Monday 8 July 2013



हम हो रहे बरबाद हर दिन..भारत निर्माण के नारो से.. यह भारत निर्माण नही... देश मे माफिया (माफ+किया) निर्माण है....?
आम आदमी के हाथ काटने के बाद हो रहा है.. भारत निर्माण, इस नारे के आड मे डाँलर की नई-नई उँचाई का हो रहा है.. निर्माण??

इसके आड मे अलगाववाद , भाषावाद धर्मवाद, घुसपैठ की आड मे देश का वोट बैक बनाकर.. गरीबी की बीमारी , महामारी मे तब्दील हो रही है.. 
याद रहे 1947 मे सत्ता परिवर्तन के बाद के बाद, हमारे बापू ने पापू बनकर 55 हजार करोड पाकिस्तान को नही दिए होते तो .. रूपया और मजबूत होता... 1947-1970 तक..हमे लगभग शून्य के बराबर, विदेशी मे रोजगार करने वालो से विदेशी मुद्रा प्राप्त होती थी .. वही आज देश मे विदेशी भारतीयो के रोजगार से अरबों डाँलर नही मिलते तो हमारा रूपया 100 के पार चला गया होता..
सता परिवर्तन के बाद देश की जंनसंख्या से 3 गुना दुधारू पशु थे... आज हमारी सरकार विदेशी मुद्रा कमाने के लालच मे, देश के कत्लखाने को आर्थिक सहायता कर कत्लखाने उध्धोगो को बढावा दे रही है .. काश हम इन दुधारू पशु का समुचित उपयोग कर... देश के जवानो को हम और बलवान बनाते वही हाल, हम अपने अपने खान, खदाने चीन को बेच रहे है ..वही, चीन उससे दुगना निर्यात कर हमे लघु व गृह उध्धोगो कसे आधारित, सामान सस्ती दरो मे बेच कर हमारे मजदूरो के हाथ तो काट ही काट रहा है.. साथ-साथ ही हमारी मुद्रा को भी डकार कर हमे धमका रहा है..बेहतर होता (अभी भी समय है..) इन खदानो से हम कल कारखाने बनाकर, हम रोजगार व आधुनिक वैज्ञानिक से अस्त्रो का निर्माण कर देश मे खुशहाली पैदा करते...दुनिया मे अपनी धाक जमाते.. देश दो चीजो से दिन पर दिन पिछड रहा है.. प्रतिभाओ को,मार पड रही है, सरकार के आरक्षण से व देश की जनता को विदेशीयो की बैसाखी से मार पड रही है..
हमारे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिनका जीवन अय्याशी से भरा था,जो अपने को कहते थे.. मै इस देश का अंतिम अंग्रेज प्रधानमंत्री हूँ? और उन्होने देश को, ये झूठा नारा दिया “आराम हराम है”
जिनका दिन का खर्च 25हजार रूपये था , राम मनोहर लोहिया ने कहा देश की जनता,की आय रोज 2 आना (12 पैसे)..और प्रधानमंत्री का रोज के खर्च से देश का 25 हजार रूपये गँवाना कमाती? और उन्होने देश को, एक झूठा नारा दिया “आराम हराम है”
देश के सच्चे सपूत प्रधानमत्री -लाल बहादुर शास्त्री, जो महिने के 300 रूपये वेतन से अपना गुजारा करते थे.. जिन्होने नेहरू की 17 साल , कहे.. देश की गन्दगी साफ कर दी थी ,जब देश.. विदेशी जकडन मे बँधा था, देश मे अन्न व धन नेहरू की अय्यासी से खत्म हो गया था.. विदेशी सहायता के मुद्दे पर , काँग्रेसियो की माँग का विरोध करते हुए.. शास्त्री ने संसद मे कहा.. हम 200 साल बाद फिरंगीयों के मकड्जाल से निकले है.. अब दुबारा फिरंगीयों के आगे हाथ फैलाने का प्रश्न की नही उठता है.. जय जवान..जय किसान के नारो को सार्थक कर, देश मे एक नयी जान फूँककर , पाकिस्तान को धूल चटा दी... उसके बाद फिल्म अभिनेता को एक दिन, अपने किराये के घर मे चाय पिलाने के आमंत्रण मे कहा.. मनोज साहब, मेरी काया न तो जवान जैसी है, न किसान जैसी है.. आप एक ऐसी फिल्म बनाओ, जिससे देश के जवानो व किसानो का जज्बा दुगना हो जाए,
मनोज कुमार को भी जोश आ गया..?? उन्होने.. 24 घंटे मे दिल्ली से बंबई आते समय ट्रेन मे उपकार फिल्म का पूरे संवाद लिख दिए..??,
तब लाल बहादुर शास्त्री की जहर देने से संदेहास्मक मौत होने के बाद, मनोज कुमार ने रोते हुए कहा... जो देश का नौजवान (शास्त्री) था , वह मेरी फिल्म नही देख पाया..इससे बडा दुख कोई मेरे लिए कोई नही है..
इंदिरा गाँधी के गरीबी हटाओ के अफीमी नारो से जब जनता त्रस्त हुई तो , जयप्रकाश नारायण के शंखनाद से इंदिरा गाँधी को हटना पडा.. राजीव गाँधी के -मेरा भारत महान- के नारो से, नेताओ के बेईमान बनाने के बाद मे वे,कहने लगे, देश के योजनाओ का धन, 1 रूपये मे सिर्फ 15 पैसा जनता तक पहुँचता है..और देश का खजाना खाली होने से.. 1991 मे देश मे फिरंगियो को अपना तंबू बाँधने के लिए बुलाया गया..और हमारे रूपये का मूल्य 20% गिराकर, उन्हे प्रोत्साहित किया गया.. आज वही राहुल गाँधी माफियाओ द्वारा देश का धन लूट्ने के बाद कहते है, 1 रूपये मे सिर्फ 5 पैसा जनता तक पहुँचता है
हाल ही मे सुप्रीम कोर्ट ने माथे पर हाथ हुए कहा ... अब इस देश को कौन बचायेगा देश के योजनाओ के धन का 1 रूपये मे सिर्फ एक पैसा जनता तक पहुँचता है
इंडिया शाईनिग के नारो से तो भारतीय जनता पार्टी से तो नेताओ की चमक गायब हो कर मुरझाए चेहरे से, प्रधानमंत्री कतार मे है..का नारा दिया , और आज तक कतार मे खडे रहने के लिए योद्धाओ की लडाई जारी है
बडे दु:ख के साथ लिखना पड रहा है कि, देश के वंशवाद जो देश के लिए दंशवाद ही सिध्ह हुए है.. उन्हे. महाविभूति से महामंडित कर आज देश मे सैकडो नगर , हजारो सडके व सस्थान व नाम से योजनाओ का शिलान्यास किया है...इसकी आड मे घोटाले का खेल खेला जा रहा है.. और एक फकीर प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को पर्दे मे रखकर ,उनकी किर्ती को भुला दिया गया है.. 

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