Saturday 29 August 2015

विश्व चाहता है कि कैसे हम इन हिंदुस्थानी धागों को तोड़कर , टूटे धागों की गाँठ बांधकर, हम नए गुलामों की जमात बनाकर..., एक मजबूत रस्सी से बाँध कर रखें...,



१. हिंदुत्व ही बंधुत्व है, पूरा विश्व ही हिन्दू का तत्व है..., अब आरक्षण की तलवार, एक नई धार से, नेताओं के वोट बैंक की दांत की चमक के पैने पन की तस्वीर से, आज देश ऊंचाई को छूने की बजाय बौनाहोते जा रहा है..,
२. आजादी के मसीहा कहकर, छद्म पुतलों व सडकों के नाम देखकर.., देश को चौपटनगरीकर, अंधे राजाओं को देखकर , आज भी भारतमाता आहभर.., कराह कर, कह रही है.., ६८ सालों बाद भी..!!!, मेरे १२५ करोड़ बेटों को किस तरह, विदेशी हाथ- विदेशी साथ विदेशी विचार- विदेशी संस्कार , जाति, भाषा व धर्मपरिवर्तन से आपस में, लड़ाकर..., कैसे मेरे कटे अंगो के घाव सहित , पुन: मुझे विदेशी जंजीरों से बांधने का प्रयास किया जा रहा है.
३. कहां गए...!!!!!, मेरे वीर सपूत विनायक सावरकर, भगत सिंग ,राजगुरू, आजाद, सुभाष चन्द्र,रानी लक्ष्मीबाई पुत्री व अन्य लाखों क्रांतीकारी जिनके विचारों को ताबूत में बंद कर दिया.., क्या आज की गुलामों की शिक्षा से, अब अब्दुल कलाम जैसे राष्ट्रवादी प्रतिभाओ का जन्म होगा...
४. वासुधैव कुटुम्बकम के इस धागे में, धर्म परिवर्तन, जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद व घुसपैठीयों के वोट बैंक के विभिन्न रंगों के लेप से इस हिन्दुस्थानी धागे को तोड़कर , बहुत सारे खंडित धागे बनाने के लिए विदेशी आक्रमणकारीयों..., के बाद विश्व के देशों व अब तो देशी मीडिया भी इस गलिछ्ता से गलीचे वाला जीवन जी कर हिंदुत्व के ठेकेदार से स्टार चैनलसे विदेशी संस्कृति से देश को विकृतकर दलाल बन कर देश को हलाल कर रहें है..,
५. विश्व चाहता है कि कैसे हम इन हिंदुस्थानी धागों को तोड़कर , टूटे धागों की गाँठ बांधकर, हम नए गुलामों की जमात बनाकर..., एक मजबूत रस्सी से बाँध कर रखें...,
6. हिंदुत्व तो ..., मातृत्व-माता (वन्देमातरम),/ पितृत्व-पिता (राष्ट्रवाद),/गुरुतत्व-गुरू (वैदिक वैज्ञानिक ज्ञान से गुरू है) व वासुधैव कुटुम्बकम (भाई-बहन चारा ) के असंख्य धागों का योग है... 
हम प्रतिज्ञा ले.. इस राष्ट्रवादी धागे को और मजबूत बनाएं...
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..,

Friday 28 August 2015

सीमा पार दुश्मनों की ललकार, देश में आरक्षण की तलवार, से अब सेना, सीमा से हटकर, देश के भीतरी दुश्मनों से लड़ने को मजबूर है.., अब लोक सभा बनी हुडदंगी लोगों की भ्रष्टाचार की गंगा , जातिवाद भाषावाद, व अफीमी नारों से बेहोश हिन्दुस्तानी, अभी भी भूखा नंगा ..



दोस्तों.., सीमा पार दुश्मनों की ललकार, देश में आरक्षण की तलवार, से अब सेना, सीमा से हटकर, देश के भीतरी दुश्मनों से लड़ने को मजबूर है.., अब लोक सभा बनी हुडदंगी लोगों की भ्रष्टाचार की गंगा , जातिवाद भाषावाद, व अफीमी नारों से बेहोश हिन्दुस्तानी, अभी भी भूखा नंगा ..
आरक्षण को जड़ से उठा के फेक देना चाहिये मेरे हिन्द देश से..,”आरक्षण हटाओं , डूबते देश को बचाओं..,”

सत्ता बनी देश की अर्थी.., धन्य हो कैलाश (शर्मा ) सत्यार्थी.., आज के 80 हजार से अधिक गरीबों की जीती उमंग को कल की अर्थी के ताबूत बनने से पहिले.., आपने साबूत से इन्हें देश के सपूत बनाकर..,एक मशाल जलाई .., ऐक ऐसे शिक्षा के वृक्ष के तले, जिसकी छाँव में, हर गरीब, बिना “आरक्षण” जाति धर्म के भेदभाव से पले फूले..


सत्ता बनी देश की अर्थी.., धन्य हो कैलाश (शर्मा ) सत्यार्थी.., आज के 80 हजार से अधिक  गरीबों की जीती उमंग  को कल की अर्थी  के  ताबूत बनने से पहिले..,   आपने साबूत से इन्हें  देश के सपूत बनाकर..,एक मशाल जलाई .., ऐक ऐसे शिक्षा के वृक्ष के तले, जिसकी छाँव में, हर गरीब, बिना “आरक्षण”  जाति धर्म के भेदभाव से पले फूले..

मलाला.., तुमने तो आतंकवादियों को मसल डाला .., एक लडकी जो खोल दे ... इस्लामिक जगत के कट्टर पंथियो की आँखो की पट्टी ... जब हो अन्याय से लडने का जज्बा , तब गोली भी सलाम करती है... जय..जय.. मलाला.... तुम्ही ... तुम तो हो..... लडकियो की ममता की माला हो ... एक मिसाल , बेमिसाल,, कभी न बुझने वाली मसाल हो.. सभी बखान फीके है....
शिक्षा, ज्ञान है... आँखो के साथ, देश की भी शान है...
  
१.  दोस्तों.., सीमा पार दुश्मनों की ललकार, देश में आरक्षण की तलवार, से अब सेना, सीमा से हटकर, देश के भीतरी दुश्मनों से लड़ने  को मजबूर है.., अब लोक सभा बनी हुडदंगी लोगों की भ्रष्टाचार की गंगा , जातिवाद  भाषावाद, व अफीमी नारों से बेहोश हिन्दुस्तानी अभी भी भूखा नंगा ..
 
२.  वोट बैंक की बयार है.., आम  हिन्दुस्तानीयों  के मुद्दे गायब हैं.., सत्ताखोरों के पेट्रोल के PET – ROLE से महंगाई के DISEL से आम  आदमी का दिल जल रहा है.., प्याज से, गरीबों के आंसू से, माफिया अपनी प्यास बुझा रहा है ..
३.    इस आरक्षण के लौ में देश की प्रतिभावान पतंगे की मौत से, सत्ताखोरों के जीवन एक नयी बयार  की पतंगों में ऊंची उड़ान से बहार  है ..,
४.    राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है. विदेशी रूपये पर ६७ हथौड़ा मारकर देशवासियों को लहूलुहान कर रहा है
५.    गरीबों की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से मरहूम हो जाते हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर रहा है.
६.    ६९ सालों में शिक्षा के अधिकार की योजनाएं , भोजनाएं ही बनी है.., फर्जी छात्रों के नाम मिड डे मिलके नाम से गरीबों छात्रों को मौत के दरवाजे से व घोटालों से निवाला छीना जा रहा है.
७.    दोस्तों.., सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के प्रकार के हजारों प्रकार के घोटालों से 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य बनाने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं.
८.    गरीबों की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से मरहूम हो जाते हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर रहा है.

१०   यह शिक्षा का विकास नही...???, इसमें प्रतिभा के भक्षकों का वास  है , आरक्षण से राष्ट्र का भक्षण हो रहा है, कंहा गई... गुरुकुल की परंपरा, जब गुरु की शिक्षा से, विधार्थी के कुल परिवार का उद्धार होता था ...??? , आज का शिक्षण, घर बार बेचकर , बेरोजगारी से एक उधार करण की नीति है.... 
११  आज शिक्षा व्यवस्था मे सुपर 30 वाले गुरु कहां गायब हो गए है...????, बिहार के आनन्द कुमार, जो दिन मे पढ़ते थे, और घर चलाने के लिए, शाम को माँ के बनाए पापड़ बेचते थे... यह राजनेताओ को एक झापड़ /थप्पड़ है और सिद्ध कर दिया कि, दलित के नाम पर वोट बैक के नाम पर दल-हित से ज्यादा नेताओ का स्वहित ज्यादा है ... आनन्द कुमार, जिन्होने ने हर धर्म जाती की प्रत्तिभा को निखार कर दुनिया मे हलचल कर दी है, आज जापान जैसा देश उनके पढ़ाने की कला से प्रभावित हो कर, एक पुस्तक प्रकाशित कर , उनका अनुसरण कर रहा है, आनंद ने कहा है आज के छात्र , शिक्षा को खरीद कर, पैसे की चमक मे..., मृगतृष्णा की तरह भाग रहे है... आज 1000 छात्रो मे 5 छात्र ही शिक्षक बनते है. , जिसके वजह से अकुशल शिक्षकों के, आधा अधूरा ज्ञान से , बैलगाड़ी की तरह, देश की प्रतिभा चल रही है।
और ऊपर से आरक्षण का तड़का , इस झांसे मे देश भटका ...
१२  याद रहे संविधान मे पहली बार दलित व पिछड़े जाती को 22.5% आरक्षण... 10 सालो के लिए उपलब्ध कराया गया था , बाद मे 33% और आज तो इसे दल-हित (दलित) मानकर , और आज यह 49% तक पहूंच गया है, यह तो सुप्रीम कोर्ट का अहसान माने कि उन्होने धर्मो के नाम पर आरक्षण को खारिज कर दिया है , नही तो आज, यह 100% आरक्षण भी कम होता , देश मे आरक्षण के नाम पर हजारों नये विद्धालाय, महाविद्धालय बनाने पड़ते, दोस्तों...??? यह वोट बैंक के असुरों का, यह राष्ट्र का भक्षण है.

१३   आनन्द, आज, आप... और... केवल आप ही ... देश के पतिभाओ के लिए एक सुपर आनन्द हो .... आनन्द कुमार की प्रसिद्धि सुपर-३० की अद्वितीय सफलता के लिए है। वर्ष २००९ में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। इसी वर्ष नेशनल जियोग्राफिक चैनल द्वारा भी आनंद कुमार के सुपर ३० का सफल संचालन एवं नेतृत्व पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी। समाज के गरीब तबके के बच्चों को आईआईटी जेईई की प्रवेश परीक्षा के लिए मुफ्त तैयारी कराने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार को प्रसिद्ध यूरोपीय पत्रिका फोकस ने असाधारण लोगों की सूची में शुमार किया है। पत्रिका के आलेख में लिजा दे क्यूकेलियर ने लिखा है कि आनंद असली जुझारू नायक की तरह हैं, जो माफिया की धमकी के बावजूद गरीब बच्चों को ज्ञान दे रहे हैं। उन्होंने 330 बच्चों को अपने मार्गदर्शन में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाई है। लोकप्रिय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इतिहास, स्वास्थ्य और सामाजिक विषयों पर रोचक और ज्ञानवर्धक आलेख प्रकाशित करने वाली इतालवी पत्रिका ने अपने एक लेख में आनंद को असाधारण प्रतिभाओं में शुमार किया है. 

Tuesday 25 August 2015

जब किसी भी देश का झंडा विदेशी हवाओं से लहराए तो वह देश विदेशी ऑक्सीजन से.., ओजोन की परत से देशवासियों की जान में घुटन पैदा करता है...,


जब किसी भी देश का झंडा विदेशी हवाओं से लहराए तो वह देश विदेशी ऑक्सीजन से.., ओजोन की परत से देशवासियों की जान में घुटन पैदा करता है...,
२. चेतो मोदी सरकार, देश के १२५ करोड़ लोगों की सांसों में इतनी फुक है कि वे हमारे ही नहीं विश्व के देशों के झंडों को भी लहलहरा कर चन्द दिनों में बिना विदेशी चन्दों से, हम विश्व गुरु बन सकते हैं
३. यही हाल हमारे देश का है.., हमारे सत्ताखोरों ने अहिंसा को एक भयानक हथियार बनाकर.., भयंकर हिसा से १० लाख नर मुंडों से देश को खंडित कर, पर्दे के पीछे सत्ता परिवर्तन का खेल खेलकर उसे आजादीकी उपमा / अलंकार देकर, एक महात्माशब्द के अलंकरण की आड़ में, देश की स्वदेशी आत्मा को मार दिया है.
४. देशवासियों को आज तक आराम हराम, गरीबी हटाओ,मेरा भारत महान से लेकर अच्छे दिनों के कृत्रिम विकास के बयार मे एक छुपा हुआ जहर समाया है. 
५. शेयर बाजार में तो साल में एक दो बार काली रात आती है.., १९४७ से आजादी की आस में गरीबों को काले बादलों के छटने से देश में नये सवेरे का सूरज का सवेरा, ६९ सालों बाद भी नहीं उगा है.., देश सवरने की बजाय गर्त में जा रहा है.
६. सत्ता परिवर्तन के बाद ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया है. 
७. राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है. विदेशी रूपये पर ६७ हथौड़ा मारकर देशवासियों को लहूलुहान कर रहा है.
८. दोस्तों.., सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के प्रकार के हजारों प्रकार के घोटालों से 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य बनाने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं.
९. गरीबों की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से मरहूम हो जाते हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर रहा है.
१०. लाल बहादुर शास्त्री ने तो ५० करोड़ देशवासियों के मुठ्ठी बलसे सिर्फ १८ महीनोंमें जय जवान जय किसानसे, पकिस्तान के पास हमारे से उन्नत हथियार होने के बावजूद,देश को विजयी बनाकर, “उनके ही देश में उन्हें धूल चटा दी थी...”, हमारा देश तो शक्तीशाली यूरोपीय देशों के कतार में शामिल हो रहा था.., और विश्व गुरू बनने के पहिले, “विदेशी हाथोंने देशी हाथोंसे हाथ मिलाकर उनकी ह्त्या कर ..., भ्रष्टाचार की फसल बोकर , आज देश के किसानों की फसल खा दी है
११. देश की जय करने के लिये ,आज, गरीब से गरीब जवान किसान, विज्ञान से अपनी प्रतिभा दिखाने को आतुर है .., लेकिन वह,भ्रष्टाचारियों से व्यापकता के बोझ तले दबा है..

Deshdoooba Community June 14, 2014 व वेबस्थल की सार्थक post 

मोदी जी, आपके प्रधानमंत्री बनने पर शेयर बाजार विदेशी हवा (निवेश) के गुबार से गुब्बारे से नई ऊँचाई को छू रहा है ,पिछले इतिहास को देखें तो इस गुब्बारे ने रूपये को चव्वनी बनाकर , जब रूपया १८ रूपया प्रति डॉलर था , वह ७२ रूपया प्रति डॉलर तक पहुंच गया था 

शेयर बाजार की मजबूती तो, देशी निवेशक की मजबूती से मजबूत आधार बनती है, विदेशी निवेशक तो देश को लूटने के फिराक से देश की अर्थव्यस्था को पंगु बनाने व आतंकवादियों/माफियाओं के धन का निवेश का सुरक्षित छेत्र बना है...,

आपके नेता नीतिन गडकरी, यूं.पी.ए . १ और २ के कार्यकाल में बार-बार चिल्ला रहे थे commodity exchange (वस्तु विनिमय)

ने महंगाई की comedy (हास्यप्रधान नाटक)

से १५ लाख करोड़ का धन कृत्रिम तेजी बनाकर , महंगाई से जनता के पैसे लुटे है.., औए बार-बार गुहार लगा रहे थे की commodity exchange को बंद किया जाय , क्या आप अब इस जनता के दर्द को समझ कर , इस बाजार को बंद करोगे..

देश बना जुए का अड्डा…? ऊपर से भ्रष्टाचार का गढढ़ा…? महंगाइ से आम लोग के जीवन का बैठा भट्टा…???? कहावत है…, बंबई स्टॉक एक्स्चेंज के टावर के एक-एक सीढ़ी (पायदान) मे, शेयर बाजार मे उजड़े हुए लोगो की कब्र है। डॉलर के ७० रूपये पहुँचने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंग ने बयान दिया था अभी भी देश, 1991 के विदेशी मुद्रा के संकट की तरह नही उजड़ा है यो कहे अभी हमे और इंतजार करना है …??? याद रहे 1991 मे हमारे पास, “मेरा भारत महानके नारे से, खजाना खाली कर, देश मे सिर्फ 40 दिनों का विदेशी मुद्रा भंडार था…?????

1991 मे, जब मनमोहन सिंह, वित्तमंत्री बने तो शेयर बाजार को उछालने के लिए एक तांत्रिक सांड को बुलाया गया। उलट उसने प्रधानमंत्री को 1 करोड़ की रिश्वत देकर, पूरे शेयर बाजार मे जान फूकने का जिम्मा ले लिया…. यही से शुरू हुई छोटे निवेशकों के उजड़ने की बरबादी का खेल.., इस शेयर बाजार मे चारा घोटाले से भ्रष्टाचार से देश का वारा न्यारा करनेवाले काले लोगो की लूटाई कमाई के नाम से, सफ़ेद धन करने के आड़ मे पैसा लगा हुआ था.

देखते ही देखते 15 दिनो मे हर शेयर 5 गुना से 100 गुना बढ़ गए. वित्तमंत्री भी, संसद मे अपने बजट भाषण मे इस सांड के बखान मे शेरो-शायरी से हमारे शेयर बाजार के उछाल से, हमारे देश के प्रगति का पैमाना माप रहे थे। खुद सांड हर्षद मेहता की नीजी कंपनी MAZDA INDUSTRIES, जो, कि 2500 वर्ग फुट की खाली जगह थी, इस शेयर की 8 रुपये की कीमत 2100 रुपये पहूँची, जब यह शेयर लुढ़का तो, निवेशको को इस शेयर को बेचने की अनुमति नहीं थी और शेयर 90 रुपये मे दुबारा बेचने के लिए खुला। यूपीए1-यूपीए2 मे, विदेशी निवेशको को इतनी खुली छूट दे गई कि, वे भागीदारी नोट (P-NOTE= Participatory note) के जरिये, विदेशी निवेशक एक दूसरे को गुप्त रूप से बेचकर, शेयर के उतार-चढ़ाव का खेल खेलकर, निवेशको को चूना लगाकर धन कमा रहे थे। खूफिया विभाग कों बार-बार सूचनाए मिल रही थी कि….., इसमे अंडरवर्ल्ड का भारी धन लगा है और इस धन का उपयोग, देश के आतंकवादियो के प्रक्षिशण व बम धमाके मे निवेश किया जा रहा है। आरबीआई भी, सरकार की शह मे कोई कारवाई नहीं कर रही थी…..????? क्योकि सरकार को दुनिया मे दिखाना था की 20 हजार शेयर बाजार के अंको के आकड़ों से हमारे देश की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है…?, 
विदेशी निवेशक धन कमा कर भाग रहे है…????, झूठ के ढ़ोल की पोल खुल चुकी हे और डॉलर, शेयर बाजार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था का कॉलर खीच कर कह रहा है….????, हमारे कर्ज चुकाने का फर्ज निभाओ और दिन प्रतिदिन देश की अर्थव्यवस्थाओ को कुचलने मे लगा हुआ है.

याद रहे यू पी ए 1 के, कार्यकाल मे प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी , कर्मचारियो के प्रोविडेट फंड की कमाई हम शेयर बाजार मे झोंक रहे है…???? यह कम्यूनिस्ट के विरोध से यह फैसला टल गया, और इसी बीच विश्व का नंबर 1, निवेशक लेहमेन ने अपने आप को दिवालीया घोषीत कर, अमेरिका तक को कंगाल कर दिया…??? कम्यूनिस्ट पार्टीयो का ही आभार माने कि , देश के कर्मचारियो का प्रोविडेट फंड का धन डूबने से बच गया…. एक कहावत है, हारा हुआ जुआरी को, जब, घर बार बेचकर पैसा मिलता है, तो भी वह पैसा, पुन: जुए मे लगाकर, वह पतंगे की तरह दीपक की लौ मे अपना जीवन झोक देता हैउसी तरह से हमारे देश के प्रधानमंत्री भी देश को पतंगा बनाकरा विदेशी लौ मे देश को झोक रहे है…. इसका अंजाम का निचोड़ यही है की हमारे प्रधानमंत्री तो सठिया गए हैऔर रूपया भी उनका अनुसरण करा रहा है…61-.62 कर रहा है , और एक नई ऊंचाई का आंकड़ा छूने को बेताब हो रहा है…????? जागो देशवासियों डूबते रूपये के साथ देश को बचाओ ….????

MERADESHDOOOBA.COM INTRODUCTORY VIDEO - आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की धारा” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं





MERADESHDOOOBA..COM INTRODUCTORY VIDEO
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की धारा” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं

Thursday 20 August 2015

MERIT बनी.., देश की “मरी हुई ईट ..”, ५०% आरक्षण के तले कुचल कर.., व देश में व्यापम के व्यापकता के व्यायाम के नए आयाम से वह पिसल कर, अपने लाल रंग से लहुलूहान है ..,


१.   MERIT बनी..,  देश की  “मरी हुई ईट ..”, ५०% आरक्षण के तले कुचल कर.., व देश में व्यापम के व्यापकता के व्यायाम के नए आयाम से वह  पिसल कर, अपने लाल रंग  से लहुलूहान है ..,
२.    कहाँ.., इन ईंटों को देश की नींव बनकर एक ऊंची गगनचुम्बी इमारत से राष्ट्र की शान  बनती..,सनातन धर्म के वैदिक विज्ञान की शिक्षा के अनुसरण से देश हजारों साल आगे होता..
३.     राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है.
४.     सत्ता परिवर्तन के बाद ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस  बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम  हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया है.
५.   दोस्तों..,  सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और  व्यापम के प्रकार के हजारों प्रकार के घोटालों से 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य बनाने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं.
६.    गरीबों की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से  शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से  मरहूम हो  जाते हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर  रहा है.
७.    अभी, हाल ही में दिल्ली के नर्सरी स्कूलों में अपने बच्चों का  प्रवेश पाने के लिए ५०० से अधिक अमीर बापों ने, शिक्षा के माफियाओं को  ५ लाख रूपये की रिश्वत देकर अपने को गरीब बताकर , २५%गरीबों बच्चों का हक़ छीन लिया.वही हाल देश के नीजी  अस्पतालों में गरीबों के मुफ्त ईलाज के २५% कोटे से, अमीरों का ईलाज कर मालामाल हो गए हैं .
८.   ६९ सालों में शिक्षा के अधिकार की योजनाएं , भोजनाएं ही बनी है.., फर्जी छात्रों के नाम “मिड डे मिल” के नाम से गरीबों छात्रों को मौत के दरवाजे से व घोटालों से निवाला छीना जा रहा है..,
९.   व्यापम घोटालो के बीज तो कांग्रेस राज में ही पड़ गए थे लेकिन मध्य प्रदेश के  शिवराज सिंह चौहान के राज में इसे लगातार खाद-पानी मिलकर माफिया-नौकरशाही-जजशाही इस वृक्ष के फल को खा रही थी .., एक आर.टी .आई कार्यकर्ता के जूनून से इस घोटाले का पर्दाफास होने के पहिले उसे चुनौती मिली थी कि इस सिस्टम के पुरे कुँए में भांग भरी पडी है.., इसे कुरेदने से  बेहतर है कि तुम भी रिश्वत देकर इसका मजा चख लो...
१०.                      १९४७ से आज तक  देश के सरकारी मेडिकल  कॉलेजों  कोलेजों से पढ़कर, साकार द्वारा भारी निधी खर्च  के बावजूद  एक लाख से अधिक  डॉक्टर विदेशों में पलायन कर, अनुसन्धान से विश्व के  देशों को स्वस्थ कर रहें हैं , वहीं , हमारे इस भ्रष्ट सिस्टम से देश  बीमारू पड़  गया है .
११.                   सलाम करे.., शिवकुमार पाठक को जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शिक्षा में सुधार की मांग में , जज ने आदेश दिया कि नेताओं,अफसरों व जजों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल  में पढ़ने के आदेश दिया है..,

१२.                   यह मामला सुप्रीम कोर्ट में अटकने के पहिले.., यदि मोदी सरकार यह बिल लोकसभा में पास करवाएं तो सरकारी स्कूलों की शिक्षा में नई  क्रांती के बयार से देश का तिरंगा अबाध गति से लहलहाराते हुए एक नए जज्बे का गर्वीत “भारत का निर्माण” से “अच्छे दिनों” गरीब “FEEL GOOD FACTOR” के इंडिया शाईनिंग  से विश्व गुरू बनेगा 

Wednesday 19 August 2015

देश की जय करने के लिये ,आज, गरीब से गरीब जवान – किसान, विज्ञान से अपनी प्रतिभा दिखाने को आतुर है .., लेकिन वह,भ्रष्टाचारियों से व्यापकता के बोझ तले दबा है..,




१. मोदीजी..,  तुस्सी ग्रेट हो.., दुनिया झुकती है.., झुकाने वाला चाहिए.., सीमा पर जवानो में जोश है... देशवासी गर्वित है लेकिन  महंगाई से वह द्रवित है
२.   मानसून...”, “राष्ट्रवादी मोदीजी..”, देश के लिए अपना मौन –SOON तोड़ों.., लोकसभा के बल को बढ़ाओ.., संसद की कार्यवाही के बल से ही देश का बल है.
३.   आपकी एक साल तीन  महीने की १८ घंटे की मेहनत से विश्व में देश के गरिमा की उपलब्धता से देशवाशी गर्वित है.., सीमा पर जवान स्फूर्तिक है..दुश्मन घायल होकर अपाहिज हो गया है..
४.   लेकिने देश के छुटभैय्ये नेता अब भी मदहोश होकर लूट में छूट मना रहें हैं .., देश में प्याज ६० रूपये किलों  होकर जनता के आंसूं से “ब्याज” वसूल रहें हैं.
५.   दाल में १५० रूपये के काले से, काले माफिया.., देश के डाल –डाल में बैठकर, पेड़ को हिलाकर हरी पत्तियों को (गरीबों) हिलाकर हालाक कर रहें है..,
६.    किसान बदहाल है.., जनता बेहाल है .., महंगाई चरम –सीमा  पर होकर, गरीबों का  चर्म खीचकर अपना कर्म कर रही है...
७.    डॉलर 66रूपये को छूकर .., आपकी उमर पार करने को बेताब है .., गरीबों की मेहनत पर 66 हथौड़े मारकर .., देश के कर्ज का ब्याज वसूल रहा है
८.    देश में व्यापक.., व्यापम .., व्यायाम के आयाम से माफिया पहलवान बन गएँ हैं...,
९.    इस फेस बुक व वेबस्थल का स्लोगन आज भी सार्थक है .., भ्रष्टाचारियों पर, SLOW GUN से  LOVE GUN की बहार से, भ्रष्टाचार की बयार से देश ग्रसित है...                        “मेरा संविधान महान.., यहाँ हर माफिया पहलवान..,” व “सत्ता मेवा है, इसकी जय है .., सत्य आत्महत्या कर रहा है..”
१०.                     आप तो १८ घंटे निष्ठापूर्वक काम करते हो .., यदि आपके मंत्री से संतरी व  देश के २५ करोड़ से अधिक  सरकारी कर्मचारी ८ घंटे इमानदारी से अपना काम करें तो  “घंटनाद” से देश संवरने लगेगा.
११.                 चेतो मोदी सरकार....., लाल बहादुर शास्त्री ने तो ५० करोड़ देशवासियों के मुठ्ठी बलसे सिर्फ १८ महीनोंमें जय जवान जय किसानसे, पकिस्तान के पास हमारे से उन्नत हथियार होने के बावजूद,देश को विजयी बनाकर, “उनके ही देश में उन्हें धूल चटा दी थी...”, हमारा देश तो शक्तीशाली यूरोपीय देशों के कतार में शामिल हो रहा था.., और विश्व गुरू बनने के पहिले, “विदेशी हाथोंने देशी हाथोंसे हाथ मिलाकर उनकी ह्त्या कर ..., भ्रष्टाचार की फसल बोकर , आज देश के किसानों की फसल खा दी है
१२.                   देश की जय करने के लिये ,आज, गरीब से गरीब जवान किसान, विज्ञान से अपनी प्रतिभा दिखाने को आतुर है .., लेकिन वह,भ्रष्टाचारियों से व्यापकता के बोझ तले दबा है..,
१२. जनता हैरान.., परेशान है .., ‘अच्छे दिनोंकी आस में अपने १५  महीनेबर्बाद हो गए .., पार्टी के जुमलेअब अच्छे दिनोंकी ६० महीनेविश्व गुरूके ६०० महीनोंकी बात से, जनता भी अब अपने को उपहासी समझ , भ्रमित है कि, क्या...???, “६० सालों की कांग्रेस नीतीके मौनका अध्याय की पुनराव्रिती के मौन व्रतसे सत्ता को धरोहरमानने का नया खेल शुरू हो गया है...



Saturday 15 August 2015

मै कैसे मनाऊँ, आजादी...???, चेतो मोदी सरकार.., मेरी ऊंगली की “अच्छे दिनों” के मतदान की स्याही.., पिघलकर, मुझे बदरंगा कर रही है. २. 15 AUGUST को ALL GUEST बनकर - देश के सभी भेड़ियों माफिया मेहमानों ने देशप्रेमी का चोला पहनकर, क्रूरता से देश को लूटकर…???, अब…?, ३. पुरानी खबर में नया कवर..



१.    मै कैसे मनाऊँ, आजादी...???, चेतो मोदी सरकार.., मेरी ऊंगली की “अच्छे दिनों” के  मतदान  की स्याही.., पिघलकर, मुझे बदरंगा कर रही  है.
२.  15 AUGUST को ALL GUEST बनकर - देश के सभी भेड़ियों माफिया मेहमानों ने देशप्रेमी का चोला पहनकर, क्रूरता से देश को लूटकर…???, अब…?,
३.   पुरानी खबर  में नया कवर.., या  पुरानी बोतल में नई शराब.., सत्ता का ख्वाब..., यह सत्ता-विपक्ष (अच्छे दिनों V /s भारत निर्माण) की अहंकार की लड़ाई नही.., देश के अंधकार की कहानी है..., सुषमा के  इस्तीफे, के  इस तोहफे से कांग्रेस के २५ सांसद बर्खास्त .., सत्ताधारी  भाजपा का रास्ता साफ़ ..., क्यों नहीं इन  मुद्दों पर होती खुलकर बात .., हर, राजनैतिक दलों  का कीचड़ क्यों नहीं होता साफ़...!!!!, कमल की जगह कमाल की राजनीती है उदयमान.., जनता हैरान..., सीमा पर जवान परेशान ..., दे रहा अपनी जान..!!!!!!!!!!!!!!!.
४.  संसद १५  दिनों से ठप्प ..., मीडिया की TRP से गप ..,, यही है जनता को दिखाने का लोली-पॉप से, बने देश के बाप से ,  लोकतंत्र का बना पाप..
५.  राष्ट्रवाद.. बेहाल .., क्या यही है, राजनीती का कमाल..... ,पंजाब में आतंकी हमला.., फिर भी सांसद का दिल नहीं पिघला ...
६.  देश के ६८ सालों से, संसद के समय की बर्बादी से राष्ट्र की बर्बादी है ... डूबते देश की कहानी है...,


संसद के हुड्दंड से सत्ता हुई बदरंग .., देशवासी दंग.., देश का दाग बने, दबंग.., 


७. देश के, आज तक के सत्ता परिवर्तन के  इतिहास में काला धब्बा.., संसद  हुड़दंग का  डब्बा.., अच्छे दिनों  का बज रहा है  बैंड बाजा के BAD बराती ले रहें हैं .., कैंटीन में भोज.., हर रोज मौज..,जनता सोच रही है.., कैसी आजादी.., यह तो देश की है बर्बादी...
८. मोदीजी.., अपनी पार्टी की चीटियों को बचाने के लिए देश का हाथी बल मत बर्बाद करों .., आपकी पार्टी में  भ्रष्टाचार से उलटे पिरामिड के अवशेष के अवयय , पुरानी पार्टी के “भारत  निर्माण” की तरह उग चुके है..., कही ये देश के बचे हुए खेत को  भी चुग न लें. आज तक, सी.बी. आई को पिंजरे में रखकर इस भ्रष्टाचार की बयार से .., आज तक अभी तोंते जांच में पिंजरे सहित गायब हो गए हैं...!!!!  और जनता हाथ मलते रही है....!!!
९.    कहाँ हैं...!!!, मेरे “देश के लाल” लाल बहादुर शास्त्री  का  “जय जवान- जय किसान” के विचार..,, जिन्होंने तो, जनता और किसानों में राष्ट्रवाद का दंभ भरकर जिन्होंने १८ महीनों में देशी विदेशी  माफियाओ व नेताओं की दुकानों में ताला लगाकर, मुंह काला किया था .., 
१०.    भ्रष्टाचार में लिप्त पाने में, लाल बहादुर शास्त्री  ने अपने ही केन्द्रीय मंत्री कृष्णामचारीका इस्तीफा  रूस जाने के, अपनी ह्त्या होने के पहिले लेकर, “जय जवान - जय किसान” में “स्फूर्थी”  फूख दी व पार्टी में सनसनी से मातम फ़ैल गया था .., नेताओं को मजबूर कर मजदूत बनाकर देश को इतना मजबूत कर दिया कि वह विश्व गुरू की दहलीज में पहुँच गया था
११.   आराम हराम है, गरीबी हटाओ, मेरा भारत महान, इंडिया शाइनिंग भारत निर्माण के अच्छे दिनों से सत्ता के चौपड़ का यह है  “उल्टा  पिरामिड” की शुरूवात से  जनता संशयित है.., देश की सीमाओं के जज्बों का ठोस सन्देश व सीमा पार से आतंकवाद का मकबूल जवाब नहीं मिला है..
१२. देश के क्रांतीकारियों को “देशद्रोही” कह,  देश को आगे भी, और क्रूरतमता से, लूटने के लिये, तिरंगे के शान की आड़ मे, जश्न-ए –आजादी के नाम से,  जनता को “अफीमी नारों” के दंश से डंस अब एक, नए खोजी लूट की योजनाओ का आयाम बना रहे है,,,,?????,
१३. चेतो मोदी सरकार.., सी.बी. आई., को, लाल किले के प्राचीर पिंजरे से “आजादी” की  घोषणा न होने से देशवासी निराश है,   इसे  पिंजरे से “आजादी” दो .., ताकि , इस देश के “६८ सालों” के “काले किले” के भ्रष्टाचार के “काले कलंक” के “सत्ता के चौपड़” से देश को चौपट कर, सत्ता को “खैरात” मानकर, देश को  डूबोने वालों की खैर लेकर,  गरीबों की अंधेरी रातों में .., देश का “दिन का उजाला” आयेगा .जनता के भी “अच्छे दिन” आयेंगें 
१४. इस आजादी के ६८ सालों बाद, केन्द्रीय सुरक्षा आयोग व सीमा पर तैनात जवानों को स्वायत्ता दिए बिना, देश के आधे प्रतिशत जो देश में विदेशी हाथ,साथ बात संस्कारों से देश की दिशा व दशा तय कर रहें हैं.., सीमा पर, घुसपैठ व नशे के कारोबार की कड़ी से अवैध व्यापार के व्यापम घोटालों मे व्याप्त से मालालाल है..,  देशवासी बेहाल है..
१५. देश के १२५ युवा आपके मेक इन इंडिया व स्किल इंडिया से पार्टी के कार्यकर्ताओं से नेताओं की अपने प्रदेशों में बंदरबांट से महंगाई से अपने को MAHAN-GAI समझ रहें 
१६. देश १९४७ से सत्ता परिवर्तन को आजादी का जश्न मनाकर.., सत्त्ताखोरो सत्ताखोरों ने देशी - विदेशी माफियाओं के दंश से देशवासियों को घायल कर दिया है.
१७. दोस्तों, देश तो कर्ज़ो के, विदेशी बम्बू (आधार) से खड़ा है ...जागो देशवासी, डूबते देश को बचाने से पहले, देशी माफिया भेड़ियो, से निपटो , दुश्मन तो पहले से ही घात लगाकर बैठे है...हम अपने जवानो का सिरा कटाकर दे सकते है....?????, लेकिन LOC ( LOVE OF COMBINATION- प्रेम का बंधन) इजराईल की तरह, सीमा पार करने की अनुमति दे सकते नही...???? लूट के खेल मे सत्ताधारी को तो छोड़ो...????, विपक्षी भी इस प्रेम के बंधन मे इतने व्यस्त है... कि उन्हे भी, देश की लूट से फुर्सत नही है...?????
साभार  www.meradeshdoooba.com 
हमें “देशद्रोही” कह, हे गद्दारों.., तुमने आजादी के झांसे से देश की बर्बादी कर दी है ..,
मेरा “स्वदेशी” का नारा कर दिया हराम.., “हे राम..” 
, अब?,
३.     पुरानी खबर  में नया कवर.., या  पुरानी बोतल में नई शराब.., सत्ता का ख्वाब..., यह सत्ता-विपक्ष (अच्छे दिनों V /s भारत निर्माण) की अहंकार की लड़ाई नही.., देश के अंधकार की कहानी है..., सुषमा के  इस्तीफे, के  इस तोहफे से कांग्रेस के २५ सांसद बर्खास्त .., सत्ताधारी  भाजपा का रास्ता साफ़ ..., क्यों नहीं इन  मुद्दों पर होती खुलकर बात .., हर, राजनैतिक दलों  का कीचड़ क्यों नहीं होता साफ़...!!!!, कमल की जगह कमाल की राजनीती है उदयमान.., जनता हैरान..., सीमा पर जवान परेशान ..., दे रहा अपनी जान..!!!!!!!!!!!!!!!.
४.    संसद १५  दिनों से ठप्प ..., मीडिया की TRP से गप ..,, यही है जनता को दिखाने का लोली-पॉप से, बने देश के बाप से ,  लोकतंत्र का बना पाप..
५.    राष्ट्रवाद.. बेहाल .., क्या यही है, राजनीती का कमाल..... ,पंजाब में आतंकी हमला.., फिर भी सांसद का दिल नहीं पिघला ...
६.    देश के ६८ सालों से, संसद के समय की बर्बादी से राष्ट्र की बर्बादी है ... डूबते देश की कहानी है...,


संसद के हुड्दंड से सत्ता हुई बदरंग .., देशवासी दंग.., देश का दाग बने, दबंग..,


७.  देश के, आज तक के सत्ता परिवर्तन के  इतिहास में काला धब्बा.., संसद  हुड़दंग का  डब्बा.., अच्छे दिनों  का बज रहा है  बैंड बाजा के BAD बराती ले रहें हैं .., कैंटीन में भोज.., हर रोज मौज..,जनता सोच रही है.., कैसी आजादी.., यह तो देश की है बर्बादी...
८.  मोदीजी.., अपनी पार्टी की चीटियों को बचाने के लिए देश का हाथी बल मत बर्बाद करों .., आपकी पार्टी में  भ्रष्टाचार से उलटे पिरामिड के अवशेष के अवयय , पुरानी पार्टी के “भारत  निर्माण” की तरह उग चुके है..., कही ये देश के बचे हुए खेत को  भी चुग न लें. आज तक, सी.बी. आई को पिंजरे में रखकर इस भ्रष्टाचार की बयार से .., आज तक अभी तोंते जांच में पिंजरे सहित गायब हो गए हैं...!!!!  और जनता हाथ मलते रही है....!!!
९.      कहाँ हैं...!!!, मेरे “देश के लाल” लाल बहादुर शास्त्री  का  “जय जवान- जय किसान” के विचार..,, जिन्होंने तो, जनता और किसानों में राष्ट्रवाद का दंभ भरकर जिन्होंने १८ महीनों में देशी विदेशी  माफियाओ व नेताओं की दुकानों में ताला लगाकर, मुंह काला किया था ..,
१०.           भ्रष्टाचार में लिप्त पाने में, लाल बहादुर शास्त्री  ने अपने ही केन्द्रीय मंत्री कृष्णामचारीका इस्तीफा  रूस जाने के, अपनी ह्त्या होने के पहिले लेकर, “जय जवान - जय किसान” में “स्फूर्थी”  फूख दी व पार्टी में सनसनी से मातम फ़ैल गया था .., नेताओं को मजबूर कर मजदूत बनाकर देश को इतना मजबूत कर दिया कि वह विश्व गुरू की दहलीज में पहुँच गया था
११.          आराम हराम है, गरीबी हटाओ, मेरा भारत महान, इंडिया शाइनिंग भारत निर्माण के अच्छे दिनों से सत्ता के चौपड़ का यह है  “उल्टा  पिरामिड” की शुरूवात से  जनता संशयित है.., देश की सीमाओं के जज्बों का ठोस सन्देश व सीमा पार से आतंकवाद का मकबूल जवाब नहीं मिला है..
१२.       देश के क्रांतीकारियों को “देशद्रोही” कह,  देश को आगे भी, और क्रूरतमता से, लूटने के लिये, तिरंगे के शान की आड़ मे, जश्न-ए आजादी के नाम से,  जनता को “अफीमी नारों” के दंश से डंस अब एक, नए खोजी लूट की योजनाओ का आयाम बना रहे है,,,,?????,
१३.       चेतो मोदी सरकार.., सी.बी. आई., को, लाल किले के प्राचीर पिंजरे से “आजादी” की  घोषणा न होने से देशवासी निराश है,   इसे  पिंजरे से “आजादी” दो .., ताकि , इस देश के “६८ सालों” के “काले किले” के भ्रष्टाचार के “काले कलंक” के “सत्ता के चौपड़” से देश को चौपट कर, सत्ता को “खैरात” मानकर, देश को  डूबोने वालों की खैर लेकर,  गरीबों की अंधेरी रातों में .., देश का “दिन का उजाला” आयेगा .जनता के भी “अच्छे दिन” आयेंगें
१४.       इस आजादी के ६८ सालों बाद, केन्द्रीय सुरक्षा आयोग व सीमा पर तैनात जवानों को स्वायत्ता दिए बिना, देश के आधे प्रतिशत जो देश में विदेशी हाथ,साथ बात संस्कारों से देश की दिशा व दशा तय कर रहें हैं.., सीमा पर, घुसपैठ व नशे के कारोबार की कड़ी से अवैध व्यापार के व्यापम घोटालों मे व्याप्त से मालालाल है..,  देशवासी बेहाल है..
१५.       देश के १२५ युवा आपके मेक इन इंडिया व स्किल इंडिया से पार्टी के कार्यकर्ताओं से नेताओं की अपने प्रदेशों में बंदरबांट से महंगाई से अपने को MAHAN-GAI समझ रहें
१६.       देश १९४७ से सत्ता परिवर्तन को आजादी का जश्न मनाकर.., सत्त्ताखोरो सत्ताखोरों ने देशी - विदेशी माफियाओं के दंश से देशवासियों को घायल कर दिया है.
१७.       दोस्तों, देश तो कर्ज़ो के, विदेशी बम्बू (आधार) से खड़ा है ...जागो देशवासी, डूबते देश को बचाने से पहले, देशी माफिया भेड़ियो, से निपटो , दुश्मन तो पहले से ही घात लगाकर बैठे है...हम अपने जवानो का सिरा कटाकर दे सकते है....?????, लेकिन LOC ( LOVE OF COMBINATION- प्रेम का बंधन) इजराईल की तरह, सीमा पार करने की अनुमति दे सकते नही...???? लूट के खेल मे सत्ताधारी को तो छोड़ो...????, विपक्षी भी इस प्रेम के बंधन मे इतने व्यस्त है... कि उन्हे भी, देश की लूट से फुर्सत नही है...?????

हमें “देशद्रोही” कह, हे गद्दारों.., तुमने आजादी के झांसे से देश की बर्बादी कर दी है ..,

मेरा स्वदेशी का नारा कर दिया हराम.., हे राम..”