Friday 28 September 2012



देशद्रोही M.B.B.S. (महान भारत भ्रष्टतम सेवा)
मैंने नोट मे गाँधी के चित्र मे बापू को मुस्कराते देख कर बापू से पू्छा ?, आप तो मुस्करा रहे हो कम से कम मेरी तरफ तो देखो, मुझे आपसे कुछ वार्तालाप करनी है।
बापू ने कहा मैं तो देश के मौजूदा हालात को देखकर मुस्कुरा रहा हूँ, “ हाँ, बापू मैं भी इसी बारे में आपसे कुछ पूँछ्ना चाह्ता हूँ।
४ साल पहले संजय दत्त के लिये मुन्ना भाई M.B.B.S फिल्म बनाई थी, तो उसके पाप धुल गऐ, और प्रधानमंत्री भी उस फिल्म को देखने गऐ।
मैं नही चाह्ता हूँ ये वार्तालाप प्रधानमंत्री देखें।
मैं ये वार्तालाप जनता को दिखाना चाहता हूँ। ताकि जनता के पाप धुल सकें ?
बापू पूछ… , बेटा पूछ …?
देशद्रोही बापू आपने बेटा कहकर, मूझे सम्मान दिया हैं। अब कॄपया बापू, अब आप अपने बेटे को खोटा ना कहना।
बापू अरे बेटा, ..पूछ. पूछ
देशद्रोही बापू आपसे जानना चाहता हूँ कि आपने काँग्रेस को बेवकूफ बनाया, या काँग्रेस ने आपने?
बापू और एक सवाल ?, क्या आपको संत, महात्मा, राष्ट्रपिता, नाथूराम गोड़्से ने बनाया या काँग्रेस ने?
बापू यह बहुत ही पेचीदा सवाल है। मैं मुस्कुरा मुस्कुरा कर थक गया हूँ, अभी मैं विश्रांती मे जा रहा हू, इसका जवाब समय आने पर दूँगा।
अगले दिन सवेरे, अखबार वाले ने घ्रर की घंटी बजायी। दरवाजा खोलने पर टेबल से नोट फर्श मे गिर कर, दौडते हुऐ दरवाजे के बाहर चला गया। तभी अखबार वाले ने नोट उठा कर देते हुऐ कहा ,”तुम्हारा नोट बाहर गिरा हैं। नोट को संभाल कर रखो, उसका सम्मान करो।
मैंने नोट को देखा, बापू मेरी तरफ देख कर बिना चश्मे के आँखो से आँसू निकाल कर, गंभीर मुद्रा मे मुझे देख रहे थे।
मैंने बापू से कहा, “बापू…”, आपके उदास होने का कारण मुझे समाचार चैनलो से पता चल चुका हैं कि आपका चश्मा, लाठी व आपके खून से सनी मिट्टी /घास का इंगलैड में 80 लाख रूपये से ज्यादे मे निलाम हो चुकी हैं।
बापू मेरी इतनी र्दुदशा होगी, मुझे स्वप्न मे भी कल्पना न थी?
देशद्रोही : हॉं बापू आपके विज्ञापन मे सरकार ने पिछले पाच सालोमे 14 करोड से ज्यादा  खर्च कीये थे ?
और एक बात बापू, आपके आदर्शो के दुवाही देने के लिये आपके जन्म दिन की छुट्टी मे सरकारी विभाग व अन्य संस्थानो के कर्मचारियो के एक दिन के वेतन से, देश को 5000 करोड रुपये से ज्यादा का चूना लग जाता है,
 
देशद्रोही : अभी छह महीने पहीले एक सर्वे रिपोर्ट प्रकाशीत हुई थी, कि नई पीढी बापू से अपरिचित है। तथा लोक प्रियता मे धोनी, सचिन, सानीया मिर्जा पहचान व लोक प्रियता मे आपसे भी उपर है।
बापू : यह तो सही है। यदि मै न सही कोई क्रांतीकारी जैसे शहीद सरदार भगतसींग, खुदीराम बोस…… या क, , ग जैसा शहीद भी इनसे लोकप्रियता मे मेरे से उपर होता तो भी मुझे संतोष होता था ।
देशद्रोही : बापू, शायद आपको पता नहीं है, खुदीराम बोस का मुजफ्‌फरपुर के बर्निंगघाट पर अंतिम संस्कार किया गया था लेकिन उस स्थल पर शौचालय बना दिया गया है. इसी तरह किंग्सफोर्ड को जिस स्थल पर बम मारा गया था उस स्थल पर मुर्गा काटने और बेचने का धंधा हो रहा है.
बापू :यह शहीदों के प्रति घोर अपमान और अपराध है?
देशद्रोही : बापू , यह सब इंडियन मीडीया का कमाल है । वे टी आर पी के चक्कार से एक दूसरे को मीडीया वाद से जनता को मारने को उतारू है । जिससे जनता की आँख से स्वोतंत्रता सेनानी / क्रातिकारी ओझल होते जा रहे है ।
बापू : ऐसा , यह सब क्योे हो रहा है ?
देशद्रोही : यह सब सत्ताधारी की मिलिभगत है । उनके इशारों पर मीडीया काम कर रही है, किसे गिराना है , किसे उठाना है यह मीडीया को धन बल से उकसा कर उनकी आजिवीका के द्वार खोल रही है ।
बापू : लेकिन, मेरे बारे मे मीडीया चुप क्यो है ।
देशद्रोही : बापू , जब चुनाव आते है तो अप्रत्यक्ष रूप से नेताओ की आत्मा कहती है , और वह मीडीया को प्रचार के लिए इतना उकसाती है । उन्हे लगता है, अब,
गाँधी नाम की लूट है , लूट सके तो लूट ?
अंत काल पछताएगा जब सत्ता, जाएगी छूट ?
बापू : जनता समझती क्यों नही है ?
देशद्रोही : आज जनता भी भीड है। भीड भेड होती है उसे स्मृति लोप की बीमारी
(
डेमिशीया ) होती है । यदि ये पूरे साल आपका प्रचार करे, और चुनाव के समय प्रचार न करे तो जनता यह भी भूल जाएगी । इसलिए वे चुनाव के पूर्व 40- 45 दिन तक आपका प्रचार धूम धाम से होता है ।
बापू : हॉं ।
देशद्रोही : बापू , जब मै आपके चित्र पार्टीओ के बैनर मै देखता हूँ, तो मूझे आप बिकता बापू लगते है । पार्टीया उस समय आपको संकट मोचन कहती है । आपके आदर्शो की दुहाई के साथ पार्टी मजबूत होने का दावा करती है ।
देशद्रोही :बापू यह सब पब्लिसिटी (publicity – लोक प्रसीध्दी ) का खेल है । इन शब्दो मे मुझे पब + लाइ + सिटी ( pub+lie+city) अर्थात उच्चे् दर्जे की शराब खाना वालों के झूठ बोलने वालो का शहर । आज इसी झॉंसे मे ही तो देश बिक रहा है ।
बापू : लोक प्रसीध्दी तो मैने भी की थी, तथा तूमको पता होगा?, मैने तो शराब छोड दी थी । और लोगो से भी आव्हान करता था । शराब छोडो व देश बचाओ
देशद्रोही : बापू एक अंग्रजी का शब्द है मार्केटिंग ( विक्री का बाजार ) इस शब्दर मे मुझे हर पार्टी मार काट किंग नजर (mar+kat+king) आती है ।
बापू : हॉं, इसी दोनो शब्दो का सहारा लेकर पार्टीओ ने मेरे नाम से, देश की छवी खराब की है ।
देशद्रोही : बापू आप का नारा तो स्वदेशी था । आज स्वददेशी शब्द का, इंडियन लोगो ने भूर्ता निकाल दिया है । आज विदेशीकरण का स्वदेशीकरण कर दिया और जनता को देशीकरण के नाम पर वशीकरण कर लिया है ।
देशद्रोही : : देश मे गरीबी के बारे मे आप क्या सोचते है ।
बापू : हॉं, देश मे गरीबी है ।
देशद्रोही : देश मे भीषण गरीबी है, इतनी गरीबी है की, आपका चष्मा भी चुरा लिया जाता है । आपकी मूर्तीया बिना चष्मे की रहती है ।
बापू : हॉं इसके पिछे भी सत्ता्धारी खूश रहते होंगे, ताकी मुझे जनता की गरीबी न दिखे?
देशद्रोही : लेकिन देश मे आपके ही नही, और भी महापूरूषों की मूर्तीयो को ये उनके जन्मद दिन पर भी नहलाते नही है ?
बापू: हॉं, देश के हालात देख रहा हूँ । इन मूर्तीयों को नहलाया नही गया है, इससे मै बहूत खुश हूँ ।
देशद्रोही : ऐसा क्यो ?
बापू: देखो, आज घोटालो का खेल चल रहा है । आज सत्तार शाही इतनी गिर गई है ।
यदि इसकी राष्ट्रीय योजना होती, तो इसमे मूर्ती धोने का करोडो का घोटाला होता था।
देशद्रोही : वह कैसे ?
बापू: तुमने राष्ट्रमंडल खेल का घोटाला देखा, जिसे अग्रेजी मे काँमन वेल्थ गेम कहते है, जिसमे साधारण आदमी का धन , यहाँ तक की दलित व आदिवासियो की सरकार के पास जो सुरक्षित जमा पूँजी भी, (दस हजार करोड से ज्यादा) इसमे झोंक दी गई थी , उसमे जो वस्तू( किराये मे ली गई थी उसकी मूल कीमत से ज्या दा किराया चूकाया था । उसी तरह यदि इसकी राष्ट्रीय योजना होती तो, मूर्ती धोने के बहाने मूर्ती के किमत से ज्याजदा उसकी धूलाई की किमत अदा की जाती थी । उपर से देशवासियो को कहा जाता था देखो इन मूर्तीयों को धोने की वजह से हम जनता को पानी देने मे लाचार है ?
देशद्रोही : लेकिन बापू...,  ये तो जनता को बता रहे है की हम बापू के आदर्शो पर चल रहे है ?
देशद्रोही : मै मूर्ती के राष्ट्रीय खेल के बारे मे एक घटना कहना चाहता हू , मुम्बई के रमाबाई झोपडपटटी इलाके मे आम्बेडकर की मूर्ती पर, एक सुनियोजित योजना के तहत् , किसी ने देर रात मे जूतों की माला डाल दी थी, सवेरे शौच जाने वाले एक व्यक्ति ने वह जूते की माला नीचे उतारी, तो उसे पीटा गया और यथास्थिति रखने के लिये उसी से जूतों की माला डलवाई गई ?
दोपहर तक मीडिया की साठ गाँठ से यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया, एक आन्दोलन मे गोलिबारी मे, 7-8 बेगुनाह लोग मारे गये, नेताओ में दलित वोट हडपनें कि हौंड लग गई, देश के सत्त्ता के दलालो ने इनका वोट लेकर अपनी सम्पत्ति 100 गुन से ज्यादा बडा ली. और दलित मुँह ताकता रह गया है
बापू : तुम्हे पता होगा जब फिरोजशाह मेहता  की मूर्ती, जब् बम्बई मे लगाइ जा रही थी, तो आम्बेडकर ही वह व्यक्ति थे जिन्होने इसका घोर विरोध किया था, आज मुझे समझ मे नही आता की, आज के सत्ताखोर, इसे विवाद बनाकर गरीब लोगो को गुमराह कर रहे है, जनता की गाडी कमाई से अपनी तिजोरी भर रहे है
यह आज जो सत्ता पर, मेरे सिद्दांतो से बैठे हैं वह अहिंसा के नाम से सत्ता खोर नही, आदमखोर हो गए है ।
देशद्रोही : बापू इसलीए तो, मै आपसे वार्तालाप करना चाहता था । शूरू मे थोडा वार्तालाप करने के बाद आपने मुझे टरका दिया था । इससे पहले आपने मूझसे कहा था की मै विश्रांती मे जा रहा हूँ ।
बापू : हाँ, मुझे तो अहिसा का नंगापण दिख रहा है ।
देशद्रोही : बापू मुझे अब तक भी समझ नही आ रहा है । जनता चुप क्यों बैठी है ?
हिन्दी मे एक कहावत है शौच करने वाले व्यक्ती को शरम नही आती है । लेकिन देखने वाले को शरम आती है ।
बापू : हॉं यह कहावत तुने सही कही है।
देशद्रोही : लेकीन बापू जनता को यह सब देखने पर भी शरम के मारे सडको पर नही उतरना चाहती है।
बापू : तो जनता को सडको पर अवश्य उतरना चाहिए।
देशद्रोही : नही.., जनता आपके महात्मा शब्द की गरीमा खराब नही करना चाहती, उन्हे लगता है कि सडक पर उतरना मतलब बापू का अपमान है।
बापू : मै तेरे प्रश्नप से असमजंस में हूँ , समझा नही ?
देशद्रोही :बापू आप तन मे उपर से नंगे थे और ये भ्रष्ट नेता तो नीचे से भी नंगे हो गये है।
बापू : लेकिन, नंगापन तो नंगापन होता है। यह जनता को समझ मे नही आ रहा है ?
इसका श्रेय उच्चा-मध्यपम भारतीय वर्ग के हाथ मे है । जो इन इंडियन नेता को रोटी रोजी का आधार मानते है ।
देशद्रोही : आपने सही कहा
बापू : आज तुमको पता है शीला की जवानी चिकनी चमेली, इत्यादि गानों से, ये उच्च व मध्यम वर्ग की भारतीय जनता देश के हिन्दूस्तानी लोगों को भरमाकर कह रही है, कि देखो देश जवान होकर उसमे चिकनापन आ रहा है ।
देशद्रोही : हॉं बापू एक बात मै कहना चाहता हूँ भारतीय जनता पार्टी ने “इंडिया चमक रहा है , व अच्छा महासूस हो रहा है”  का नारा दिया था , क्यो, कि, उनका भी कांग्रेस की नीती से सत्ता चलाकर  व्यक्तित्व चमक रहा था और तोद बाहर आ रही थी ।लेकिन उनको सत्ता से हाथ धोना पडा था ।
देशद्रोही :बापू कांग्रेस तो पब्लिसिटी और मार्केटिंग मे तो गुलामी के समय से हि माहिर थी , उसने जनता को विश्वास दिलाया कि भारतीय जनता पार्टीसे अच्छा शासन सिर्फ ही दे सकती है, 
बापू : वह कैसे ।
देशद्रोही : भारतीय जनता पार्टी सत्ता। से मदमस्त होकर , यह सोच रही थी की उसे इस सत्ता का दूबारा पुरस्कार मिलेगा, इस भ्रम मे उसने संसद का चुनाव समय से पहले करा दिया।
बापू : हॉं सही कहा । आगे कहो ।
देशद्रोही : इसमे राम ( अटल बिहारी वाजपेयी ) बंगारू ( लक्ष्मलण) व जसवंत सिह ( हनुमान ) की जोडी थी प्रमोद महाजन की वजह से सुषमा स्वराज सीता बननेको तैयार नही थी। बंगारू लक्ष्मवण रक्षा सौदे मे नाम मात्र एक लाख की रिश्वबत लेते पकडे गए तो रणनीती कार लक्ष्मण ( प्रमोद महाजन ) को सही गददी मिल गई ।
बापू : हाँ, अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रमोद महाजन को लक्ष्मण कहते थे । और कहते थे की मै वनवास जाऊंगा तो अकेला जाऊंगा और लक्ष्मण को अपनी सत्ता सौपकर जाऊंगा।
देशद्रोही : एक समय तो राम ने अपनी गददी छोडकर उन्हेी सत्ता का प्रशिक्षण देने का भी मन बना लिया था ।
बापू : हॉं , वह प्रमोद महाजन को अपना छोटा भाई मानते थे । और लक्ष्मण की उपाधि तक दे डाली थी ।
देशद्रोही : हॉं बापू उसके उतावले पन ने उसने भारतीय जनता पार्टी को डूबो दिया । एक बडे दूर संचार घोटाला उजागर होने के पहले वह एक चमडी घोटाले मे फस गया ।
बापू : बेटा, तूझे पता नही है की सत्ता मे चमडी की करेंसी (नोट) चलती है ।
देशद्रोही : हॉं बापू, अभी हाल मे ही हमारे राज्यपाल, अपने राजभवन मे चमडी करेंसी मे पकडे गए थे । इनकी 86 बरस की इस उमर मे चमडी करेसी मे पकडा जाना , उनके जिंदगी के फल मे, विष भर दिया ।
देशद्रोही : बापू मैने एक समाचार वाहिनी मे मै उनका साक्षात्कार  देखा था । संवाददाता पूछ रहा था कि  क्या यह सही है?, तब नारायण दत्त तिवारी ने बेधडक कहा, आपने जो मेरे चल चित्र देखे है ,मै अपने चाल चरित्र मे उससे भी कही बहुत आगे हू., पूछो ? आगे और क्या पूछना है ?
बापू : हॉं यह सही है ।
देशद्रोही : लेकिन बापू, उसने कहा तुम्हें पता है, मै कौन हूँ ? मैने देश की बहूत सेवा की है । मैने महात्मा‍ गांधी के साथ आंदोलन लडा है ।
बापू : वह बेशरम आदमी है, जो खूले आम मेरा नाम ले रहा है ।
देशद्रोही : लेकीन बापू उसके कहने का मतलब यही था की इस क्रिया के लिए मुझे बापू द्वारा प्रेरणा मिलकर, प्रेरित हुआ हूँ ।
बापू : बेटा, मै सच्चाई जरूर बताऊंगा,लेकिन इस बारे मे मेरी निजी जीवन की चर्चा न करना ।
नही, तो यह भीड तुझे मार देगी,
देशद्रोही : धन्यवाद बापू ,,,, कम से कम आपको अपने बेटे को न मारने की महान श्रध्दा है ।मै इसके लिए आपका श्रब्दो का ऋणी हूँ ।