Thursday 28 March 2013



वीर सावरकर को जिसने नही पहचाना ? उसने हिन्दुस्थान को नही पहचाना? आज की भारतमाता कौन? Jai Hind .

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Posted on 27 March 2013.
वीर सावरकर को जिसने नही पहचाना ? उसने हिन्दुस्थान को नही पहचाना? आज की भारतमाता कौन?
देशवासियो इस चित्र को देखकर पहचानो, आज की आधुनिक भारतमाता कौन…??? यह मै आपके विवेक पर छोड देता हूँ……..
भाग-1
मेरे इस कार्टून को देखकर पहचानो आज की आधुनिक भारतमाता……???? कौन……..????????????????
सावरकर जो वीर ही नही परमवीर थे, इस धरती पर चाणक्य के बाद दुरदर्शी क्रातिकारी वीर सावरकर ही थे ,जिनकी दहाड् से अग्रजो का साम्राज्य हिल उठता था, मै तो उन्हे देश के क्रांति का चाणक्य मानता हूँ,? उनकी भूमिका अग्रेजो के समय वीर शिवाजी महाराज व सत्ता परिवर्तने के बाद वीर महाराणा प्रताप की थी? आज तक हमारे देश्वासियो को यह पता नही है, सुभाष चन्द्र बोस, चद्रशेखर आजाद व सरदार भगत सिंग मे क्राति का जन्म वीर सावरकर द्वारा हुआ?
आजाद हिद फौज का जन्म वीर सावरकर की प्रेरणा द्वारा ही हुआ, सुभाष चन्द्र बोस उनसे आशीर्वाद लेने गये थे कि मेरी मजिल को सफलता मिले? याद रहे 1947 मे आजाद हिद फौज की अहम भूमिका थी ?
चन्द्रशेखर वेकट रमण को वर्ष 1930 मे जब नोबल पुरस्कार मिला. जब, वे मंच पर पुरस्कार ग्रहण करने पर गये तो, तो उन्होने कहा मुझे बढा दु:ख है कि यह पुरस्कार एक गुलाम देश के नागरिक को मिल रहा है, मुझे गर्व होता यदि मै आजाद देश का नागरिक होता. उनके विचार सुनकर चन्द्रशेखर वेकट रमण जो यदा कदा (साल मे एक दो बार) भारत मे आते थे , तो वीर सावरकर उनसे मिलने बैगलोर गये चन्द्रशेखर वेकट रमण से 3-4 घटे राष्ट्रवाद के बारे मे विस्तार से चर्चा कि तो उन्होने वीर सावरकर के बारे मे कहा “ यह देश का अनमोल हिरा जिसके चमक के सामने कोहिनूर हीरा भी फीका है?”. याद रहें, महान भौतिकशास्त्री वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेकट रमण को 1954 मे भारत रत्न मिला था
जब वीर सावरकर के अंडमान जेल मे अमानवीय अत्याचार के वजह से जेलर बैरी को काला पानी से ब्रिटिश के राजधानी मे तबादला कर दिया था.. . (याद रहे, जेलर बैरी ने अंग्रेज प्रशासकों को बताया था कि वीर सावरकर को प्रताडना व कडी सजा के बावजूद वे टस से मस होने वालो मे से नही है, वह फौलादी दिल वाला इंसान है और उनके {वीर सावरकर} जेल के कार्यकालमे 90% से ज्यादा कैदी साक्षर हो गये हैं, – इनमे से 60% से ज्यादा मुसलिम कैदी थे)
यह वही सविधान है..?????, जब कलमाडी को, तिहाड जेल (सफेद जेल- सफेद पानी) मे सजा होने पर तिहाड जेल के जेलर ने अपने कार्यालय मे कलमाडी को, हलवा पूरी, व सफेद पानी (मिनरल पानी) खिलाते-पिलाते पकडे जाने पर , जेलर (सफेद पानी) का तबादला, देश की राजधानी से, अंडमान जेल (काला पानी) मे कर दिया.
अंडमान जेल में कडी ठंड मे , वीर सावरकर को कंबल नही दिया जाता था ताकि ठंड से वे ठिठुर – ठिठुर कर मर जाये, इस दंड का भी तोड, वीर सावरकर ने निकाल लिया, वे रात भर शरीर गर्म रखने के लिये दंड-बैठक करते थे, और इसके बाद, उन्हें और उनके जेल के साथियों को,सवेरे से शाम तक कोल्हू के बैल की तरह से तेल निकालना पडता था. जबकि आज तिहाड जेल के सफेद पोश नकाब वाले राजनैतिकों व माफियाओं को, हीटर व वेटर, स्वेटर, पख़े अखबार इत्यादि की एशों-आराम की सुविधा है
वीर सावरकर को अडमान जेल की यातना देने/सहन करने के बाद उनके चेले सुभाष चन्द्र बोस ने कहा , वीर सावरकरजी आप गाँधी जी के कांग्रेस मे शामिल हो जाओ, मै देश की क्राति की बागडोर सभाँलूगा, वीर सावरकर ने उन्हे लताडते हुए कहा मेरे सिद्दांत को त्यागकर मै अग्रेजो की पीछे की चाटता तो मै गाँधी से बहुत आगे होता था,
यदि गाँधी, मेरे सिद्दांओ को मानेगे, तो मै गाधी के पीछे चलकर उनको राष्ट्रवाद की रूकावट मे मार्ग दर्शन कराऊँगा? तु मेरी फिक्र नही करना मै तो देश के लिये, अपनी मौत की कफन साथ मे लेकर फिरता हूँ?
वीर सावरकर को लालबहादुर शास्त्री द्वारा सहायता देने पर काग्रेसीयो मे खलबली मच गई थी,क्योकि जवाहरलाल नेहरू उनको अपना कट्टर दुश्मन मानते थे, और हर काग्रेसी चाहता था, लालबहादुर शास्त्री भी जवाहरलाल नेहरू के नक्शे कदम पर चले, लालबहादुर शास्त्री जानते थे कि वीर सावरकर का योगदान देश सेवा में अतुल्य है, और वे क्राति के चाणक्य है.
ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे
उनकी यह भविष्यवाणी सच हुई,
अंत तक ललिता शास्त्री गुहार लगाती रही, मेरे पति की मौत की जाँच हो, आज तक सभी सरकारों द्वारा, कोइ कारवाई नही हुई?, इस रहस्य को जानने के लिये, आर.टी.आई. कार्यकर्ता अनुज धर ने एडी चोटी का जोर लगाने के बाद, सरकार की तरफ से जवाब मिला कि यदि हम इस बात का खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?
और एक राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री बेमौत, मौत् का शिकार हो गया., और…..? अपने परिवार के पीछे छोड गया……, सिर्फ और सिर्फ……?????, कर्ज का बोझ?.
देश का एक लाल, लाल बहादुर शास्त्री, जब प्रधानमंत्री बने, तब देश मे विकट परिस्थीतिया थी, देश भुखमरी के कगार मे पहुँच रहा था, सीमा पर दुशमनो की तोपें आग उगलने की तैयारी मे थी. जिन्होने “जय जवान – जय किसान” के नारे से दुश्मनों को सबक सीखाकर देश मे हरित क्रति के साथ-साथ श्वेत क्रांति की, प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 19 महिने के प्रधानमंत्री के कार्यकाल की कामयाबी से नेहरू द्वारा किया गया भ्रष्टाचार का शौच साफ कर दिया था…., नेहरू के चमचे नेताओ की अय्याशी खत्म कर, उन्हे आम नेता बना दिया था…???
देश की जनता उनकी कायल थी, उनके आवाहन को जनता, सर आँखो मे रखकर , उन्हें देश का भाग्य – विधाता मानती थी, दुनिया के देशों को इतना डर नही था , लाल बहादुर शास्त्री के आगे प्रधानमंत्री पद पर रहना, जितना इंडियन काग्रेसीयों को, वे इस डर को पचा नही पा रहे थे, उन्हे डर था कि राजनीती अब नेताओ की मजदूरी हो जायेगी, सादगी की वजह से उनकी अगली पीढी भी मजदूर बनना पसद नही करेगी, और वंशवाद खत्म हो जायेगा. और उन्होने इंदिरा गाधी को ब्रिटेन मे भारत का उच्चायुक्त बनाने का संकेत दे दिया था.
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद समझौते के बाद , रात को दूध पीने के बाद उनकी मौत हो गइ, मौत के समय उनके कमरे मे टेलिफोन नही था, जबकि, उनके बगल के कमरे के राजनयिकों के कमरों मे टेलिफोन था, उनकी मौत की पुष्टी होने पर राजनयिकों की फौज दिल्ली मे फोन लगा कर चर्चा कर रहे थे कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ?
यही हाल वीर सावरकर के जीवन के साथ भी, लालबहादुर शास्त्री के मौत के सदमे के बाद,वीर सावरकर बिमार होते गये ,
उन्होने कहा “अब देश गर्त मे चला गया, अब मुझे इस देश मे जीना नही है” वीर सावरकर ने दवा लेने से इंकार कर दिया, एक बार डाक्टर ने उन्हे चाय मे दवा मिला कर दी, तो वीर सावरकर को पता चलने पर उन्होने चाय पीना भी बंद कर दिया , और एक राष्ट्र का महानायक इच्छा मृत्यु (कहे तो आत्महत्या) से चला गया.
वीर सावरकर की यह भविष्यवाणी भी सही निकली ……?????
आज का श्लोगन बन गया है…..
सच्चे का मुँह काला ..????
भ्रष्टाचार का बोलबाला……..
वीर सावरकर ने अपने मौत के पहने कहा कहा मेरी मौत पर कोई हडताल व देश के किसी नगर, शहर मे बंद का आयोजन नही होगा और जो मेरे जिदगी की 5000रू अमानत है, वह जो हिन्दू , मुस्लिम बने, उनके पुन: हिन्दु धर्म मे आने पर यह धन उनके शुध्हीकरण मे उपयोग मे लाना?
आज भी स्वर साम्राज्ञी कोकिला , भारतरत्न लता मगेशकर भी गला फाडकर चिल्ला रही है, वीर सावरकर को कोइ सम्मान नही मिला है, उनके वीरता की इस देश मे दुर्गति हुई है ………..

अब इस दुनिया ऐसा वीर सावरकर दुबारा पैदा नही होगा? देश के इतिहास को अन्धेर मे रखकर यो कहे देश के इतिहास को दफन कर दिया है….?????????

Wednesday 27 March 2013



वीर सावरकर को जिसने नही पहचाना ? उसने हिन्दुस्थान को नही पहचाना? आज की भारतमाता कौन?

वीर सावरकर को जिसने नही पहचाना ? उसने हिन्दुस्थान को नही पहचाना? आज की भारतमाता कौन?
देशवासियो इस चित्र को देखकर पहचानो, आज की आधुनिक भारतमाता कौन…??? यह मै आपके विवेक पर छोड देता हूँ……..

भाग-1
मेरे इस कार्टून को देखकर पहचानो आज की आधुनिक भारतमाता……???? कौन……..????????????????

सावरकर जो वीर ही नही परमवीर थे, इस धरती पर चाणक्य के बाद दुरदर्शी क्रातिकारी वीर सावरकर ही थे ,जिनकी दहाड् से अग्रजो का साम्राज्य हिल उठता था, मै तो उन्हे देश के क्रांति का चाणक्य मानता हूँ,? उनकी भूमिका अग्रेजो के समय वीर शिवाजी महाराज व सत्ता परिवर्तने के बाद वीर महाराणा प्रताप की थी? आज तक हमारे देश्वासियो को यह पता नही है, सुभाष चन्द्र बोस, चद्रशेखर आजाद व सरदार भगत सिंग मे क्राति का जन्म वीर सावरकर द्वारा हुआ?
आजाद हिद फौज का जन्म वीर सावरकर की प्रेरणा द्वारा ही हुआ, सुभाष चन्द्र बोस उनसे आशीर्वाद लेने गये थे कि मेरी मजिल को सफलता मिले? याद रहे 1947 मे आजाद हिद फौज की अहम भूमिका थी ?

चन्द्रशेखर वेकट रमण को वर्ष 1930 मे जब नोबल पुरस्कार मिला. जब, वे मंच पर पुरस्कार ग्रहण करने पर गये तो, तो उन्होने कहा मुझे बढा दु:ख है कि यह पुरस्कार एक गुलाम देश के नागरिक को मिल रहा है, मुझे गर्व होता यदि मै आजाद देश का नागरिक होता. उनके विचार सुनकर चन्द्रशेखर वेकट रमण जो यदा कदा (साल मे एक दो बार) भारत मे आते थे , तो वीर सावरकर उनसे मिलने बैगलोर गये चन्द्रशेखर वेकट रमण से 3-4 घटे राष्ट्रवाद के बारे मे विस्तार से चर्चा कि तो उन्होने वीर सावरकर के बारे मे कहा यह देश का अनमोल हिरा जिसके चमक के सामने कोहिनूर हीरा भी फीका है?”. याद रहें, महान भौतिकशास्त्री वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेकट रमण को 1954 मे भारत रत्न मिला था

जब वीर सावरकर के अंडमान जेल मे अमानवीय अत्याचार के वजह से जेलर बैरी को काला पानी से ब्रिटिश के राजधानी मे तबादला कर दिया था.. . (याद रहे, जेलर बैरी ने अंग्रेज प्रशासकों को बताया था कि वीर सावरकर को प्रताडना व कडी सजा के बावजूद वे टस से मस होने वालो मे से नही है, वह फौलादी दिल वाला इंसान है और उनके {वीर सावरकर} जेल के कार्यकालमे 90% से ज्यादा कैदी साक्षर हो गये हैं, – इनमे से 60% से ज्यादा मुसलिम कैदी थे),

यह वही सविधान है..?????, जब कलमाडी को, तिहाड जेल (सफेद जेल- सफेद पानी) मे सजा होने पर तिहाड जेल के जेलर ने अपने कार्यालय मे कलमाडी को, हलवा पूरी, व सफेद पानी (मिनरल पानी) खिलाते-पिलाते पकडे जाने पर , जेलर (सफेद पानी) का तबादला, देश की राजधानी से, अंडमान जेल (काला पानी) मे कर दिया.
अंडमान जेल में कडी ठंड मे , वीर सावरकर को कंबल नही दिया जाता था ताकि ठंड से वे ठिठुर ठिठुर कर मर जाये, इस दंड का भी तोड, वीर सावरकर ने निकाल लिया, वे रात भर शरीर गर्म रखने के लिये दंड-बैठक करते थे, और इसके बाद, उन्हें और उनके जेल के साथियों को,सवेरे से शाम तक कोल्हू के बैल की तरह से तेल निकालना पडता था. जबकि आज तिहाड जेल के सफेद पोश नकाब वाले राजनैतिकों व माफियाओं को, हीटर व वेटर, स्वेटर, पख़े अखबार इत्यादि की एशों-आराम की सुविधा है

वीर सावरकर को अडमान जेल की यातना देने/सहन करने के बाद उनके चेले सुभाष चन्द्र बोस ने कहा , वीर सावरकरजी आप गाँधी जी के कांग्रेस मे शामिल हो जाओ, मै देश की क्राति की बागडोर सभाँलूगा, वीर सावरकर ने उन्हे लताडते हुए कहा मेरे सिद्दांत को त्यागकर मै अग्रेजो की पीछे की चाटता तो मै गाँधी से बहुत आगे होता था,

यदि गाँधी, मेरे सिद्दांओ को मानेगे, तो मै गाधी के पीछे चलकर उनको राष्ट्रवाद की रूकावट मे मार्ग दर्शन कराऊँगा? तु मेरी फिक्र नही करना मै तो देश के लिये, अपनी मौत की कफन साथ मे लेकर फिरता हूँ ?

वीर सावरकर को लालबहादुर शास्त्री द्वारा सहायता देने पर काग्रेसीयो मे खलबली मच गई थी,क्योकि जवाहरलाल नेहरू उनको अपना कट्टर दुश्मन मानते थे, और हर काग्रेसी चाहता था, लालबहादुर शास्त्री भी जवाहरलाल नेहरू के नक्शे कदम पर चले, लालबहादुर शास्त्री जानते थे कि वीर सावरकर का योगदान देश सेवा में अतुल्य है, और वे क्राति के चाणक्य है.
ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे
उनकी यह भविष्यवाणी सच हुई,

अंत तक ललिता शास्त्री गुहार लगाती रही, मेरे पति की मौत की जाँच हो, आज तक सभी सरकारों द्वारा, कोइ कारवाई नही हुई?, इस रहस्य को जानने के लिये, आर.टी.आई. कार्यकर्ता अनुज धर ने एडी चोटी का जोर लगाने के बाद, सरकार की तरफ से जवाब मिला कि यदि हम इस बात का खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?
और एक राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री बेमौत, मौत् का शिकार हो गया., और…..? अपने परिवार के पीछे छोड गया……, सिर्फ और सिर्फ……?????, कर्ज का बोझ?.

देश का एक लाल, लाल बहादुर शास्त्री, जब प्रधानमंत्री बने, तब देश मे विकट परिस्थीतिया थी, देश भुखमरी के कगार मे पहुँच रहा था, सीमा पर दुशमनो की तोपें आग उगलने की तैयारी मे थी. जिन्होने जय जवान जय किसानके नारे से दुश्मनों को सबक सीखाकर देश मे हरित क्रति के साथ-साथ श्वेत क्रांति की, प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 19 महिने के प्रधानमंत्री के कार्यकाल की कामयाबी से नेहरू द्वारा किया गया भ्रष्टाचार का शौच साफ कर दिया था…., नेहरू के चमचे नेताओ की अय्याशी खत्म कर, उन्हे आम नेता बना दिया था…???

देश की जनता उनकी कायल थी, उनके आवाहन को जनता, सर आँखो मे रखकर , उन्हें देश का भाग्य विधाता मानती थी, दुनिया के देशों को इतना डर नही था , लाल बहादुर शास्त्री के आगे प्रधानमंत्री पद पर रहना, जितना इंडियन काग्रेसीयों को, वे इस डर को पचा नही पा रहे थे, उन्हे डर था कि राजनीती अब नेताओ की मजदूरी हो जायेगी, सादगी की वजह से उनकी अगली पीढी भी मजदूर बनना पसद नही करेगी, और वंशवाद खत्म हो जायेगा. और उन्होने इंदिरा गाधी को ब्रिटेन मे भारत का उच्चायुक्त बनाने का संकेत दे दिया था.
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद समझौते के बाद , रात को दूध पीने के बाद उनकी मौत हो गइ, मौत के समय उनके कमरे मे टेलिफोन नही था, जबकि, उनके बगल के कमरे के राजनयिकों के कमरों मे टेलिफोन था, उनकी मौत की पुष्टी होने पर राजनयिकों की फौज दिल्ली मे फोन लगा कर चर्चा कर रहे थे कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ?
यही हाल वीर सावरकर के जीवन के साथ भी, लालबहादुर शास्त्री के मौत के सदमे के बाद,वीर सावरकर बिमार होते गये ,
उन्होने कहा अब देश गर्त मे चला गया, अब मुझे इस देश मे जीना नही हैवीर सावरकर ने दवा लेने से इंकार कर दिया, एक बार डाक्टर ने उन्हे चाय मे दवा मिला कर दी, तो वीर सावरकर को पता चलने पर उन्होने चाय पीना भी बंद कर दिया , और एक राष्ट्र का महानायक इच्छा मृत्यु (कहे तो आत्महत्या) से चला गया.
वीर सावरकर की यह भविष्यवाणी भी सही निकली ……?????
आज का श्लोगन बन गया है…..
सच्चे का मुँह काला ..????
भ्रष्टाचार का बोलबाला……..

वीर सावरकर ने अपने मौत के पहने कहा कहा मेरी मौत पर कोई हडताल व देश के किसी नगर, शहर मे बंद का आयोजन नही होगा और जो मेरे जिदगी की 5000रू अमानत है, वह जो हिन्दू , मुस्लिम बने, उनके पुन: हिन्दु धर्म मे आने पर यह धन उनके शुध्हीकरण मे उपयोग मे लाना?

आज भी स्वर साम्राज्ञी कोकिला , भारतरत्न लता मगेशकर भी गला फाडकर चिल्ला रही है, वीर सावरकर को कोइ सम्मान नही मिला है, उनके वीरता की इस देश मे दुर्गति हुई है ………..

अब इस दुनिया ऐसा वीर सावरकर दुबारा पैदा नही होगा? देश के इतिहास को अन्धेर मे रखकर यो कहे देश के इतिहास को दफन कर दिया है….????????? 

 भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान-डायरी

Friday 22 March 2013


कैसे लोकतंत्र के खरगोश को सुला कर धराशायी कर दिया है? सत्ता के जातिवादी,धर्मवादी, अलगाववादी कछुआ माफियाओं के द्वारा दौड जीत ली है?


Rabbit of Democracy has been brought down to sleep? Racist, intolerant religionist, separatist mafia's tortoise In Power has won the race?

Thursday 21 March 2013

Tuesday 19 March 2013



helicoptar scandal - a new jackpot for C.B.I. TO ROAM ITALY.

Monday 18 March 2013



  •  Maine Poocha : Baapu aap pehle to ro rahe the, ab note par char kar kya dekh rahe ho.
  • Deshdoooba Community Baapu Ne Kaha : Videshikaran ka swadeshikaran ho raha hai, uski aad mein bhrastachar ki lootmar ho rahi hai, yeh mere aansu ab kab thamenge mujhe pata nahi.

Thursday 14 March 2013



जागो मोहन प्यारे, अब तो गरीबो के जीवन मे उजियारा डालो…????? उन्हे 20 रू से ज्यादा, दिहाडी तो कमाने दो…??????? तुम्हारे विकास के उजियारे के छाँव मे गरीबो के जीवन मे अंधियारा मत डालो….??? जागो, हे मेरे देश के मन, मौनी बाबा बनकर नही….??? अब सत्ता के बोतल का नशा तो छोडो..????


चल चुग जा रे पंछी ये देश है,भ्रष्टाचार का खजाना,

तुने देश का तिनका तिनका चुगकर हजारो नगरी बसाइ,


मजा कर जो किसानो के मेहनत तेरे काम आइ,

अच्छा है सब कुछ लूट कर दौलत तुने कमाइ,

आज जग के आँख का तु है तारा, चाल तेरी मतवाली,

अब ना भूल इस बाग को अब तू और तू ही है इसका माली,

तेरे किस्मत मे लिखा है, इस खेत ही नही, इस देश को लूट कर खाना,

चमक रहे है , पंख और टोपिया तुम्हारे और तुम्हारे धनों का मैखाना,

जिनके साथ तुने लगाए है भ्रष्टाचारीओ के मेले,

मेरी अखियो से आज तू मेरी दुवा ले ले,

किसको पता है इस इस देश मे मुझे हो कब तक हो रहना ......... और

अब जल्दी ... जल्दी.... चुग जा रे............ पंछी

कौन जाने अब कब आये, दुबारा ऐसा मौका , नही है इसे गवाँना ..........

Friday 1 March 2013



वाह रे विकलांग , मना खुशी का आलम , 
क्या अब चीन जाकर क्या देश को और भी विकलांग बनायेगा..??? देश के विकलांगो की लूट मे छूट की वीरता से ... तू विदेश मंत्री बना... अब चीनी दुश्मनों को...???, अब तो लूट मे छूट की वार्ता मे चीन जा रहा है...??? यह पब्लिक है सब जानती है, अंदर कितना खाया है..?? बाहर कितना विकास का दिखावा है... और देश का कितना भट्टा बिठाया है... दोस्तों क्या ये भ्रष्टाचार के विकास के नाम पर आम आदमी का नाश...??? या मेरा देश डूबा..???