Monday 27 April 2015

६८ सालों बाद “वीर सावरकर” को सुभाषचंद्र बोस से भी भयंकर देशद्रोही कह कर, छद्म राष्ट्र निर्माण के मसीहाओ ने, इस इतिहास को इतनी गहन गहराई में दफ़न कर दिया है, ताकि हमें बुजदिल कौम कहकर, देशवासियों को हताश कर, हमारा गौरवशाली अतीत को न जत्लाकर, विदेशी जल्लादों के हाथों हमारे देश को लुटवाते रहें




१.  हिंदुत्व में जनेऊ धारण करने के सैकड़ों वैज्ञानिक कारण है, लेकिन देश भक्ती के सात्वीक रस से जनेऊ को राष्ट्र  का वीर रस से, समुन्द्र में  चलते ब्रिटिश जहाज से कूद मारने  के लिए जिसे गोल खिड़की से अपने शरीर की चौड़ाई, जनेऊ  से माप कर वीर सावरकर ने निश्चित कर लिया कि उनका शरीर उस खिड़की से आसानी से बिना अटके निकाल सकता है..., शौच के बहाने उस शौचालय की  खिड़की से एक ऐतिहासिक साहसिक छलांग से , उस  विशाल गहराई के समुन्द्र की परवाह न करते ३ किलोमीटर से ज्यादा दूरी तैर कर.., (२८ मई वीर सावरकर की जन्म तिथी है)
२.   अंगरेजी सैनिकों द्वारा  नाव से उनका पीछा  करते, वीर सावरकर , गोलियों की बौछार के जोखिम की परवाह न करते वे “मार्सेल्स द्वीप” में पहुँच गए थे.., यह उनका व देश का दुर्भाग्य था कि उन्हें बचाने व भगाने में  फ़्रांस द्वीप में श्यामजी वर्मा व उनके साथियों के “मार्सेल्स द्वीप” में पहुँचने में १५ मिनट की देर हो गई थी और वे  अंग्रेज सैनिकों द्वारा पकड़े गए  अन्यथा  वे अंडमान जेल में कैद न होते
३.   अंडमान जेल से छूटने पर ८ जनवरी १९२४ को जब सावरकर जी रत्नागिरी में प्रविष्ट हुए तो उस समय  ... किसी भी शुद्र को नगर की सीमा में धोती के स्थान पर अगोछा पहनने की ही अनुमति थी. ... 
४.   वीर सावरकर ने घोषणा  की,कि नगर ही में ही नहीं  इस मंदिर में समस्त हिंदुओं की जाति  को एक समान पूजा का अधिकार हैं, दलित व भंगी समाज को भी जनेऊ के साथ हमारे सभी धर्म ग्रंथों पर सामान अधिकार है...
५.   पुजारी पद पर गैर ब्राह्मण दलित की  नियुक्ति कर जातिवाद की विष बेल को जड़ से समाप्त कर विश्व को बता दिया कि देश के बाहरी शत्रुओं के साथ देश के भयानक “जातिवाद के कलंक” से  धर्म परिवर्तन के रूख से राष्ट्र परिवर्तन से  सिकुड़ते हिदुस्तान के इस भंवर को रोकने की भी उनमें ताकत है...
६.    विश्व को एक अप्रतीम सन्देश दिया लेकिन गांधी ने भी अंग्रेजों का सेफ्टी वाल्व बनकर इसका घोर विरोध किया ..,
७.   काश यदि हमने सावरकर के आदर्शो को माना होता तो.., आज तक भारतमाता इस जातिवाद के वोट बैंक, जो एक नागरूपी सर्प दंशसे आज भी घायल न रहती ..

८.  आज ६८ सालों बाद “वीर सावरकर” को सुभाषचंद्र बोस से भी भयंकर देशद्रोही कह कर, छद्म राष्ट्र निर्माण के मसीहाओ ने, इस इतिहास को इतनी गहन गहराई में दफ़न कर दिया है, ताकि हमें बुजदिल कौम कहकर, देशवासियों को हताश कर,  हमारा गौरवशाली अतीत को न जत्लाकर, विदेशी जल्लादों के हाथों हमारे देश को लुटवाते रहें  

Saturday 25 April 2015

देश में ०.५% से भी कम , अरबपतियों की पत्नियां आज भी पाश्चात्य संस्कृति को सनातन संस्कृति की पत्नी से पतित बनकर देश की मिट्टी पलीद कर , अपने पतियों को इस देश का पितामह कह.., प्रति माह – देश में महा-तन के नग्नता की होड़ से महात्तम समझकर.., देश के युवाओं के नए खून में विष घोल रही है


देखू: आज का तरूण अश्लीलता को अपने जीवन की असली रील बनाकर खेलता देख रहा हूं 

बोलू: देश में ०.५% से भी कम , अरबपतियों की  पत्नियां आज भी पाश्चात्य संस्कृति को सनातन संस्कृति  की पत्नी से पतित बनकर देश की मिट्टी पलीद कर , अपने पतियों को इस देश का  पितामह  कह.., प्रति माह – देश में महा-तन के नग्नता की होड़ से  महात्तम समझकर..,  देश के युवाओं के नए खून में विष घोल रही है 

देखू: हां दीपिका पादुकोण के पादुकाओं का कोण का U TUBE में विश्व के युवाओं की दिमाग की TUBE फ्यूज कर दी है, FACE BOOK को FUN BOOK की कुंजी मानकर, इसे ७ करोड़ लोगों ने देखकर इस SUCK कन्या को धन से मालामाल कर दिया है..
बोलू देश की सनातन संस्कृति में जहां २५ वर्ष तक ब्रह्मचर्य के ताप से युवक, गुरूकुल की शिक्षा से अपने ज्ञान ध्यान- विज्ञान से परख कर निकालता था और आज का युवक,अपने २५ वर्ष की आयु सेक्स के प्रभाव से अपना जीवन की ऊर्जा इस काल्पनिक समुंद्री रूपी भंवर में डूबो देता है.. 

देखू: देख रहा हूँ ,इस कुचक्र से देश के युवाओं में राष्ट्र शक्ति क्षीण होकर.., इसी से प्रेरित होकर, शराब सिगरेट की लत से अपना जीवन की नीव को बर्बाद कर रहा है.. व फिल्मों से इनकी भावनाए सेक्स से बलात्कार की ओर ले जाता है .

बोलू: इस अश्लीलता की होड़ में फ़िल्में भी ५०० से ६०० करोड़ के मुनाफे में, राष्ट्र के गौरव हनन के साथ राष्ट्र का पतन कर रही है..., सरकारें भी टैक्स की आड़ में, हवाले धन के प्रवाह को जानकर भी आँखें मूंदे बैठी है..

देखू: इसका कारण देख रहा हूं, मीडिया वर्ग के चंद वरिष्ठ लोगों ने प्रिंट व मीडिया में इतना वर्चस्व बना लिया है कि इनका विरोध करने पर, यह वर्ग, सत्ताखोरों के अन्य छिपे घोटालों के नाड़े को खोलकर इन्हें भी इसी नग्नता के कतार में शामिल कर सकती है.., इसी भय से वे भी चुप हैं...

बोलू: इसमें भी मीडिया-माफिया-नौकरशाही-सत्ताशाही के गठबंधन के अटूट बंधन की बू आती है .

सुनू: आज छोटे चकलाघरों में देश से चुराई गयी नाबालिक गरीब लड़कियों व नौकरी के झांसे में बाहार के प्रदेशों से लाई गई लड़कियों को इस व्यवसाय में धकेल दिया जाता है ..., और फिल्मों में तो सुन्दर महिलाओं को हीरोईन का लालच देकर देह शोषण से इनहें उच्च वर्गो के लोगों में परोश दी जाती है...
देखू: हाँ ..., सत्ताधारी से विरोधी वर्ग भी इस स्टिंग ऑपरेशन में फंसकर,, इन महिलाओं की ह्त्या कर अपना दामन साफ़ कर लेते है.

बोलू: आज नारी सशक्तिकरण की आड़ में वेश्यावृति, व महिला आयोग, धिक्कार आयोग बनकर , बापू के तीन बंदर बन आँख, कान व मुंह पर पट्टी बांधकर अपना हिस्सा ले लेती है
देखू: एक देखी बात बताता हूं मनमोहन सिंग के कार्यकाल में अन्ना आन्दोलन के, पहिले कनाडा इंग्लैंड व यूरोपीय देशों में नारी सशक्तीकरण में वहां की महिलाओं ने दलील दी थी कि पुरूष सड़कों पर अपना ऊपरी बदन नंगा कर, चल सकते हैं तो महिलाए क्यों नहीं..,, इसके प्रतिरोध में महिलाओं ने उपरी बदन दिखाकर सडकों में SLEDGE SHOW का प्रदर्शन किया.., इसके समर्थन में इन्डियन वर्ग के खाते पीते घर की धनाड्य महिलाओं को सरकार ने जंतर मंतर से संसद भवन तक इसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति दी ., जबकि इसके २ दिन बाद अन्ना को जंतर मंतर मे, अपनी कुर्सी हिलने के डर से अनशन की अनुमति नहीं दी.

बोलू: देश में दो तरह का वर्ग है.., एक आदिवासे वर्ग जो भुखमरी से अपने वस्त्र नहीं खरीद पाने से नग्न रहता है ... दूसरा धनाड्य महिलाओं का , जो अपनी नग्नता से धन ही नहीं, ख्याति भी प्राप्त करता है.

बोलू: बिग बॉस की एक विदेशी महिला, ब्लू फिल्मो की नायिका, सन्नी लियोंन..., SUN+LION .के अंग प्रदर्शन से, युवाओं के सूर्य रूपी ऊर्जा व बाघ की शक्ती को अपने सेक्स सिंबल से के आज की आधुनिक सीता से रामलीलाका अभिनय कर,आज देश की महा से महानायिका बना दिया, वही MY CHOICE की दीपीका ने अपने दीपक की लौसे युवको के चरित्र को कीट पतंगे बनाकर कर जला दिया है... 

देखू: इस फ़िल्मी बाजार की BLUE FILM से, इन धनाड्य वर्गों के जीवन में धन की हरियाली फ़ैल रही है.., और देश के युवाओं में चरित्र हनन से देश में सूखापन बढ़ रहा है...
बोलू: इससे पश्चाताप करने के बजाय ,हताश युवा वर्ग सुगम तरीके से धन कमाने के लालच में अपना जीवन अपराध व धोकाघड़ी में झोंक देता है..., सामान्य निर्दोष लोगों को अपना मोहरा बनाता है..

देखू: आज देश में नग्नता का भयावह दृश्य देख रहा हूं ,, अब इस देश का क्या होगा ...


बोलू: इसकी शुरूवात तो घर के छोटे परदे से हो रही है, यदि सरकार टेलीविजन से अश्लीलता की रास लीला में रोक लगा दे तो यह रोग 90% ख़त्म हो जाएगा ...देश में संस्कारी व हमारे गौरवशाली अतीत के सीरियल से तरूण युवकों को एक स्वस्थ सन्देश से राष्ट्र के गौरव का सम्मान बढ़ाने की भागीदारी से अहम् भूमिका बनेगी.., सोया राष्ट्रवाद जाग उठेगा ..
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....दीपिका का कोठा.... “MY CHOICE IS MY VOICE”.
मेरे बदन के SIX ABS पर चढ़ने के लिए पादुकाओं का कोण बनाओं
विष कन्या से विशेष कन्या ..., SEX के SUCCESS से “SUCK कन्या
मेरी मर्जी मेरा तन कितने को भी दूं..., मन से, कुछ भी कह.., अरबों का धन कमाऊ, चाहें कितने भी युवा इस समुंद्री रूपी भंवर में डूब जाए...

Friday 24 April 2015

जब तक सरकार किसानों का दर्द नहीं समझेगी..खेती से भारतमाता की धरती सिंचन से सिकुड़ते रहेगी, देश कुपोषित होकर ...विदेशी हाथों में गुलाम हो जाएगा




बापू के तीन बंदर, अब बन गये है मस्त कलन्दर http://meradeshdoooba.com
देखू: बड़ी विचित्र तस्वीर देख रहा हूं, किसान आत्महत्या पर राजनीत , झाड़ू के साथ पेड़ पर चड़े एक किसान गजेन्द्र सिंह जो, मोदी वसुंधरा के विरोध में नारे से “खाप पार्टी” अति प्रफुल्लित हो रही थी..., वह आत्महत्या की धमकी दे रहा था ...,लोग इसे शोले फिल्म के वीरू का स्टंट समझ रहे थे, और केजरी वाल सत्ता के बसंत से किसानों के रहनुमा बन “संत” बनाने का दावा कर रहे थे ...
बोलू: जो तू देख रहा है, मे  एक बात जनता से कहना चाहता हूं.., देश का ४०% हिस्सा नक्सलवाद से ग्रस्त है..., इनकी लड़ाई ६० के दशक से सत्ताखोरों को उनकी भूमि छीनने का अधिकार से , एक छोटा सा नक्सलबारी आन्दोलन की आज  एक विकराल रूप से लड़ाई लड़ी जा रही है, जहां पर वोट बैंक की राजनीती नहीं होती है...,किसानों की आत्मह्त्या कम और किसान अपनी भूमी बचाने के लिए जन्म भूमि का रक्षक बन, जवानों की भी भूमिका निभा रहा है..., जबकि ६०% सरकारी प्रतिनिधत्व वाले हिन्दुस्तान में ६८ सालों में ५० लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है,वो चाहता है कि आत्महत्या करने की बजाय मेरी मातृभूमि को छीनने वाले से प्रतिरोध कर.., भले अपनी जान दे दूं , आज सरकार इन्हें भगाकर या कौड़ी के दाम देकर उनकी भूमि छें लेती है फिर उन्ही खदानों की जमीन को उद्योग पतियों को 100 गुना से ज्यादा में बेचकर, इस मुनाफे के खेल में चुनावी फंड के साथ अपने जी जीवन में भ्रष्टाचार का फंडा बना लेती है.. वहां अब इतनी विकट स्तिथी आ गयी है कि सरकार द्वारा अर्ध सैनिक बालों द्वारा कारवाई करने पर वे चीन के माओवाद से प्रेरित होकर, सहायता लेकर इस युद्ध को लड़ने की तैयारी कर रही है  
सूनू: अब मे “खाप पार्टी” के लोगों की बात सुन रहा हूं.., लोग ऐसा कह रहें है कि उसे इस आन्दोलन में अहम् भूमिका निभाने के लिए राजस्थान  के दौसा से बुलाया गया था..., और उसे लम्बे डंडे के साथ छोटा झाडू देकर “धौसा” देकर सत्ता पक्ष व अपने विपक्षीयों को घूसा मारने के खेल में एक नए दांव से राष्ट्रीय राजनीती का एक्का बनाने का खेल खेला जा रहा था
देखू: तब, वह  अपनी पगड़ी के फंदे में वह किसान लटक गया...,नौटंकी वाल भी देखता रहा कि फंदा झूल रहा है , वह भी समझ रहा था कि किसान गजेन्द्र सिंह को स्टंट की नौटंकी में मेरे जैसे महारथ हासिल है..., उसके भाषण का जोश बढ़ते गया.., जब कार्यकर्ताओं ने बताया कि किसान गजेन्द्र सिंह के फंदे ने झूलना बंद कर दिया तो इसका आरोप पुलिस पर जड़ कर अपनी राजनीती की जड़ मजबूत करने की नौटंकी करने लगा ..., इस किसान की मौत का सदमा तो दूर यह बदनुमा बन डेढ़ घंटे तक किसानों का मसीहा बनाने की शेखी झाड़ , उस झाड़ की तरफ जाने की भी जुरुरत नहीं समझी और तो और इसे किसान का उपहास बनाकर, अब सभी दल इसमे रोटी सकने का खेल व मीडिया भी तर्प से मालामाल हो रही है...
बोलू: १९६० के दशक में बिहार में नक्सलवाद परवान पर था , सर्वोदयी नेता जयप्रकाश नारायण , नक्सलियों की हित लिस्ट में न १ पर थे, उन्हें ह्त्या की धमकी दी जा रही थी , तब वे निडर होकर नक्सलवादियों से मिले, नक्सवादियों को भी अचम्भा हुआ, उन्होंने नक्सलवादियों की समस्या भी सुनी बल्कि उनके साथ ६ महीनों तक  जंगलों में रहकर, कुछ समस्याओं का भी निदान किया ,,
देखू: अभी हाल ही में ही देखा चुनावी होड़ के चक्कर में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के चुनावी स्पर्धा  अजीत जोगी का विद्याचरन सुक्ल से ३६ का आंकड़ा होने से नक्सलवादियों को सूचना देकर land ब्लास्ट से मरवा दिया

बोलू: जब तक किसानों की अमानत से खिलवाड़ होगा ,  भ्रष्टवाद से नक्सलवाद को खाद मिलते रहेगी..., जब तक सरकार किसानों का दर्द नहीं समझेगी..खेती से भारतमाता की धरती सिंचन से सिकुड़ते रहेगी, देश कुपोषित होकर ...विदेशी हाथों में गुलाम हो जाएगा   

Wednesday 22 April 2015

इसकी शुरूवात तो घर के छोटे परदे से हो रही है, यदि सरकार टेलीविजन से अश्लीलता की रास लीला में रोक लगा दे तो यह रोग 90% ख़त्म हो जाएगा ..



  
  बापू के तीन बंदर, अब बन गये है मस्त कलन्दर http://meradeshdoooba.com
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देखू: आज का तरूण अश्लीलता को अपने जीवन की असली रील बनाकर खेलता देख रहा हूं 
बोलू: देश में ०.५% अरबपति व पत्नियां आज भी पाश्चात्य संस्कृति को सनातन संस्कृति का पिता कह.., देश के युवाओं के नए खून में विष घोल रही है 
देखू: हां दीपिका पादुकोण के पादुकाओं का कोण का U TUBE में विश्व के युवाओं की दिमाग की TUBE फ्यूज कर दी है, FACE BOOK को FUN BOOK की कुंजी मानकर, इसे ७ करोड़ लोगों ने देखकर इस SUCK कन्या को धन से मालामाल कर दिया है..
बोलू देश की सनातन संस्कृति में जहां २५ वर्ष तक ब्रह्मचर्य के ताप से युवक, गुरूकुल की शिक्षा से अपने ज्ञान – ध्यान- विज्ञान से परख कर निकालता था और आज का युवक,अपने २५ वर्ष की आयु सेक्स के प्रभाव से अपना जीवन की ऊर्जा इस काल्पनिक समुंद्री रूपी भंवर में डूबो देता है..
देखू: देख रहा हूँ ,इस कुचक्र से देश के युवाओं में राष्ट्र शक्ति क्षीण होकर.., इसी से प्रेरित होकर, शराब सिगरेट की लत से अपना जीवन की नीव को बर्बाद कर रहा है.. व फिल्मों से इनकी भावनाए सेक्स से बलात्कार की ओर ले जाता है
बोलू: इस अश्लीलता की होड़ में फ़िल्में भी ५०० से ६०० करोड़ के मुनाफे में, राष्ट्र के गौरव हनन के साथ राष्ट्र का पतन कर रही है..., सरकारें भी टैक्स की आड़ में, हवाले धन के प्रवाह को जानकर भी आँखें मूंदे बैठी है..
देखू: इसका कारण देख रहा हूं, मीडिया वर्ग के चंद वरिष्ठ लोगों ने प्रिंट व मीडिया में इतना वर्चस्व बना लिया है कि इनका विरोध करने पर, यह वर्ग, सत्ताखोरों के अन्य छिपे घोटालों के नाड़े को खोलकर इन्हें भी इसी नग्नता के कतार में शामिल कर सकती है.., इसी भय से वे भी चुप हैं...
बोलू: इसमें भी मीडिया-माफिया-नौकरशाही-सत्ताशाही के गठबंधन के अटूट बंधन की बू आती है
सुनू: आज छोटे चकलाघरों में देश से चुराई गयी नाबालिक गरीब लड़कियों व नौकरी के झांसे में बाहार के प्रदेशों से लाई गई लड़कियों को इस व्यवसाय में धकेल दिया जाता है ..., और फिल्मों में तो सुन्दर महिलाओं को हीरोईन का लालच देकर देह शोषण से इनहें उच्च वर्गो के लोगों में परोश दी जाती है...
देखू: हाँ ..., सत्ताधारी से विरोधी वर्ग भी इस स्टिंग ऑपरेशन में फंसकर,, इन महिलाओं की ह्त्या कर अपना दामन साफ़ कर लेते है
बोलू: आज नारी सशक्तिकरण की आड़ में वेश्यावृति, व महिला आयोग, धिक्कार आयोग बनकर , बापू के तीन बंदर बन आँख, कान व मुंह पर पट्टी बांधकर अपना हिस्सा ले लेती है
देखू: एक देखी बात बताता हूं मनमोहन सिंग के कार्यकाल में अन्ना आन्दोलन के, पहिले कनाडा इंग्लैंड व यूरोपीय देशों में नारी सशक्तीकरण में वहां की महिलाओं ने दलील दी थी कि पुरूष सड़कों पर अपना ऊपरी बदन नंगा कर, चल सकते हैं तो महिलाए क्यों नहीं..,, इसके प्रतिरोध में महिलाओं ने उपरी बदन दिखाकर सडकों में SLEDGE SHOW का प्रदर्शन किया.., इसके समर्थन में इन्डियन वर्ग के खाते पीते घर की धनाड्य महिलाओं को सरकार ने जंतर मंतर से संसद भवन तक इसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति दी ., जबकि इसके २ दिन बाद अन्ना को जंतर मंतर मे, अपनी कुर्सी हिलने के डर से अनशन की अनुमति नहीं दी
बोलू: देश में दो तरह का वर्ग है.., एक आदिवासे वर्ग जो भुखमरी से अपने वस्त्र नहीं खरीद पाने से नग्न रहता है ... दूसरा धनाड्य महिलाओं का , जो अपनी नग्नता से धन ही नहीं, ख्याति भी प्राप्त करता है.
बोलू: बिग बॉस की एक विदेशी महिला, ब्लू फिल्मो की नायिका, सन्नी लियोंन..., SUN+LION .के अंग प्रदर्शन से, युवाओं के सूर्य रूपी ऊर्जा व बाघ की शक्ती को अपने सेक्स सिंबल से के आज की आधुनिक सीता से “रामलीला” का अभिनय कर,आज देश की महा से महानायिका बना दिया, वही MY CHOICE की दीपीका ने अपने “दीपक की लौ” से युवको के चरित्र को कीट पतंगे बनाकर कर जला दिया है...
देखू: इस फ़िल्मी बाजार की BLUE FILM से, इन धनाड्य वर्गों के जीवन में धन की हरियाली फ़ैल रही है.., और देश के युवाओं में चरित्र हनन से देश में सूखापन बढ़ रहा है...
बोलू: इससे पश्चाताप करने के बजाय ,हताश युवा वर्ग सुगम तरीके से धन कमाने के लालच में अपना जीवन अपराध व धोकाघड़ी में झोंक देता है..., सामान्य निर्दोष लोगों को अपना मोहरा बनाता है..
देखू: आज देश में नग्नता का भयावह दृश्य देख रहा हूं ,, अब इस देश का क्या होगा
बोलू: इसकी शुरूवात तो घर के छोटे परदे से हो रही है, यदि सरकार टेलीविजन से अश्लीलता की रास लीला में रोक लगा दे तो यह रोग 90% ख़त्म हो जाएगा ...देश में संस्कारी व हमारे गौरवशाली अतीत के सीरियल से तरूण युवकों को एक स्वस्थ सन्देश से राष्ट्र के गौरव का सम्मान बढ़ाने की भागीदारी से अहम् भूमिका बनेगी.., सोया राष्ट्रवाद जाग उठेगा 

Tuesday 21 April 2015

देश को हथियारों से समृद्ध होना चाहिए, स्कूलों में सैन्य शिक्षा से परमाणु से हाइड्रोजन बम भी बनाना चाहिए, ताकि शत्रु हमारी तरफ “आँख उठाकर” भी न देखें




सूनू :  वीर सावरकर की ४० से ज्यादा सार्थक भविष्यवाणियों व जनरल करिअप्पा ने राजीनामा देते हुए, कहा था.., “यदि हमने सावरकर के राष्ट्रवादी विचारों के ओर ध्यान दिया होता तो चीन के हाथों हमारी पराजय नही होती.., देखू:  अब भी सावरकर की बची हुई भविष्यवाणियों के ओर ध्यान नहीं दिया तो देश गर्त में चले जाएगा
बोलू: सभी सरकारें सोती रही, दोयम दर्जे के हथियार घोटालों से देशी-विदेशी माफियाओं ने देश को लूट लिया
सुनू: नेहरू को चेतावनी देने वाले वीर सावरकर ने १९५२ में ही कह दिया था , चीन हम पर आक्रमण करेगा, और आसाम में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्ला देश) नागरिकों की घुसपैठ से देश में शत्रुओं का निर्माण होगा..., और देश को  हथियारों से समृद्ध होना चाहिए, स्कूलों में सैन्य शिक्षा से परमाणु से हाइड्रोजन बम भी बनाना चाहिए, ताकि  शत्रु हमारी तरफ “आँख उठाकर” भी न देखें
देखू: देश के  भविष्य का गंभीर नजराना देख रहा हूं.., ९ साल बाद चीनी राष्ट्राध्यक्ष जिनफिंग का  .., पकिस्तान के दौरे में पाकिस्तान-चीनी भाई-भाई के नार्रों से सत्कार हो रहा है...,चीन – पकिस्तान कोरिडोर के तहत  ५१ समझौते हुए हैं , आठ नई पंडूबिया ४,५ अरब डॉलर के रक्षा समझौते ४६ अरब डॉलर के इकोनोमिक कोडोर का समझौता
सूनू: पकिस्तान के प्रधानमंत्री तो कह रहें हैं कि चीन से हमारी दोस्ती पर्वत से ऊंची, समुन्द्र से गहरी शहद से मीठी और फौलाद से भी मजबूत हैं
बोलू: अटल बिहारी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कारगिल में पाकिस्तान के  अतिक्रमण करने पर, LOC के घुसपैठ के समर्थन को चीन ने ठुकरा दिया था, तब प्रधानमंत्री को एक सुनहरा मौक़ा था..,  POK को हिन्दुस्तान में मिलाने का, सेना के जवान भी लड़ने को बेताब थे कि रोज-रोज पाकिस्तानी सेना की गोली से सामना करने की बजाय आर-पार की लड़ाई से इस मुद्दे को ख़त्म करने का.  
सुनू:  लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी  तो कह रहे थे कि “दोस्त बदला जा सकता है लेकिन  पड़ोसी बदला नहीं जा सकता..” और इस बात की गूँज से भाजपा वाहवाही लूट रही थी
देखू: सांसद हमले, विमान अपहरण से आतंकवादियों को छोड़ना.., कारगिल युद्ध जीतने को ऑपरेशन विजय कहा...असल में इसे ऑपरेशन शर्म कहना चाहिए था.., हमें शर्म करना चाहिए था कि हमारी खुफिया विभाग – खुब खाया-पीया बनकर सोया था ..
बोलू:  यह बात सही है.., पड़ोसी बदला नहीं जा सकता.., लेकिन उसकी दुष्टता नष्ट कर सुधारा तो जा सकता है... असल में अटल बिहारी वाजपेयी   को अपनी कुर्सी ५ सालों के लिए सुरक्षित रखना था...., इससे इनके  “अच्छे दिन” आ गए थे, इसकी आड़ में पर्यायवाची नारों “अच्छा लग रहा है , व इंडिया शाईनिंग के नारों को जनता ने पहचान कर, सात्ता से बेदखल  कर दिया कि नई कांग्रेस सरकार से आस लगाई कि कुछ करेगी..  
देखू:  नई सरकार ने तो १० सालों में, घोटालों की आड़ में देश की सुरक्षा का भट्टा बिठा दिया...,  हमारी सीमाओं को नजर अंदाज कर १९७१ व ब्रिटिश काल से हत्यारों के बल से  लड़ने के लिए भी आदेश नहीं दिया , यों कहें, हमारें जवानों के हाथ बाँध दिए , उनके सर कटवाकर दुश्मनों के कृत्य के विरोध तो दूर बोलने की जुरूरत भी नहीं समझी...
सुनू:  अब देश में किसान समस्या , घोटालों की दर , मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट –मन्त्री से संतरी का रूबाब कम नहीं हुआ है..., देश की २० करोड़ नौकरशाही , मोदी द्वारा हड्काने के बावजूद,अब भी राष्ट्रवाद से चेती नहीं है.., पुराने ढर्रे की जातिवाद, भाषावाद की आड़ में सत्ता की लूटनीती  का दौर बदस्तूर जारी है...
देखू: देश में भयावह  स्तिथी  है..., अब देश का क्या होगा ..
बोलू:  लालबहादुर शास्त्री के १९ महीने के कार्यकाल को छोड़कर, सभी सत्ताधारियों से देश की सीमाओं में कचरा जमा करने का जो जामा पहना है.., उसे साफ़ करने के लिए, मोदी बड़ी तत्परता से विदेशों से उन्नत हथियार मंगवा रहें है.., विश्व को भारत के गौरव के लिए .., अब तक हमारे देश के प्रति दुर्भावी भावना थी , उसे ख़त्म करने के लिए,, विश्व के देशों में अपने प्रभाव को पहिली प्राथमिकता दे रहें हैं..., विपक्ष के पास एक ही मुद्दा है ..,, महंगाई और अच्छे दिन से विरोध
देखू:  बोलू.., तू, बिलकुल सही कह रहा है ...

बोलू: जनता को कहना चाहता हूं.., मोदी में सावरकर का खून नजर आ रहा है..., पहले सीमाओं को सुरक्षित रखना राष्ट्रोपरी है..., बाहर  के दुश्मनों को पहिले निपटाना है..., भीतर के दुश्मनों को तो सीमा सुरक्षित रहने पर कभी भी निपटा जा सकता है..., इसी सिद्धांत पर प्रधानमंत्री चल रहें है..

Saturday 18 April 2015

“ ये दलित नहीं..., इनमे हिंदुओं का खून है, भगवान इनके दिलों में बसते हैं..., यह तुम्हारा जातिवाद, अस्पृश्यता का जहर..., धर्म के परिवर्तन से राष्ट्र परिवर्तन होकर, हिंदुत्व को ले डूबेगा” - वीर सावरकर



१.   वीर सावरकर- “ ये दलित नहीं..., इनमे हिंदुओं का खून है, भगवान इनके दिलों में बसते हैं..., यह तुम्हारा जातिवाद, अस्पृश्यता का जहर..., धर्म के परिवर्तन से राष्ट्र परिवर्तन होकर, हिंदुत्व को ले डूबेगा”
२.    एक विश्व के अतुल्य क्रांतीकारी , वीर सावरकर के पराक्रम से उन्होंने अपने नामस्वरूप कार्य कर विश्व को अचंभित कर दिया, और हमारे इतिहास कार, छोटी-छोटी सुविधा के लिए , देश के सत्ताखोरों के चाटुकार, से अपने को सत्ता का छद्म पुत्रकार कह, पतनकर बन , इतिहास ही नहीं देश का पतन करते गए...
३.    वीर सावरकर ने अपने सम्पूर्ण  नाम के  जीवन को कर्म भूमि  बनाकर, परिभाषित कर, भारतमाता के गौरव में अपना जीवन झोक दिया...,    आज के मौजूदा हाल को देखकर जिन्हें परमवीर की उपाध भी फीकी है..., कोहिनूर हीरे की चमक, भारत रत्न भी एक जुगनू प्रतीत होता है
४.    विनायक दामोदर सावरकर का सार्थक नाम  ===  विनायक (बिना सत्ता मोह के नायक) दामोदर (दमदार आत्म बल से देश के भीतरी व बाहरी दुश्मनों से लड़ने वाले) सावरकर (जिनकी आज ४०से अधिक , देश को संवारने वाली  ज्यादा सार्थक भविष्यवाणीयों  की ओर हमने ध्यान दिया होता तो इस देश का भविष्य उज्ज्वलतम होता..,   जिन्होंने हिन्दुस्तान के गुलामी से सिकुड़ने का कारण जातिवाद को माना.., जब तक जातिवाद रहेगा.. देश का समाज  आंतरिक  गुलामी  से जकड़ा रहेगा, राष्ट्रीय एकता छिन्न – भिन्न होकर , विदेशी आक्रान्ताओं को गुलामी से, देश के टुकड़े कर, लूट का सुगम रास्ता मिला
५.    वीर सावरकर ने अपने आत्मबल,कर्मबल से भारतमाता को विदेशी गुलामी व जातिवाद की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के संकल्प में देश को कामयाबी दिलाई ..

६.    दोस्तों... वीर सावरकर के  अंडमान जेल से छुटने पर, अपने जीते- जी “जातिवाद के विषबेल” को महाराष्ट्र के “रत्नागीरी जिले”  से काट कर फेंक दिया था..,, विश्व को एक अप्रतीम सन्देश दिया  लेकिन गांधी ने भी अंग्रेजों का सेफ्टी वाल्व बनकर इसका घोर विरोध किया .., काश यदि हमने सावरकर के आदर्शो को माना होता तो.., आज तक  भारतमाता इस जातिवाद के वोट बैंक, जो एक नागरूपी  “सर्प दंश” से आज भी घायल न रहती ..

Thursday 16 April 2015

महान राष्ट्रवादी, भौतिक शास्त्र के नोबल पुरूस्कार व भारत रत्न से सम्मानित वैज्ञानिक चंद्रशेखर रमण के, इसी “RAMAN EFFECT” के भौतिक मंत्र से ही तो, चीन आज सुपर ड्रैगन बना है.

बापू के तीन बंदर, अब बन गये है मस्त कलन्दर http://meradeshdoooba.com


देखू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आज कनाडा के अपने अंतिम पडाव में “मेक इन इंडिया” मुहीम में कनाडा में है..,  जिन्होंने, अपने  तेजस्वी भाषण से विश्व में एक छाप छोड़ दी है.., दे दना-दन के गोलों से ३० समझौते कर रहें हैं..लेकिन देश के बचे, नेता अब भी, माफिया- कॉर्पोरेट-नौकरशाही से तानाशाही के बल से  देश में सड़क छाप कार्यों से नोट छाप रहें है.
सुनू : मोदी, एक तरफ तो “मेक इन इंडिया” का दंभ भर रहें हैं.., दुसरी तरफ कांग्रेस की कटोरा नीती से, दनादन गोलों की आड़ में  धन की भी मांग कर रहें हैं. और विदेशी भारतीयों से अपनी जयजयकार  करवा रहें है.
बोलू: एक चीज मैं कहना चाहता हूं, देश के गरीबों में हाथी बल है.., जैसे हाथी की आँखे अन्दर होने से वह अपने शरीर को नहीं देख सकता है , इसी से मानव ने उसके भीमकायी बल को गुलाम बनाकर, अपने स्वार्थ की पूर्ति  हजारों सालों से की है.
देखू: मैं भी देख रहा हूं , जनता ने, देश के इतिहास से सबक न लेते हुए , देश के राजाओं से आज तक के नेताओं ने, “महावत” बनकर, जातिवाद,भाषावाद, अलगाववाद के अंकुश से  टोंच  कर..,  इस हाथी रूपी जनता को टॉर्चर कर घायल से, बदहाल कर दिया है. , और देशी विदेशी बैंकों, माफियाओं  ने भी अपनी तोजोरी भर , कर्ज से देश को गर्त में डालकर डूबों दिया है
सूनू:  अमीर मीडिया लोमड़ी भी विदेशी सुरों से इस हाथी को मारने में  उतारू है.., इनका मांस निकालकर, हाथी दांत व खालों से  अपने महलों को बनाकर चमका रहें है.
देखू:  हां , २० साल पहिले तक ये लोमड़िया भूखी थी, और जनता आज से ज्यादा सुखी थी
सुनू:  जनता भी कह रही है.., “अच्छे दिनों” के अफीमी नारों के बावूद बावजूद, पुराने माफियाओं के वजूद से महंगाई और बढ़कर अब हमारे  कच्छे पहनने के दिन आने वाले हैं...
देखू: जनता अब भी मोदी की भावी नीती की कल्पना का इन्तजार कर रही है.., लेकिन इसमें उन्हें मीडिया -माफिया- कॉर्पोरेट-नौकरशाही की फिर से मिलीभगत की, घोटालों की “बू”  आ रही है..,
सूनू: देश में महंगाई से त्राही-त्राही मची है.., जनता चिंतित है कि हमारे भविष्य में क्या अंजाम होगा .., किसानों की आत्मह्त्या रूक नहीं रही है..
बोलू: मैं, महान राष्ट्रवादी, भौतिक शास्त्र के  नोबल पुरूस्कार व भारत रत्न से सम्मानित वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमण  की यह उक्ति को  नेताओं से  कहना चाहता हूं , कि विदेशी चीजें खरीदना अर्थात अपनी मूर्खता खरीदना, आगे बढ़ना है तो विदेशों से तकनीकी  खरीदकर, उसे अपनी देशी प्रतिभा से और  उन्नत बनाकर  ,राष्ट्र को उन्नत बनाओ , इसी “RAMAN EFFECT” के भौतिक  मंत्र से ही , तो, चीन आज सुपर ड्रैगन बना है.
देखू: आज देश के महावतों..,  जो देश की लूट कर,  देश की आर्थिक वयस्था व्यवस्था को नियंत्रित, अंकुश से,  दवा करने  का दावा कर, अपने दानवी रूप से गरीबों की मेहनत लूट कर, देशवासियों के सपने चकनाचूर कर रहें है..., डॉलर भी ऊंचाई पर पहुँच कर देश की जमीनी जनता की कॉलर खेच रहा है..,
यदि, मोदी सरकार इनकी संपत्ती जब्त करें.., जो विदेशों में जमा काले धन से सैकड़ो गुना ज्यादा है.. तो, हमें विदेशियों के कटोरों की जरूरत नहीं पड़ेगी , और  इस धन को गरीबों के हाथी बल से एक स्वस्थ देश के साथ, ४ सालों में विश्व गुरू बन जाएगा

बोलू:  मोदी सरकार, ऐसा करेंगे तो जनता भी देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की तरह  उन्हें भी  सर –आँखों पर बिठाकर..., जय जवान –जय किसान –जय विज्ञान से देश सार्थक हो जाएगा.., हमारे ६८ सालों की गरीबी के, खून पीने वाले “खटमली कीड़े’ मर जायेंगे..

Tuesday 14 April 2015

90 साल पुरानी सावरकर के जातिवाद निर्मूलन से समाज उत्थान की “कृति” कि किसी को चिंता नहीं है ..,



एक विश्व के अतुल्य क्रांतीकारी वीर सावरकर, जिनके कायल डॉ भीमराव आम्बेडकर भी थे.
दोस्तों एक साल के भीतर ही अनेकों चुनावी दौर है.., सत्ता खोरों को दलितों के घर खाना खाने की होड़ में, भगदड़ है.., हर दल, दुसरे दलों को इस वोट बैंक में डाका डालने का आरोप लगा रहा है..., 90 साल पुरानी सावरकर के जातिवाद निर्मूलन से  समाज उत्थान की “कृति” कि किसी को चिंता नहीं है .., 
याद रहें.., १९५३ में एक सांसद ने नेहरू को चुनौती दी थी कि जातिवाद निर्मूलन के नारों के बजाय, यदि प्रत्येक सांसद अपना रसोईया “दलित” रख ले तो यह देश की प्रेरणा बनकर, अपने आप ख़त्म हो जायेगी.., तब सांसदों में सन्नाटा छा गया था ..
१. एक विश्व के अतुल्य क्रांतीकारी वीर सावरकर, जिनके कायल डॉ भीमराव आम्बेडकर भी थे.
२. महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे द्वारा ह्त्या करने पर, कांग्रेसियों की चंडाल चौकड़ी ने जब वीर सावरकर पर “ह्त्या के लिए उकसाने” का आरोप लगाया तो नेहेरू के भारी विरोध के बावजूद डॉ भीमराव आम्बेडकर उनके बचाव में वकील बने
३. एक ब्राह्मण कुल में पैदा हुए, वीर सावरकर, आडम्बर रहित समाज कार्यों से, बिना किसी प्रसिद्धी व समाज के उत्थान के लिए कार्यरत रहे .
४. उन्होंने जितने भी कार्य किए, भारतमाता की गुलामी व जातिवाद की बेड़ियों को तोड़ने के लिए, बिना सत्ता की ललक से देश में एक महक लाने के लिए .., आज भी , देश इनका ऋण नहीं चुका सकता है.

५. पत्रकार, पतनकार से गोरी अंग्रेजों से काले अंग्रेजों के तलुवों को चाटकर.., इतिहास में वीर सावरकर के माफीनामा को कायर नामा कहकर, प्रसारित कर..., अपने को निडर बनाकर स्वंय काले अंगेजों के साथ अपने को सत्ता का भागीदार कह कर, विदेशी हाथ, विदेशी साथ, विदेशी विचार . विदेशी संस्कार से लूटने वालों के बखान से देश के खान, खदान, ईमान लूटने में भागीदार बनते गए

६. काला पानी जेल से छूटने पर रत्नागिरी जिले में निर्वासित रहने पर वीर सावरकर ने देश में, रत्नागिरी, एक मात्र जिला बना, जो जातिवाद से मुक्त था .., इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा विश्व के अखबारों ने भी की.., आज यह हमारे इतिहास के पन्नों से गायब कर..., कि हम बुजदिल कौम थे.., यह वर्तमान इतिहास में बच्चों को पढ़ाकर युवाशक्ति का हनन किया जा रहा है.

७. निर्वासित काल में जब गांधी उनसे मिलाने रत्नागिरी गए थे.., जातिवाद प्रथा समाप्त करने की सावरकर की मुहीम का गांधी द्वारा विरोध करने पर, मतभेद होने से १० मिनट में ही गांधी नाराज हो कर उनके घर से चले गए.

८. वीर सावरकर जातिवाद निर्मूलन के “स्वर” से मृत्यु पर्यंत अडिग रहे.., भले ही उनका राणा प्रताप जैसा “घास की रोटी” खाने वाला जीवन था ..,

९. आज देश, वीर सावरकर के राष्ट्रवादी स्वरों को सार्थक कर ही उभर सकता है 

देश में गांधी.., सुभाषचंद्र बोस , भगतसिंग के विचारों की ह्त्या कर देश फिर से ६८ साल पहिले की राजनीती से नेहरू के विचारों की बल्ले-बल्ले हो रही है.., सत्ता से ही आराम है .., हे राम का आर्शीर्वाद है.., सुख से पूर्ण विराम है



बोलू: आज दिल्ली में तो केजरीवाल, आँखों में कजरा डाल, करंजीवाल से फर्जीवाल बनकर गुड़ खा रहा है व गुड़गांव में योगन्द्र व प्रशांत गुड़ जमा करने का आन्दोलन का ..,क्या नजराना देख रहा है.. अब तो पार्टी टूट के कगार में है ..

देखू: पहले ,दिल्ली में तो फर्जीवाल ने अपने को भगत सिंग व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के विचारों से व्यवस्था परिवर्तने का दंभ भर रहा था .., अब नेहरू की तरह , भारी सीटों पर जीत प्राप्त कर, सत्ता सुख भोगने के लिए , अब योगेन्द्र यादव, व प्रशांत भूषण को नेहरू की तरह, अपनी पार्टी के जाबांज नेता को सुभाष चन्द्र बोस व भगत सिंग की जासूसी के आरोप में बाहर कर, सत्ता मिलने पर गांधी के स्वराज से व्यवस्था परिवर्तन के बजाय.., मेरा राज व लोकपाल की जगह ठोकपाल की व्यवस्था से अपने सभी विधायकों को गाड़ी ,बंगला, पद देकर अपना राज को अति सु रक्षित बना दिया है...

सुनू: हाँ , अभी-अभी मैं सुन रहा हूं , अमेरिका के “टाइम” पत्रिका ने फर्जीवाल के इस खेल में महारत हासिल करने से अपने मुखपृष्ठ में स्थान दे रहा है..

बोलू: दिल्ली की जनता भी कह रही आप तो ऐसे न थे ..., आप ऐसे कैसे निकले..!!!

सूनू: पार्टी के दान दाता भी अपने “दान” की राशि को वापस मांग रहे है.., कोई अपनी गाड़ी तो कोई अपनी गाढ़ी कमाई ,तो.., कोई आप पार्टी के चुनाव रंग के चिन्ह (लोगो) को वापस मांगने पर, पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष तो देश के संस्कृति की दुहाई देते हुए कह रहें है कि देश के खान-दानी इतिहास में हमारी जमाँ हुई दान की खान की राशी को तो वापस नहीं किया जाता है.., आज तक देश के किसी लुटेरे ने भी यह राशि नहीं लौटाई है ...!!!.

बोलू; एक कहावत है, “दान व स्नान किसी को बताया नहीं जाता है..,” लेकिन वे दान दाताओं के धन का उपयोग “राष्ट्रनीती” के बजाय “सत्ता को प्राप्त करने की नीती” से, हमारे दान को साम-दाम-दंड-भेद से लोकतंत्र की ह्त्या करने पर. उनके इस स्नान का नंगापना दान दाताओं को पता चलने पर वे आक्रोशित हो गए है...

देखू: नेहरू ने तो अपना चुनाव चिन्ह दो बैलों की जोड़ी से.., अय्याशी से इन बैलों की मेहनत को हताश कर, इनमें विदेशी खून डालकर, देश के किसानों से जावानों को भूखमरी के कगार में पहुंचा दिया था .., और डॉक्टर आम्बेडकर से संविधान बनवाकर, उन्हें दरकिनार कर दिया था

बोलू: हाँ.., डॉक्टर आम्बेडकर की कठोर मेहनत के बावजूद , संविधान में देरी देरी से उन्हें लताड़ते रहे.., लेकिन प्रशांत भूषण द्वारा ६ महीनों की कड़ी मेहनत से, व योगेन्द्र यादव की बैल की तरह मेहनत से, जनता को एक स्वस्थ व्यवस्था का विश्वास से फर्जीवाल को भारी बहुमत दे दिया.

देखू: अब केजरीवाल, सत्ता की करंजी खाने , फर्जीवाल बनकर, जनता को असलीवाल बताने के ल्हेल में, इन्हें दो मुंहा बैल कहकर इन पर सवार होकर, अपने ही झाडू को तोड़ने के जादू से ..., इन बैलों की राजनैतिक ह्त्या कर ,अपनी सत्ता को संवारने का खेल खेल रहें है..

सूनू: इस खयाली पुलाव में मनीष सिसोदिया व संजय सिंग भी इन बैलों की घंटी से नौटंकीवाल की जय-जयकार कर, कह रहा है, फर्जीवाल.., तुम हमारे गुरू घंटाल..कहकर पार्टी के “भाईचारा” का सन्देश प्रसारित कर रहा है .

बोलू: यह पूरा खेल “'इंसान का इंसान से हो भाईचार..,यही पैगाम हमारा..,,का नारा की आड़ में हमारे ठोकपाल की नीती के जो विरोधी है, वह दुश्मन हमारा.., की शराफत का खेल से जनता को भरमा रहा है देखू: देश में गांधी.., सुभाषचंद्र बोस , भगतसिंग के विचारों की ह्त्या कर देश फिर से ६८ साल पहिले की राजनीती से नेहरू के विचारों की बल्ले-बल्ले हो रही है.., सत्ता से ही आराम है .., हे राम का आर्शीर्वाद है.., सुख से पूर्ण विराम है 

Sunday 12 April 2015

लगाओ दहाड़, बने.., मार्सेल्स द्वीप में बने “वीर सावरकरजी का स्मारक” और २६ फरवरी २०१६ को वीर सावरकरजी की ५० वी पूण्य तीथी पर उनका माल्यार्पण हो..



१. मोदीजी, आप फ़्रांस में हैं.., लगाओ दहाड़, बने.., मार्सेल्स द्वीप में बने “वीर सावरकरजी का स्मारक” और २६ फरवरी २०१६ को वीर सावरकरजी की ५० वी पूण्य तीथी पर उनका माल्यार्पण हो..
२. 8 जुलाई 2010.., देश के इतिहास का सबसे बड़ा काला दिन, जागो मोदी सरकार, फ़्रांस ने तो श्यामजी वर्मा की अस्थियाँ ७० साल तक सजोई थी, लेकिन सावरकर के पराक्रम की याद व आस्था आज १०५ सालों बाद भी सजोई रखी है 
३. आप तो श्यामजी वर्मा की अस्थियों का विसर्जन से गुजरात में इनका स्मारक बनाकर गौरान्वित हो...
४. 8 जुलाई 2010, को वीर सावरकरजी मार्सेल्स द्वीप की ऐतिहासिक छलांग के पसीने से, 100 वर्षों पूरे होने के उपलक्ष्य में फ़्रांस सरकार, अपने खर्च पर, अपनी भूमि पर मूर्ती का निर्माण कर , सरकारी समारोह से वीर सावरकरजी को अन्तराष्ट्रीय रूप से गौरान्वीत कर, विश्व की युवा पीढी को राष्ट्रवाद से यौवान्वित का सन्देश देना चाहती थी .., लेकिन कांग्रेस के लूटेरों ने फ़्रांस सरकार के इस प्रकल्प पर पानी फेर दिया,
५. १९६२ के चीन के दलाल.., मणि शंकर अय्यर जो इंग्लैंड में चीन के युद्ध का समर्थन करते हुए .., चीन के चहेते बनकर भारी चंदा इकठ्ठा कर रहे थे , वे भी नेहरू के चहेते बने रहे.., संसद में वीर सावरकर के तैल चित्र का अनावरण हो, या अंडमान के विमानपत का नाम वीर सावरकर के नाम रखने व फ़्रांस में स्मारक की भूमिका में वीर सावरकर के विरोध में अग्रीम भूमिका निभाकर आज भी कांग्रेस के स्तंभकार बने हुए है...

६ . देश के, सेना के, १४ लाख जवान तो प्रथम विश्व युद्ध में आजादी पाने के. कांग्रेसीयों के झांसे से.., ७५ हजार सैनिक तो ‘बलि का बकरा बने’ व २ लाख सैनिक “विकलांग” बने और कांग्रेसी तो , अंग्रेजों के तलुवे चाटकर अपने को, अंग्रेजों का सेफ्टी वाल्व बनाकर, महाबली बनाकर “KINGKONG” की उपाधि से महामंडित करते रहे.
७. याद रहे .., श्यामजी वर्मा ने वीर सावरकर की अप्रतिम प्रतिभा को पहचाना.., और सावरकर ने उनके विचार को सार्थक कर ,इंग्लैंड में श्यामजी वर्मा द्वारा “इंडिया हाऊस” को विश्व पटल में ‘क्रांतीकारी हाऊस” बनाकर, अंग्रेजों के रोंगटे खड़े कर दिए .., सजा के लिए,पानी के जहाज से अंडमान जेल ले जाते समय.., फ़्रांस के रास्ते में, अंग्रेजो के जहाज से एक ऊंची छलांग मार्सेल्स द्वीप के सागर में क्रांतीकारियों के दिलों में गागर भर दिया था
८. विश्व के क्रांतीकारियों में एक राष्ट्रवाद के हलचल से , इस अन्तराष्ट्रीय मुद्दे से एक अमिट छाप छोड़ दी थी.., अंग्रेजों से गुलाम देशों ने भी सावरकर का लोहा माना
९. विश्व समुदाय के विरोध से इनका यह मुकदमा हैग के अन्तराष्ट्रीय अदालत में चलाया गया..., यह भी अप्रितम उदाहरण था
१०. जर्मनी के आक्रमण के डर से फ़्रांस व इंग्लैण्ड की संधियों की वजह से उन्हें ५० साल की दो जन्मों के कारावास की कड़ी सजा सुनाकर अंडमान के काला पानी में सजा भुगतनी पड़ी .., लकिन वीर सावरकर की कला से वे मात्र, १३ साल के कारावास से पुनर्जन्म से, एक नए पूर्ण जन्म से.., देश की सेवा निस्वार्थ रूप से.., भारतमाता को गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए , बिना सत्ता मोह से , देश की आजादी को अखंड भारत के प्रखंड विचारों में कायम रहे
११. दोस्तों बड़े दुःख के साथ लिखना पड़ रहा कि अन्ग्रेंजो के साथ सत्ता की मिलीभगत से देश को खंडित कर अहिंसा के झांसे से १९४७ में, १० लाख से ज्यादा हिन्दुस्तानियों का क़त्ल कर , सत्ता परिवर्तन के झांसे को आजादी कह कर , इन गद्दी दारों ने वीर सावरकर को नजरबन्द व सुभाषचंद्र बोस सरदार भगत सिंग के घरों पर खुफिया निगरानी से, इंग्लैंड की महारानी को, देश के गद्दी दार बनकर क्रांतीकारियों को गद्दार कर देश के टुकड़े कर देश के मसीहा बनकर, लाखों सड़क, मोहल्लों, शहर से देश संस्थानों को अपने नाम व पुतलों से अब अमर कहलाते रहे ...!!!!!!.

Friday 10 April 2015

यदि देश का काला धन पकड़ कर, किसानों की कृषि का राष्ट्रीयकरण व युवा शक्ती को.., शिक्षा से, लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देकर, उनके आत्म-सम्मान को सम्मानीत किया जाय तो हर गरीब की कुटिया में एक चमक आकर, ४ सालों में देश के इतने अच्छे आयेंगे कि विश्व भी अचंभित हो जाएगा



बोलू: अरे देखू .., आज तू. R.B.I. (रोता बापू ऑफ़ इंडिया), रिजर्व भ्रष्टाचार ऑफ़ इंडिया (R.B.I.) को टुकूर –टुकुर, कर क्या देख रहा है 
देखू: बापू के देश में पापू लोग भर गए है..., भ्रष्टाचार का रिजर्व अधिकार से गायब, यब.., गा.., के खेल से देश “भारत निर्माण” के नारों के बाद “अच्छे दिनों” के अफीमी नारों से सत्ताधारी झूम रहें है..., 
बोलू: लेकिन मोदी सरकार ने तो नारा दिया था , मैं देश नहीं मिटने दूंगा.., और तू, देख कर, कह रहा है कि गायब-यब- गा के गीत / खेल का शोर है .., मैं समझा नहीं..!!!,
देखू: हाँ , पिछले ७ सालों में बैंक के कर्मचारियों ने बैंक में डाका डाल कर , देशवासियों के २८ हजार करोड़ रूपये लूट लिए है...
सुनू: हाँ , बैंक के अधिकारी अब भी कह रहें है..., बड़े देश में ऐसी छोटी-छोटी घटनाएं है, इसे छोटा फ्रौड (FROUD) कहकर, प्राउड (PROUD) कर रहें हैं
बोलू: हां , अब प्रधानमंत्री जन-धन योजना को बैंक के अधिकारी तन –मन से धन डकार कर, फिर से कहेंगे .., योजनाए को तो.., .भोजनाएं बनाकर... ६८ सालों का यह रूटीन दौर है ..,
सुनू: अपने पैसे का, माफियाओं द्वारा शिकार होने पर, बैंक तो ग्राहकों को कह रहा है..., इसमें कार्यवाही करने का हमें हक़ नहीं है..,
देखू: मैं देख रहा हूं , पकिस्तान व बांग्लादेश सीमा से नकली नोटों की करेंसी , राष्ट्रीयकृत बैंकों में , कर्मचारियों की मिली भगत से जमा होकर , इसे नया जामा पहनाकर देश की अर्थव्यस्था को चौपट किया जा रहा है...
सूनू: रिजर्व भ्रष्टाचार ऑफ़ इंडिया (R.B.I.) भी जानकर, रियल बापू ऑफ़ इंडिया (R.B.I.) के तीन मूल बंदर बनकर, आँख मुंह कान बनकर कह रहा है.., हम तो बापू के आदर्शों का पालन कर रहें है..
बोलू: देश में पिछले २० सालों में २५ लाख करोड़ तो उद्योग पतियों ने बैंक का कर्ज डूबोया है.., सजा तो दूर की बात, अभी तक इन मामलों में कार्यवाही भी शुरू नहीं हुई है..., और इसका खामियाजा जनता को महंगाई के तौर पर,दिन पर दिन .., भुगतना पड़ रहा है...,
सूनू: मुझे सुन कर ताज्जुब हो रहा है..., मोदी भी देश के काले धन के माफियाओं पर कार्यवाही करने के बजाय कह रहें है.., देश में धन के लाले पड़ गए है .., इसलिए विदेशी माफियाओं के कांग्रेसी विचारों से जनता पर महंगाई की रस्सी डालनी पड़ेगी
बोलू: अभी वे विदेश से काले धन लाने के झांसे से देशवासियों को भरमा कर , जनता को भ्रमित कर, इनके नाम बताने से इनकार कर रहें है.., क्योंकि इनके आक्का तो देश में ही बैठे हैं.., उन्हें भी विश्वास है कि मोदी उनका बाल – बांका करने में अपना बल नहीं लगाऐंगे ...,
देखू: देश की जनता भी भौचक्का है.., वह तो रास्ते में चक्का जाम कर रहें है.., और सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है..
बोलू: अभी दिल्ली में केजरीवाल, नौटंकी वाल बन कर “मुफ्त नाम के प्याले” में देशी शराब के प्याले से, भारी सफलता प्राप्त कर ,जन लोकपाल के वादे से अपने सभी जीते विधानसभा के सदस्यों को, मुफ्त में ऊंचे ओहदे, मुफ्त बंगला ,बिजली पानी A-Z +++ की सुविधा देकर अपना उल्लू सीधा कर, अपने पार्टी के स्तम्भ कारों की नीव तोड्कर ..., अब ठोकपाल बनकर कह रहा है.., मैं दिल्ली में मोदी से भी प्रभावशाली बनूंगा
सुनू: १० महीने की मोदी सरकार से जनता हताश हो गई है..., उसे तो अब ताश का महल दिख रहा है...., अब कह रहें हैं कि क्या.?, देश ऐसे ही मुफ्त वादों से चलता रहेगा...
देखू: देश की विकट समस्या का तुझे कुछ निदान दिख रहा है, क्या...???
बोलू: हाँ , मोदी सरकार तो कह रही है कि उन्हें गर्व है कि देश में ६५% युवा शक्ती है..., यदि देश का काला धन पकड़ कर, किसानों की कृषि का राष्ट्रीयकरण व युवा शक्ती को.., शिक्षा से, लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देकर, उनके आत्म-सम्मान को सम्मानीत किया जाय तो हर गरीब की कुटिया में एक चमक आकर, ४ सालों में देश के इतने अच्छे आयेंगे कि विश्व भी अचंभित हो जाएगा 

Tuesday 7 April 2015

देश के टुकड़े करने वाले, देश के हथियारों की दलाली करने, कफ़न व घोटालों से “वतन बेचकर खाने वाले” आज “भारत रत्न” से नवाजे गए हैं.., देश के फ़की






संवाद.., देशद्रोही M.B.B.S. (महान भारत भ्रष्टतम सेवा)
देश में बापू के नाम पर खेल, चल रही है.., भ्रष्टाचार की दुरंतों रेल, बापू की अर्धनग्नता को, “महात्मा” कह.., देश की दुरात्मा नेताओं की वजह से “हिन्दुस्तानी, अभी भी है भूखा नंगा..,”
इंग्लैंड में बापू की चश्मा, लाठी व खून से सनी मिट्टी /घास का, 80 लाख रूपये से ज्यादे मे निलाम हो चुकी हैं.., लेकिन कांग्रेस सरकार को इसे खरीदने के लिए धन नहीं था.., जबकि बापू के जन्म दिवस पर ५००० करोड़ रूपये से कही अधिक, से ज्यादा का चूना, सरकारी छुट्टी से लग जाता है,
देश के टुकड़े करने वाले, देश के हथियारों की दलाली करने, कफ़न व घोटालों से “वतन बेचकर खाने वाले” आज “भारत रत्न” से नवाजे गए हैं..,
देश के फ़कीर “भारत रत्न” प्रधानमंत्री जो “एकमात्र प्रधानमंत्री थे” जिनके मात्र १९ महीने कार्यकाल में राष्ट्रवाद से जवान व किसान को भारत रत्न बना दिया था , तथा महान क्रांतीकारीयों के प्रणेता,”वीर सावरकर” की चमक को तो “नोबल पुरूस्कार व भारत रत्न” विजेता “चंद्रशेखर वेंकट रमण” ने तो कोहिनूर हीरे से महान माना, जिनकी वजह से देश में भगत सिंग, सुभाष चन्द्रबोस चंद्रशेखर तिवारी उर्फ़ आजाद जैसे लाखों क्रांतीकारियों क जन्म ही नहीं दिया बल्कि विश्व के क्रांतीकारियों को संगठित किया.., सभी सरकारों ने उन्हें इतिहास के पन्नों से गायब कर, देश को विदेशी हाथ, साथ, विचार. संस्कार से देश को कर्ज से डूबोकर , गत में डाल दिया है...
दोस्तों यह पेज https://www.facebook.com/BapuKeTinaBandaraAbaBanaGayeHaiMastaKalandaraसे जुड़ा है .. इस पेज की भी यात्रा करें , देश डूबा कम्युनिटी पेज बेबाक है..,
मैं “जागो इंडिया” व “देश जाग उठा” ऐसे शीर्षकों पर विश्वास नहीं करता हूं..., ६८ सालों के सच्चाई की जानकारी व देश के डूबते रहने का भान जब तक देशवासी तह पर जाकर नहीं जानेंगे तब तक उनमे राष्ट्रवाद की शक्ति से वे तैर कर डूबते देश को नहीं बचा सकते है... “जागो इंडिया” के नाम से टाटा की चाय ४०० रूपये व नमक २५ रूपये किलो में बिक रहा है...
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संवाद.., देशद्रोही M.B.B.S. (महान भारत भ्रष्टतम सेवा) - सितम्बर २०१२ की post
मैंने नोट मे गाँधी के चित्र मे बापू को मुस्कराते देख कर बापू से पू्छा ?, आप तो मुस्करा रहे हो कम से कम मेरी तरफ तो देखो, मुझे आपसे कुछ वार्तालाप करनी है।
बापू ने कहा मैं तो देश के मौजूदा हालात को देखकर मुस्कुरा रहा हूँ, “ हाँ, बापू मैं भी इसी बारे में आपसे कुछ पूँछ्ना चाह्ता हूँ।“
४ साल पहले संजय दत्त के लिये मुन्ना भाई M.B.B.S फिल्म बनाई थी, तो उसके पाप धुल गऐ, और प्रधानमंत्री भी उस फिल्म को देखने गऐ।
मैं नही चाह्ता हूँ ये वार्तालाप प्रधानमंत्री देखें।
मैं ये वार्तालाप जनता को दिखाना चाहता हूँ। ताकि जनता के पाप धुल सकें ?
बापू – पूछ… , बेटा पूछ …?
देशद्रोही – बापू आपने बेटा कहकर, मूझे सम्मान दिया हैं। अब कॄपया बापू, अब आप अपने बेटे को खोटा ना कहना।
बापू – अरे बेटा, ..पूछ. पूछ…
देशद्रोही – बापू आपसे जानना चाहता हूँ कि आपने काँग्रेस को बेवकूफ बनाया, या काँग्रेस ने आपने?
बापू और एक सवाल ?, क्या आपको संत, महात्मा, राष्ट्रपिता, नाथूराम गोड़्से ने बनाया या काँग्रेस ने?
बापू – यह बहुत ही पेचीदा सवाल है। मैं मुस्कुरा – मुस्कुरा कर थक गया हूँ, अभी मैं विश्रांती मे जा रहा हू, इसका जवाब समय आने पर दूँगा।
अगले दिन सवेरे, अखबार वाले ने घ्रर की घंटी बजायी। दरवाजा खोलने पर टेबल से नोट फर्श मे गिर कर, दौडते हुऐ दरवाजे के बाहर चला गया। तभी अखबार वाले ने नोट उठा कर देते हुऐ कहा ,”तुम्हारा नोट बाहर गिरा हैं। नोट को संभाल कर रखो, उसका सम्मान करो।”
मैंने नोट को देखा, बापू मेरी तरफ देख कर बिना चश्मे के आँखो से आँसू निकाल कर, गंभीर मुद्रा मे मुझे देख रहे थे।
मैंने बापू से कहा, “बापू…”, आपके उदास होने का कारण मुझे समाचार चैनलो से पता चल चुका हैं कि आपका चश्मा, लाठी व आपके खून से सनी मिट्टी /घास का इंगलैड में 80 लाख रूपये से ज्यादे मे निलाम हो चुकी हैं।”
बापू – मेरी इतनी र्दुदशा होगी, मुझे स्वप्न मे भी कल्पना न थी?
देशद्रोही : हॉं बापू आपके विज्ञापन मे सरकार ने पिछले पाच सालोमे 14 करोड से ज्यादा खर्च कीये थे ?
और एक बात बापू, आपके आदर्शो के दुवाही देने के लिये आपके जन्म दिन की छुट्टी मे सरकारी विभाग व अन्य संस्थानो के कर्मचारियो के एक दिन के वेतन से, देश को 5000 करोड रुपये से ज्यादा का चूना लग जाता है,
देशद्रोही : अभी छह महीने पहीले एक सर्वे रिपोर्ट प्रकाशीत हुई थी, कि नई पीढी बापू से अपरिचित है। तथा लोक प्रियता मे धोनी, सचिन, सानीया मिर्जा पहचान व लोक प्रियता मे आपसे भी उपर है।
बापू : यह तो सही है। यदि मै न सही कोई क्रांतीकारी जैसे शहीद सरदार भगतसींग, खुदीराम बोस…… या क, ख, ग जैसा शहीद भी इनसे लोकप्रियता मे मेरे से उपर होता तो भी मुझे संतोष होता था ।
देशद्रोही : बापू, शायद आपको पता नहीं है, खुदीराम बोस का मुजफ्‌फरपुर के बर्निंगघाट पर अंतिम संस्कार किया गया था लेकिन उस स्थल पर शौचालय बना दिया गया है. इसी तरह किंग्सफोर्ड को जिस स्थल पर बम मारा गया था उस स्थल पर मुर्गा काटने और बेचने का धंधा हो रहा है.
बापू :यह शहीदों के प्रति घोर अपमान और अपराध है?
देशद्रोही : बापू , यह सब इंडियन मीडीया का कमाल है । वे टी आर पी के चक्कार से एक दूसरे को मीडीया वाद से जनता को मारने को उतारू है । जिससे जनता की आँख से स्वोतंत्रता सेनानी / क्रातिकारी ओझल होते जा रहे है ।
बापू : ऐसा , यह सब क्योे हो रहा है ?
देशद्रोही : यह सब सत्ताधारी की मिलिभगत है । उनके इशारों पर मीडीया काम कर रही है, किसे गिराना है , किसे उठाना है यह मीडीया को धन बल से उकसा कर उनकी आजिवीका के द्वार खोल रही है ।
बापू : लेकिन, मेरे बारे मे मीडीया चुप क्यो है ।
देशद्रोही : बापू , जब चुनाव आते है तो अप्रत्यक्ष रूप से नेताओ की आत्मा कहती है , और वह मीडीया को प्रचार के लिए इतना उकसाती है । उन्हे लगता है, अब,
गाँधी नाम की लूट है , लूट सके तो लूट ?
अंत काल पछताएगा जब सत्ता, जाएगी छूट ?।
बापू : जनता समझती क्यों नही है ?
देशद्रोही : आज जनता भी भीड है। भीड भेड होती है उसे स्मृति लोप की बीमारी
( डेमिशीया ) होती है । यदि ये पूरे साल आपका प्रचार करे, और चुनाव के समय प्रचार न करे तो जनता यह भी भूल जाएगी । इसलिए वे चुनाव के पूर्व 40- 45 दिन तक आपका प्रचार धूम धाम से होता है ।
बापू : हॉं ।
देशद्रोही : बापू , जब मै आपके चित्र पार्टीओ के बैनर मै देखता हूँ, तो मूझे आप बिकता बापू लगते है । पार्टीया उस समय आपको संकट मोचन कहती है । आपके आदर्शो की दुहाई के साथ पार्टी मजबूत होने का दावा करती है ।
देशद्रोही :बापू यह सब पब्लिसिटी (publicity – लोक प्रसीध्दी ) का खेल है । इन शब्दो मे मुझे पब + लाइ + सिटी ( pub+lie+city) अर्थात उच्चे् दर्जे की शराब खाना वालों के झूठ बोलने वालो का शहर । आज इसी झॉंसे मे ही तो देश बिक रहा है ।
बापू : लोक प्रसीध्दी तो मैने भी की थी, तथा तूमको पता होगा?, मैने तो शराब छोड दी थी । और लोगो से भी आव्हान करता था । शराब छोडो व देश बचाओ
देशद्रोही : बापू एक अंग्रजी का शब्द है मार्केटिंग ( विक्री का बाजार ) इस शब्दर मे मुझे हर पार्टी मार काट किंग नजर (mar+kat+king) आती है ।
बापू : हॉं, इसी दोनो शब्दो का सहारा लेकर पार्टीओ ने मेरे नाम से, देश की छवी खराब की है ।
देशद्रोही : बापू आप का नारा तो स्वदेशी था । आज स्वददेशी शब्द का, इंडियन लोगो ने भूर्ता निकाल दिया है । आज विदेशीकरण का स्वदेशीकरण कर दिया और जनता को देशीकरण के नाम पर वशीकरण कर लिया है ।
देशद्रोही : : देश मे गरीबी के बारे मे आप क्या सोचते है ।
बापू : हॉं, देश मे गरीबी है ।
देशद्रोही : देश मे भीषण गरीबी है, इतनी गरीबी है की, आपका चष्मा भी चुरा लिया जाता है । आपकी मूर्तीया बिना चष्मे की रहती है ।
बापू : हॉं इसके पिछे भी सत्ता्धारी खूश रहते होंगे, ताकी मुझे जनता की गरीबी न दिखे?
देशद्रोही : लेकिन देश मे आपके ही नही, और भी महापूरूषों की मूर्तीयो को ये उनके जन्मद दिन पर भी नहलाते नही है ?
बापू: हॉं, देश के हालात देख रहा हूँ । इन मूर्तीयों को नहलाया नही गया है, इससे मै बहूत खुश हूँ ।
देशद्रोही : ऐसा क्यो ?
बापू: देखो, आज घोटालो का खेल चल रहा है । आज सत्तार शाही इतनी गिर गई है ।
यदि इसकी राष्ट्रीय योजना होती, तो इसमे मूर्ती धोने का करोडो का घोटाला होता था।
देशद्रोही : वह कैसे ?
बापू: तुमने राष्ट्रमंडल खेल का घोटाला देखा, जिसे अग्रेजी मे काँमन वेल्थ गेम कहते है, जिसमे साधारण आदमी का धन , यहाँ तक की दलित व आदिवासियो की सरकार के पास जो सुरक्षित जमा पूँजी भी, (दस हजार करोड से ज्यादा) इसमे झोंक दी गई थी , उसमे जो वस्तू( किराये मे ली गई थी उसकी मूल कीमत से ज्या दा किराया चूकाया था । उसी तरह यदि इसकी राष्ट्रीय योजना होती तो,मूर्ती धोने के बहाने मूर्ती के किमत से ज्याजदा उसकी धूलाई की किमत अदा की जाती थी । उपर से देशवासियो को कहा जाता था देखो इन मूर्तीयों को धोने की वजह से हम जनता को पानी देने मे लाचार है ?
देशद्रोही : लेकिन बापू..., ये तो जनता को बता रहे है की हम बापू के आदर्शो पर चल रहे है ?
देशद्रोही : मै मूर्ती के राष्ट्रीय खेल के बारे मे एक घटना कहना चाहता हू , मुम्बई के रमाबाई झोपडपटटी इलाके मे आम्बेडकर की मूर्ती पर, एक सुनियोजित योजना के तहत् , किसी ने देर रात मे जूतों की माला डाल दी थी, सवेरे शौच जाने वाले एक व्यक्ति ने वह जूते की माला नीचे उतारी, तो उसे पीटा गया और यथास्थिति रखने के लिये उसी से जूतों की माला डलवाई गई ?
दोपहर तक मीडिया की साठ गाँठ से यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया, एक आन्दोलन मे गोलिबारी मे, 7-8बेगुनाह लोग मारे गये, नेताओ में दलित वोट हडपनें कि हौंड लग गई, देश के सत्त्ता के दलालो ने इनका वोट लेकर अपनी सम्पत्ति 100 गुन से ज्यादा बडा ली. और दलित मुँह ताकता रह गया है
बापू : तुम्हे पता होगा जब फिरोजशाह मेहता की मूर्ती, जब् बम्बई मे लगाइ जा रही थी, तो आम्बेडकर ही वह व्यक्ति थे जिन्होने इसका घोर विरोध किया था, आज मुझे समझ मे नही आता की, आज के सत्ताखोर, इसे विवाद बनाकर गरीब लोगो को गुमराह कर रहे है, जनता की गाडी कमाई से अपनी तिजोरी भर रहे है
यह आज जो सत्ता पर, मेरे सिद्दांतो से बैठे हैं वह अहिंसा के नाम से सत्ता खोर नही, आदमखोर हो गए है ।
देशद्रोही : बापू इसलीए तो, मै आपसे वार्तालाप करना चाहता था । शूरू मे थोडा वार्तालाप करने के बाद आपने मुझे टरका दिया था । इससे पहले आपने मूझसे कहा था की मै विश्रांती मे जा रहा हूँ ।
बापू : हाँ, मुझे तो अहिसा का नंगापण दिख रहा है ।
देशद्रोही : बापू मुझे अब तक भी समझ नही आ रहा है । जनता चुप क्यों बैठी है ?
हिन्दी मे एक कहावत है शौच करने वाले व्यक्ती को शरम नही आती है । लेकिन देखने वाले को शरम आती है ।
बापू : हॉं यह कहावत तुने सही कही है।
देशद्रोही : लेकीन बापू जनता को यह सब देखने पर भी शरम के मारे सडको पर नही उतरना चाहती है।
बापू : तो जनता को सडको पर अवश्य उतरना चाहिए।
देशद्रोही : नही.., जनता आपके ‘ महात्मा ’ शब्द की गरीमा खराब नही करना चाहती, उन्हे लगता है कि सडक पर उतरना मतलब बापू का अपमान है।
बापू : मै तेरे प्रश्नप से असमजंस में हूँ , समझा नही ?
देशद्रोही :बापू आप तन मे उपर से नंगे थे और ये भ्रष्ट नेता तो नीचे से भी नंगे हो गये है।
बापू : लेकिन, नंगापन तो नंगापन होता है। यह जनता को समझ मे नही आ रहा है ?
इसका श्रेय उच्चा-मध्यपम भारतीय वर्ग के हाथ मे है । जो इन इंडियन नेता को रोटी रोजी का आधार मानते है ।
देशद्रोही : आपने सही कहा
बापू : आज तुमको पता है शीला की जवानी चिकनी चमेली, इत्यादि गानों से, ये उच्च व मध्यम वर्ग की भारतीय जनता देश के हिन्दूस्तानी लोगों को भरमाकर कह रही है, कि देखो देश जवान होकर उसमे चिकनापन आ रहा है ।
देशद्रोही : हॉं बापू एक बात मै कहना चाहता हूँ भारतीय जनता पार्टी ने “इंडिया चमक रहा है , व अच्छा महासूस हो रहा है” का नारा दिया था , क्यो, कि, उनका भी कांग्रेस की नीती से सत्ता चलाकर व्यक्तित्व चमक रहा था और तोद बाहर आ रही थी ।लेकिन उनको सत्ता से हाथ धोना पडा था ।
देशद्रोही :बापू कांग्रेस तो पब्लिसिटी और मार्केटिंग मे तो गुलामी के समय से हि माहिर थी , उसने जनता को विश्वास दिलाया कि भारतीय जनता पार्टीसे अच्छा शासन सिर्फ ही दे सकती है,
बापू : वह कैसे ।
देशद्रोही : भारतीय जनता पार्टी सत्ता। से मदमस्त होकर , यह सोच रही थी की उसे इस सत्ता का दूबारा पुरस्कार मिलेगा, इस भ्रम मे उसने संसद का चुनाव समय से पहले करा दिया।
बापू : हॉं सही कहा । आगे कहो ।
देशद्रोही : इसमे राम ( अटल बिहारी वाजपेयी ) बंगारू ( लक्ष्मलण) व जसवंत सिह ( हनुमान ) की जोडी थी प्रमोद महाजन की वजह से सुषमा स्वराज सीता बननेको तैयार नही थी। बंगारू लक्ष्मवण रक्षा सौदे मे नाम मात्र एक लाख की रिश्वबत लेते पकडे गए तो रणनीती कार लक्ष्मण ( प्रमोद महाजन ) को सही गददी मिल गई ।
बापू : हाँ, अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रमोद महाजन को लक्ष्मण कहते थे । और कहते थे की मै वनवास जाऊंगा तो अकेला जाऊंगा और लक्ष्मण को अपनी सत्ता सौपकर जाऊंगा।
देशद्रोही : एक समय तो राम ने अपनी गददी छोडकर उन्हेी सत्ता का प्रशिक्षण देने का भी मन बना लिया था ।
बापू : हॉं , वह प्रमोद महाजन को अपना छोटा भाई मानते थे । और लक्ष्मण की उपाधि तक दे डाली थी ।
देशद्रोही : हॉं बापू उसके उतावले पन ने उसने भारतीय जनता पार्टी को डूबो दिया । एक बडे दूर संचार घोटाला उजागर होने के पहले वह एक चमडी घोटाले मे फस गया ।
बापू : बेटा, तूझे पता नही है की सत्ता मे चमडी की करेंसी (नोट) चलती है ।
देशद्रोही : हॉं बापू, अभी हाल मे ही हमारे राज्यपाल, अपने राजभवन मे चमडी करेंसी मे पकडे गए थे । इनकी 86 बरस की इस उमर मे चमडी करेसी मे पकडा जाना , उनके जिंदगी के फल मे, विष भर दिया ।
देशद्रोही : बापू मैने एक समाचार वाहिनी मे मै उनका साक्षात्कार देखा था । संवाददाता पूछ रहा था कि क्या यह सही है?, तब नारायण दत्त तिवारी ने बेधडक कहा, आपने जो मेरे चल चित्र देखे है ,मै अपने चाल – चरित्र मे उससे भी कही बहुत आगे हू., पूछो ? आगे और क्या पूछना है ?।
बापू : हॉं यह सही है ।
देशद्रोही : लेकिन बापू, उसने कहा तुम्हें पता है, मै कौन हूँ ? मैने देश की बहूत सेवा की है । मैने महात्मा‍ गांधी के साथ आंदोलन लडा है ।
बापू : वह बेशरम आदमी है, जो खूले आम मेरा नाम ले रहा है ।
देशद्रोही : लेकीन बापू उसके कहने का मतलब यही था की इस क्रिया के लिए मुझे बापू द्वारा प्रेरणा मिलकर, प्रेरित हुआ हूँ ।
बापू : बेटा, मै सच्चाई जरूर बताऊंगा, लेकिन इस बारे मे मेरी निजी जीवन की चर्चा न करना ।
नही, तो यह भीड तुझे मार देगी,
देशद्रोही : धन्यवाद बापू ,,,, कम से कम आपको अपने बेटे को न मारने की महान श्रध्दा है ।मै इसके लिए आपका श्रब्दो का ऋणी हूँ ।