Thursday 24 September 2015

जनता हैरान.., परेशान है .., ‘अच्छे दिनों” की आस में आपसे, देश के “१६ महीने” बर्बाद हो गए .., पार्टी के “जुमले” अब “अच्छे दिनों” की “६० महीने” व “विश्व गुरू” के “६०० महीनों” की बात से, जनता भी अब अपने को उपहासी समझ , भ्रमित है,


      मोदीजी तुस्सी ग्रेट हो.., .., दुनिया झुकती है.., झुकाने वाला चाहिए.., सीमा पर जवानो में जोश है... ..दुश्मन घायल होकर अपाहिज हो गया है.., विदेश में आपका डंका बज रहा है.., लेकिन देश के, माफियाओ की सोने की लंका विस्तारित होते ही जा रही है.
         देशवासी गर्वित है लेकिन महंगाई से वह द्रवित है 
        आप जैसे प्रदेश को १८ घंटे काम करने वाले,आप जैसे  ४० मुख्यमंत्री व ४० लाख राष्ट्रवादी कार्यकर्ता  चाहिए.., आप प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री की अपनी अथक प्रयास से थक जाने से आपके जूमला कार्यकता अटपटे बयानों से व नौकरशाही भी कांग्रेसी राज की तरह भ्रष्टाचार के नशे में झूम रहें  हैं..,
        देश के छुटभैय्ये नेता अब भी मदहोश होकर लूट में छूट मना रहें हैं .., कागजों पर बड़ी योजनाओं से आपको भ्रमित कर, इस कागज़ को हवा में  उड़ाकर रंगीनी गुब्बारों का खवाब दिखा कर सीना ठोक -कर अब,  जनता से कह रहें हैं..., रोटी अब कोई मुद्दा नहीं होगा , अब तुम्हारे  लिए स्मार्ट सिटी बनाकर..,  पीजा, बर्गर  से आपका पेट भरेंगें..
      जनता हैरान.., परेशान है .., ‘अच्छे दिनोंकी आस में आपसे, देश के  १६  महीनेबर्बाद हो गए .., पार्टी के जुमलेअब अच्छे दिनोंकी ६० महीनेविश्व गुरूके ६०० महीनोंकी बात से, जनता भी अब अपने को उपहासी समझ , भ्रमित है, कि, क्या...???, “६० सालों की कांग्रेस नीतीके मौनका अध्याय की पुनराव्रिती के मौन व्रतसे सत्ता को धरोहरमानने का नया खेल शुरू हो गया है...


       देश में प्याज ६० रूपये किलों होकर जनता के आंसूं से ब्याजवसूल रहें हैं...,  दाल में १५० रूपये के काले से, काले माफिया.., देश के डाल डाल में बैठकर, पेड़ को हिलाकर हरी पत्तियों को (गरीबों) हिलाकर हालाक कर रहें है.., 
          किसान बदहाल है.., जनता बेहाल है .., महंगाई चरम सीमा पर होकर, गरीबों का चर्म खीचकर अपना कर्म कर रही है..
      .  डॉलर ६७  रूपये को छूकर .., आपकी उमर पार कर, अब  और  बेताब होकर देश का उस्ताद बनकर, जनता को अवसाद ग्रस्त बनाते  जा रहा  है .., गरीबों की मेहनत पर ६७ हथौड़े मारकर .., देश के कर्ज का ब्याज वसूल रहा है
       देश में व्यापक.., व्यापम .., व्यायाम के आयाम से माफिया पहलवान बन गएँ हैं..., 
१०                      इस फेस बुक व वेबस्थल का स्लोगन आज भी सार्थक है .., भ्रष्टाचारियों पर, SLOW GUN से LOVE GUN की बहार से, भ्रष्टाचार की बयार से देश ग्रसित है... मेरा संविधान महान.., यहाँ हर माफिया पहलवान..,” सत्ता मेवा है, इसकी जय है .., सत्य आत्महत्या कर रहा है.. 
११                        आप तो १८ घंटे निष्ठापूर्वक काम करते हो .., यदि आपके मंत्री से संतरी व देश के २५ करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी सिर्फ ८ घंटे ही  100% इमानदारी से अपना काम करें तो घंटनादसे देश संवरने लगेगा.
१२                       चेतो मोदी सरकार....., लाल बहादुर शास्त्री ने तो ५० करोड़ देशवासियों के मुठ्ठी बलसे सिर्फ १८ महीनोंमें जय जवान जय किसानसे, पकिस्तान के पास हमारे से उन्नत हथियार होने के बावजूद,देश को विजयी बनाकर, “उनके ही देश में उन्हें धूल चटा दी थी...”, हमारा देश तो शक्तीशाली यूरोपीय देशों के कतार में शामिल हो रहा था.., और विश्व गुरू बनने के पहिले, “विदेशी हाथोंने देशी हाथोंसे हाथ मिलाकर उनकी ह्त्या कर ..., भ्रष्टाचार की फसल बोकर , आज देश के किसानों की फसल खा दी है’

१३                      जय जवान जय किसान की जीत की ६० वीं बरसी से देशवासियों का सेना सीना  ६५ इंच का बन गया है..., देश आतुर है कि आप देश के आतंरिक माफियाओं से, हमें जल्द ही हमें मुक्ती दोगे..., लेकिन वह दिन भी दूर नहीं जब जनता को सडकों पर उतरकर...,देश को डूबोनेवालों से प्रतिशोध  लेकर इनकी हेकड़ी दूर कर देंगें..  

Monday 21 September 2015

गणपति बप्पा मोरिया.., हर माफिया, किसानों को निचोड़ रिया .., आपकी हुंकार.., महाराष्ट्र में बरसात की फुकार.., किसानों के बाहुबली से हल की पुकार.., अब नहीं होगा सिचाई घोटालों से किसानों के जीवन पर अत्याचार.



गणपति  बप्पा मोरिया.., हर माफिया, किसानों को निचोड़ रिया .., आपकी हुंकार.., महाराष्ट्र में बरसात की फुकार.., किसानों के बाहुबली से हल की  पुकार.., गणपति  बप्पा मोरिया.., हर माफिया, किसानों को निचोड़ रिया .., आपकी हुंकार.., महाराष्ट्र में बरसात की फुकार.., किसानों के बाहुबली से हल की  पुकार.., अब नहीं होगा  सिचाई घोटालों से किसानों के जीवन पर अत्याचार.

 बाहुबली किसान.., हल थी, जिसकी शान...,बैल थे, अन्नदाता की जान .., देश का उन्नत विज्ञान ,गौ-माता का सम्मान .., हिन्दुस्थान था सोने की खान से  विश्वगुरू का मान

जुलाई 24 को मोदी सरकार के  कृषी मंत्री राधा मोहन का बयान..,  “किसानों की आत्महत्या का कारण प्रेम प्रसंग और नपुंसकता” और इसके बाद...., प्रधानमंत्री मोदी की भी मूक सहमती.

पिछली सरकार में.., अप्रैल २०१३ में, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने 70 हजार करोड़ सिंचाई घोटाला कर,  सूखे को लेकर महाराष्ट्र के इंदापुर में दिए गए इस बयान में अजीत ने कह डाला कि बांधों में पानी नहीं है तो क्या मैं पेशाब करूं तो बाढ़ आयेगी ..

१.   किसान तो रूपये में कमाता है ...माफिया डॉलर में बेचता है.., १० रूपये का प्याज .., किसानों के पसीने को ब्याज सहित वसूल कर.., सूखे की योजना में  सत्ताखोरों-माफिया के गठबंधन से राहत के नाम से किसानों को १००  रूपये में १० रूपये भी नहीं मिलते हैं..,
२. सूखा हो या बरसात .., माफियाओं की सौगात..., अकाल में तो,माफियाओं के गाल,लाल हो जाते हैं .., किसानों के मवेशी कौड़ियों के दाम खरीद कर.., भूमि अधिग्रहण कर देश में ग्रहण लग रहा है.. और बाढ़ की आड़ में धन का झाड लग  जाता है..,
३.   आश्चर्य है कि आज  देश में किसानों की औसत आय २३०० रूपये मासिक है.., जबकि चपरासी के शुरू का वेतन १६००० रूपये मासिक .., अभी हाल ही में ३५० पदों की भर्ती में साढ़े तीन लाख से अधिक साक्षरतम लोगों की इस पद को पाने की हौड़ में दौड़ रहें हैं
४.   दोस्तों किसान तो माटी को माँ मानकर प्रेम करता, माँ के आँचल (माटी) को सूंघकर अगली फसल का भान लगा लेता है .., इनके पुरूषार्थ को.., नपुंशक नेताओं में सत्ता की खुमारी की बीमारी से ही भारतमाता घायल है  
५.    सत्ता परिवर्तन को आजादी का झांसा  देकर.., हमारी कृषी व्यवस्था को विदेशी भाषा,हाथ,साथ  विचार से किसानों के बैलों में विदेशी खून डालकर, किसानों की  श्रमिक शक्ती का गला घोंट दिया .., आराम हराम के नारों से सत्ताखोरों ने किसान व जवान का जीवन हराम कर दिया था..
६.   पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने मात्र १८ महीनों में जवान –किसान को उन्नत कर, एक जज्बा फूका था.., उनकी ह्त्या से देश के राष्ट्रवाद की ह्त्या हो गई...
७.    काश १९४७ में सत्ताखोरों ने देश की नदियों को जोड़ने की महान इंजीनियर डॉ. के.एल.राव की यह योजना मान  ली होती.., उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरु के सामने गंगा-कावेरी को आपस में जोड़ने की योजना का प्रारूप पेश किया था. और नेहरू को समझाया था देश में नए राष्ट्रवादी खून का संचार है .., नहरो के लिए हर किसान अपनी भूमिदान के साथ श्रमदान भी देगा.., नेहरूं ने इस योजना में धन न होने के बहाने से इसे खारिज कर दिया और देश की झूठी शान दर्शाने के लिए दिल्ली में “५ सितारा अशोका होटल” का निर्माण में धन खर्च किया
८.    डॉ. राव ने इस परियोजना के विभिन्न पक्षों पर विस्तृत रूप से एक संवाददाता सम्मलेन दिल्ली में बुलाया था. तब इस देश में कांग्रेस का एक छत्र राज था. इस परियोजना का विरोध विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने किया. संभवतः इसका कारण  था कि वे बाढ़ एवं अकाल सहायता योजनाओं से होने वाली अवैध मोती कमाई से हाथ धोना नहीं चाहते थे.नेहरू भी उनकी बैटन में आ गए और उन्होंने इस योजना को अव्यावहारिक बताकर इसे खटाई में डाल दिया. डॉ. राव इससे अत्यंत व्यथित हुए एवं एक संवाददाता सम्मलेन में तो वे वास्तव में रो पड़े.
९.   गत ६९  वर्षों से भी अधिक अवधि से इस राष्ट्रहित की योजना को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल रखा था. संभवतः इसका कारण यह था कि देश में हर वर्ष बाढ़ एवं सूखे की राहत के नाम पर जो दस  हज़ार करोड़ से भी अधिक धनराशि बांटी जाती है उसमें से ८० प्रतिशत भ्रष्ट नेता और अधिकारी पचा जाते हैं. इसलिए वे भला क्यों चाहेंगे कि देश की नदियों को जोड़ने की योजना को कार्यान्वित किया जाये क्योंकि यदि ऐसा होता है अकाल और बाढ़ का भारत से सदा के लिए नामोंनिशान मिट जायेगा. इससे उनकी खरबों रुपये की अवैध कमाई बंद हो जाएगी. इसके साथ ही यह उल्लेख करना भी आवश्यक है कि यदि राष्ट्रहित की यह योजना पूर्ण हो जाती है तो भारत विश्व की सबसे समृद्ध शक्ति के रूप में उभरेगा.

Sunday 20 September 2015

क्या मोदी सरकार.., आज मन की बात से.., देश को संबोधित कर..., नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के गुमनामी व लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या के रहस्य व लाखों क्रांतीकारियों का अतुल्य इतिहास जनता के सामने लायेंगें..., या इनका इतिहास गोपनीय कह कर विदेशी ताकतों का हवाला देकर.., पिछली सरकारों का अनुसरण करेंगें..

क्या मोदी सरकार.., आज मन की बात से.., देश को संबोधित कर..., नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के गुमनामी व लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या के रहस्य व लाखों क्रांतीकारियों का अतुल्य इतिहास जनता के सामने लायेंगें..., या इनका इतिहास गोपनीय कह कर विदेशी ताकतों का हवाला देकर.., पिछली सरकारों का अनुसरण करेंगें..
क्या सुभाषचन्द्र बोस के गुमनामी के खुलासा होने पर देश के दिग्गजों से भारत रत्नवापस लेकर व लाखों सडकों , संस्थानों के रखे नाम को रद्द कर, देश का गौरवशाली इतिहास के दर्शन से राष्ट्रवादका जज्बा फूकेंगे ..
पिछले ८ सालों से ममता बनर्जी का,सत्ता के खेल का साम्प्रयदायिकता का बारूद आपने (नरेन्द्र मोदी) ख़त्म कर दिया है .., अब तुरुप का हुकम के पत्ते से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की गुमनामी / ह्त्या के राज का बम.. फेकर .., आपको चोटिल कर, एक नए हुकुम से सत्ता को मजबूत कर रही है.
खेल भले कुछ भी हो ममता के ६४ फाइलों के साथ यदि केंद्र के १३० फाईलों व लाल बहादुर शास्त्री की ह्त्या में विदेशी व देशी हाथों के दस्तों की दास्तान.., यदि आम नागरिक को जानकारी मिले तो, देशी विदेशी हाथों से हमारे शोषण की सच्चाई से हम पर विदेशी बादलों की ६९ सालों की परछाई के अंधकार में ,”राष्ट्रवाद के पथसे मुक्ती का मार्ग मिलेगा.., व देश सुजलाम सुफलाम से भारतमाता भव्यतम से देश गौरवशाली से चन्द दिनों में विश्व गुरू बनेगा
१. एक तो नेताजी सुभाषचंद्र बोस के आजाद हिंद फौज का सोना चोरी .., ऊपर से भारतरत्न से अपने को महामंडित कर सीना जोरी ..., आज इतिहास में अपने अय्याशी, सत्य के प्रयोग से आजादी की एक झूंठे महिमा से चाचा , महात्मा के कर्मों को, आज तक देश की पीढी को बताया गया कि आजादी बिना खडग ढाल के मिली है..., एक झूठे नारे से राष्ट्रवादकी खाल निकाल कर, आज तक देश को गरीबी, भूखमरी व विदेशी हाथों द्वारा देशवाशियों को लहूलुहान कर दिया है..., आज इन पुतलों की आड़ में शहर से देश लाखों संस्थान अपने नाम कर, आज तक, देशवासियों को आजादी के भ्रम में रखा गया है...
२. नेताजीसुभाषचंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज के लिए जो 100 किलो सोना और कैश जुटाया था, उसे उनके लापता होने के बाद लूट लिया गया था. तत्कालीन नेहरू सरकार को भी इसकी जानकारी थी. लेकिन उसका पता लगाने की कोशिश नहीं की गई. बल्कि उनके घर की जासूसी कर.., अपनी सत्ता को और मजबूत बनाया
एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसके मुताबिक सरकार नहीं चाहती थी कि इस जांच के बहाने नेताजी और आजाद हिंद फौज की यादें ताजा हों. इसके बाद कांग्रेस फिर निशाने पर गई है.
रिपोर्ट आने के बाद नेताजी के परिवार ने मामले की जांच की मांग की है। उनका कहना है, ‘देशवासियों ने आजादी के लिए अपने जेवर और कैश दान किए थे. यह देश की संपत्ति थी और इसकी जांच होनी चाहिए कि इसे किसने लूटा।उधर, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘यह उस वक्त की बात है, जब विश्व युद्ध चल रहा था। ऐसे में खजाने को सुरक्षित रखना या उसके चोरी होने पर सबूत जुटाना आसान काम नहीं था।
३. वीर सावरकर के चेले. शहीद भगतसिंग ने तो अपनी जवानी देश के लिए कुर्बान कर दी.., लेकिन क्रांती के महायोद्धा ने अपने पूरी जवानी..., भारत माता की बेड़ियां को तोड़ने में खपा दी..,
४. सत्ता परिवर्तन के बाद वीर सावरकरका वर्चस्व ख़त्म करने के लिए, नथूराम ह्त्या का आरोप लगाकर वीर सावेकर को लाल किला में कैदकर सावरकर को ताबूत में आख़री किल ठोकने का प्रयास किया.., उसमें भी सफलता के बजाय जजकी लताड़ मिली.
५. नेहरु ने लियाकत समझौता का नाटक खेला , जब विभाजन के समय कांग्रेस सरकार ने बार बार आश्वासन दिया था कि वह पाकिस्तान में पीछे रह जाने वाले हिंदुओं के मानव अधिकारों के रक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी परन्तु वह अपने इस गंभीर वचनबद्धता को नहीं निभा पाई. तानाशाह नेहरु ने पूर्वी पकिस्तान के हिंदुओं और बौद्धों का भाग्य निर्माण निर्णय, अप्रैल ८ १९५० को नेहरु लियाकत समझौते के द्वारा कर दिया उसके अनुसार को बंगाली हिंदू शरणार्थी धर्मांध मुसलमानों के क्रूर अत्याचारों से बचने के लिए भारत में भाग कर आये थे, बलात वापिस पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली मुसलमान कसाई हत्यारों के पंजो में सौप दिए गए
.
६. लियाकत अली के तुष्टिकरण के विरोध कने के लिए लिए वीर सावरकर गिरफ्तार कर लिया, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को पंडित नेहरु द्वारा दिल्ली आमंत्रित किया गया तो छद्म धर्मनिरपेक्षतावादी कृतघ्न हिन्दुस्थान सरकार ने नेहरु के सिंहासन के तले ,स्वातंत्र वीर सावरकर को ४ अप्रैल १९५० के दिन सुरक्षात्मक नजरबंदी क़ानून के अन्दर गिरफ्तार कर लिया और बेलगाँव जिला कारावास में कैद कर दिया.पंडित नेहरु की जिन्होंने यह कुकृत्य लियाकत अली खान की मक्खनबाजी के लिए किया, लगभग समस्त भारतीय समाचार पत्रो ने इसकी तीव्र निंदा की. लेकिन नेहरू के कांग्रेसी अंध भक्तों ने कोई प्रतिक्रया नहीं की
७. १९५४ में वीर सावरकरने खुले आम चेतावनी दी कि चीन हमसे युद्ध करेगा.., और हमारी सेनाओ को मजबूत बनाओ.., लेकिन जवाहरलाल नेहेरू ने युद्ध कारखानों में हथियार बनाने के बजाय.., चूड़ी बनाने का उद्योग शुरू किया.., भारतमाता का अंग भंग करने से पहिले ही आराम हरामके सत्ता की भांग के नारे से भारत रत्नका स्वाधिकार प्राप्त कर लिया..
८. वीर सावरकर की भविश्यवाणी सत्य होने पर, चीन से युद्ध में मिली हार से नेहरू बौखालागाए थे और वीर सावरकरको अपने आवास में कैद कर..., उनकी चिट्ठीयों की जांच की जाती थी कि कही एक सुराग बनाकर, इस युद्ध का दोष वीर सावरकर पर मढ़ दिया जाए...., इसमें भी नेहरू को सफलता नहीं मिली ..
९.. नेहरू ने गांधी की पाकिस्तान को ५५ करोड़ रूपये के उपहार की गंदी राजनीति से भी आगे बढ़कर , गांधी को महात्मा व बापू बनाकर , अपनी १.शांति,२ पंचशील, ३. अनाक्रमण ४. निष्पक्षता की भ्रामिक नीति...., ५. हिन्दुओ का धर्मान्तरण, ६.तुष्टीकरण ७. विदेशी भाषा के शतरंगी चाल के शतरंज को बनाया सत्ता के ढाल से हिन्दुस्थान के रंज का सप्तरंगी इन्द्रधनुष के निशाने, से देश के काश्मीर के टुकडे व चीन को दिया उपहार से हुआ, भारत रत्न का सत्कार
१० . एक विडबन्ना , जो बांग्लादेश के तीन-बीघासमर्पण कर दिया, जब
१९५८ के नेहरु-नून पैक्ट (समझौते) के अनुसार अंगारपोटा और दाहग्राम क्षेत्र का १७ वर्ग मिल क्षेत्रफल जो चारो ओर से भारत से घिरा था ,हिन्दुस्थान को दिया जाने वाला था .हिन्दुस्थान की कांग्रेसी सरकार ने उस समय क्षेत्र की मांग करने के स्थान पर १९५२ में अंगारपोटा तथा दाहग्राम के शासन प्रबंध और नियंत्रण के लिए बांग्लादेश को ३ बीघा क्षेत्र ९९९ वर्ष के पट्टे पर दे दिया.

११ . लेकिन, अब तो वोट बैंक के तुष्टीकरण की भी कांग्रेस ने सभी हदें पार कर दी , जब केरल में लघु पाकिस्तान, मुस्लिम लीग की मांग पर केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने तीन जिलो, त्रिचूर पालघाट और कालीकट को कांट छांट कर एक नया मुस्लिम बहुल जिला मालापुरम बना दिया .इस प्रकार केरल में एक लघु पाकिस्तान बन गया. केंद्रीय सरकार ने केरल सरकार के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाया..
दोस्तों..., अब अपनी राय बताए..., क्या देश का असली देशद्रोही कौन था...क्रांतीकारी या सत्ता के अय्यासकार.., जिन्होंने देश के शिल्पकार कह.., देश की नीव व शिल्प को तोड़ने का कार्य किया है.

Saturday 19 September 2015

चेतो मोदी सरकार.., वीर-वीर ही नहीं परमवीर विनायक सावरकर ने अंग्रेजों के इतिहास का झूठा पुलिंदा ढहाकर..,सप्रमाण सहित, देश का “गौरवशाली इतिहास” लिखकर अंग्रेजों के होश उड़ा दिए थे ..


चेतो मोदी सरकार.., वीर-वीर ही नहीं परमवीर विनायक सावरकर ने अंग्रेजों के  इतिहास का झूठा पुलिंदा  ढहाकर..,सप्रमाण सहित,  देश का “गौरवशाली इतिहास” लिखकर अंग्रेजों के होश उड़ा दिए  थे ..,
देश का “गौरवशाली इतिहास” जानकार ही जनता व देश के अच्छे दिन आयेंगे.

यह वीर सावरकर की ही देन  थी कि देश में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, सरदार भगतसिंग , चंद्रशेखर तिवारी उर्फ़ आजाद जैसे करोड़ों क्रांतीकारियों का जन्म हुआ ...,  व लाल बहादुर शास्त्री भी वीर सावरकर की प्रेरणा से ही  पकिस्तान से युद्ध जीता था .

मोदीजी..., अब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस व लाल बहादुर प्रधानमन्त्री की फाईले सार्वजनिक करने से इनकार क्यों..,

सुभाष चन्द्र बोस के वंशजों के परिवार को १४ अक्टूबर २०१४ में दिल्ली बुलाकर.., आश्वासन देकर.., अब इनकार क्यों...!!!!!

१.      आपकी वर्तमान सरकार में कांग्रेस सरकार की तरह सम्मान सूची से, वीर सावरकर का नाम, आपके सत्ता के नारदों ने  नदारद कर दिया है.

२.     सावरकर के जीते-जी, किसी में भी, इस इतिहास का  खंडन करने की अवकाद  न थी.., उनकी इच्छा मृत्यू  की मौत के बाद..., देश की धरती में विदेशी खाद व पानी से , कुकुरमुत्ते की तरह इतिहासकार पैदा होकर, विदेशीयों की स्तुती से मीडिया-माफिया-सत्ताखोरों के गठबंधन से अफीमी नारों से जनता को सुलाकर..,दिन के लूटेरे बनकर मालामाल होकर, जीते जी गले तो गले में  माला डालकर व मरने के बाद, अपने पुछल्लो को अपना अनुयायी बना के,  अपने पुतले बनवाकर,अपने नाम से सड़के का नामकरण करवा कर, देश को सड़ाकर  आज देश के लाखों सडकों पर माला पहनकर .., अपने को देश का मसीहा कह रहें है.

३.    आजादी के मसीहा कहकर, छद्म पुतलों व सडकों के नाम देखकर.., देश को चौपटनगरीकर, अंधे राजाओं को देखकर , आज भी भारतमाता आहभर.., कराह कर, कह रही है.., ६८ सालों बाद भी..!!!, मेरे १२५ करोड़ बेटों को किस तरह, विदेशी हाथ- विदेशी साथ विदेशी विचार- विदेशी संस्कार , जाति, भाषा व धर्मपरिवर्तन से आपस में, लड़ाकर..., कैसे मेरे कटे अंगो के घाव सहित , पुन: मुझे विदेशी जंजीरों से बांधने का प्रयास किया जा रहा है..

४.    देश का “गौरवशाली इतिहास” से युवा पीढी को रूबरू कर..,विदेशी हाथों से, देश की आबरू लूटने से बचाओं..,

५.    हमें पढ़ाया जा रहा है कि हम बुजदिल कौम थे.., हमारे आक्रकांताओ ने ही देश की आकृति बनाई है..., सत्ता परिवर्तन को आजादी के झांसे से विदेशी भाषा को विकास का हथियार बनाकर, देशवासियों के हाथ काटकर, पंगु बनाकर, विदेशी कटोरे के कर्ज से देश को डूबाया जा रहा है .
६.     अहिंसा के झांसे से देश में साम्प्रयवाद.., सभी  सत्ताखोरों के इस “सम –प्रिय- वाद”  के नारों से वोट बैंक के खेल से, विदेशी कर्ज से देश को डूबा दिया ..

७.    आज भी..,  देश को विदेशी धन की जरूरत नहीं है..,कहते हैं बच्चा पड़ोस में ढिंढोरा शहर में.., लकिन देश में काले धन का माफिया नोटों के पुलिंदों के गद्दे में सोया है.., और आपने तो, ढिंढोरा विदेश में पीट कर उन्हें जगा दिया है.., और उन्होंने अपने काले धन का निकास कर, अपने विकास की नई सीढ़ी  का निर्माण कर एक नई सिद्धी प्राप्त कर ली है

८.     ताजा खबर के अनुसार देश में.., उद्योगपतियों से 22 लाख करोड़ का आयकर, 30 लाख करोड़ का बैंकों का डूबा  कर्ज, २० लाख करोड़ का खाद्यान बाजार की दलाली व 100 लाख करोड़ से ज्यादा नेताओं व भू-माफियाओं का काला धन छुपा है..., यदि इस धन की वसूली की जाया तो रूपये की ताकत 100 गुना बढ़कर हमारा १ रूपये की की कीमत 70 डॉलर से ज्यादा होगी..

९.     सत्ता परिवर्तन के बाद ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया है. 

१०.                   पिछले ८ सालों से ममता  बनर्जी का,सत्ता के खेल का  साम्प्रयदायिकता का बारूद आपने (नरेन्द्र मोदी) ख़त्म कर दिया है .., अब तुरुप का हुकम के पत्ते से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की गुमनामी / ह्त्या के राज का बम.. फेकर .., आपको चोटिल कर, एक नए हुकुम से सत्ता को मजबूत कर रही है.

११.                    खेल भले कुछ भी हो ममता के ६४  फाइलों के साथ यदि केंद्र के १३० फाईलों व लाल बहादुर शास्त्री की ह्त्या में विदेशी व देशी हाथों के दस्तों की दास्तान.., यदि आम  नागरिक को जानकारी मिले तो, देशी –विदेशी हाथों से हमारे शोषण की सच्चाई से हम पर विदेशी बादलों की ६९ सालों की परछाई के अंधकार में ,”राष्ट्रवाद के पथ” से  मुक्ती का मार्ग मिलेगा.., व देश सुजलाम सुफलाम से भारतमाता भव्यतम से देश गौरवशाली से  चन्द दिनों में “विश्व गुरू “ बनेगा

मेरा साम्प्रयदायिकता का बारूद हो गया ख़तम.., अब फेकती हूं सुभाष चन्द्र बोस की गुमनामी / ह्त्या के राज का बम..

मैं सुभाष चन्द्र बोस की गुमनामी व लाल बहादुर शास्त्री की ह्त्या का रहस्य.., विदेशी सरकारों से रिश्ते ख़राब होने से इसे परदे के पीछे रखकर.., पिछली सरकारों की तरह पर्दाफास नहीं करूंगा .

चेतो मोदी जी, मेरी ह्त्या का राज खोलो..., देश विदेशी खून से नहीं, मेरे कार्यकाल में जवानों के ५६ इंच के सीने से  नहीं, ६५ इंच के दिल में स्वदेशी खून से ही जय जवान –जय किसान के शान की  मुट्ठी बल से ही देश विश्व गुरू बनेगा.

बेटा भारत निर्माण से हमारे व इटली के परिवार का  धन से  निर्माण हो गया..., आओ अब ऐश करें.


विदेशी बहू.., मेरे आराम हराम है के नारे से अय्याशी की पोल खुलने वाली है.., मेरी लाज बचाओ 

Thursday 17 September 2015

क्या मोदी सरकार.., अपने जन्म दिन पर “काले धन को राष्ट्रीय संपत्ती” की चुनावी घोषणा के “श्रीगणेश का शंखनाद” को चरितार्थ कर, कर्ज से, डूबते देश को बचाएंगे


जय गणेश देवा , गणेशजी, आपकी शंख ध्वनी से, देशवासियों मे राष्ट्रवाद का मंत्र फूंको... देश के जवान, किसान व विज्ञान , रोज... एक सफलता की , उचाई पर, पहूंच कर... मेरा देश, सुजलाम, सुफलाम से , विश्व का सिरमौर बने...

जाने लाल बहादुर शास्त्री व नरेन्द्र मोदी के  चुनौतीया में लाल बहादुर शास्त्री के एकमेव राष्ट्रवादी बल से देश मात्र “१५ महीनों” में ही हिन्दुस्तान विश्व के मानचित्र में एक बलशाली देश के रूप में उभरा ..,
किसानों के “हल” ने विश्व के ट्रैक्टरों को मात दे दी व जवानों के द्वितीय विश्व युद्ध के लुंज-पुंज हथियारों ने विश्व के पाकिस्तानी हथियारों को धवस्त कर दिया
  
१.  जब जवाहरलाल नेहेरू की गुप्त रहस्यमय बीमारी के मौत के बाद, लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारी में चुना गया तो कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता के सामने उनका कद बौना था .., इसका मुख्य उद्देश्य उन्हें रिमोट कंट्रोल व कठपुतला से शासन चलाना था..,देश में भीषण चुनौती थी जिसे पार करने की  किसी भी नेता के बूते की बात नहीं थी.., लाल बहादुर शास्त्री की छवि इस्तीफा  देने की थी और  वे चुनौती पार  न करने पर,इस्तीफा देने पर  उनके पद को आसानी से भविष्य में अन्य दिग्गज नेता होड़ में थी .

२.  देश का जवान चीन के हाथों  हार के बाद निराश था किसान हताश होने के कगार पर था, देश की जनता तिनके की तरह बिखरी थी .., अमेरिका से जो गेहूं सूअर नहीं खाते थे वह सड़ा गेहूं, नेहरू के समझौते से   हिन्दुस्तानियों को खिलाया जा रहा था.., देश की आर्थिक बिगड़ी स्थिती देखकर , पाकिस्तान ने अमरीका से आधुनिक पेटंट टैंक खरीद कर हिन्दुस्तान के टुकड़े करने को बेताब था.

३.    तब शास्त्री ने अमेरिका का  PL 48 (PUBLIC LAW} स्कीम के अंडर का गेंहूं बंद करवा दिया कुछ दिन बाद अमेरिका का बयान  आया कि अगर भारत को हमने गेंहू देना बंद कर दिया ! तो भारत के लोग भूखे मर जाएँगे !!, तब शास्त्री ने कहा...,  “हमे भूखे मारना पसंद होगा बेशर्ते तुम्हारे देश का सड़ा हुआ गेंहू खाके !! एक तो हम पैसे भी पूरे दे ऊपर से सड़ा हुआ गेहूं खाये ! नहीं चाहीये तुम्हारा गेंहू !!”

४.   दुश्मन देश पाकिस्तान ने अयूब खान ने ४ फीट की काया व बच्चे जैसे आवाज व  दिखानेवाले लाल बहादुर शास्त्री के बारे में कहा यह ४ फुट का आदमी क्या पकिस्तान से युध्हा युद्ध जीतेगा तब शास्त्री ने जवाब  दिया जितना  मैं जमीन में ऊंचा हूं ,उससे कई  गुना जमीन के नीचे  गहरा हूं

५.  कांग्रेस के  बार-बार सांसद संसद में लाल बहादुर शास्त्री के विचारों का विरोध कर विदेशी कर्ज से देश को उन्नत करने का समर्थन करते रहे..,अपनी पार्टी के सांसदों को लताड़ते हुए शास्त्री ने कहा अभी हम २०० सालों की विदेशी बेड़ियों से मुक्त हुए हैं क्या अब उसी गुलामी को आमंत्रण देना उचित है..

६.  देश के सांसद मजबूर होकर मजदूर हो गए थे.., उद्योगपति का रूतबा ख़त्म हो चुका था.., लाल बहादुर शास्त्री को विश्वास था कि देश की पूंजी, देश के जवान व किसान हैं.., 55 करोड़ देशवासियों के स्वदेशी विचार व मुट्ठी बल से ही देश आगे बढेगा.., और देशवासियों का जज्बा बड़ा कर, उन्होंने  सत्ता जनता के हाथ में दे दी थी..

७.  जय जवान-जय किसान के नारे से देश में एक ऊर्जा भरकर.., हमने द्वितीय विश्वयुद्ध के टैंकों व हथियारों से दुश्मन के आधुनिक हत्यारों को ध्वस्त कर दुनिया को अचंभित कर दिया
८.  हरित क्रांती के  साथ श्वेत क्रांती से देश खाद्यान भण्डार के साथ बिचौलियों की भूमिका ख़त्म कर विदेशी कंपनियों के द्वार बंद कर दिए गए ...

९.  देश का काला धन के माफियाओं की जनता की निगरानी से सफाया हो गया था ...

१०.                   सिर्फ और सिर्फ १८ महीने का कार्यकाल देश विश्व गुरू बन जाता.., यदि शास्त्री १८ महीने और जीवित रहते .., काश.., विदेशी माफियाओं के देशी सत्ताखोरों के हाथों उनकी मौत न होती .., मोदी सरकार भी इस ह्त्या का राज खोलने से कतरा रही हैं .., कि  कही विश्व के देश हमारे कटोरे में धन डालने से कतराने लगे.
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११.                   देश की १२५ करोड़ जनता अच्छे दिनों की आस से MAKE IN INDIA के इन्तजार से अब भ्रमित है..

१२.                   ताजा खबर के अनुसार उद्योगपतियों से 22 लाख करोड़ का आयकर, 30 लाख करोड़ का बैंकों का डूबा  कर्ज, २० लाख करोड़ का खाद्यान बाजार की दलाली व 100 लाख करोड़ से ज्यादा नेताओं व भू-माफियाओं का काला धन छुपा है..., यदि इस धन की वसूली की जाया तो रूपये की ताकत 100 गुना बढ़कर हमारा १ रूपये की की कीमत 70 डॉलर से ज्यादा होगी..  

क्या मोदी सरकार.., अपने जन्म दिन पर काले धन को राष्ट्रीय संपत्ती की चुनावी घोषणा के श्रीगणेश का शंखनाद को चरितार्थ कर, कर्ज से, डूबते देश को बचाएंगे 

Wednesday 16 September 2015

इस लोकतंत्र में आप और हम वोट बैंक के मोहरे हैं.., ५साल के रोते हुए चेहरे हैं.. राममनोहर लोहिया ने सही कहा था ..., जिंदा कौमे ५ साल का इन्तजार नहीं करती है.



1. बिहार में ६९ सालों से जातिवाद की बहार है.., घोटालों की बयार है.., अफीमी नारों के आस से विकास का निकाश.., नीतीश की जातिवाद की कोशिश से अब भी बिहार कोशों मील दूर है..,
2. लालू जैसे लाल से लाखों नेता अपने को माई का लाल कहकर, भ्रष्टाचार के कटार से वोट बैंक के इंक (INK) से गरीबों के हाथ बदरंग है.., यही सत्ता का रंग है .., बिहार के साथ, देश में जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद, अलगाववाद से तिरंगा बदरंग है.
3. जहां.., बिहार में. शिक्षा से तक्षशिला की शीला से देश, विश्वगुरू कहलाता था.., आज जातिवाद की विष शीला से बिहार..,बीमार प्रदेश बन गया है.
4. अफीमी नारों व विदेश के कर्ज की हवा से तिरगा फड़फड़ाकर विकासके नाम से जनता को भरमाया जा रहा है..
5. अब मोदी के अच्छे दिनोंके द्वन्द का एक नए रंग से.., आपस में सीटों की लड़ाई है.., राजनीती दबंगता से जनता दबते जा रही है ...,
6. अब यह चुनावी तलवार से सत्ता के म्यानों की लड़ाई है..
7. महंगाई के भार से, जवानों के जवानी के कंधे थकते जा रहें हैं .., माफिया, इस गोरखधंधे से चंगे होते जा रहें है.., इनकी ५ साल के बच्चे राणा सांगा की औलादे लगती है .., और गरीब का पांच साल का बच्चा ५० साल का लगता है...
8. दिवंगत महान व्यंगकार लेखक श्री हरीशंकर परसाई के १० हजार से अधिक राजनितिक लेख आज भी जीवंत हैं. १९६० के दशक में.., उन्होंने बिहार के बारे में लिखा था, श्रीकृष्ण भगवान् मुझे मिले थे. उन्होंने, कहा मैं बिहार में चुनाव लडूंगा और लोगो को कहूँगा में श्रीकृष्ण भगवान् हूं , मैं आसानी से जीत जाऊंगा .., तब मैंने उनसे कहा आप जब तक यह नहीं कहोगे मैं श्रीकृष्ण यादवहूँ , तब तक आप चुनाव नहीं जीत सकोगे. भगवान् और मेरी शर्त लगी भगवान् श्री कृष्णा के विरोध में यादव नाम का उम्मीदवार खड़ा था और वह जीत गया और भगवान् श्री कृष्ण हार गए
9. जयप्रकाश नारायण ने तो कहा था, देश में सबसे अधिक खनिज होने के बावजूद बिहार गरीब क्यों.???, इस जीत का रहस्य तो..., खनिज से ज्यादा बिहार में नेताओं के लिए जातिवाद,धर्मवाद के उत्प्रेरक खनिज से.., बिहार भ्रष्टाचार के बहार से गाय भैसों व अन्य जानवरों के चारे से, मुस्लिम यादव के भाई- चारे नारे के आड़ में, २५ सालों तक चारे को डकारकर , प्रदेश के गरीबों को बहाकर.., एकछत्र राज्य करते रहे...,
10. दोस्तों.., देश का सबसे बड़ा जहर अशिक्षाहै.., जिसकी वजह से जनता गरीब होते जा रही है.., खोखले वादों के अफीमी नारों का शिकार हो जाती है.., और वोट बैंक की राजनीती करने वाले अपने को देश का मसीहा कहकर काले धन से अमीरतम बनकर अपने को अप्रतिम कहकर सत्ता को जातिवाद, भाषावाद,धर्मवाद व घुसपैठीयों के कोड़े से जनता को पीटकर,अधमरा कर, महंगाई बढ़ा कर कर्ज के गर्त से देश को डूबा रहें है.
11. इस लोकतंत्र में आप और हम वोट बैंक के मोहरे हैं.., ५साल के रोते हुए चेहरे हैं.. राममनोहर लोहिया ने सही कहा था ..., जिंदा कौमे ५ साल का इन्तजार नहीं करती है.