Thursday 15 August 2013



यह R.T.I. नहीं…(RIGHTY TWISTED INDIANS).. सही तरह से निचोड़ा देशवासी है, यह तो..?? जज, वकीलों व नौकशाहों का (RIGHT TO INCOME)…आय का अधिकार है …( वेबसाईट की पोस्ट Posted on 31 October 2013.)

दोस्तों हमारे संविधान में ३३ हजार से ज्यादा क़ानून है... और चार करोड़ से ज्यादा मुकदमे लंबित हो कर, इसी आड़ में क़ानून के हाथ तो और लम्बे हो रहें है...,लेकिन हाथ की उँगलियों घिसती जा रही है.....,
क़ानून के हाथ लंबे होने का सभाषण की गूँज तो १९४७ से देश व फिल्मों तक प्रसिद्ध है..,
आज हमारा देश भ्रष्टाचार का गड्डा प्रधान देश बन गया, और कृषि प्रधान वासी इस गड्डे में गिर रहा है...
आज हर मुहल्ले से देश तक भ्रष्टाचार से लम्बे बने लोग हैं ..., इनकी संख्या इतनी ज्यादा है की यदि ..., देश के बिजली के खम्भे में एक पिंजरा बनाकर, इन भ्रष्टाचारियों को लटका दिया जाय तो देश के बिजली के खम्भे भी कम पड़ेंगे...,

याद रहे.., पूना (महाराष्ट्र) के R.T.I. के कार्यकता सतीश शेट्ये ने पूना के सरकारी व भू-माफियाओं के गठबंधन की पोल जब हाईकोर्ट में खोली, तो प्रशासन में हडकंप मच गया, सतीश शेट्ये ने अदालत में अपनी जान के खतरे की गुहार लगाई, एक सुनियोजित योजना के तहित , सवेरे की व्यायाम में घुमते समय माफियाओं ने फरवरी २०१० में उनकी हत्या कर दी , जो पुलिस की जांच अधिकारी था, उसने कोई सबूत के तहत गिरफ्तारी नहीं की ..., इस घटना के ६ महीने बाद उस पुलिस अधिकारी के घर सी.बी.आई. के छापे में करोड़ों रूपये बरामद हुए...,
अब R.T.I. के कार्यकता सतीश शेट्ये के मुकदमे की फाईल बंद होने की कगार में है..
प्रस्तावना
Posted on 02 October 2012.
सवेरे चाय की चुस्की लेते , अख्रबार पढ्ने पर चाय कड़्वी लगती है , एक घोटाला ……? घोटाले की नाव डूबने से १००००…? २००००….? १०००००…..?…. करोड़ो लोगो का निवाला, नौकरशाहीखा गई ,और नौकरशाही, जजशाही को कहती है कि नाव थी ही नही? जजशाही फरमान सुनाती है की डूबी नाव को खोजो, डूबी नाव को खोजने के लिये सरकारी गोताखोर सरकार की तिजोरी खाली कर रहे हैं? ………. चूना लगा रहे हैं?
दिनभर अखबारो की पढी खबरें रास्ते पर चलते हुए, सोचते हुए, मैं गड्डे में गिर जाता हूँ. लोंगौ से कह्ता हूँ ,यह भ्रष्टाचार का गड्डा है. लोग मुझ पर उपहास कर कह्ते है, “तुम्हे देखकर चलना नहीं आता है, देखो हम कैसे बगल से निकल जाते हैं?”....
आज, आम आदमी अपने भूख का बड़ी मुश्किल से जुगाड़ करने से, सरकार से कोई पंगा ले कर कानून के मकड़जाल में फंस कर और भूखा नंगा नहीं बनना चाहता है... 

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