Thursday 7 May 2015

मुम्बई के फुटपाथ में सोने वालों के, इस शहर ने, हजारों लोगों को बुलंदी में पहुंचाया है.., मशहूर संगीतकार नौशाद से ऐसे सैकड़ों, हजारों नाम है, जिन्होंने इन फुटपाथों को अपनी कर्मभूमी का आधार व आभार माना



१. कहते है कि “तुम, ऐसे जियो कि ज़माना तुम्हारे पैरों की छाप पहंचाने,” मुम्बई की फुटपाथ में तो गरीब मजदूर गहरी नींद में सोकर एक नए कल के सुनहरे भविष्य के सपने देखकर, अपनी कड़ी मेहनत से उसे साकार कर..., अपने पैरों को मजबूत  कर, देश की प्रगती का भी हिस्सा बंनता है .., भले ही उसका मालिक उसके मेहनत का शोषण कर, शानदार कार- बंगले से अय्याशी से मलमली चादर के गद्दे में उसे नींद भी करवटें बदलने के बाद भी नही आती है.
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२. मुम्बई के  फुटपाथ में सोने वालों के, इस शहर ने, हजारों लोगों को बुलंदी में पहुंचाया है.., मशहूर संगीतकार नौशाद से ऐसे सैकड़ों, हजारों नाम है, जिन्होंने इन फुटपाथों को अपनी कर्मभूमी का आधार व आभार माना 


३. आज की युवा पीढी को देखकर संत कबीर की वह उक्ति याद है ..., “साधो , ये तो है .., मूर्दो का गाँव.., हमारे प्रधानमंत्री कहते है मुझे गर्व है कि देश के ३५ वर्ष की युवा की आबादी ६५% है .., 


४. आज देश में राष्ट्रवाद के प्रती युवाओं में मुर्दानगी है.., जिन्हें बॉलीवुड के चाकलेटी चेहरों की चकाचौंध को लेकर समाज में भारी सम्मोहन है , वहीं सन्नी लियोंन को हजम कर समाज ने बता दिया है कि नैतिकता,सभ्यता , संस्कृति को लेकर वह किस हद तक पतित हो चुका है 


५. इस अदालती मुक़दमे में मीडिया की कवरेज की TRP की उतावली तो बड़ी रोटी –रोटी के जुगाड़ के रूप में दिखती है.., लेकिन सलमान के करतूत के खिलाफ आक्रोश के बजाय प्रेम प्रदर्शन से युवा पीढी की अतिरिक्त भीड़ का हिस्सा बनकर , पुलिस की लाठी खाने के बाद भी खुश हैं ..
६. कोर्ट के निर्णय के बावजूद युवा पीढी ने सलमान के घर के बाहर समर्थन में जोरदार पैरवी की भले इसमें भी उन्हें पुन: लाठी खानी पढी.. , तो भी इन्हें,कोई अफ़सोस नहीं हुआ

I…. ,देश पर राज करने वाले अरबपतियों को, ये गरीब तो कुत्ते ही नजर आते हैं..., नेता भी चुनाव के समय में गरीब जनता को कुत्ता मानकर..., जातिवाद, भाषावाद , अलगाववाद, धर्मवाद की रोटी में अपने अफीमी नारों की भांग की चटनी मिलाकर.., इन गरीबों को ५ साल तक बेहोशी में रखकर देश को, मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट से अपने कारपेट वाला जीवन जीता है .

II…. किसानों की हालत बाद से बदतर हो रही है.., एक तरफ तो उसके कृषी की दर CROP –RATE न मिलने से, अब CORPORATE भी सरकारी माफियाओं की मिली भगत से, भूमि अधिग्रहण व देश के अन्नदाता की आत्महत्या को उकसा कर.., उसके निवाले पर भी अपना अधिकार जता रहा है...

III….. मोदी ने तो चुनावी दौर में, गाड़ी के नीचे कुत्ता आने पर दुःख जताने से जनता का दिल जीतकर प्रधानमंत्री बने, अब फिल्म इंडस्ट्रीज के लोग तो सलमान द्वारा १ कुत्ते की मौत करने पर ५ साल की सजा को संविधान के निर्णय का उपहास कर गर्वित हैं..
IV….. दोस्तों, ये देश के भविष्य की मार्मिक तस्वीर है..., देश के युवाओं की दिशा .., देश की दशा की कहानी कहती है ..!!!

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