Sunday 18 October 2015

गौ ही जीवन का सार है.., गौ माता के जीवन से जिन्दगी में बहार है .., गौ के पौष्टिक जीवन से ही भारतीयों का जीवन पौष्ट है.., गौ ही माँ है .., वात्सल्य की बहार .., जीवन का उद्धार .., निखरे हिन्दुस्तान .., बने वतन की शान...



     चेतो मोदी सरकार.., गौ ह्त्या के नाम पर हो रहा.., देश में खिलवाड़ , वोट बैंक की दरकरार..,भारत माता की गुहार..., मेरे नन्हे पुत्र बन रहें दूध से मुंहताज , सत्ताखोर व माफिया विदेशी धन से बने सरताज...
     एक तरफ तो.., देश के ४० हजार क़त्लखानों को सब्सिडी के सांप सीढ़ी का खेल .., व दूसरी तरफ गौ ह्त्या रोकने का स्वांग..., जब तक ये क़त्ल खाने पूर्ण रूप बंद नहीं होंगे.., देश का रूप नहीं बदलेगा .., गौ ह्त्या का खेल बंद नहीं होगा ..
     हिंदुत्व को काटकर .., बंधुत्व को बांधकर.., देश में विदेशी मुद्रा का उन्नत भण्डार मानकर हो रहा है.., देश का बंटाधार..,राजनेता खिलवा/लडवां   रहें हैं , वोट बैंक से  धर्मवाद की तलवार..
      आज देश के विदेशी मुद्रा का प्रथम उच्च श्रोत गौ मांस है.., हमारा देश गौ मांस निर्यात में विश्व में अग्रणी है .., देश की संस्कृति को बेचकर.., हिंदुत्व को विश्व के मुस्लिमों  को देश का तत्व बेचकर, इसके बावजूद आज प्रत्येक देशवासी पर ७५ हजार से अधिक का कर्ज है..., क्या गौ मांस बेचकर इसका फर्ज निभाया जा रहा है..  १९४७ के बाद से ही देश गौ मांस निर्यात से, कर्ज के गर्त की शुरूवात हो गयी थी.
     देश की संस्कृति मिटने से, देशी विचार की ह्त्या से देश राष्ट्रवाद से संकुचित होकर, विदेशी घुसपैठीयों के वोट बैंक से   पिछले इतिहास को देखकर ईरान तक फैला देश का साम्राज्य से.., आज के हिन्दुस्तान को और संकुचित करने का प्रयास चल रहा है .
      वीर ही नहीं परमवीर सावरकर ही ऐसे दूरदर्शी क्रांतीकारी व भविष्यवक्ता व पतंजली दृष्टी से उन्होंने देश वासियों को चेताया ..,
“भारतीय गाय” इस धरती पर सभी गायों  मे सर्वश्रेष्ठ गौ  है .मानव के उत्थान के लिए एक अनमोल पशु व  गुणों की खान है इसलिए गौ पूजन से अधिक  महत्व गौ पालन है.., गौ का जीवन जितना लंबा होगा देशवासियों का जीवन, देश की संस्कृति से  उतना ही दीर्घायु होगा...

आगे उनका प्रबल मत था कि करोड़ देवी देवताओं को गाय के शरीर में बसे होने की धारणा का क्या अर्थ है? और सबसे ज्यादा देवता गाय की पूंछ में देखे जाते हैं. जब ग्वाला गाय को चराने जाता है और उसे हांकने के लिए पूंछ पर डंडा मारता है तो देवताओं का क्या होता होगा? इससे उनका अर्थ है  कि लापरवाहीपूर्वक गाय की उपेक्षा करते हुए उसकी पूजा का ढोंग रचना व्यर्थ है.., गौ पूजन की दुहाई से  देशी गायों को गली-गली आवारा घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है..,
आज उनकी भविष्य वाणी सत्य निकली है.., आज का यथार्थ हा कि  आजभी  मुम्बई दिल्ली जैसे देश के महानगरों-नगरों  में लाखों गौ कूड़ेदानों के भोजन से नष्ट न होने वाला प्लास्टिक खाकर, पेट में संचयित कर, बीमार पड़ रही है. सड़क पर चलता व्यक्ती भी इसे देखकर आँख बंद कर लेता है  

६.   “जय-जवान , जय किसान” के मसीहा प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने तो देश के “पशु धन” से “श्वेत क्रांती से हरित क्रांती” के साथ हरामी सत्ता खोरों पर लगाम लगा कर देश में  हरियाली ला दी थी..,  इसी भय से देशी माफियाओं ने विदेशी हाथों से  लाल बहादुर शास्त्री के प्राण हर कर उनके “लाल खून” को जहर से “नीला कर” , देश में गरीबों के शोषण का जहर फैलाकर,विदेशी हाथों में जकड़ कर आज एक नई पकड़ से देश की अर्थ व्यवस्थता को अस्त पस्त कर देश के उगते सूरज पर काले बादलों का अधिकार होकर .., आज भी विदेशी बादलों के अंधकार से हमारे रूपये पर डॉलर ६७ हथौड़े मारकर देश के जवानों व किसानों की मेहनत हजम कर रहा है  

७.   इस “गौ” ने ही मंगल पाण्डेय जैसे क्रातिकारी को पैदा कर हिंदु मुस्लिम एकता का नया संगम पैदा कर.., वीर सावरकर ने हमारे दिव्य मान इतिहास के  दीपक को प्रज्ज्वलित कर सरदार भगत सिंग , चन्द्र शेखर तिवारी उर्फ़ आजाद व सुभाष चन्द्र बोस जैसे करोड़ों क्रांतीकारियों में भारतमाता को गुलामी की बेड़ियों को काटने का जज्बा फुक दिया था
८. सत्ता परिवर्तन को आजादी  झांसा देकर, आराम हराम के अफीमी नारों से देश की संस्कृति को गौ के खून से लहूलुहान कर देश की गरीबी हटाओ से मेरा भारत महान कह .., अच्छा लग  कर इंडिया शायनिंग से भारत का निर्माण हो कर अब अच्छे दिनों से देश के गौ-माता का क़त्ल नहीं देश के शिशुओं का क़त्ल हो रहा है ..,
९.  आज देश भूखमरी से, शिशु ह्त्या में विश्व के देशों में सर्वोपरी है

१० . १९४७ में, ३० करोड़ देश वासियों के पास १२५ करोड़ का पशु धन था.., देश की मुद्रा, रूपया , अपने रूपहले दौर में थी ..,डॉलर पर हावी थी .., देश में दूध की नदियों से देश वासी बलशाली व निरोगी था.., लेकिन देश में लोगों को अशिक्षित रख कर, जनता की आँखों में   आराम हराम है कि पट्टी बाँध कर पशु धन को क़त्ल कर विदेशी धन की आवक से विदेशी भाषा विदेशी विदेशी विदेशी हाथ विदेशी साथ विदेशी संस्कार विचार से देश की प्रगती होगी कहकर , सायकल,जीप व अन्य घोटालो से  विदेशी चादर से  ढक कर.., आज भी देश के लाखों घोटालों को धक् कर विदेशी माफियाओं की दुहाई देकर .., विदेशी, अब देश का दूध दूहकर .., देश के जवानों को अपने केमिकल भोजन से देश वासियों के सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं...
११. अंत में सार इतना ही है.., गौ ही जीवन का सार है.., गौ माता के जीवन से जिन्दगी में बहार है .., गौ के पौष्टिक जीवन से ही भारतीयों का जीवन पौष्ट है.., गौ ही माँ है .., वात्सल्य की बहार .., जीवन का उद्धार .., निखरे हिन्दुस्तान .., बने वतन की शान...

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