Tuesday 27 May 2014



आस्था से सत्ता का भत्ता 
वोट बैंक, भ्रष्टाचार को जनता का धत्ता 
कैसे सत्ता के गुमान से मोदी को गुब्बारा कहनेवाले , सत्ता का स्वर्गी आनंद लेने वालों को जमीन पर पटक दिया है...,आस्था से धर्मवाद, जातिवाद,अलगाववाद,घुसपैठीयों के वोट बैंक से देश की तिजोरी ,भ्रष्टाचार के चाबी से लूटी जा रही थी ...,
अब जनता जाग गई है...इस देश के बैंक के ताले ,तिजोरी रहस्य जान गई है...
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं


 मै अकेला क्या कर सकता हूँ ..???, एक राष्ट्रवादी नरेन्द्र मोदी की मिशाल.., जिन्होंने अपने बाहुबल से राष्ट्रवाद की मशाल जगा कर, देश के जातिवाद, भाषावाद, अलगाववादियों व घुसपैठीयों के वोट बैंक को भष्म कर दिया है..., 
अब भ्रष्टाचार के ताले को तोड़कर, देश व विदेश के काले धन को निकालने का संकल्प लिया है....,

देश के १२५ करोड़ देशवासी..., जो हताशा से बेबस हो गए थे..., यह भावना भर गयी कि मैं अकेला क्या कर सकता हूं .., हर मोड़ पर भ्रष्टाचार के अलीबाबा के चालीस चोर बैठें है..., प्रतिरोध करने पर बलि का बकरा बन जाऊंगा ...,
आज नरेन्द्र मोदी ने जनता को इस भ्रम से उभार दिया है...
देशी-विदेशी माफिया, आतंकवादी व विदेशी देश जो हमारी प्रगती नहीं देख सकते थे, वे भी आज दांतों तले ऊंगली दबा रहे है..., कैसे एक राष्ट्रवादी की दहाड़ से अब जनता में भी एक नई शक्ति का संचार हो रहा है..,
हर राष्ट्रवादी की हाथ व पांवों की ताकत नरेन्द्र मोदी जैसी ही है..., यदि हम १२५ करोड़ देशवासीयों में ऐसा ही जज्बा हो , तो हम अखंड भारत के प्रकाश से भारतमाता के वैभव को देश को सुजलाम सुफलाम से गर्वित कर , हमें विश्व गुरू होने में भी देर नहीं लगेगी
मेरी फेस बुक की पुरानी पोस्ट Deshdoooba CommunityLiked • September 13, 2013
आज देश के प्रति लोगो की इतनी मुर्दागिनी छा गयी है.... देश तो छोड़ो.... पड़ोस से घर के भाई-भाई तक मे भी, एकता नहीं है...???? जो आज एक व्याख्या बन गई है। यदि पड़ोस के घर मे आग लगे तो, पानी फेकने के बजाय अपने घर के बैगन भून के लाओ। यही मानसिकता ही हमे गुलामी की ओर धकेल रही है। जागो गांठ बांध लों.... सबके गठन से ही संघठन बनता है। यदि हम देश के प्रति जागरूक नही होंगे.... तो जैसा आप देख रहे है.... रोज-रोज एक नये भ्रष्टाचारी घटना का उदघाटन होता है, जनता को पता ही नही चलता है, भ्रष्टाचारीयो द्वारा पैसा डकारने के बाद जब भांडा फूटता है , तो वह भांडा खाली मिलता है ... पैसा, विदेशों व काले धन के रूप मे परिवर्तित हो जाता है, जनता हाथ मलते, देखते रहती है...आपस मे बुदबुदाते कहती है...?????, इस सरकार ने हमे महंगाई , भ्रष्टाचार से जीते जी मरहूम बना दिया है ... बुदबुदाते के बजाय, देश के लिये ... खोलते हुए पानी के बुलबुले बने... तो ही हम एकता के साथ आगे बढ़ेंगे....

देशवासियों, यदि हजार... लाख... करोड़ के घोटालेवाले माफ़ियाओं के वोट की गणना एक है..., वही संविधान मे भूखमरी, हत्या आत्महत्या से मरनेवाले जवान, किसान व आम आदमी का वोट भी एक ही है। इसके बावजूद भी आप सोचते है की मैं कुछ नहीं कर सकता....,मेरे अकेले से क्या होगा....??,
यदि आप सोचते है मेरे से कुछ नही होगा... यदि आप अब भी सही है, तो.....??????, यदि आप सोचते है की भगत सिंह मेरे पड़ोस मे पैदा हो.... तो, मुहल्ले से देश तक हजारॉ , लाखों गद्दार भ्रष्टाचारी ही पैदा होंगे। यदि आप...????, अन्याय के प्रतिरोध मे अपने को बली का बकरा की सोच रखते हुए अपने को बचाने का प्रयास करते है तो... आप संविधान के गुनाहगार होंगे.... व भ्रष्टाचारी तो इसे अपना उपहार समझकर, अभी से ही संविधान को दबोच कर...आगे-आगे ह आपको/हमें अलगाववाद जातिवाद धर्मवाद के गुलामी की जंजीरों से बांधकर घुसपैठीयों के वोटबैंक की आड़ से दुबारा जुगाड़ कर एक भयंकर घुटन वाली गुलामी की तैयार कर रहे है। वे तो अभी से, अपने को संविधान का रखवाला कह रहे है और देश को कर्ज से इतना भयंकर डुबाने की तैयारी मे है कि... पुनः हम अपनों के सहारे भी खड़े न हो सके....???, यदि , आप सोचते है....?????, मै तो एक घास हूँ ... कोई बात नही, एकता बल से .... हम हम सब मिलकर... घास से एक रस्सी बने और रस्सी बल से देश के भ्रष्टाचारी मुस्टंडो को जकड़े-

Monday 26 May 2014



नरेन्द्र मोदीजी को प्रधानमंत्री के शपथ में यह कार्टून समर्पीत.......... 
प्रधानमंत्रीजी, यह शपथ..., आपके लिए भ्रष्टाचार के अग्नि पथ को ललकार की चुनौती है..,
इस शपथ से देश के युवक के सौ पथ आगे बढ़ेंगे ...,
इस अग्नि को राष्ट्रवाद के मशालों में भर कर ..., देश के युवाओं को जागृत कर ..., देश, सुलाम सुफलाम से भव्य बने....
राष्ट्रवाद जयते ...
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं
राष्ट्रवादी धारा, से किसी को हमारे वतन की माटी बेचने नहीं देंगे ..., दोस्तों...., सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...

नरेन्द्र मोदीजी को प्रधानमंत्री के शपथ में यह कार्टून समर्पीत.......... प्रधानमंत्रीजी, यह शपथ..., आपके लिए भ्रष्टाचार के अग्नि पथ को ललकार की चुनौती है.., इस शपथ से देश के युवक के सौ पथ आगे बढ़ेंगे ...,



नरेन्द्र मोदीजी को प्रधानमंत्री के शपथ में यह कार्टून समर्पीत.......... 
प्रधानमंत्रीजी, यह शपथ..., आपके लिए भ्रष्टाचार के अग्नि पथ को ललकार की चुनौती है..,
इस शपथ से देश के युवक के सौ पथ आगे बढ़ेंगे ...,
इस अग्नि को राष्ट्रवाद के मशालों में भर कर ..., देश के युवाओं को जागृत कर ..., देश, सुलाम सुफलाम से भव्य बने....
राष्ट्रवाद जयते ...
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं
राष्ट्रवादी धारा, से किसी को हमारे वतन की माटी बेचने नहीं देंगे ..., दोस्तों...., सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...

Sunday 25 May 2014



मोदीजी, जय जवान .., जय किसान .., जय विज्ञान ..., के राष्ट्रवादी विचारों के दृढ निश्चय से आये है..., उनकी कामना करे..., उनकी सफलता के साथ , देश व देश वासीयों को भी सफलता मिले 
मोदीजी ने १२ सालों में एक भी छुट्टी नहीं ली, वही 
सरकारी विभाग में तो छुट्टीयों के अम्बार के साथ , कर्मचारियों के कछूआ चाल से काम करने व , जम्हाई लेकर अपने को देश का जमाई समझकर, भ्रष्टाचार की नई-नई केचुली पहनकर अपना जीवन चमका रहें है..., इस देश में में तो चपरासी भी चप –चप कर करोड़ों की दौलत के साथ पकड़े गए हैं.. ,, तो ऊपर वालों के साम्राज्य की आप कल्पना कर सकते ... आम जनता भी सकते में है...,
आज तक,सभी पार्टियों के अधिकांश मंत्री से संत्रीयों ने विदेशी दौरों व फर्जी चिकित्सा से आनन्द लिया , यदिदेश के १७ करोड़ सरकारी नौकरशाही /कर्मचारी, पहल कर, यह सोचें कि .., मैंने राष्ट्र को क्या दिया , तो देश की गरीबी अपने आप दूर हो जायेगी
इस अय्याशी की लत आज देश के अधिकांश से ज्यादा नेताओं को नेहरू काल से उद् भव होकर , इसकी कुरूपता वंशवाद से धनबल,माफियाबल में परिवर्तीत होकर , लोकतंत्र जनता के लिए लाठी तंत्र , लूट तंत्र, धर्मतंत्र , अलगाव तंत्र की आड़ में देश को आज तक हर सरकार ने देश को पीछे सरकाकर , जनता का आम जीवन १९४७ के पहले से भी बदतर कर दिया है...,
वही नए प्रधानमंत्री बने देश के लाल जो ३०० रूपये महीने में अपना गुजारा कर , देशवासियों में जय जवान जय किसान के नारे के खून को सार्थक कर , हरित क्रांती से श्वेत क्रांती से पाकिस्तान से युद्ध जीत कर ..., देश को विजय पथ के ओंर अग्रसर कर दिया ..., एक साजिस के तहत, देशी विदेशी शक्ती ने इसे नीली क्रांती से इस लाल बहादुर की मौत नीले रंग (जहर) के शरीर से रूस से भारत आया
विदेशी लूटरे की मिलीभगत से विकास का सपना दिखाकर ,महंगाई , भ्रष्टाचार से गरीबों के हाथ काटकर , हताश कर दिया है...,
याद रहे जब नेहरू ने अपने प्रधानमंत्री काल में कहा था , देश की जनता की आय १२ आना ..., तब राम मनोहर लोहिया ने नेहरू को चुनौती देते हुए कहा था ..., तुम्हारे दिन का खर्च २५ हजार है..., और देशवासी २ आना भी भी नहीं कमाता है..., एक फ़कीर नेता जिनकी मौत के समय कोइ घर नहीं था ...., आज उनकी समाजवादी औलादें ..., उत्तरप्रदेश में भ्रष्टाचार की अकूत दौलत के साथ साम्राज्य भी स्थापित कर लिया है....
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं- 

Friday 23 May 2014



वाह रे देश का विश्वासीघात ..... 
विकास से मोदी प्रधानमंत्री बने , लेकिन तेरी बीन की धुन से मेरी माँ व भाई की वंशवाद के विकास से जीत हुई है....

Thursday 22 May 2014



नरेन्द्र दामोदर दास मोदी बने..., विरोधी व दुश्मनों के लिए , 
“नरसिंह दमदार ख़ास मोदी...,”
सत्ताधारी पिछले १० सालों से भ्रष्टाचार , जातिवाद, वोट बैंक का गांजा पीकर, सत्ता के नशे से गंजे हो गए, मोदी को गुब्बारा कह..राष्ट्रवादी बम से तितर बीतर हो कर अपने संघटन के पदों से भी हाथ धो बैठे, इस शेर की दहाड़ अमेरिका की छटपटाहट से उसने अपने राजदूत नैंसी पावेल की बलि ले ली 
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं- कैलाश तिवारी

Monday 19 May 2014



क्या नई सरकार इन भ्रष्टाचारियों के अंडे (काला धन) खोज पायेगी.... 
कांग्रेस का निराला खेल.. , एक प्रधानमंत्री को विकास का पुतला बनाकर , भारत निर्माण की माला पहनाकर सुशोभित कर , भ्रष्टाचार की मछलियों ने देश का पानी (संसाधन) पी लिया...
चुनाव से ठीक पहले इस पुतले पर भ्रष्टाचार का ठीखरा फोड़कर , उसे दूध में मक्खी की तरह फेक दिया ....
चाणक्य ने कहा था राजनीती एक मछली की तरह है..., वह मुंह तो हिलाती है..., लेकिन पानी कितना पीती है..., किसी को पता नहीं चलता है...
अब जनता ने कांग्रेस के अहंकार को दुत्कार दिया है....
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं


“YES I CAN” – (मैं अकेला १२५ करोड़ जनता के बाहुबल में राष्ट्रवाद के खून से देश को एक अतुल्य ऊचाई पर पहुंचा सकता हूँ...) स्वामी विवेकानंद के इस उक्ति को अपने पुरूषार्थ से सार्थक कर दिया है..., इस पवनपुत्र घोड़े की पंखों की फड़फड़ाहट से देश से जातिवाद,भाषावाद,अलगाववाद को उड़ाकर , एक राष्ट्रवाद की लहर की बयार बहा दी है...
इस पवनपुत्र घोड़े की पंखों की फड़फड़ाहट की गूँज से दुनिया भयभीत है..., अब लूटने के दिन जाने वाले है...., हिन्दुस्थानियों के अच्छे दिन आने वाले है....
मोदी जी सावधानी से चलना , इस राह में तुम्हारे सत्ता के महापाचक, ही बड़े धोखें है..., जिन्होंने चुनाव के दौरान आपके पीठ पर सैर कर , अभी भी उनकी सत्ता की खुमारी उतरी नहीं है..., अभी तो सैरवाद से अपने को शेर समझ कर अंट संट बयानों से इन अंटी ,अंकल के मुंह को शंट करो..,
अब तो छठनी शेरनी भी इन खेमों में अपने सत्ता की उमंग से भारती बनने का खेल, खेल रही है....,
इनके ऊट पटांग बयानों को ये आपको समझ रहें थे..., अब ऊँट आया पहाड़ के नीचे ....
इनमे से एक सैरवादी जेटली ने तो अपनी पुंछ कटा ली है...,बाकी तो आपके वजह से आबाद हुए... ..

दोस्तों ..., कैसे..,धन बल को एक व्यक्ती ने अपने राष्ट्रवादी बाहुबल से देश के जातिवाद,भाषावाद ,अलगाववाद की लफंग राजनीती को अपने दबंग से कैसे परास्त किया..., यह देख.., विदेशी शक्ती भी सकते में है.., यदि १२५ करोड़ जनता राष्ट्रवादी बने तो हम ५ साल में ५०० गुना आगे बढ़ेंगे...
दोस्तो... जिस देश मे राष्ट्रवाद नही है, वहां, कर्ज की महामारी है, सत्ता खोरो मे लूट की खुमारी है, जनता के शोषण से राष्ट्र को बीमारी है... यही डूबते देश की कहानी है, राष्ट्रवाद की पुकार से ही.. हो , राष्ट्र की ललकार...???? हर दहाड़ , दुश्मनों के लिए बने पहाड़
कृपया इस ग्रुप से जुड़े FUNBOOK NAHI, HINDUSTHANI ROAD BOOK BANO...
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं

३ मई २०१४ की पोस्ट Deshdoooba Community ,10,712 likes • 905 talking about this की आज सार्थक हो गई,है

३ मई २०१४ की पोस्ट Deshdoooba Community ,10,712 likes • 905 talking about this की आज सार्थक हो गई,है 

यदि देश के ५४० सांसद सदस्यों की उपस्थीती अनिवार्य कर दी जाए..., व .९०% से कम दिन उपस्थीती वाले संसद सदस्यों की रदद्ता का क़ानून लाया जाए तो, संसद में सोने वाले सांसदों के भी होश उड़ जायेंगे ..., आज देश में इतनी समस्याए हैं की संसद ३६५ दिन चले तो भी समय कम है...
UPA-१ और UPA-2 का कार्यकाल तो घोटालेबाजों के जोश में ९०% तक बेकार हो चुका था ,
जनता ने आज उन्हें सजा दी है..., अब देशवासी तो जाग गया है..., अब गरीब को भूख से रोकने की सफलता का हम सब दृढ निश्चय से प्रतिरोध कर देश को सुजलाम सुफलाम बनाएं
“३ मई के २०१४ की पोस्ट”
देशवासी सो रहा है..., दिन के लुटेरे देश में राज कर रहें है...!!!!,
लोकतंत्र के खंभे उखाड़कर, देश जर्जर हो चुका है....., देश के छुटभैय्ये नेता भी आज अपने को देश के संविधान का स्तंभ समझकर , जनता में दंभ भर रहें है..., सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बावजूद , वे ताड़ के पेड़ से भी ऊँचे होते जा रहें है..., सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर , उसे चुनौती देकर कहते हैं... अपनी अवकाद में रहों ...हमें जनता ने चुना है, हम संविधान के रक्षक हैं...
चुनाव के समय में संविधान को जातिवाद , भाषावाद ,अलगाववाद व घुसपैठीयों का लेप लगा कर, बांटो और राज करो से धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देकर “लूट में छूट” का खेल, खेल कर सत्ता को चमकाया जा रहा है...
देश के प्रधानमंत्री को विकास के झांसे से १० साल से सुलाये रखा है..,
देश, देशी व विदेशी माफियाओं के चुंगल में फंसकर “आम आदमी के हाथ” को सत्त्ताधारी अपने पंजे से नोचकर , एक घुटन की जिन्दगी से परेशान कर , देश के सीमा के जवान व अन्नदाता किसान को आत्महत्या से भ्रष्टाचार का एक समा बनाकर ... भ्रष्टाचार की लड़ी से .., दिन में दिवाली और रात तो और भी मतवाली बना रहें है....
“आराम हराम है” , “गरीबी हटाओ” के बाद सहानुभूति लहर से जीते राजेव गांधी ने “मेरा भारत महान” के “वंशवाद की पीढी” से बोफोर्स के भ्रष्टाचार से “हो रहा भारत निर्माण” से मल्टी फ़ोर्स भ्रष्टाचार के घोटाले से... हमले से जनता... जो जातिवाद , भाषावाद ,अलगाववाद से अलग थलग होने से इसका प्रतिरोध करने में असहाय हो गयी है...
याद रहे..., आज देश के प्रति व्यक्ती पर ५० हजार से ज्यादा का विदेशी कर्ज है.., और देश की नीती कर्ज देने वाले देशों के इशारे से चल रही है...
देश की सीमाए खुली हैं ..घुसपैठीयों व आतंकवादी बेख़ौफ़ है..., LOC को LOVE OF COMBINATION कहकर सत्ताधारी इसे शांती के साथ बंधुत्व कहकर, जवाहरलाल नेहरू की सत्ता नीती से.., विदेशी आक्रमणकारियों को निमंत्रण दे रहें हैं ....
हम हिंदुस्थानी तो, इनके लिए खेत की गाजा मूली से भी बदतर है..., इन्हें इतना गुमान हो गया है कि .., भ्रष्टाचार के धनबल से जनता में अनेकता पैदा कर “भावी भ्रष्टाचार” से देश को लूट का एक नया शिखर बना सकते है.... , जागों देशवासियों ..., जब तक हम राष्ट्रवादी धारा में न आये तो.., “मैं” तो देश के टुकडे से लेकर ..., एक नयी गुलामी देख रहा हूँ
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं-

Sunday 18 May 2014

कैसे..,धन बल को एक व्यक्ती ने अपने राष्ट्रवादी बाहुबल से देश के जातिवाद,भाषावाद ,अलगाववाद की लफंग राजनीती को अपने दबंग से कैसे परास्त किया..., यह देख.., विदेशी शक्ती भी सकते में है.., यदि १२५ करोड़ जनता राष्ट्रवादी बने तो हम ५ साल में ५०० गुना आगे बढ़ेंगे...



कैसे..,धन बल को एक व्यक्ती ने अपने राष्ट्रवादी बाहुबल से देश के जातिवाद,भाषावाद ,अलगाववाद की लफंग राजनीती को अपने दबंग से कैसे परास्त किया..., यह देख.., विदेशी शक्ती भी सकते में है.., यदि १२५ करोड़ जनता राष्ट्रवादी बने तो हम ५ साल में ५०० गुना आगे बढ़ेंगे... 
दोस्तों .., हमारे देश की भव्यता को देखे ... दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा उपजाऊ जमीन, नदियों का जाल, दुनिया का सबसे तेज दिमाग , लोहे व अन्य खदानों का भण्डार ...लेकिन हमारे सत्त्ताखोरों ने राष्ट्रवाद को दरकिनार कर हमें धर्मनिरपेक्ष के झांसे से साम्प्रयवाद के छुपे रंग से वोट बैंक की आड़ में घुसपैठीयों के वोट बैंक से देश के तिरंगे को बदरंग कर दिया है
आओ.,पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा, “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से देश को भव्यशाली बनाएं
याद रहे , अमेरिका की विदेश मंत्री हेनरी क्लिंगटन ने अपने कार्यकाल में कहा था “हम टी,वी. व इलक्ट्रोनिक व अन्य वस्तुयें चीन, ताईवान,कोरिया, वियतनाम से खरीदते है, लेकिन हम तेजस्वी दिमाग हिन्दुस्तान से खरीदते हैं ,
आज हमारे देश के वैज्ञानिकों को सम्मान न मिलने से , वे विश्व में अपना लोहा मनवाकर, संपन्न देशों को गौरान्वित कर रहें हैं

हर साख पर लुटेरा है, पेड़ में पत्ते से ज्यादा भ्रष्टाचार के दीमक ...जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद के दिमाग से पेड़ (देश) को खोखला बना रहें है,
आओ..., राष्ट्रवाद को जीवन की धारा बनाये..... , और हम सब ...नदियों के रूप मे मिलकर, देश को, सुख - संपन्न्ता व वैभव का एक महासागर बनायें ....

सत्य मेव जयते…., अब बना , सत्ता मेवा जयते ....????, सत्ता एक मेवा है, इसकी जय है (जो, मेरे वेबस्थल का स्लोगन है...), और , इसी की आड मे सत्यम शिवम सुंदरम.... सत्ता एक मेवा है (सत्यम), जो भ्रष्टाचार के त्रिशूल से (शिवम है), और “ भारत निर्माण” के मेक अप से देश की सुंदरता के बखान से (सुंदरम है ),
एक ओटो रिक्शा के पीछे लिखा था सत्य परेशान होता है... लेकिन पराजित नही होता..??. आज के माहौल मे सत्य इतना परेशान होता है कि असत्य के हमले से आत्महत्या कर लेता है., (किसान आत्महत्या/ भूखमरी योजनाओं को, सत्ताखोरों के डकारने से, गरीबी से मौत )....
(आज के कानून की परिभाषा = कान+ऊन = कान मे ऊन = गरीबों के न्याय मे, कानून बहरा है, और भ्रष्ट अमीरों व माफियाओं के लिए कानून ... सेहरा बनकर, उनके गलत कृत्यों को सरताज कहकर, उन्हे, एक – एक , नये - नये ताज पहना रहा है….????) यही, आज का कानून, जो... गरीबों की गुहार सुनने के बजाय, कान मे ऊन डाल कर, तारीख पर तारीख देकर उसे प्रताडित करते रह्ता है. भ्रष्ट सत्ताखोरो, नौकरशाहों व माफियाओ के डर से जजशाही भी, कही अपना निवाला ना छिन जाये, इसलिए इनके चरण दास बन कर..... सत्य की परेशानी को और बढावा दे रही है. मेरे वेब स्थल का दूसरा स्लोगन है मेरा संविधान महान.... यहा हर माफिया पहलवान.... क्योंकि.... कानून से ज्यादा, आज पैसा है, बलवान... तो, क्यों ना डूबे हिंदुस्थान... भ्रष्टाचारी बने राजा... तो, क्यों ना बजे देश का बैंड बाजा....? और हर योजनायें, भोजनाये बन के खाजा , तो भी नही होगा बाल बॉका ...
–दोस्तो... जिस देश मे राष्ट्रवाद नही है, वहां, कर्ज की महामारी है, सत्ता खोरो मे लूट की खुमारी है, जनता के शोषण से राष्ट्र को बीमारी है... यही डूबते देश की कहानी है, राष्ट्रवाद की पुकार से ही.. हो , राष्ट्र की ललकार...???? हर दहाड़ , दुश्मनों के लिए बने पहाड़

Friday 16 May 2014

“अबकी बार राष्ट्रवादी बाहुबल की मजबूत मोदी सरकार “ आज तक देश..., लोकतंत्र को मुर्दानगी बनाकर ,जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद , व घुसपैठीयों के कंधे बदलकर ढ़ो रहें है,,,,, इस देश की मुर्दानगी को भरमाने के लिए विदेशी ताकतें भी , लूट की आड़ में ..., “भारत सुपर पावर” के नाम से कागज के फूल फेंककर ..., और सत्ताखोर, इस खेल में , जनता को भरमा रहें है,,,और तो और निर्माण के नारों से ..., भ्रष्टाचारियो के निर्माण से देश लूटने का नंगा नाच बेधड़क खेल चल रहा ही...




“अबकी बार राष्ट्रवादी बाहुबल की मजबूत मोदी सरकार “
आज तक देश..., लोकतंत्र को मुर्दानगी बनाकर ,जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद , व घुसपैठीयों के कंधे बदलकर ढ़ो रहें है,,,,, 
इस देश की मुर्दानगी को भरमाने के लिए विदेशी ताकतें भी , लूट की आड़ में ..., “भारत सुपर पावर” के नाम से कागज के फूल फेंककर ..., और सत्ताखोर, इस खेल में , जनता को भरमा रहें है,,,और तो और निर्माण के नारों से ..., भ्रष्टाचारियो के निर्माण से देश लूटने का नंगा नाच बेधड़क खेल चल रहा ही...

हमारे क्रांतीकारी की आत्मा कब्र में तड़फ कर कह रही हैं..., क्या हमने अपनी जवानी देश की मुर्दानगी के लिए बर्बाद की थी , हमारी देश को भव्य शाली बनाने के सपने इन सत्ताखोरों ने चुरा लिए..,

यूं तो देश १९४७ के सत्ता परिवर्तनको आजादी के झांसे से जनता को भरमाकर , जनता को एक नई गुलामी में दाल दिया
गांधी के शातिं के नारे को भ्रमित कर नोबल परुस्कार के चक्कर में , भारतमाता के सर के तुकडे कर घायल कर , व १९६२ में सेना को नो बल से भारतमाता की भुजा के टुकड़े कर देश को मरणासन्न स्तिथी में पहुंचा दिया ...
तब प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने समाजवाद में राष्ट्रवाद के खून को पुनर्जीवित किया ...लेकिन उनकी ह्त्या कर दी गई
दोस्तों लिखने को बहुत है...,
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...

Thursday 15 May 2014



भाजपा के बहुत ज्यादा प्रधानमंत्री के पंचक, जिन्होनें, विपक्ष में.., भ्रष्टाचार की अनदेखी कर , WE- पक्षी (हम सब पक्षी एक डाल के) बनकर अप्रत्यक्ष रूप से सत्तापक्ष के हाथ से, भ्रष्टाचार के खूनी पंजे के रक्त से, बहती भ्रष्टाचार की गंगा से अपनी सेहत बनाई थी और कमल दल-दल में घुस रहा था 
एक राष्ट्रवादी शेर की दहाड़ ने सूर्य मानी शक्ती से , देश भर में अपने प्रकाश से कमल को खिला दिया 
लोकतंत्र के गर्भ (चुनाव) से सत्ता की कुर्सी निकलने के पहले ..., सत्ता पाने के लिए ये पंचक ,सरपंच, महापाचक बनकर ..., अब अपने पंजे से कमल की पंखुड़िया उखाड़ने में लगे है...,
इन सरपंचो ने सत्ता पक्ष के भ्रष्ट्राचार के खेल में अप्रत्यक्ष भागीदारी से मूक दर्शक बनकर,जनता इनके पंचनामों की सूची से ..., जनता तो क्रोध से लाल पीली थी .., और इन्हें ही अपनी ही कुर्सी बचाने के लाले पड़ते ...,
यह तो नरेन्द्र मोदी का ही व्यक्तित्व है ... जिन्होंने अपना राष्ट्रवादी सुर्यरूपी तेज का प्रकाश से ..., कमल को अपने बाहुबल से खिलाया ..., युवकों,में देश के प्रति जोश की एक बयार/लहर बहा दी ..., -कैलाश तिवारी
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...

Monday 12 May 2014



सोने की चिडिया के मोहन प्यारे..., अब १४ मई २०१४ को आपके बोतल की शराब ख़त्म हो रही है..., प्रधानमंत्री तो, वृक्षारोपण से देश की हरियाला के दिखावे से सुर्खिया बटोरता है..., लेकिन आपने तो हर गली व मुहल्ले में भ्रष्टाचार के १० साल से बरगदी पेड लगाकर ,देश के माफियाओं को भ्रष्टाचार के सुखद छांव में लूटने का आनन्द दिया 
..., यह सच कहा आपने पैसे पेड़ पर नहीं उगते है..., लकिन देश के बरगदी पेड़ में माफिया व भ्रष्टाचारी ने हर टहनी को आनन्द का झूला बनाएं और आप फूले नहीं समाये...,
अब समय आ गया है... कांग्रेस के इस नये व १३०साल तक के पुराने भ्रष्टाचारी बरगदी पेड़ को ढहाने का जिसमे नेहरू से आज तक के नेताओं ने इस सुखद छांव के आनन्द से देश में अंधियारा डाल रखा है

Posted on 26 January 2013. की पोस्ट ....जागो मोहन प्यारे, अब तो गरीबो के जीवन मे उजियारा डालो…?????
उन्हे 20 रू से ज्यादा, दिहाडी तो कमाने दो…??????? तुम्हारे विकास के उजियारे के छाँव मे गरीबो के जीवन मे अंधियारा मत डालो….??? जागो, हे मेरे देश के मन, मौनी बाबा बनकर नही….??? अब सत्ता के बोतल का नशा तो छोडो..????
अभी राहुल गाधी ने काँग्रेस का उपाध्यक्ष बनने के बाद कहा कि सोनिया गाँधी ने मुझसे कहा था , राजनीती मे सत्ता एक नशा होता है, इससे कोई अछूता रहना नही चाहता है?
एक आम कार्यकर्ता भी प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देखता है, यहाँ तक कि, वह अपने मोहल्ले का नेता होने पर भी , वह अपने आप को एक छोटे प्रधानमंत्री के रूप मानकर, जनता को बरगलाकर अपना सुख भोगता है.
एक दुल्हा एक दिन का राजा होता है, उसका स्वागत समारोह समाप्त होने के बाद वह आम युवक बन जाता है और अपने नीजी जीवन मे रोटी कमांने के लिये खेतो, कारखानो, व कार्यालय मे व्यस्त हो जाता है
वही प्रधानमंत्री पद मे हर नई सुबह की शुरूवात दुल्हे के रूप मे होती है, गाडियों का काँरवा, झूठे बरातियों की देश को लूटने वालों की भीड, दुल्हे की यात्रा मे 10 कि.मी.तक रास्ते, , आम लोगो के लिये बंद, शहर के नौकरशाहों की फौज , प्रधानमंत्री की सेवा मे लामबंद, शहर के गरीब लोगो के जिदगी मे ब्रेक,लोगो के समय व धन की बर्बादी, प्रधानमंत्री के अगल बगल मे कैमरो का जुमला, प्रधानमंत्री , इसके बाद यदि किसी वृक्षा रोपण समारोह मे जाते है, तो वहाँ रोपण से पहले गड्ढा खुदा रहता है, प्रधानमंत्री, सिर्फ एक फावडा से मिट्टी डाल कर , राष्ट्र को हरित क्राती का नारा देकर, देश को तन्दुरूस्त रखने का दावा करते है, टी.वी. अखबारो मे प्रधानमंत्री की वाहवाही होती है और देश को 22 वी शताब्दी मे ले जाने की, दूरदर्शीता की बात होती है. वह इस चकाचौध के नशे मे इतना डूब जाता है कि अपने होशो-हवाश खोकर अपने कर्तव्य पथ को भूल कर पद भ्रष्ट हो जाता है.
इस एक वृक्षारोपण का खर्च करोडों रुपये आता है, उसका कोइ माली नही होने से वह पेड भी अपना जीवन, देश के आम आदमी के जीवन की तरह भगवान भरोसे छोड देता है?

जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो..


कौन कहता है.., मुन्ना मोहन , मौन मुन्ना है... संजय बारू ने अपने किताब के बारूद से कहा ...,
मुन्ना मोहन दिन में सैकड़ों बार “सोनियाजी...सोनियाजी” कहते थे और सोनियाजी, रौब का खौफ दिखाकर कहती थी क्या है... “मनमोहन”..., मनमोहन इधर आओं...
देश के डोक्टर को को डॉग बनाकर टर्र (बोलने) की अनुमति न होने से..., अर्थ शास्त्री को चोली में छुपाकर..., व्यर्थ, अनर्थ शास्त्री बनाकर, देश का व्यस्त शास्त्री बताकर , अभ्यस्त कर ..., देश के विकास के पालनहार से विश्व के लुटेरे देशों से , गले में माला डलवाकर .., देशवासियों को माफियाओं के भ्रष्टाचार के बहार से, निर्माण से ...,घुसपैठीयो,अलगाववादी के गोंद से अपने गोद में बिठाकर .., “भारत निर्माण” के अफीमी नारों से लोकतंत्र के ,बेहोशी का खेल खेला जा रहा है...
कांग्रेस ने तो योजनाओं की झड़ी लहाकर इसे भ्रष्टाचार की झाड़ी बनाकर ..., , योजनाओं को भोजनाए बनाकर डकार गएँ ...,
कांग्रेस के युवराज व उपाध्यक्ष ..., भी कहते है.., १०० पैसे में ५ पैसे जनता तक पहुंचाते है..., हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा “ देश के गरीबों की योजनाओं” का १% धन ही जनता तक पहुंचता है

मुन्ना मोहन अब तुम्हारे, अच्छे दिन आने वाले हैं, 7 RCR के घोड़े से भ्रष्टाचार के देवी के 7 फेरे से भक्ती की मुक्ती से, 14 मई को विदाई समारोह ,16 मई को जुदाई के कलह का विरह
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...

Thursday 8 May 2014



सियार सोच रहें है.., कैसे बुद्धीमान हाथी का चालाकी से भक्षण करें ..., 
यह कह सकते है, सियारी नेता बलशाली जनता को अलग थलग कर..., सियारी चालों..., जातीवाद , धर्मवाद , अलगाववादी चालों से विदेशी घुसपैठीयों सियारों से तालमेल के वोट बैंक का दल बनाकर , देश के बुद्धीमान जनता के बाहुबल को परास्त कर , अपने भ्रष्टाचार के दांतों से ...,किसान आत्महत्या व जवान ह्त्या व जनता को भूखमरी के खूनी खेल से भक्षण कर रहें है...अब तो. ये.., सत्ता के बाहुबल से देश के टुकड़े करने में भी.., उन्हें गुरेज नहीं है....
जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो... 

Tuesday 6 May 2014



दोस्तों, वंशवाद के दंशवाद के खेल से देश तो डूब चुका है..., लेकिन मनमोहन की सरकार ने..., देश को सरका कर...,
पिछले १० सालों में , एक ऐसा, निराला खेल खेला है..., प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कंधे पर, वंशवादी बन्दूक रखकर , देश का गोला बारूद (देश के संसाधन) को माफियाओं द्वारा लूट लिया गया है..,
देश के A जी, ओ जी, से Z जी के घोटाले के माफिया , Z++ की सुरक्षा के साथ मालामाल हो गयें है..., विदेशी बैंक, इनसे , कैसे लबालब हो गया इसकी भनक जनता को भी नहीं लगी ...
+”मेरा भारत महान” से तो भ्रष्टाचारी बलवान , लेकिन “हो रहा है, भारत निर्माण” के अफीमी नारों से बने माफिया स्फूर्तीवान ...,
१०० पीढी बनी धनवान, जनता महंगाई व भूखमरी से परेशान,
क्योकि सत्ताधारियों के पास है...,
जातिवाद,भाषावाद,अलगाववादी,धर्मवाद,घुसपैठी घोड़ों की लगाम,
तो क्यों न रौदें जनता को, अपने द्रुतगति रथों से.., जब सत्ता का इन्हें हैं, अभिमान
जागों देशवासीयों...., राष्ट्रवादी धारा, से किसी को हमारे वतन की माटी बेचने नहीं देंगे ..., भारतमाता के गौरव से देश को भव्य शाली बनाए...

Monday 5 May 2014



दोस्तों , यह है... हमारे, देश के, अंधे राजा की कहानी है ...???,C.B.I. की आज की परिभाषा बन गई है “चोर बनाया इंडिया”

भारत तीसरी महाशक्ति लेकिन भूखमरी पाकिस्तान-श्रीलंका से भी ज्यादा.... क्या महाशक्ती के नारो से... क्या...???, अब भी, सत्ताखोरों की खत्म नही हुई.... देशवासियों को भरमाने की, इस झूठी कृती की बेईमानी ...???? 
भूख और कुपोषण पर नजर रखने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की ताज़ा रिपोर्ट में विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों में तीसरे नंबर पर गिना जा रहा भारत भूखमरी से लड़ने के मामले में चीन ही नहीं बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान और श्रीलंका से भी बदतर बताया गया है।
अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आईएफपीआरआई) द्वारा जारी वैश्विक भूखमरी सूचकांक, 2010 में भारत को 67वां स्थान दिया गया है जो सूची में चीन और पाकिस्तान से भी नीचे है। श्रीलंका में हालात और बेहतर हैं और उसका नंबर 39वाँ है। आईएफपीआरआई ने जर्मनी के एक समूह, कंसर्न वर्ल्डवाइड एंड वेल्टहंगरहिल्फे (सीडब्ल्यूडब्ल्यू) के सहयोग से जारी किया है। 84 देशों की सूची में चीन नौवें और पाकिस्तान 52 वें स्थान पर रखा गया है।
अमरीका स्थित इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 122 विकासशील देशों के आँकड़ों के आधार पर एक भूख सूचकांक जारी किया है जिसमें कहा गया है कि भारत में कुपोषित बच्चों की संख्या 44 प्रतिशत है।
इस सूचकांक को देशों में बाल कुपोषण, शिशु मृत्यु दर और दो जून भरपेट भोजन न पाने वाली आबादी के आधार पर तैयार किया गया है। हाल ही में अमेरिका के नेशनल इंटेलीजेस कॉउंसिल (एनआईसी) और यूरोपीय संघ की संस्था यूरोपीयन यूनियन इंस्टिट्यूट फार सिक्यूरिटीज स्टडीज (ईयूआईएसएस) के अध्ययन में कहा गया था कि भारत अमेरिका और चीन के बाद विश्व का तीसरा सबसे शक्तिशाली राष्ट्र है। विश्व शक्ति का 22 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका के पास है। जबकि 16 प्रतिशत चीन और आठ प्रतिशत भारत के पास है।
भारत को कुपोषण और भरण पोषण के मामले में महिलाओं की खराब स्थिति के कारण काफी नीचे स्थान मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में 42 प्रतिशत पैदायशी कमजोरी भारत में हैं। इस मामले में पाकिस्तान (पांच प्रतिशत) की स्थिति बेहतर है।
दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेस में संस्था के एशिया निदेशक अशोक गुलाटी ने कहा कि इस सर्वेक्षण के तीन आधार थे – बच्चों की मृत्युदर, उनमें कुपोषण की स्थिति और कम कैलोरी पर जीवित रहने वाले लोगों की संख्या.
गौरतलब है कि भारत में कृषि पर निर्भर लाखों लोगों की दशा दयनीय है।
दक्षिण एशिया का सत्तर प्रतिशत भू-भाग भारत में ही है इसलिए इस अध्ययन में दक्षिण एशिया की स्थिति दयनीय बताई गई है।
भारत के पड़ोसी देशों – पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका में बच्चों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है।
इस भूख सूचकांक में चीन नौंवे नंबर पर है यानी वहाँ बाल मृत्यु दर बहुत कम है और बच्चों में कुपोषण भी अपेक्षाकृत कम है।
इस संस्था से जुड़े अख्तर अहमद ने कहा कि भारतीय समाज में असमानता ज्यादा होने के कारण ये स्थिति पैदा हुई है। साथ ही भूमि का असमान वितरण भी एक अहम कारण है।
कुछ वक्त पहले प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली में वरिष्ठ संपादकों से बातचीत में कहा था कि मुल्क की तरक़्क़ी के लिए ज्यादा से ज्यादा काश्तकारों को उनकी ज़मीन से निकालकर दूसरे पेशों में लगाना ज्ररूरी है।
अशोक गुलाटी इससे सहमत हैं और चीन की मिसाल देते हुए कहते हैं कि वहाँ भी काश्तकारों को दूसरे पेशों में लगाया गया है।
वे कहते हैं कि तरक्की का इतिहास हमें बताता है कि लोगों को खेती का काम छोड़ दूसरे पेशों में लगना होगा।
पिछले दिनों सरकारी गोदामों में हजारों टन अनाज के सड़ने की ख़बरें छपने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को हुक्म दिया था कि अनाज को ग़रीबों में बाँट दिया जाए। जिसके बाद मनमोहन सिंह ने न्यायालय के हुक्म पर टिपण्णी करते हुए कहा था कि यह हुकूमत के कामकाज में दखलंदाजी है।
इस रिपोर्ट के बाद कुछ लोग मनमोहन सिंह की पॉलिसी पर सवाल खड़े करेंगें।
कैलाश तिवारी
१९९१ से आज तक इस चौपट राजा ने उद्योगपतियों की २० लाख करोड़ के कर्ज माफ़ कर है,ऊपर से एक्साईज के एक्सरसाईज के एक्सरे की छूट.. शिक्षा कर्ज के लिए झोपड़े में रह रहे गरीबों को कर्ज गारंटी न होने से,कर्ज न मिलने से प्रतिभाए .. प्रतिमाए बनकर दफ़न हो रही हैं..., योजनायें, भोजनायें बनकर माफिया वर्ग तरोताजनायें बनकर देश के “सरताज” ताजमहली संपत्ती बन गयें
कोर्ट की लताड़ के बावजूद भी बने ताड़ के पेड़ से भी हिमालयी ऊंचाई से भी ऊंचे ..


आज की..., अमेठी से शेर की दहाड़ ..., एक राष्ट्रवादी की ललकार..., अलगाववाद , भाषावाद, जातिवाद ..घुसपैठीयों को थप्पड़ , विरोधी बने अपने ही बयानों से अक्कड़ , बक्कड..,अब चुनाव आयोग से करें गुहार, हमें बचाओ इस बार , करो हमारी डूबी हुई नैय्या पार 

Friday 2 May 2014



कांग्रेस के.., इस “कौआ” के कव्वाली से यह “कोयल” अपने पति से जुदा होकर , कौआ के सोने के पेड़ में, “धन के अंडे” सकने के लिए अर्धगंज खोपड़ी के घोसले पर अपने फायदे के लिए फ़िदा हो गई .., इस टी आर पी के जोश में इस कोयल ने कांग्रेस के, कोयले घोटाले व अन्य मुद्दे गायब कर दिए है.. इसे कहते है “कौआ व कोयल” दोनों चालाक, और कोयल भी ले रही ले रही है अपने पुराने घास फूंस के झोपड़ी से तलाक 


जरूर पूरा पढ़े..,नो हिन्दू नो मुस्लिम वी आर हिन्दुस्तानी फर्स्ट .. 
धर्म के नाम से वोट बैंक की आड़ से हर देशवासी frustrated /निराश. विफल किया गया है...इसी वजह से देश हर साल फिसल कर ,देशी विदेशी माफियाओं की लूट से बिक कर डूबने की कगार में है...
मेरे ब्रदरहुड, व हिन्दू ,सिख ,इसाई दोस्तो, राष्ट्रवादी हिन्दु,मुस्लिम व अन्य धर्मो के लोगो को मेरा सलाम,नमस्कार, सतश्रीकाल ....
क्या आपको मालूम है..?? ""सारे ज़हा से अच्चछा हिन्दोस्ता हमारा,,, के कवि इकबाल भी पाकिस्तान बनाने के पक्ष मे थे...??? 1943 मे उनकी मृत्यु हुई,
राष्ट्रवादी का अर्थ की परिभाषा .... , जब मुहम्मद करीम छागला , जनता पार्टी मे मानव संसाधन मंत्री थे, तब उन्होने अलीगढ मुस्लिम युनीवर्सीटी मे हिंन्दु कुलपति व बनारस हिन्दु युनीवर्सीटी मे मुस्लिम कुलपति नियुक्त किया था, है आज कोइ माई का लाल....!!!!!!!!!!!, इस राजनिती मे इस तरह का साहस करने वाला, मुहम्मद करीम छागला जो जिन्ना का दायाँ हाथ था, पाकिस्ताने के विरोध के साथ वह जिन्ना का दुश्मन बन गया, मुहम्मद करीम छागला हमेशा मुस्लिमो से कहते थे , तुम पहले हिन्दुस्तानी हो, बाद मे मुसलबान, हिन्दुओ का खुन आप मे है, इसलिए सभी धर्मो से भाई चारा रखो, राजनेताओ की कठपुतली मत बनों...?? उन्होने बोम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहते हुए, हर धर्म के लोगों को समान निर्णय दिया, यहँ तक की जवाहरलाल नेहरू की भी भ्रष्टाचार की पैंट खोल दी थी, बिना राजनैतिक दबाव से....जय हिंद....

आज देश को बग्लादेशीयो ने घुसपैठ के नाम से देश को बरबाद कर दिया है, इसमे मुस्लिमो के हक के साथ हिन्दुओ का भी हक छीना है...??? यह जरूर याद रखें ...., वोट बैक के आड मे दोनो कौमे गरीब हो रही है,,,
यह देश का इतिहास कहता , खास कर 1947 के बाद से. दंगे राजनेताओ को भाँग देता है, वह सत्ता के नशे मे चूर रहता है, और जनता आपस मे धर्म के लडाई मे मारी जाती है,मुजफ्फरपुर से हर दंगे सत्ताखोरों के लिए वोट बैंक से सत्ता का मौजपुर नगर बना
आज देश आम आदमी के हाथों से चलना चाहिए, लेकिन सत्ताधारिओं की गाडी आम आदमी के नारो से चल रही है, आम आदमी की मेहनत को नारो मे बदलकर देश के भष्टाचारिओं की गाडी चल रही है? सत्ता के पकड के लिये सत्ताधारी एक दूसरे कि कमजोरी की पोल का फायदा उठाते हुए सत्ता मे रहकर लूट मार मे व्यस्त है?
आज इस देश मे देशद्रोही कौन ? आत्महत्या करने वाला गरीब अन्नदाता किसान, देश के गर्व के लिये सीमा पर सिर कटाने वाला जवान,अपने शोषण का विरोध करने वाला आम आदमी, भूमि अधिग्रहण का मोहरा बनने वाला,अनगिनत टैक्स का बोझ उठाने वाला,वायु प्रदूषण, गन्दे पानी पीने वाला...विकास के हत्यार, महँगाई से तडफनेवाला और वह शोषण का प्रतीक,गुलामो की तरह जीवन जीने वाला.......एक सरल इन्सान..?? आज इस देश मे देशप्रेमी कौन ? देश के संसाधनो पर अपना अधिकार समझकर, उसकी लूट कर, देश में अकूत सम्पति रखने वाले, विदेशी बैको मे काला धन रखने वाले, नकली दवायें, मिलावटी खाना,गलत इलाज,किसानो का शोषण,जनता की स्वास्थय व विकास की योजनाओ का धन डकारने वाले,कानून को झुकाने वाले, अलगाववाद, भाषावाद,जातिवाद से लडाने वाले, भ्रष्टाचार को अपना देवता मानने वाले.... आज देश के नेता व दबंग भेडियें, देश प्रेमी का चोला पहनकर देश को लूट रहे है? इसलिये मै भी इसी प्रतिरोध के लिये देशद्रोही बनकर लड रहा हूँ?
आज के ,माफियाओं के भ्रष्टाचार का रॉकेट का प्रक्षेपण इतना अचूक है कि, आज तक इनका एक भी रॉकेट फेल नही हुआ है....???, जबकि , श्रीहरीकोटा व देश के अन्य भागो से इसरो के रॉकेट कभी कभार फेल होते रहे है, इससे यह संदेश के साथ दर्शाता है, कि, भ्रष्टाचारी माफिया के रॉकेट, एक-एक नए प्रयोग व भ्रष्टाचार के अनुसंधान से, इसरो के रॉकेट से भी.... और उन्नत बनाकर देशवासियों की कमाई , इस रॉकेट के ईंधन मे फूंक- फूंक कर उड़ाई जा रही है
बीएसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने संसद में वन्देमातरम का अपमान किया और जैसे ही राष्ट्रगीत की धुन बजी सांसद बर्क संसद भवन से उठकर बाहर निकल गये, what is ur opinion on this subject

देश के सत्ता के घोटालेबाजों को देश को लूटने से फुर्सत नही है, जब देश मे लूट मे छूट है तो अपने लूट का समय,बर्बाद कर ..., क्या..?????, वे तुम्हारी समस्या को देखेंगे..उन्हें पता है हमारे माफिया राज के सामने संविधान भी पंगु है..
– 
अबू आजमी जी.., मुसलबानों का डी.एन.ए..तो हिंदुस्थानी है... , दोस्तों ... क्या यह मेरा देश लूटा या मेरा देश डूबा

Thursday 1 May 2014

दिग्विजय,ने अपने बडबोले पन से कांगेस को गड्डे में डालकर, अपने चरित्र से कांग्रेस की कब्र बनाने में लगे है... अब बुढापे में डींग के ढोंग से मर्यादा को ताक में रखकर किसी और के गड्डे में गिरकर दीवाने हो गए हैं ...




दिग्विजय,ने अपने बडबोले पन से कांगेस को गड्डे में डालकर, अपने चरित्र से कांग्रेस की कब्र बनाने में लगे है... अब बुढापे में डींग के ढोंग से मर्यादा को ताक में रखकर किसी और के गड्डे में गिरकर दीवाने हो गए हैं ...

नैतिक पतन
राजनीति को गाली देने वाले राजनीति करते है!
प्रजातन्त्र के मरूद्यानो मे! घोडे, खच्चर सब चरते है!
षब्द भाव के घावो! की कुण्ठा को स्वय! बताते है!
नैतिकता मे! जीने वालो! की अपनी औकाते! है!

उॅ!ची बाते! करने वाला नीचे क्यो! गिर जाता है
ये भारत का जन - मानस है भीड़ स्वय बन जाता है
फिर होती है ठेकेदारी डेढ़ अरब नर - मुण्डो की
आदर्षो! मेॅ छिपी हुयी है देख सियासत गुण्डो! की

इतना तो मै!भी समझ गया,ये कच्चा फल है टूट गया
सम्मान मिला तो,हल्केपन से म!जिल पथ भी छूट गया
झूठी सच्ची तारीफो! से लक्ष्य स्वय! गिर जाते! है!
नौ - सीखिया फौजो! से राजा ही मारे जाते है!

अन्ना तो अब निपट गये,बष बाबा जी की बारी है
वैष्या जब तक गूॅ!गी है बष ,खेल तभी तक जारी है
मुॅ!ह खुलते ही षब्द स्वय!की भाव-भ!गिमा कह देता है
प्रजा - तन्त्र की नावो! को व्यभिचार हमेषा से खेता है

राजनीति मुर्दो की छोडो ,भजन करो अब गाॅ!वो मे!
क्यो! खाते हो दर-दर ठोकर ,मत कूदो स!भावो! मे!
काले धन से स्वाभिमान और लोकपाल बह जायेगा
क्या कलियुग मे! अन्ना बाबा भजन सनातन गायेगा

हद्द हो गयी प्रजातन्त्र की, नौट!की दिखलाते हो
चैराहे के लीचड़ - कीचड़ लोकसभा भिजवाते हो
क्यो! आषा करते हो इनसे भारत-भाग्य जगाने की
कवि‘आग’कहता है इनकी कीमत है दो-आान्ने की!!


मोदी को हराने के लिए पाकिस्तान के साथ I.S.I भी कूद पड़ा है.... विपक्षीयों को मोदी के सुनामी के डर से पक्षी बनकर उड़ने का खौफ है..., देश के मुद्दे गायब है ..., 
विपक्षी अब, सत्ता के गद्दे को बनाने के लिए , सभी तीसरा मोर्चा से मिलकर ..., अब तीसरा मोची बनकर...,अपनी-अपनी गुदड़ी को .., एक दुसरे के कच्चे धागे से सिलने में लगा है..., ताकि गद्दी मोदी से ऊंची हो...
राजनीती का रंग अब बदरंगी हो गया है..., राष्ट्रवाद पर अलगाववाद के चोले को पहनाकर.., सत्ता के छोले खाने का खेल बन चुका है...
I.S.I. के पिल्लू दाऊद को कांग्रेस ने बनाया अपना दिल्लू , कांग्रेस सांसद अजय राय के भाई व खून के रिश्तेदार के ह्त्या में बंद ,मुख्तार अंसारी से, अपने को सत्ता का मुख्य अंश बनाने के लिए सिध्हान्तो की बलि देकर,पाकिस्तान के धोबी पछाड़ खेल से मोदी को हारने के हथकंडे से आतंकवाद के डंडे का सहारा लिया जा रहा है... 


मोदी को हराने के लिए पाकिस्तान के साथ I.S.I भी कूद पड़ा है.... विपक्षीयों को मोदी के सुनामी के डर से पक्षी बनकर उड़ने का खौफ है..., देश के मुद्दे गायब है ..., 
विपक्षी अब, सत्ता के गद्दे को बनाने के लिए , सभी तीसरा मोर्चा से मिलकर ..., अब तीसरा मोची बनकर...,अपनी-अपनी गुदड़ी को .., एक दुसरे के कच्चे धागे से सिलने में लगा है..., ताकि गद्दी मोदी से ऊंची हो...
राजनीती का रंग अब बदरंगी हो गया है..., राष्ट्रवाद पर अलगाववाद के चोले को पहनाकर.., सत्ता के छोले खाने का खेल बन चुका है...
I.S.I. के पिल्लू दाऊद को कांग्रेस ने बनाया अपना दिल्लू , कांग्रेस सांसद अजय राय के भाई व खून के रिश्तेदार के ह्त्या में बंद ,मुख्तार अंसारी से, अपने को सत्ता का मुख्य अंश बनाने के लिए सिध्हान्तो की बलि देकर,पाकिस्तान के धोबी पछाड़ खेल से मोदी को हारने के हथकंडे से आतंकवाद के डंडे का सहारा लिया जा रहा है...