बोलू: एक राजा ने अपनी सुरक्षा हेतु बन्दर को नियुक्त किया और बन्दर ने सुरक्षा करते करते, एक मक्खी के चक्कर में तलवार से राजा की नाक काट दी! कुछ ऐसे मूल्य और संस्कार जिनका आजकल के ज़माने में कोई काम नहीं है अब जनता भी सोच रही है.., हमने, उन्हें तलवार पकड़ा दी है और वो हर रोज ही हमारी नाक काटते रहते हैं!
देखू:: चार साल पहिले.., इस नौटंकीवाल ने भी अन्ना आन्दोलन में कहा था, अब यह “जन लोकपाल आन्दोलन” बलि मांगता है.., तब अन्ना के कान खड़े हो गए थे ..., मेरी बलि लेकर .., यह कैसे मेरा दुरूपयोग कर, अपना सत्ता का योग बना रहा है..,
सुनू: हां केजेरीवाल ने चुनावी शपथ में कहा था.., हमें भारी जीत से अहंकार नहीं करना चाहिए, और “'इंसान का इंसान से हो भाईचार..,यही पैगाम हमारा..,,का नारा, अब स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े जाने पर, मीडिया से बात करने से, नकार कर कह रहा है.., मुझे दिल्ली की सेवा में व्यस्त रहने से, आप से बात नहीं करनी है.
देखू: दिल्ली में, कचरा ही कचरा.., से दिल्ली के दिलवालों की नगरी को कचरावाला शहर बना दिया है
सूनू: जन लोकपाल के नारों से जनता को भरमाया था, और राष्ट्रीय गद्दी पाने की ललक से, सत्ता छोड़ने के मलाल से.., इस उल्टी गुलांटी मारने के लिए जनता की अदालत में माफी माँगी थी.. और जनता ने माफ़ भी कर दिया था , अब, इस चुनाव में भारी बहुमत से जीतने के बाद, अपनी बंदरचाल से ,अपने पार्टी के संस्थापकों व संविधान के निर्माताओं को हल्का करने के लिए.., अब अपने को ,सुप्रीम बंदर जज कह, पार्टी की अदालत में ही “लोकपाल” नीती को नकार कर ...ठोकपाल नीती से, अब यह कह रहा है “मैं भी नही किसी भी बन्दर से कम, अब अपने सुप्रीमों की नाक काट कर..., बनू राजा.., अब नहीं है.... मेरा कोई भाईचार...,मेरा और केवल मेरा.., “सर्वोसर्वा सत्ता” का नारा..,
बोलू: इसने तो बंदर बनकर अब तलवार पकड़ ली है.., पार्टी के आतंरिक लोकपाल को काट लिया है , अपने से योग्य लोगों की नाक काटने का खेल से सत्ता पर “एकछत्र राज “ करने.., अब तो अपनी पार्टी में ही बड़े लोगों की नाक काटने में आमाद होकर.., अब १४ अप्रैल को इस बंदर शक्ति परिक्षण का मिशायाली इम्तिहान भी है..
देखू: हां, मीडिया भी TRP की ताक में अपने कैमरे को दुरूस्त कर रहें है कही समय पर खराब होने से कमाई में फटका न लगे..
बोलू: मैं ,६८ सालों से ..यही देख ..., सून ... बोलना चाहता हूं कि हर सरकारों ने , जनता को गुमराह है..., जनता जातिवाद भाषावाद,अलगाववाद, धर्मवाद से संक्रमित है.., इसकी एक ही अमृती दवा है.., “राष्ट्रवाद..,”..., नहीं तो इस संक्रमण से देश डूबते ही रहेगा
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