Friday 4 July 2014



कहां गया मानवाधिकार संगठन,सुपर पावर अमेरिका व यूरोपीय देशों के मुंह में पट्टी लगी है..., और अरब व हिन्दुस्तान के फतवा देने वाले मुफ्ती, दुनिया के आतंकवादी संगठन तो चुप है... सीमा पार के दुनिया के मुस्लिम देश हिन्दुस्तान में जेहाद को आतुर व चीनी नीती पर चुप्पी – 
याद रहे..१९८० के दशक में जनरल जिया-उल-हक़ ने पाकिस्तान का इस्लामीकरण करते हुए कहा था ..., हिन्दुस्तान में मुस्लिमों पर बहुत अत्याचार हो रहें है..., मुझे काफी हमदर्दी है, लेकिन मैं उन्हें पाकिस्तान में घुसने नहीं दूंगा
उसी दरम्यान मैं पर्यटक स्थल पर दो पाकिस्तानीयों से मिला तो उन्होने कहा की जनरल जिया-उल-हक़ ने पाकिस्तान में हिंदुस्तान में मुसलबानों की जो तस्वीर पेश की है.., वह तो एकदम नकारत्मक है..., हमारे देश में महिलाएं टी बिना बुर्के के बाहर निकल नहीं सकती है..., तथा हमें अपने विचारों की भी आजादी नहीं है..., यदि मुझे नागरिकता मिले तो मैं हिन्दुस्तान में रहना पसंद करूंगा...,
1988 में विमान हादसे मेंजनरल जिया उल हक की मौत के पीछे विदेशी और अंदरूनी ताकतों का हाथ था।
आज तालेबानी उपज जो जनरल जिया-उल-हक़ के कट्टर इस्लामीकरण की आड़ में सत्ता में जमे रहने का एक स्वप्न था , जिन्हें एक सुनोजियत तरीके से विमान दुर्घटना में मारा गया , जिसका राज आज तक नहीं खुला ...,

१९९० में बाबरी मस्जिद क्या गिरी, मानवाधिकार से दुनिया के हर संगठन ने इसमें हो-हल्ला मचा दिया.हिन्दुस्तान को कट्टर वादी देश का तमगा दे दिया
पाकिस्तान में जनरल मुशर्रफ़ के कार्यकाल में लाल मस्जिद में २०० से ज्यादा लोगों कट्टर इस्लामियों की ह्त्या कर , इंदिरा गांधी के अमृतसर के गोल्डन टेम्पल की याद दुहरा दी...
आज.., ईराक, पाकिस्तान व अन्य इस्लामी देशों में मस्जिद में बम धमाकों से लाखों लोग मारे जा चुके है..., मानवाधिकार से दुनिया के हर संगठन इस पर मौन सहमती से चुप्पी साधे बैठा है.

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