Thursday 13 September 2012


मेरी प्रतिज्ञा:
देश के भेडियें, देशप्रेमी का चोला पहनकर देश को लूट कर आदमखोर बन गये हैं,, जिस दिन देश का भ्रष्टाचार खत्म होगा. तो मैं, देशद्रोही का चोला फेंककर देश का पहिला देशप्रेमी बनूँगा ….
मै इन देशप्रेमीयों का गुलाम नही रहना चाहता हूँ.. इसलिए, म
ैं बेबाक हूँ.. और बेबाक रहूँगा....

मेरे वेबस्थल का नाम मेरा देश डूबा, काँम , रखने के पहले मैने मेरे दिल के टिस (दर्द) को दबाते हुए कहा, मै दिल के दर्द को सहन कर सकता हु , लेकिन देश के दर्द को नही...???.


Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.

आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं

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