Monday 15 July 2013


Deshdoooba Community मेरी प्रतिज्ञा:
देश के भेडियें, देशप्रेमी का चोला पहनकर देश को लूट कर आदमखोर बन गये हैं,, जिस दिन देश का भ्रष्टाचार खत्म होगा. तो मैं, देशद्रोही का चोला फेंककर देश का पहिला देशप्रेमी बनूँगा ….
मै इन देशप्रेमीयों का गुलाम नही रहना चाहता हूँ.. इसलिए, म
ैं बेबाक हूँ.. और बेबाक रहूँगा....

मेरे वेबस्थल का नाम मेरा देश डूबा, काँम , रखने के पहले मैने मेरे दिल के टिस (दर्द) को दबाते हुए कहा, मै दिल के दर्द को सहन कर सकता हु , लेकिन देश के दर्द को नही...???.

No comments:

Post a Comment