है माफियाओं का जूनून
कभी प्याज तो कभी टमाटर  मिल्खा सिंग से तेज व दालें मिसाइलें दौड़ लगा रही है..

३. इसरो के मिसाईल मिशन में कुछ मिसाईले प्रक्षेपण के बाद धराशाही होने के बाद सफलताएं मिली है .., लेकिन १९४७ से आज तक माफियाओं द्र्वारा महंगाई के मिसाईल के मिशन में आसमान अनूकूल व खुला होने से अबाध गति से नित्य नए-नए प्रयोगों से सफल हो रहें है..

४. मिसाईल मैंन की आत्मा उनके जन्म दिन पर भी तड़फ कर आंसू बहा रही है.., लोकसभा की हुड्दंग व आतंकवादियों की धटना से वे हो गए थे दंग कि पिछली सरकार के संविधान के दाग अब भी धुलने वाले नहीं हैं .., वे देश की ज्वलंत समस्याओं से आहत होकर इस देश को छोड़ कर चले गए

५. चेतो मोदी सरकार.., जो माफिया अब भी आपको चहेते समझते है.., उनका भ्रम तोड़कर.., ताकि महान राष्ट्रवादी भारत रत्न महामहिम राष्ट्रपति DR. APJ ABDUL KALAM की आत्मा को शांती मिले

६. देश का अन्नदाता किसान १९४७ से MAKE IN INDIA से भारत की तस्वीर से MADE IN INDIA बनाने के बावजूद माफियाओं द्वारा मूल्य के शोषण से ४० लाख से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं

७. दोस्तों .., याद रहे.., “आराम हराम हैके नारे से विदेशी हाथों से, अमेरिका के सड़े गेहूं के निवाले से.., देश की जनता को बुजदिल बनाकर , हमारे सेना के हौसले तोड़कर चीन से मिली हार .., और नेहरू की मौत के बाद भारी कर्ज का शौच.मात्र १८ महीनों में प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने साफ़ कर दिया था

..,
जबकि २६  महीने बाद जनता के महंगाई से कच्छे पहिनने के दिन आ गए है.

८. प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने इस सड़े गेहूं को बंद कराकर .., अमेरिका से कहा हम ऐसा गेहूं खाने के बजाय मरना पसंद करेंगे ..,” देश के भू धन व पशु धन से.., देश के जवानों व किसानों के बुद्धी बल कर्म बल को पहचान कर, “जय जवान जय किसानके ज्वलंत नारे से .., हमारे अंग्रेजों के जमानों के हथियारों से.., अमेरिका के कभी न नष्ट होने वाले पेटंट टैंक का दावा करने का भ्रम तोड़ कर .., सेना के जज्बे से विश्व आश्चर्य चकित हो गया.

९. देशवासियों के अच्छे ही नहीं उन्नत दिन आकर ,देश विश्व गुरु बनने की दहलीज पर खडा खड़ा था तब विदेशी ताकतों ने देशी माफियों के साथ मिलकर इस लाल का खून जहर से नीला कर , देश को पुन: विदेशी हाथों में जकड़ दिया और आज तक देश विश्व की आथिक गुलामी का शिकार होकर प्रत्येक व्यक्ती पर ७५ हजार रूपये से अधिक विश्व बैंक का कर्जा है.

१०. चेतो मोदी सरकार देश..,देशी- विदेशी माफियाओं से नहीं.., आप तो १२५ करोड़ की आबादी में ६५% युवा होने का तो दंभ भरते हो..
,
११. गावों में लाखों अब्दुल कलामहैं.,सिर्फ उनका जज्बा जगाने की जरूरत है.., लेकिन आपके शासन के इन युवाओं के १८ महीने की आयु इस विदेशी कटोरे से धन बटोर कर योजनाएं बनाने में बर्बाद हो गए हैं ..,अब विदेशी धन से ये योजनाएं.., पिछली सरकारों की तरह ही विदेशी हाथो संग मिलकर भोजनाएं बनेंगी..,

१२. सच्चाई है कि.., भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों के काले धन से तो देश का कर्ज चुक जाएगा व अधिकांश भ्रष्ट मीडिया-माफियाओं-राजनेताओं-नौकरशाहों-जजशाहों का अकूत धन निकाले तो देश का एक रूपया = 70 डॉलर हो जाएगा. डूबते देश की पतवार देशवासियों के हाथ आकर, देश ६ महीने से भी अल्प समय में मेक इन इंडिया से विश्व गुरू से MADE (बन) जाएगा.