Saturday 20 April 2013



कहते है..... जहाँ अपराध बढवाना है, वहाँ पुलिस थाना खोल दो, 
अपराध की फैक्ट्री (कारखाना) खुल जाती है, 
जितना कडक कानून, उतनी मोठी रिश्वत, रिश्वत खोर सदाबहार, देशवाशी बेहाल, माफिया व पुलिस मालामाल...
क्या यही है...???? भारत का चरित्र निर्माण.... या मेरा देश डूबा.... 
मेरे वेब स्थल मे पढे -आज का कानून-17 सअक्टूबर 2012 व जनवरी 2013 की पोस्ट पढे यह आम आदमी का हाथ नही, जीते जी जीवन का शिकंजा है, माफिया व वकीलो के उन्नत जीवन जीने का धधा है...??? 

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